वैसे तो पीसीओएस के सही कारणों के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन कुछ कारकों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है-
अधिक इंसुलिन (Excess insulin)- इंसुलिन (Insulin) पैनक्रियाज (Pancreas) में बनने वाला हार्मोन है जो कोशिकाओं को शुगर का इस्तेमाल एनर्जी के लिए करने देता है। यदि कोशिकाएं (Cells) इंसुलिन प्रतिरोधी हो जाएं तो ब्लड में शुगर की मात्रा (Blood sugar levels) बढ़ जाती है और आपका शरीर अधिक मात्रा में इंसुलिन (Insulin) पैदा कर सकता है। अतिरिक्त इंसुलिन बनने से एंड्रोजन हार्मोन (Androgen hormone) का उत्पान भी अधिक होता है जिससे ओवल्यूशन (Ovulation) प्रभावित होता है।
लो-ग्रेड इन्फ्लामेशन (Low-grade inflammation)- व्हाइट ब्लड सेल्स द्वारा संक्रमण से लड़ने के लिए खास तत्व के उपत्पादन के संदर्भ में इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। रिसर्च के मुताबिक, पीसीओएस (PCOS) से पीड़ित महिलाओं में लो-ग्रेड इन्फ्लामेशन देखा गया है जो पॉलीसिस्टिक ओवरी में एंड्रोजन हार्मोन के उत्पदान को उत्तेजित करता है, जिससे हार्ट (heart) और ब्लड वेसल (blood vessel) से संबंधित समस्या हो सकती है।
अनुवांशिक (Heredity)- कुछ रिसर्च के मुताबिक, पीसीओएस की समस्या के लिए जीन्स भी जिम्मेदार हो सकते हैं।
अधिक एंड्रोजन (Excess androgen)- ओवरी (ovaries) असामान्य रूप से बहुत अधिक मात्रा में एंड्रोजन (Androgen) का उत्पादन करती है। इस मेल हार्मोन की अधिकता के कारण महिलाओं के शरीर पर अधिक बाल उगने और मुंहासों (acne) की समस्या होने लगती है।
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क्या हैं पीसीओएस के लक्षण? (PCOS symptoms)
महिलाओं में पीसीओएस के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। किसी में पहले पीरियड्स के समय ही इसके लक्षण नजर आते हैं, तो किसी में बाद में इसके लक्षण अनियमित पीरियड या बढ़े हुए वजन के रूप में दिखते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में शामिल है।
अनियमित पीरियड्स (Irregular periods) – पीरियड्स समय पर नहीं होते, उनके बीच लंबा अंतराल होता है या फिर पीरियड्स ज्यादा दिनों तक रहते हैं तो यह पीसीओएस के कारण हो सकता है।