दांत का दर्द काफी तकलीफ देता है। इसलिए, दांतों की देखभाल सही तरीके से करना जरूरी है। दांतों की सही देखभाल से ही कई तरह की मुंह संबंधी बीमारियों से बचा जा सकता है। लेकिन, कई बार कुछ लोगों को दांत दर्द का कारण पता नहीं लग पाता। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार ओरल हेल्थ यानी अगर दांतों, मुंह और जीभ की देखभाल न की जाए तो डायबिटीज, हार्ट-अटैक (heart attack) जैसी कई अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, ओरल हाइजीन (oral hygiene) का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है जितना शरीर के अन्य अंगों की रक्षा करते हैं। इसलिए, इस आर्टिकल में हम दांत दर्द के कारण और दांत दर्द के घरेलू इलाज जानेंगे।
दांत दर्द होने के कारण क्या हैं?
दांतों दर्द नीचे बताए गए कारणों की वजह से हो सकता हैं। जैसे-
- दांतों में सड़न होना
- टूटे हुए दांत होना
- मसूड़ों में सूजन आना
- मसूड़ों में पस आना
- साइनस इंफेक्शन
और पढ़ें : जब शिशु का दांत निकले तो उसे क्या खिलाएं?
दांत दर्द होने पर कुछ दवाइयों के अलावा, घरेलू नुस्खे भी आप अपना सकते हैं, जैसे :
- लौंग : दांत दर्द होने पर मुंह में लौंग रखने से फायदा मिलता है और तेज़ दर्द होने पर लौंग के तेल की कुछ बूंदें कॉटन (रुई) में लगाकर दांतों के पास रखने से आराम मिलता है। लौंग को आमतौर पर मसूड़ों के दर्द, दंत चिकित्सा के दौरान होने वाले दर्द और अन्य दांतों की समस्याओं के दौरान इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अभी इसके प्रभाव को लेकर कुछ ही वैज्ञानिक रिसर्च की गई हैं। दूसरी तरफ, लौंग को खाने और ड्रिंक्स में फ्लेवरिंग एजेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन, इसका इस्तेमाल ज्यादा न करें। ज्यादा इस्तेमाल करने से दांतों को नुकसान भी हो सकता है।
- आलू : आप आलू से भी दांत दर्द में राहत पा सकते हैं। आलू छील कर उसे दांतों पर रखने से आराम मिलेगा। आलू में विटामिन-सी, विटामिन-बी, आयरन, कैल्शियम, मैंगनीज और फॉसफोरस का स्त्रोत है। आलू का प्रयोग कई औषधियों में भी किया जाता है। दांत दर्द के साथ-साथ इसमें मौजूद पोटैशियम रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मददगार हो सकता है। इसके साथ ही इसमें फाइबर होता है जो रक्तचाप से पीड़ित लोगों में हाइपरटेंशन के प्रभाव को कम करता है। इसलिए यह ब्लड प्रेशर के पेशेंट के लिया भी लाभकारी होता है।
- नींबू : नींबू में विटामिन-सी की मात्रा ज्यादा होती है, जो दांत दर्द में राहत देता है। दर्द वाले हिस्से पर, नींबू के रस को लगाने से फायदा होता है। यही नहीं शरीर में विटामिन सी की कमी से होने वाले रोग जैसे स्कर्वी के इलाज में नींबू का इस्तेमाल विशेष रूप से किया जाता है। इसके अलावा विटामिन-सी से भरपूर नींबू का उपयोग सामान्य सर्दी और फ्लू, एच1एन1 (स्वाइन) फ्लू, टिनिटस (कान में घंटी की आवाज सुनाई देना), मेनियर रोग और गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए किया जाता है।
- लहसुन : लहसून की कली को नमक डाल कर दांतों पर लगाने से भी दांतों के दर्द में राहत मिलती है। लहसुन खाने में स्वाद और फ्लेवर बढ़ाने के साथ-साथ शरीर को पोषण देने का भी काम करता है। इसमें एंटीवायरल, एंटीऑक्सिडेंट और एंटीफंगल गुण भी मौजूद होते हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन, मैंगनीज, कैल्शियम, आयरन आदि पोषक तत्व होते हैं।
- बर्फ : दर्द वाले हिस्से पर बर्फ से सिकाई करने से भी दांतों के दर्द में फायदा मिलता है। अगर आपके पास कोई दवा न हो और आप दांत दर्द हो रहा हो तो ऐसे में आपको बर्फ से सिकाई करना चाहिए।
- प्याज : कच्चे प्याज के टुकड़े को दांतों पर रखने से भी फायदा होता है। दरअसल इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट, एंटी फंगल और एंटी बैक्टिरियल प्रोपर्टीज होने के कारण यह दांत दर्द को दूर करने में मददगार होता है।
- सरसों का तेल : सरसों के तेल में नमक मिलाकर इससे दांतों और मसूड़ों पर मसाज करने से भी दांत दर्द से राहत मिल सकती है। ऐसा सप्ताह में कम से कम 3 से 4 बार किया जा सकता है।
- टी बैग : गर्म पानी में टी बैग डिप कर लें। फिर, उसे दर्द वाली जगह पर रखकर सिकाई करें। इससे दांतों का दर्द धीरे-धीरे कम होगा।
और पढ़ें : धूम्रपान से दांतों को नुकसान: स्मोकिंग की लत दांतों को कर सकती है धुआं-धुआं
दांतों के साथ ऐसी लापरवाही न करें- जैसे
- नियमित रूप से डेंटिस्ट से दांतों की जांच कराते रहें। इसे टालें नहीं।
- दांत में हो रही किसी भी समस्या पर डॉक्टर से मिलें।
- दांतों या मसूड़ों में हो रही परेशानी को डॉक्टर से छिपाएं नहीं।
- दांतों की सफाई नियमित रूप से और सही तरीके से करें।
- जरूरत से ज्यादा टूथ पिक का इस्तेमाल नहीं करना करना चाहिए।
- ढाई से तीन महीने में टूथ ब्रश बदल दें।
शरीर में मौजूद अन्य शारीरिक अंगों की तरह दांत भी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। हमारे शरीर को जो एनर्जी मिलती है वो खाना खाने से ही मिलती है और हमारा पाचन तंत्र भी मुंह से ही शुरू होता है, इसलिए मुंह और दांतों का ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है।
अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो स्मोकिंग करना बंद कर दें। क्योंकि स्मोकिंग से गम्स के टिशू सेल पर बुरा असर पड़ता है। धूम्रपान से दांतों को नुकसान पहुंचाने के लिए बैक्टीरियल प्लाक भी जिम्मेदार होता है। बैक्टरीरियल प्लाक काफी मात्रा में बनता है। इससे मसूड़ों की बीमारी होती है। स्मोकिंग करने से ब्लड सर्कुलेशन में ऑक्सिजन की कमी होती है और मसूड़े प्रभावित होते हैं। आप दांतों स्वस्थ बनाए रखने के लिए कुछ स्पेशल टीथ प्रोडक्ट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बाजार में धूम्रपान करने वालों के लिए स्पेशल टूथपेस्ट भी उपलब्ध हैं, जो आम टूथपेस्ट से अलग होते हैं। ये आपके दांतों से गंदगी हटाते हैं। दांतों को साफ और स्वस्थ रखने के लिए दिन में कम से कम दो बार नियमित रूप से ब्रश करें या धीरे-धीरे इसे अपनी आदत बना लें। जितनी बार भोजन करें, उतनी बार पानी के साथ अच्छे से कुल्ला करें।
वैसे, अक्सर ये देखा जाता है कि दांत दर्द होने पर घरेलू नुस्खे अपनाकर या पेन किलर की मदद से कुछ देर के लिए या दिनों के लिए तो राहत मिल जाती है, लेकिन, फिर से दर्द होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में, अगर ये दर्द फिर से होने लगे, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
[embed-health-tool-bmi]