एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स (Aldosterone Antagonists) ड्रग्स की वो क्लास हैं जो एल्डोस्टेरॉन के प्रभाव को कम करती हैं। इन्हें एंटी-मिनरलोकॉर्टिकॉइड (Anti-mineralocorticoid) भी कहा जाता है। एल्डोस्टेरॉन शरीर के मुख्य मिनरलोकॉर्टिकॉइड हॉर्मोन है, जो एड्रिनल ग्लैंड (Adrenal Gland) के एड्रिनल कोर्टेक्स (Adrenal Cortex) में निर्मित होता है। एल्डोस्टेरॉन किडनी (Kidney), सेलीवेरी ग्लैंड (Salivary Gland), स्वेट ग्लैंड (Sweat Gland) और कोलन (Colon) के द्वारा सोडियम के रीएब्सॉर्प्शन को बढ़ाते हैं। इसके साथ ही यह हॉर्मोन्स और भी कई समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इन हॉर्मोन्स के प्रभावों को ब्लॉक कर के एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स सोडियम के रीएब्सॉर्प्शन को भी ब्लॉक कर सकते हैं। इससे ब्लड प्रेशर को लो होने और हार्ट के आसपास फ्लूइड में भी कमी आती है। आइए, जानते हैं कि एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स (Aldosterone Antagonists) क्या हैं और किस तरह से यह हमारे लिए प्रभावी हैं?
एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स क्या हैं? (Aldosterone Antagonists)
एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स (Aldosterone Antagonists) को वॉटर पिल्स या डाययूरेटिक्स (Diuretics) भी कहा जाता है। इनका प्रयोग हाय ब्लड प्रेशर यानी हायपरटेंशन (Hypertension) और हार्ट फेलियर (Heart Failure) के उपचार में किया जाता है। यह दवाइयां एल्डोस्टेरॉन हॉर्मोन (Aldosterone Hormone) के प्रभाव को कम करती हैं। यह हार्मोन एड्रिनल ग्लैंड (Adrenal Gland) द्वारा स्त्रावित किया जाता है और जिससे सोडियम और वॉटर रिटेंशन हो सकती है। इसके कारण ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स (Aldosterone Antagonists) के प्रयोग से एल्डोस्टेरॉन ब्लॉक हो जाते हैं, जिससे हायपरटेंशन से राहत मिल सकती है। कई अन्य स्थितियों में भी इनका प्रयोग किया जा सकता है जैसे:
- कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive Heart Failure)
- एसाइटिस (Ascites)
- हायपोकेलिमिया (Hypokalemia )
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इसके अलावा हर्सुटिज्म (Hirsutism) और एक्ने (Acne) की स्थिति में भी इस दवा का प्रयोग किया जा सकता है। जैसा की आप जानते ही हैं कि यह दवा डाययूरेटिक्स यानी वॉटर पिल है। इसलिए, यह ड्रग किडनी को अधिक यूरिन के उत्पादन में मदद करती है। अधिक मूत्र त्याग से शरीर से अतिरिक्त साल्ट और पानी बाहर निकल जाते हैं। इससे हार्ट को पंप करने को आसानी होती है। यह दवा निम्नलिखित कार्य भी करती है:
- हार्ट के वर्कलोड को कम करती है
- ब्लड प्रेशर को लो करती है
- सांस लेने में आसानी होती हैं
- सूजन और ब्लोटिंग कम होती है
- मूत्र त्याग में आसानी होती है
लेकिन, एक चीज का ध्यान रखना जरूरी है कि एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स (Aldosterone Antagonists) हाय ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए प्रयोग की जाती है। लेकिन, इससे इस समस्या का इलाज नहीं होता है। इन दवाइयों को तभी लें जब डॉक्टर ने इन्हे लेने के लिए कहा हो। यही नहीं, बिना डॉक्टर से पूछें इसे लेना बंद भी नहीं करना चाहिए। अब जानते हैं एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स (Aldosterone Antagonists) के उदाहरणों के बारे में विस्तार से:
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एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स (Aldosterone Antagonists) क्या हैं?
एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स की सलाह क्रॉनिक हार्ट फेलियर के उपचार में दी जा सकती है। इनका प्रयोग अन्य दवाइयों के साथ कंबाइन कर के भी किया जा सकता है। रोगी को इसे किस तरह से देना है यह बात डॉक्टर निर्धारित करते हैं। इसके लिए कई चीजों को ध्यान में रखा जाता है जैसे रोगी की स्थिति, उम्र और किस समस्या के लिए रोगी को यह दवा दी जा रही है। कई हेल्थ कंडीशंस में इनका प्रयोग बेहद लाभदायक माना जाता है। जानिए एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स के उदाहरणों के बारे में:
एप्लेरेनोन (Eplerenone)
एप्लेरेनोन (Eplerenone) का प्रयोग हाय ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक होने के बाद हार्ट फेलियर (Heart Failure) के उपचार के लिए किया जाता है। इसका ब्रांड नेम इंस्प्रा (Inspra) है। अगर किसी व्यक्ति को गंभीर किडनी रोग या ब्लड में हाय पोटैशियम लेवल (High Potassium Level) या टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के साथ यूरिन में एल्ब्यूमिन (Albumin) की समस्या है, तो उसे इस दवा को नहीं लेना चाहिए। इस दवा को लेने से पहले डॉक्टर को उन सभी दवाइयों के बारे में बता दें जो आप ले रहे हैं। क्योंकि एप्लेरेनोन (Eplerenone) अन्य दवाइयों के साथ इंटरैक्ट कर सकती है। इस दवा को लेने से रोगी को कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जैसे चक्कर आना, डायरिया, खांसी, बुखार, थकावट आदि।
अगर यह साइड इफेक्ट्स माइल्ड हों, तो कुछ ही दिनों में खुद ही ठीक हो जाते हैं। लेकिन, अगर यह गंभीर हों और जल्दी ठीक न हों तो मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है। एप्लेरेनोन (Eplerenone) का सेवन रोगी को लंबे समय तक करना पड़ सकता है। इसलिए, अपनी मर्जी से इसे लेना बंद न करें, भले ही आप अच्छा महसूस कर रहे हों। ऐसा करने से समस्या बदतर हो सकती है। एप्लेरेनोन (Eplerenone) की एक स्ट्रिप में दस टेबलेट्स होती हैं और हर टेबलेट 25mg की है। यह स्ट्रिप ऑनलाइन लगभग 150 रुपये की है।
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स्पिरोनोलैक्टोन (Spironolactone)
स्पिरोनोलैक्टोन ओरल टेबलेट और ओरल सस्पेंशन के रूप में उपलब्ध है। इसे ब्रांड नेम्स एलडेक्टन (Aldactone) या कारोस्पिर (CaroSpir) के नाम से जाना जाता है। एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स (Aldosterone Antagonists) वो वॉटर पिल है, जो शरीर को बहुत अधिक नमक को एब्सॉर्ब करने से रोकती है और यह पोटैशियम के लेवल को लो करने में भी यह मददगार है। मेडलायन प्लस (MedlinePlus) के अनुसार हाय ब्लड प्रेशर बहुत ही सामान्य स्थिति है। लेकिन, अगर इसका सही समय पर उपचार न हो तो यह दिमाग, दिल, किडनी, ब्लड वेसल्स और शरीर के अन्य भागों को डैमेज कर सकती है। जिसके कारण हार्ट डिजीज, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी फेलियर जैसे रोग होने की संभावना बढ़ सकती है। स्पिरोनोलैक्टोन हाय ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने के लिए बेहतरीन मानी गई है।
हायपरटेंशन के साथ-साथ हार्ट फेलियर के ट्रीटमेंट के लिए भी यह ड्रग मददगार है। किडनी डिसऑर्डर, कंजेस्टिव हार्ट फेलियर से पीड़ित लोगों में भी फ्लूइड रिटेंशन (Fluid Retention) के उपचार में भी इसकी सलाह दी जा सकती है। इस दवा को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी जरूरी है। निर्धारित डोज से अधिक या कम मात्रा में इसे लेना भी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। स्पिरोनोलैक्टोन के कारण कुछ लोग साइड इफेक्ट्स का अनुभव भी कर सकते हैं जैसे स्किन रैशेज, बुखार, सांस लेने में समस्या, मुंह का सुखना, अधिक प्यास लगना, अधिक थकावट,हार्ट रेट के स्लो होना आदि। स्पिरोनोलैक्टोन (Spironolactone) ऑनलाइन भी आसानी से उपलब्ध है। इसकी एक स्ट्रिप में पंद्रह टेबलेट्स हैं। यह एक टेबलेट 25mg की है और एक स्ट्रिप आपको लगभग तीस रुपये में मिलेगी।
यह तो थी एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स (Aldosterone Antagonists) मेडिसिन्स के बारे में पूरी जानकारी। अब जानते हैं इनसे जुडी कुछ खास बातों को।
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एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स को लेते हुए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है?
एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स (Aldosterone Antagonists) डाययूरेटिक्स हैं। ऐसे में इस दवा को लेने से आपकी रूटीन प्रभावित हो सकती हैं। जैसे इन्हें लेने से किडनी अधिक यूरिन बनाती है, जिससे आपको बार-बार बाथरूम जाना पड़ सकता है। जानिए इन्हें लेते हुए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- बार -बार बाथरूम जाने की समस्या से बचने के लिए आपको यह दवा सोने से कम से कम चार घंटे पहले लेनी चाहिए।आपको फ्लुइड्स को कम मात्रा में लेने की सलाह भी दी जाती है
नमक को कम मात्रा में लें।
- यह दवाइयों लेने से आपको चक्कर आने की समस्या हो सकती हैं। इसलिए इसे लेने के बाद कोई ऐसा काम न करें जिसमे ध्यान देने की जरूरत हो जैसे ड्राइविंग।
- डॉक्टर के द्वारा बताए अनुसार ही इसे लें। इसे सही मात्रा में लेना भी आवश्यक है।
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कुछ दवाइयों के साथ इन्हें लेने से आपको कई हेल्थ समस्याएं हो सकती है। ऐसे में अगर आप निम्नलिखित चीजों में से किसी भी चीज का पहले से सेवन कर रहे हैं। तो इस दवा को लेने से पहले अपने डॉक्टर को इसके बारे में अवश्य बताएं, जैसे:
- एल्कोहॉल (Alcohol)
- पोटैशियम सप्लीमेंट्स (Potassium Supplements)
- प्रिस्क्रिप्शन ड्रग्स (Prescription Drugs)
- नॉन-प्रिस्क्रिप्शनल ड्रग्स (Non Prescription Drugs)
- इंहेलर्स (Inhaler)
- अल्टरनेटिव थेरेपीज (Alternative Therapies)
- विटामिन्स, मिनरल्स या सप्लीमेंट्स (Vitamins, minerals and supplements)
- हर्बल रेमेडीज (Herbal Remedies)
- होम्योपैथिक मेडिसिन्स (Homeopathic Medicines)
- ट्रेडिशनल रेमेडीज (Traditional Remedies)
क्योंकि, इन सब चीजों के साथ एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स (Aldosterone Antagonists) को लेने से इनका प्रभाव कम हो सकता है या आपको कोई समस्या हो सकती है। अब जानिए कि एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स को लेने से आपको कौन से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
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एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स के साइड इफेक्ट्स (Side effects of Aldosterone Antagonists)
एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स (Aldosterone Antagonists) लेने से कई लोग कुछ साइड इफेक्ट्स महसूस कर सकते हैं। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि हर व्यक्ति जो इस दवा का सेवन कर रहा है, उसे इससे कोई समस्या हो। लेकिन, ऐसा माना जाता है कि इससे पोटैशियम का लेवल बढ़ सकता है, आपकी मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं और आप अधिक थकावट और लो हार्ट रेट जैसी परेशानियों का भी सामना कर सकते हैं। इसके अलावा इसके कारण होने वाले दुष्प्रभाव इस प्रकार हैं :
- खांसी (Cough)
- डायरिया (Diarrhea)
- चक्कर आना dizziness
- थकावट (Fatigue)
- लेग क्रैम्प्स (Leg Cramps)
- सिरदर्द (Headache)
- गाइनेकोमेस्टिया (Gynecomastia)
इन ड्रग्स को लेने से कई एलर्जिक रिएक्शन (Allergic Reaction) और किडनी प्रॉब्लम्स (Kidney Problems) होने की संभावना भी अधिक रहती है। इसलिए, आपके डॉक्टर इन दवाओं को आपको देने से पहले आपकी किडनी की जांच अवश्य करेंगे। कोई भी साइड इफेक्ट नजर आने पर डॉक्टर की राय लेना आवश्यक है।
हाय ब्लड प्रेशर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए नीचे दिय इस क्विज को खेलिए।
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हार्ट हेल्थ को कंट्रोल रखने और मैनेज करने के दो तरीके हैं। दवाइयां और लाइफस्टाइल में बदलाव। दवाइयां हार्ट डिजीज और हाय ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में दवाइयां मदद कर सकती हैं, लेकिन इनसे इलाज संभव नहीं है। यह केवल उपचार का एक हिस्सा हैं। एक हेल्दी लाइफस्टाइल आपको न केवल स्वस्थ रहने में मदद करता है। बल्कि इससे आपका लाइफस्टाइल भी सुधरता है। इसके लिए आपको हमेशा हेल्दी आहार का सेवन करना चाहिए। आपके आहार में फैट और नमक की मात्रा कम होनी चाहिए। नियमित व्यायाम करें करना व स्मोकिंग और एल्कोहॉल के सेवन से बचना अनिवार्य है। इसके साथ ही, डॉक्टर की सलाह का सही से पालन करने और नियमित जांच से भी आपको हेल्दी रहने में आसानी होगी।
उम्मीद है कि आप एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स (Aldosterone Antagonists) के बारे में जान गए होंगे। हैलो स्वास्थ्य किसी भी ब्रांड का प्रचार नहीं कर रहा है। डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद ही दवाओं का सेवन करें।
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