खांसी (Cough) की समस्या न सिर्फ आपको बल्कि आपके आसपास मौजूद व्यक्तियों को भी परेशान कर देती है। जहां, खांसी की वजह से आपको शारीरिक कमजोरी और कष्ट का सामना करना पड़ता है, वहीं सामने वाले व्यक्ति को आपसे संक्रमण (Infection) होने का डर और असुविधा होने लगती है। हालांकि, खांसी बहुत ही सामान्य शारीरिक समस्या है, जो कि आसानी से ठीक भी हो जाती है। लेकिन, कई बार यह किसी गंभीर शारीरिक समस्या का संकेत भी हो सकती है, जो कि कई मामलों में जानलेवा साबित हो सकती है। आइए, हम खांसी और खांसी के प्रकार (Cough Types) के बारे में पूरी जानकारी जानते हैं।
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खांसी खुद में एक बीमारी नहीं है (Cough is not disease)
हम खांसी को एक शारीरिक बीमारी समझ लेते हैं। लेकिन यह खुद में एक शारीरिक बीमारी नहीं होती है। बल्कि यह किसी अन्य शारीरिक समस्या को दूर करने के लिए आपके शरीर द्वारा अपनाया गया तरीका होता है। नहीं समझे, चलिए आपको आसान उदाहरण के साथ समझाते हैं। दरअसल जब हमारे गले, विंड पाइप (Windpipe), फेफड़ों (Lungs) में मुंह के द्वारा धुआं, बलगम, कोई चीज या एलर्जी (Allergy) पैदा करने वाले परागण, एनिमल डैंडर (Animal Daindar) या धूल जैसे एलर्जन फंस जाते हैं, तो हमारा शरीर उन्हें शरीर से बाहर निकालने के लिए खांसी का सहारा लेता है। शायद अब आपको यह बात साफ-साफ समझ आ गई होगी कि, खांसी खुद में एक बीमारी नहीं है। बल्कि हमारा शरीर अन्य शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए इसकी मदद लेता है।
कितने प्रकार की खांसी जानते हैं आप? (Types of Cough)
खांसी की अवधि के मुताबिक इसके तीन प्रकार हो सकते हैं। जैसे- एक्यूट खांसी (Acute Cough) , सबएक्यूट खांसी (Subacute Cough) और क्रोनिक खांसी (Chronic Cough)
- एक्यूट खांसी आमतौर पर तीन हफ्तों से कम रहती है।
- दूसरी तरफ, सबएक्यूट खांसी तीन से आठ हफ्तों तक रहती है।
- क्रोनिक खांसी आठ से ज्यादा हफ्तों तक या काफी लंबे समय तक रह सकती है।
यह तो हुई समयावधि के मुताबिक खांसी के प्रकार। अब हम खांसी के स्वभाव के मुताबिक इसके प्रकार जानते हैं।
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गीली खांसी या बलगम वाली खांसी (Mucus cough)
गीली खांसी या बलगम वाली खांसी (Mucus cough) में खांसी के साथ बलगम आता है। यह खांसी आमतौर पर संक्रमण (Infection) के कारण होती है, जैसे- फ्लू (Flu), सामान्य जुकाम या चेस्ट इंफेक्शन (Chest Infection)। गीली खांसी में बलगम का रंग पीले से सफेद रंग का हो सकता है। अगर आपको बलगम में खून (Blood) के लाल धब्बे दिखते हैं, तो हो सकता है कि यह चेस्ट इंफेक्शन की वजह से हो और ऐसा होने पर डरने की कोई बात नहीं है। लेकिन अगर आपके बलगम में डार्क ब्लड आने लगे या खाने का अंश आने लगे तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। कुछ गीली खांसी क्रोनिक खांसी (Chronic Cough) हो सकती है, जो कि निम्नलिखित कारणों की वजह से होती है।
ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) की वजह से खांसी
इस समस्या में फेफड़ों में छोटे पैच में म्यूकस इकट्ठा होने लगता है, जो कि शरीर आसानी से साफ नहीं कर पाता है।
निमोनिया (Pneumonia) की वजह से खांसी
इस समस्या में बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infection) की वजह से आपके फेफड़ों के टिश्यू में सूजन हो जाती है।
नॉन-ट्यूबरकुलोसिस माइकोबैक्टीरिया इंफेक्शन (Nontuberculous mycobacteria infection) की वजह से खांसी
यह समस्या फैलने वाली नहीं होती है, लेकिन इसमें थकान (Fatigue), वजन कम (Weight loss) होना और अस्वस्थ महसूस होता है।
क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic Obstructive Pulmonary Disease ;COPD) की वजह से खांसी
यह एक फेफड़ों की समस्या है, जिसमें सांस चढ़ने या सांस के साथ सीटी जैसी आवाज जैसी आती है।
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सूखी खांसी (Dry Cough)
सूखी खांसी में खांसी के साथ थोड़ा बलगम या बिल्कुल बलगम नहीं आता है। आमतौर पर यह कोल्ड या फ्लू (Flu) जैसी रेस्पेरेटरी बीमारी (Respiratory Disease) की वजह से होती है। सूखी खांसी के दौरान गले में खुजली और लगातार खांसी भी हो सकती है। अधिकतर मामलों में सूखी खांसी खुद ही चली जाती है, लेकिन कई मामलों में यह क्रोनिक यानी काफी लंबे समय तक चल सकती है।
अस्थमा (Asthma) में खांसी
अस्थमा की वजह से होने वाली सूखी खांसी में छाती में कसाव, सांस चढ़ना और सांस के साथ सीटी सी आवाज आने की समस्या हो सकती है।
फेफड़ों के कैंसर (Lung Cancer) में खांसी
फेफड़ों के कैंसर की वजह से होने वाली खांसी में खून वाला बलगम आता है। लेकिन यह एक दुर्लभ खांसी का प्रकार है। अगर आपको यह समस्या हो रही है, तो डॉक्टर को तुरंत दिखाएं।
गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (Gastroesophageal Reflux Disease [GERD]) की वजह से खांसी
इस समस्या में आपके पेट से स्टमक एसिड आपके गले में पहुंच जाता है, जिसकी वजह से खांसी आती है।
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काली खांसी या कुकुर खांसी (Whooping Cough)
काली खांसी या कुकुर खांसी बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infection) की वजह से होती है। काली खांसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैल सकती है। यह समस्या वैक्सीन (Vaccine) न लेने वाले व्यक्तियों या नवजातों को हो सकती है। इस खांसी के साथ हल्का जुकाम या फ्लू (Flu) के लक्षण भी दिख सकते हैं। जिन व्यक्तियों या छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर (Weak Immune System) होता है, उन्हें काली खांसी के होने की आशंका ज्यादा रहती है। इससे बचाव के लिए आप काली खांसी (Whooping Cough) की वैक्सीन लगवा सकते हैं और इससे खांसी की समस्या से राहत मिल सकती है।
कुछ फंसने की वजह से खांसी (Choking)
कई बार श्वास प्रणाली में कुछ फंस जाने की वजह से भी खांसी होती है। खाना या सांस के साथ कुछ चले जाने की वजह से आपका विंड पाइप आधा या पूरा अवरोधित हो जाता है। जिसके बाद शरीर उसे खोलने के लिए खांसता है। अगर आपको चोकिंग की समस्या गंभीर हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। गंभीर चोकिंग की स्थिति में खांसते हुए आवाज नहीं आती। चोकिंग वाली खांसी के दौरान व्यक्ति को सांस नहीं आ पाता, जो कि एक गंभीर स्थिति है।
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क्रोनिक खांसी (Chronic Cough)
क्रोनिक खांसी आमतौर पर आठ हफ्तों से ज्यादा चलती है। हो सकता है कि आपको फ्लू की वजह से खांसी हुई थी, लेकिन यह आपके फ्लू खत्म होने के बाद भी चलती रहे। क्योंकि, कई बार कुछ कारक खांसी को बढ़ाते रहते हैं। जैसे-
- एलर्जी
- स्मोकिंग
- मोल्ड या धूल के संपर्क में आने पर
- निमोनिया या फेफड़ों की अन्य बीमारी
- गले का या ओरल कैंसर
- क्रोनिक रेस्पेरेटरी वायरस
- डिमेंशिया या अन्य समस्याओं की वजह से होने वाला निगलने का डिसऑर्डर
खांसी के प्रकार को समझने के साथ-साथ ऐसी स्थिति क्यों होती है, यह समझते हैं।
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किस-किस स्थिति में हो सकती है खांसी की समस्या?
अधिकतर, खांसी के कारणों के बारे में हम ऊपर ही बता चुके हैं। लेकिन, एक बार फिर हम एकसाथ ही तमाम कारणों पर नजर डाल लेते हैं। जैसे-
- दवाइयों से हुई एलर्जी (Medicinal Allergy) की वजह से
- वोकल कॉर्ड्स (Vocal Cord) को हुए नुकसान की वजह से
- पोस्टनेजल ड्रिप (Post Nasal Drip) की वजह से
- हार्ट फेलियर (Heart Failure) की वजह से
- गले को साफ करने के लिए
- वायरस (Virus) या बैक्टीरिया (Bacteria) की वजह से
- अस्थमा (Asthma) की वजह से
- स्मोकिंग (Smoking) की वजह से
खांसी की समस्या होने पर डॉक्टर से कब कंसल्ट करें?
खांसी आमतौर पर थोड़े परहेज या दवाइयों के बाद खुद ही ठीक हो जाती है। लेकिन कई बार यह गंभीर स्थितियों का संकेत या खतरनाक बीमारियों की वजह से हो सकती है। इसलिए, इन निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर के पास जरूर जाएं। जैसे-
- लगातार सीने में जलन होने पर
- खांसी के साथ खून आने पर
- तेज बुखार (High Fever)
- खांसी की वजह से सोने में दिक्कत
- छाती में दर्द (Chest Pain)
- सांस लेने में दिक्कत
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लगातार खांसी की समस्या होने पर कौन से टिप्स अपनाएं? (Tips to cure Cough)
अगर आपको लगातार खांसी आ रही है या आपको खांसी की वजह से कोई भी काम करने में दिक्कत हो रही है, तो आप इन टिप्स की मदद से खांसी की समस्या से राहत पा सकते हैं। जैसे-
- सोने के दौरान अतिरिक्त तकिए का इस्तेमाल करें, ताकि सांस आराम से ले सकें।
- गले को आराम देने के लिए कफ ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें।
- खूब पानी पीएं।
- गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करें।
- धुएं या धूल से दूर रहें।
- गर्म चाय में शहद (Honey) या अदरक (Ginger) का इस्तेमाल करके सेवन करें।
- नाक खोलने या आराम से सांस लेने के लिए डिकंजेशटैंट स्प्रे का उपयोग करें।
खांसी की समस्या होने पर कौन-सी जड़ी-बूटी का सेवन किया जा सकता है? (Herbal Supplements for Cough)
अगर आपको किसी समस्या की वजह से ज्यादा खांसी (Cough) हो रही है, तो आप कुछ जड़ी-बूटी का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन हमारी सलाह है कि किसी भी हर्बल सप्लिमेंट्स (Herbal Supplements) या जड़ी-बूटी का इस्तेमाल करने से पहले किसी हर्बलिस्ट की सलाह जरूर लें। क्योंकि आमतौर पर हर्बल सप्लिमेंट्स या जड़ी-बूटी का उपयोग सुरक्षित होता है, लेकिन कई स्थितियों में यह आप पर दुष्प्रभाव दिखा सकता है। आइए, खांसी में काम आने वाली जड़ी-बूटियों के बारे में जानते हैं। जैसे-
- शहद
- अदरक
- हल्दी
- पेपरमिंट
- मार्शमैलो रूट
- मसाला चाय
इन ऊपर बताए गए पदार्थों की मदद से खांसी की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
अगर आप खांसी की समस्या (Cough problem) से परेशान रहते हैं और इन उपायों से आपकी तकलीफ दूर नहीं होती है, तो इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। डॉक्टर आपके हेल्थ के अनुसार ट्रीटमेंट की जानकारी देंगे।