वॉटर स्टोरेज का मतलब होता है पानी को एक जगह पर स्टोर करना। घरों में अक्सर पीने के पानी को अलग-अलग कंटेनर में स्टोर किया जाता है। पानी को किस कंटेनर में स्टोर किया जा रहा है, इसका असर हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। पानी को स्टोर करने के लिए प्लास्टिक कंटेनर, स्टील के कंटेनर, पीतल के बर्तन आदि का प्रयोग घरों में किया जाता है। घर में दिन भर में जितना भी पानी पिया जाता है, उसे एक कंटेनर में भरकर रख लिया जाता है। पहले के जमाने में अक्सर लोगों के घर में पानी भरकर रखने के लिए मिट्टी के मटके का यूज किया जाता था। आज के समय में भी मटके का उपयोग किया जाता है, लेकिन बहुत कम लोग मिट्टी के बर्तन और वॉटर स्टोरेज के लिए मटके का यूज करते हैं।
हमारे बड़े बुजुर्ग हमेशा कहते थे कि तांबे के बर्तन में पानी रखकर पीने से शरीर को बहुत से फायदे पहुंचते हैं। ये बात सही भी है। भले ही कुछ लोगों को इस बारे में जानकारी न हो, लेकिन तांबे का बर्तन शरीर को कई प्रकार से लाभ पहुंचाता है। अब तो कुछ कंपनियां भी वॉटर प्यूरिफायर में भी तांबा लगा होने का दावा करती हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि कैसे किचन में वॉटर स्टोरेज करें और किस प्रकार से पीने के पानी को सुरक्षित बनाएं।
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वॉटर स्टोरेज के लिए तांबे की बोतल और कंटेनर
तांबे के बर्तन में पानी स्टोर करने से नैचुरल प्यूरिफेकशन प्रॉसेस होता है। ये पानी से माइक्रोऑर्गेनिज्म को मारने के साथ ही मोल्ड्स, फंगी, एल्गी और बैक्टीरिया को भी मारने का काम करता है। पीने के पानी में ये सभी मौजूद होते हैं और गंदा पानी पीने से विभिन्न प्रकार की दिक्कतों का सामना भी करना पड़ सकता है। अगर कॉपर के बर्तन में चार घंटे से ज्यादा पानी रखा जाए तो पानी में कॉपर के गुण आ जाते हैं। अगर आपको जानकारी न हो बता दें कि कॉपर शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। कॉपर एंटीमाइक्रोबियल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेट्री प्रॉपर्टी के गुणों वाला होता है। साथ ही ये शरीर के टॉक्सिंस को कम करने का भी काम करता है।
शरीर कॉपर को खुद नहीं बना सकता है। कॉपर प्रॉप्त करने के लिए हमे ऐसे फूड की जरूरत पड़ती है, जिनमे कॉपर की उचित मात्रा उपलब्ध हो। कुछ फूड में भी कॉपर उपस्थित होता है जैसे कि सीफूड, ऑर्गन मीट, अनाज, दालें, नट्स, सीड्स, आलू , ग्रीन लीफी वेजीटेबल्स आदि में भी कॉपर की उचित मात्रा पाई जाती है। यानी अगर आपको खाने के माध्यम से उचित मात्रा में कॉपर नहीं मिल पा रहा है तो तांबे के कंटेनर में पानी स्टोर करके आप इसे प्रॉप्त कर सकते हैं। ये बात सच है कि अन्य स्टोरेज के मुकाबले तांबे का कंटेनर आपको महंगा पड़ेगा, लेकिन ये स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
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अल्सर और कब्ज की समस्या में देता है राहत
वॉटर स्टोरेज के रूप में तांबे के बर्तन का यूज करने से आपको बहुत से बेनिफिट्स मिल सकते हैं। जिन लोगों को अपच की समस्या होती है, कॉपर के बर्तन में रखे हुए पानी को पीने से कब्ज की समस्या खत्म हो जाती है। साथ ही कॉपर स्टमक को डिटॉक्स करने में भी हेल्प करता है। कॉपर के कंटेनर में स्टोर पानी को पीने से डायजेस्टिव सिस्टम में हो रही समस्याओं से भी राहत मिलती है। अगर आपको मोटापे की समस्या है तो कॉपर कंटेनर का यूज करना शुरू कर दें क्योंकि ये फैट को तेजी से घटाने का काम करता है। अगर अल्सर की समस्या है तो भी तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से ये समस्या दूर हो जाएगी।
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हीलिंग प्रॉसेस करता है तेज
एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लामेट्री प्रॉपर्टी के कारण कॉपर हीलिंग प्रॉसेस को तेज करने का काम करता है। यानी अगर आपके स्टमक में बैक्टीरिया या वायरस के कारण कोई समस्या हो रही है तो कॉपर इसे जल्द सही करने की कोशिश करेगा। कॉपर बॉडी के लिए जरूरी मिनिरल है और ये शरीर से एनीमिया की समस्या को भी दूर करने में मदद करता है।
वॉटर स्टोरेज के लिए स्टेनलेस स्टील
वॉटर स्टोरेज के लिए स्टेनलेस स्टील का प्रयोग भी किया जा सकता है। प्लास्टिक जो कि बीपीए फ्री नहीं होती हैं, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं। साल 2012 में एफडीए ने बच्चों की बोतल और सिपी कप को बीपीए फ्री कर दिया था। जबकि पानी की बोतल के साथ ऐसा नहीं किया गया। सच ये है कि बीपीए शरीर के लिए हार्मफुल होता है। ऐसे में किचन में वॉटर स्टोरेज के लिए प्लास्टिक कंटेनर का यूज करना सही नहीं है। बेहतर है कि आप स्टेनलेस स्टील कंटेनर का यूज वॉटर स्टोरेज के लिए करें। स्टेनलेस स्टील में वॉटर स्टोरेज करने से किसी भी प्रकार के केमिकल का खतरा भी नहीं रहता है। पानी गर्म हो या फिर ठंडा, स्टील कंटेनर स्टोरेज के लिए बेहतर ऑप्शन हो सकता है।
वॉटर स्टोरेज के लिए क्ले कंटेनर का यूज
वॉटर स्टोरेज के लिए मिट्टी के मटके का उपयोग पुराने जमाने की बात लगती हो, लेकिन मिट्टी के मटके पानी को सुरक्षित रखते हैं। शरीर में एल्कलाइन की कमी को पूरा करने के लिए मिट्टी का मटका उपयोगी भूमिका निभा सकता है। अगर आपको फ्रिज का ठंडा पानी पीना अच्छा नहीं लगता है तो बेहतर होगा कि आप गर्मियों में मिट्टी के कंटेनर का इस्तेमाल करें। मटके का पानी ठंडा होता है और गर्मियों में मटके का पानी पीने से बहुत राहत का एहसास होता है।
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पानी का स्टोरेज : ग्लास कंटेनर का करें यूज
अगर आपको अक्सर सादा पानी पीना नहीं अच्छा लगता है और आप पानी में नींबू या फिर अन्य फल मिलाकर पीना चाहते हैं तो आपके लिए कांच की बोतल या फिर कांच का कंटेनर बेहतर विकल्प हो सकता है। कांच में किसी भी तरह का रिएक्शन नहीं हो पाता है। अगर मेटल की बोतल में नींबू डालेंगे तो ये मेटल से रिएक्शन कर सकता है जो आपके स्वास्थ्य के लिए सही नहीं रहेगा। जबकि कांच के कंटेनर या बोतल में पानी एकदम प्योर रहता है चाहे आप उसमें अपनी पसंद का कुछ भी मिलाएं। वॉटर स्टोरेज या पानी का स्टोरेज करने के लिए बेहतर कंटेनर का इस्तेमाल करने से आपके स्वास्थ्य को लाभ पहुंचेगा। बेहतर होगा कि इस बारे में एक डॉक्टर से भी परामर्श करें।
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