वैज्ञानिकों ने क्रोहन रोग को समझने और इसके उपचार में मदद करने वाली एक नई आर्टिफिशियल तकनीक को ढूंढ निकाला है। क्रोहन रोग से डाइजेस्टिव ट्रैक में सूजन पैदा होती है। इस को लेकर जिनोम मेडिसिन जर्नल में एक शोध प्रकाशित किया गया है। यह शोध क्रोहन रोग से पीड़ित 111 लोगों पर किया गया, जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से क्रोहन रोग के जेनेटिक सिग्नेचर की जांच की गई। इस तकनीक से उन जीन का खुलासा हुआ, जो क्रोहन रोग से जुड़े थे। पिछले शोध में इनका पता नहीं लगा था। सटीकता से इसकी भविष्यवाणी की गई थी कि क्या हजारों लोगों को यह बीमारी इनके चलते है।
अमेरिका की रटगर्स यूनिवर्सिटी के सीनियर एसोसिएट प्रोफेसर और इस शोध के लेखक याना ब्रोम्बर्ग ने कहा, ‘हमारी तकनीक चिकित्सा अनुदान का टूल नहीं है लेकिन, इससे कुछ अहम तथ्यों का पता चलता है, जिनका पालन करने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘आगे के अध्ययनों से यह पता चल सकेगा कि कुछ क्रोहन बीमारियों के पीछे मॉलिक्यूलर कारण हैं या नहीं। संभावित रूप से इससे बीमारी के इलाज में बेहतर मदद मिलेगी।’ अमेरिका में क्रोहन रोग से करीब 7,80,000 लोग पीड़ित हैं।
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जीन की अन्य बीमारियों में होगा फायदा
शोध के मुताबिक, अधिक लोगों को शामिल करके इस तकनीक की सटीकता में सुधार किया जा सकता है। इससे क्रोहन रोग कहां से पैदा हुआ? उसके ओरिजन का पता चल सकता है। इससे शुरुआती दौर में इसका इलाज करने में आसानी होगी। ब्रोम्बर्ग ने कहा, ‘हम इस मॉडल से मिली जानकारी को अन्य जीन से जुड़ी बीमारियों में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।’
क्रोहन रोग क्या है?
अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, क्रोहन रोग एक क्रॉनिक बीमारी है, जिससे बॉडी के डाइजेशन सिस्टम में सूजन आ जाती है। हालांकि, इसके लक्षण कहीं और नजर आते हैं। क्रोहन रोग से आपको जोड़ों का दर्द, त्वचा की समस्या और बच्चों में इस बीमारी से उनके विकास में बाधा आ सकती है।
शोधकर्ताओं की टीम ने 111 लोगों के जीन के प्रकार का अवलोकन किया। इसमें 64 लोगों को क्रोहन रोग था। इन लोगों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक का इस्तेमाल किया गया। यह वो लोग थे, जिनके जीन का कार्य क्रोहन रोग होने पर हेल्दी लोगों की तुलना में बदल गया।
कितनी सामान्य है क्रोहन की समस्या ?
क्रोहन रोग जेंडर पर निर्भर न करके पुरुषों और महिलाओं में से किसी को भी हो सकता है। साथ ही क्रोहन रोग किसी भी उम्र के लोगों को भी प्रभावित कर सकता है। यह समस्या आम तौर पर 15 से 35 की उम्र के लोगों में पाई जाती है। साथ ही इसके लक्षणों को कंट्रोल करके इस बीमारी से निपटा जा सकता है।
क्रोहन रोग के लक्षण
क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) के सामान्य लक्षण हैं:
- दस्त
- पेट में दर्द
- वजन कम होना
- त्वचा पर चकत्ते या इसका लाल दिखना
क्या हो सकते हैं इस रोग के कारण
- आनुवंशिकता-क्रोहन उन लोगों में अधिक देखा जाता है, जिनके परिवार के सदस्य इस बीमारी से ग्रस्त होते हैं।
- इम्यून सिस्टम-वायरस या बैक्टीरिया क्रोहन रोग का कारण हो सकता है। आंत में किसी विशेष बैक्टीरिया के ऊपर प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा असाधारण तरीके से प्रतिक्रिया करना।
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किन कारणों से बढ़ जाता है क्रोहन रोग का खतरा ?
इस रोग के खतरे को बढ़ाने के प्रमुख कारण हो सकते हैं:
- फैमिली हिस्ट्री: अगर माता-पिता, भाई-बहन या अन्य करीबी रिश्तेदारों में यह रोग है, तो ऐसे परिवार के सदस्य में इस रोग के विकसित होने की आशंका काफी बढ़ जाती है।
- स्मोकिंग भी इस रोग के विकसित होने का एक अहम कारण है।
- कुछ दवाएं जैसे कि आईबुप्रोफेन, नेप्रोक्सेन सोडियम, डाइक्लोफेनाक सोडियम नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लमेटरी ड्रग इस रोग के कारण बन सकते हैं।
- रिफाइंड और हाई फैट फूड भी इस बीमारी के खतरे को बढ़ा देते हैं।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए
आपको अगर कुछ लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें:
कैसे करें लक्षणों की जांच
इस रोग की पहचान के लिए आपको कुछ कारणों पर ध्यान देना होगा:
- शरीर में सूजन बढ़ जाना
- संक्रमण से बीमारियां
- एनीमिक होना।
- इसके अलावा ब्लड टेस्ट से इसका पता लगाया जा सकता है।
- डॉक्टर आपके मल में छिपे रक्त का परीक्षण करने के लिए स्टूल टेस्ट करवाने की भी सलाह दे सकते हैं।
कैसे पता लगाएं
- आंतों की जांच करने के लिए डॉक्टर को कोलोनोस्कोपी की आवश्यकता होती है। इसके लिए एक लचीली ट्यूब को एनल के रास्ते से (कोलोनोस्कोपी या सिग्मोइडोस्कोपी) या मुंह (गैस्ट्रोस्कोपी) के द्वारा शरीर के अंदर डाला जाता है। प्रक्रिया के दौरान, आपका डॉक्टर लैब परीक्षण के लिए ऊतक के सैंपल्स (बायोप्सी) भी ले सकता है, जोकि बीमारी की पुष्टि करने में मदद कर सकता है।
- कैप्सूल एंडोस्कोपी का उपयोग क्रोहन रोग के निदान में मदद करने के लिए किया जाता है।
- डबल-बैलून एंडोस्कोपी का उपयोग छोटी आंत के परीक्षण के लिए किया जाता है, जहां स्टैंडर्ड एंडोस्कोप नहीं पहुंच पाता है।
- सीटी स्कैन।
- एमआरआई (MRI)।
इस समस्या से निपटने के घरेलू उपचार
लाइफस्टाइल में बदलाव और कुछ घरेलू उपचार क्रोहन रोग से निपटने में मदद कर सकते हैं:
- लो फैट और हाई फाइबर डायट लें। स्पाइसी फूड, एल्कोहॉल और कैफीन इस बीमारी के लक्षणों को और बदतर बना सकते हैं। छोटी-छोटी मील्स दिन में कई बार लें, आप बेहतर महसूस करेंगे। लिक्विड्स को ज्यादा मात्रा में लें।
- मल्टीविटामिन नियमित रूप से लें क्योंकि क्रोहन रोग आपकी पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता को कम कर सकता है। कोई भी विटामिन या सप्लिमेंट लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें।
- स्मोकिंग से क्रोहन का खतरा बढ़ जाता है।
- यदि आपको तनाव को नियंत्रित करने में परेशानी हो रही है, तो एक्सरसाइज, बायोफीडबैक और सांस लेने के व्यायाम करें।
अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना न भूलें।
हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह के चिकित्सा परामर्श और इलाज नहीं देता है।
नए संशोधन की डॉ. प्रणाली पाटील द्वारा समीक्षा
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