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क्यों लिक्विड सोप से बेहतर है फोम सोप? जानें एक्सपर्ट की राय

क्यों लिक्विड सोप से बेहतर है फोम सोप? जानें एक्सपर्ट की राय

साबुन निश्चित रूप से हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। अपने पारंपरिक टिकिया रूप से लेकर लिक्विड और फिर फोम तक साबुन का रूप विकसित हो चुका है। साबुन तकनीक एडवांस होने की वजह से और खासकर फोमिंग सोप (फोम के रूप में साबुन) आ जाने की वजह से इसे नजरअंदाज कर पाना मुश्किल है। सन् 2000 की शुरुआत तक लिक्विड सोप की मार्केटिंग नहीं की जाती थी, लेकिन हाल के वर्षों में बहुत ही कम समय में फोमिंग सोप को इसकी विशेषताओं की वजह से काफी लोकप्रियता प्राप्त हुई है। जानें इस बारे में क्या कहते हैं हमारे एक्सपर्ट डॉ. दिपेश महेंद्र वाधमारे।

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फोम सोप (Foam soap) और लिक्विड सोप में क्या अंतर है और कौन बेहतर है?

Foam Soap: फोम सोप

फोम एक तरह की एरोसोलाइज्ड लिक्विड सोप होती है, जिसे एक विशेष पंप मैकेनिज्म के जरिए डिस्पेंस कर दिया जाता है। लिक्विड सोप के मुकाबले फोमिंग सोप ज्यादा प्रभावशाली, हाइजीनिक और सस्टेनेबल ऑप्शन है। फोम सोप (Foam soap) के हर एक पंप में हजारों माइक्रो-बबल्स होते हैं, जो एक्टिव इंग्रीडिएंट की मैक्सिमम डिलीवरी सुनिश्चित करते हैं। यह माइक्रो-बबल्स त्वचा की सतह के भीतर आसानी से जाकर सामान्य लिक्विड सोप की तुलना में बेहतर सफाई और वांछनीय परिणाम देते हैं। फोम सोप (Foam soap) के हर पंप में लिक्विड सोप के पंप के मुकाबले कम मात्रा होती है और ज्यादा झाग जैसी फोम होती है, जो कि शरीर के बड़े हिस्से को कवर करने की सक्षम होती है। इस कारण फोमिंग सोप की खपत भी कम होती है और इसका इस्तेमाल भी बेहतर होता है।

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फोम इन मामलों में भी बेहतर

फोम सोप

झाग बनाने के लिए फोम सोप (Foam soap) में कैमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। फोर्स्ड एयर की वजह से इसमें नैचुरल लैथरिंग (झाग बनने की प्रक्रिया) होती है, जिससे ट्रेडीशनल लिक्विड सोप की तुलना में फोमिंग सोप ज्यादा तेजी से बायोडिग्रेड हो जाती है, जो कि इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाता है। इसके अलावा पर्यावरण से जुड़ा इसका अन्य फायदा यह है कि, झाग बनाने के लिए इसे पानी की जरूरत नहीं होती, जिससे फोमिंग सोप पानी बचाने में भी मदद करती है। फोम का हर पंप स्टेराइल होता है, जिस कारण इस प्रोडक्ट से किसी भी तरह का संक्रमण होने की कोई आशंका नहीं होती है। इसके अलावा, इसके हर पंप से हमें फिक्स्ड डोज प्राप्त होती है, जिससे इसके वेस्ट होने या गंदगी फैलाने का भी कोई खतरा नहीं होता है। फोमिंग सोप के बबल्स इसमें मौजूद दवाइयों को त्वचा में अच्छी तरह पहुंचा देते हैं।

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एशेंशियल ऑइल क्या होते हैं और इंटीमेट वॉश में इनकी क्या जरूरत है?

Foam Soap: फोम सोप

एशेंशियल ऑइल वो कॉम्प्लैक्स वोलेटाइल कंपाउंड होते हैं, जो सेकेंडरी मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया के दौरान पौधों के अलग-अलग हिस्सों में प्राकृतिक रूप से सिंथेसाइज्ड होते हैं। यह एशेंशियल ऑइल काफी प्रभावशाली तरीके बैक्टीरियल, फंगल और वायरल पैथोजेन को नष्ट कर देते हैं। इनमें मौजूद विभिन्न प्रकार के एल्डीहाइड, फिनोल, टरपीन और अन्य एंटीमाइक्रोबियल कंपाउंड एंशेशियल ऑइल को पैथोजेन की विविध श्रेणी के खिलाफ काफी प्रभावशाली बनाते हैं।

आजकल मार्केट में कई तरह के विभिन्न इंटीमेट वॉश प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं, जिन्हें इंटीमेट एरिया को साफ और इंफेक्शन-फ्री रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन, अधिकतर इंटीमेट वॉश में कैमिकल बेस्ड एंटी-बैक्टीरियल और क्लींजिंग एजेंट होते हैं, जो हमारे शरीर पर नकारात्मक असर डालते हैं। हार्श केमिकल बेस्ड इंटीमेट वॉश इंटीमेट एरिया को को साफ तो कर देते हैं, लेकिन वह बुरे बैक्टीरिया के साथ सुरक्षात्मक बैक्टोबैसिली यानी अच्छे बैक्टीरिया को भी नष्ट कर देते हैं। जिससे वजायनल इंफेक्शन की वजह से खुजली, फाउल डिस्चार्ज और असुविधा होने लगती है।

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इंटीमेंट वॉश के लिए नैचुरल प्रोडक्ट्स

इंटीमेट एरिया की सुरक्षित और जेंटल केयर के लिए आजकल इंटीमेट वॉश को प्राकृतिक रूप से बनाया जाने लगा है, जिसमें खतरनाक केमिकल की जगह 100 प्रतिशत प्राकृतिक बॉटेनिकल एक्सट्रैक्ट का इस्तेमाल किया जाता है। नीम के पत्तों के ऑइल, एलोवेरा और क्लोव बड ऑइल जैसे एशेंशियल ऑइल जिनमें नैचुरल एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। ऐसे ही प्राकृतिक एक्स्ट्रैक्ट का इस्तेमाल पर्सनल हाइजीन वॉश प्रोडक्ट्स में किया जाता है, जिससे इंटीमेट एरिया से सिर्फ बैड बैक्टीरिया को नष्ट करके सफाई और उसे इंफेक्शन-फ्री किया जा सके। इंटीमेट एरिया के लिए नैचुरल इंटीमेट वॉश पूरी तरह सुरक्षित होते हैं, क्योंकि यह सुरक्षात्मक लैक्टोबैसिली के प्राकृतिक विकास में मदद करते हैं और वजायनल पीएच लेवल को संतुलित रखते हैं। जिससे वजायनल इंफेक्शन और असुविधा के खतरे से बचा जा सकता है।

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महिलाओं के लिए सही हाइजीन क्या होती है?

सिर्फ साफ त्वचा और हेल्दी हेयर होना हाइजीन नहीं होता है। महिलाओं के लिए खासतौर से भारत जैसे ट्रॉपिकल क्लाइमेट में उनके इंटीमेट एरिया की केयर करना भी हाइजीन होता है और दुर्भाग्य से इसी हिस्से की सफाई को आमतौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता है। महिलाओं के लिए वल्वा-वजायनल हाइजीन काफी जरूरी है। अधिकतर महिलाओं को लगता है कि वह अपने इंटीमेट एरिया की पर्याप्त देखभाल कर रही हैं, जिससे इर्रिटेशन, खुजली, दर्द, बदबू, व्हाइट डिस्चार्ज और इंफेक्शन से सुरक्षा मिल जाएगी। लेकिन, इस तरह की नजरअंदाजगी से कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

वजायनल हाइजीन का खास ध्यान जरूरी

अधिकतर महिलाओं को लगता है कि डेली इंटीमेट हाइजीन के लिए पानी और साबुन का इस्तेमाल काफी होता है। रोजाना नहाने से सिर्फ पूरे दिन में हुई त्वचा की मृत कोशिकाएं, पसीने और गंदगी से छुटकारा मिलता है। हालांकि, वजायनल एरिया काफी नाजुक होता है। इस संवेदनशील हिस्से स्पेशल केयर और देखरेख की जरूरत होती है। जबकि, रोजाना नहाने से आप फ्रेश रहते हैं, जो कि इंटीमेट हाइजीन रखने के लिए काफी नहीं है।

वजायना के अंदर अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के नैचुरल बैलेंस के बिगड़ जाने की वजह से वजायनल इंफेक्शन हो सकता है। वजायनल कैंडिडिआसिस और बैक्टीरियल वेजिनोसिस वजायना में असुविधा, खुजली, डिस्चार्ज और गंध पैदा करने वाले दो आम इंफेक्शन हैं। फेकल कंटैमिनेशन, एनाटॉमिकल होल्डिंग, उम्र, जेनेटिक्स, ह्यूमिडिटी, पसीना, वजायनल डिस्चार्ज, मासिक धर्म और यूरिन समेत कई अंदरुनी कारणों की वजह से वजायनल पीएच पर प्रभाव पड़ सकता है और वजायनल इंफेक्शन हो सकता है। इसके अलावा, सोप, डिटर्जेंट, कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स, ल्यूब्रिकेंट और स्पर्मीसाइड के साथ तंग कपड़े या सैनिटरी पैड, शेविंग समेत कई बाहरी कारण भी इस समस्या की वजह बन सकते हैं।

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महिलाओं के लिए इंटीमेट एरिया की सफाई क्यों जरूरी है?

महिलाओं को उनके इंटीमेट एरिया की सफाई और उसे इंफेक्शन-फ्री रखने की जरूरत के बारे में बताना बहुत महत्वपूर्ण है। यह अतिआवश्यक है कि उन्हें बताया जाए कि असामान्य वजायनल डिस्चार्ज, वजायनल इर्रिटेशन, वजायनल ड्राईनेस, अप्राकृतिक गंध और वजायनल इंफेक्शन जैसी वजायनल समस्याओं से बचाव के साथ स्वस्थ रहने के लिए पर्सनल हाइजीन कैसे मेंटेन की जाती है।

सही इंटीमेट हाइजीन को रोजाना अपनाकर वजायना को साफ, फ्रेश और इंफेक्शन-फ्री रखने में मदद मिलती है। हर किसी को वजायनल एरिया को क्लीन रखने और उसे हानिकारक बैक्टीरिया और जर्म्स से सुरक्षित रखने के लिए इंटीमेट क्लींजर का इस्तेमाल करना चाहिए। इंटीमेट पार्ट्स को इंटीमेट वॉश के साथ साफ करने की आदत बना लेनी चाहिए। लेकिन, एक आम साबुन का इस्तेमाल करने से वजायनल स्किन का पीएच डिस्टर्ब हो सकता है, जिससे वजायनल इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, काफी सावधानी बरतें और संवेदनशील और इंटीमेट स्किन के लिए तैयार प्रोडक्ट का ही इस्तेमाल करें। वजायना को अंदर से वॉश करना जरूरी नहीं है, बस आपको वजायनल लिप्स और क्लिटोरिस के आसपास का एरिया क्लीन करना चाहिए। टॉयलेट इस्तेमाल करने के बाद भी वजायना को किसी भी तरह के बैक्टीरिया के संपर्क में आने से बचाने के लिए उसे अच्छी तरह वॉश करें।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको फोम सोप से संबंधित ये आर्टिकल पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार मुहैया नहीं कराता। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर

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(Accessed on  Feb 17, 2020 )

https://www.fda.gov/consumers/consumer-updates/antibacterial-soap-you-can-skip-it-use-plain-soap-and-water

https://www.fda.gov/cosmetics/cosmetic-products/frequently-asked-questions-soap

https://www.science.gov/topicpages/l/liquid+hand+soap

https://www.cdc.gov/handwashing/index.html

Current Version

04/05/2021

Written by डॉ. दिपेश महेंद्र वाघमारे

Updated by: Bhawana Awasthi


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डॉ. दिपेश महेंद्र वाघमारे

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अपडेटेड 04/05/2021

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