कफ शरीर के लिए जरूरी होता है। कफ का बनना सामान्य प्रक्रिया है। कफ अगर नहीं बन रहा है तो ये शरीर के खतरनाक स्थिति हो सकती है। लेकिन किसी बीमारी के दौरान कफ थिक और कलर में डार्क हो जाता है। साथ ही ये शरीर में अधिक मात्रा में बनने लगता है। कई बार कफ की समस्या हेल्थ कंडीशन से भी जोड़ कर देखी जा सकती है। ये जरूरी नहीं है कि कफ ज्यादा बन रहा है तो ये लंग से जुड़ी हुई समस्या ही हो। अगर आप कफ की समस्या से परेशान हैं तो कफ निकालने के उपाय अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। कफ निकालने के उपाय अपनाने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं है। घर में आपको कफ निकालने के उपाय आसानी से मिल जाएंगे।
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कफ निकालने के उपाय में अदरक का उपयोग
अदरक का उपयोग कफ की समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है। अदरक में एंटी-इंफ्लामेट्री प्रॉपर्टी होती हैं। ये मतली और दर्द की समस्या से भी राहत देता है। स्टडी में ये बात सामने आई है कि अदरक में उपस्थित एंटी-इंफ्लामेट्री कम्पाउंड के कारण एयरवेज मेंबरेन में रिलेक्स मिलता है जिसके कारण कफ की समस्या में राहत मिलती है। कफ की समस्या में अदरक की चाय भी बना कर पी जा सकती है। एक कप गर्म पानी में 20-40 ग्राम अदरक की स्लाइस मिलाकर चाय बनाएं। साथ में नींबू का रस और शहद भी मिलाया जा सकता है। कुछ मामलों में अदरक की चाय हार्टबर्न का कारण भी बन सकता है। एक बार विशेषज्ञ से इस बारे में जरूर जामकारी लें।
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कफ निकालने के लिए पेय पदार्थ का सेवन
अगर आपको कफ और खांसी की समस्या है तो बेहतर रहेगा कि तरल पदार्थो का सेवन करते समय सावधानी रखें। रिसर्च में ये बात सामने आई है कि रूम टेम्परेचर में तरल पदार्थ लेने पर कफ और खांसी की समस्या कम होती है। जिन लोगों को फ्लू की समस्या है उन्हें तरल पदार्थ को गुनगुना करके खाने में शामिल करना चाहिए। स्टडी में ये बात सामने आई है कि हॉट बैवरेज की मदद से गले में खराश की समस्या, ठंड लगने और थकान की समस्या आदि लक्षणों में राहत मिलती है। तरल पदार्थों में शामिल करें,
- हर्बल चाय
- डिफैफिनेटेड ब्लैक टी
- गर्म पानी
- वार्म फ्रूट जूस
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कफ निकालने के लिए उपाय में शामिल करें स्टीम
वेट (गीला) कफ के कारण अधिक मात्रा में म्युकस बनने लगता है। ऐसे कफ से छुटकारा पाने के लिए स्टीम लेना बेहतर उपाय है। स्टीमिंग के लिए बाथरूम में स्टीम फिल करें। फिर कुछ मिनट तक स्टीम में रहें। स्टीमिंग लेने के बाद खुद को डिहाइड्रेशन से बचने के लिए एक ग्लास पानी जरूर पिएं। आप चाहें तो एक बाउल में भी स्टीम ले सकते हैं। फिर उसमें हर्ब या एसेंशियल ऑयल जैसे कि नीलगिरी या रोजमेरी ऑयल की कुछ बूंदे मिलाने के बाद स्टीम लें। स्टीम लेते समय ध्यान रखें कि कुछ सेकेंड का विराम भी दें, वरना स्किन बर्न का खतरा भी रहता है। आप चाहे तो स्टीम वेपोराइजर का यूज भी कर सकते हैं।
कफ निकालने के उपाय में शहद
कफ निकालने के उपाय में शहद को शामिल कीजिए। शहद कफी लंबे समय से गले की समस्या से छुटकारा पाने के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। स्टडी के मुताबिक ओवर द काउंटर मेडिसिन से शहद कहीं अधिक इफेक्टिव होता है। घर में ही कफ निकालने के उपाय के लिए होम रेमिडी तैयार की जा सकती है। दो टेबलस्पून शहद को हर्बल टी या फिर वार्म वाटर के साथ मिलाएं। शहद में एंटीबायोटिक गुण होते हैं। ये गले को आराम पहुंचाने का काम करता है। साथ ही नींबू का रस गले की खराश को कम करने का काम करता है। आप चाहे तो एक चम्मच शहद भी खा सकते हैं या फिर ब्रेड के साथ लगाकर भी इसे खाया जा सकता है।
कफ निकालने के उपाय के लिए ब्रोमलेन
ब्रोमलेन एंजाइम कफ को साफ करने में मदद करता है। ब्रोमलेन एंजाइम होता है जो कि पाइनएप्पल में पाया जाता है। ब्रोमलेन में एंटी इंफ्लामेट्री गुण और म्युकोलाइट प्रॉपर्टी होती है। इस कारण से म्युकस को ब्रेकडाउन करके शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। कुछ लोग गले में कफ की समस्या से निजात पाने के लिए रोजाना एक ग्लास पाइन एप्पल जूस पीते हैं। ब्रोमलेन की बहुत कम मात्रा जूस से मिल पाती है। अगर आप सप्लीमेंट लेना चाहते हैं तो बेहतर रहेगा कि एक बार डॉक्टर से संपर्क करें। कुछ लोगों को हर्ब या फिर ब्रोमलेन से एलर्जी हो सकती है। जो लोग ब्लड थिनर्स ले रहे हो या फिर कोई एंटीबॉडी ले रहे हो, उन्हें ब्रोमलेन नहीं लेना चाहिए। अधिर जानकारी के लिए डॉक्टर्स से संपर्क करें।
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कफ निकालने के उपाय में प्रोबायोटिक्स का उपयोग
प्रोबायोटिक्स माइक्रोआर्गेनिज्म होते हैं जो शरीर को लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। प्रोबायोटिक्स को वैसे तो कफ निकालने के उपाय के तौर पर सीधे नहीं शामिल किया जा सकता है, क्योंकि इससे खांसी में राहत नहीं मिलती है। प्रोबायोटिक्स की हेल्प से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल फ्लोरा बैक्टीरिया को बैलेंस करने में हेल्प मिलती है। इम्युन सिस्टम को मजबूत करने के लिए ये बैक्टीरिया मददगार साबित होता है। इसका शरीर में मौजूद रहना जरूरी होता है। लैक्टोबैसिलस फ्लू या फिर ठंड की समस्या को खत्म करने का काम करता है। आप चाहे तो फोर्टिफाइड दूध का इस्तेमाल कर सकती हैं क्योंकि ये लैक्टोबैसिलस का एक बड़ा स्रोत है। वैसे तो डेयरी प्रोडक्ट कफ को थिक करने का काम करते हैं। ऐसे में आप चाहे दही या फिर दूध की जगह प्रोबायोटिक्स सप्लीमेंट का भी यूज कर सकते हैं। बेहतर रहेगा कि इस बारे में एक बार डॉक्टर से परामर्श करें।
एन-एसिटाइलसिस्टीन ( N-acetylcysteine)
NAC एक सप्लीमेंट है जो कि अमीनो एसिड-एल-सिस्टीन से बना हुआ है। इस सप्लीमेंट की दैनिक खुराक से एयरवेज में म्युकस की मात्रा में कमी होती है और खांसी भी कम हो जाती है। ये सप्लीमेंट क्रोनिक ब्रोंकाइटिस वाले लोगों में लक्षणों को काफी कम करने में भी मदद करता है। क्रोनिक ब्रोंकाइटिस से एयरवेज में सूजन हो जाती है। इस कारण से म्युकस का बनना, खांसी और अन्य लक्षण दिखाई देते हैं। रिचर्स में ये बात सामने आई है कि जिन लोगों को एयरवेज में समस्या नहीं है उन्हें 600 मिलीग्राम और एयरवेज में समस्या वाले लोगों के लिए 1,200 मिलीग्राम का डोज लेना चाहिए। इस सप्लीमेंट के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। बेहतर रहेगा कि एक बार डॉक्टर से संपर्क करें और फिर सप्लीमेंट लें।
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कफ निकालने के उपाय: पिपरमेंट
कप निकालने के उपाय के लिए पिपरमेंट का यूज भी किया जा सकता है। पिपरमेंट की पत्तियां अपनी हीलिंग प्रॉपर्टी के कारण जानी जाती हैं। पिपरमेंट में उपस्थित मेंथॉल गले की खराश को सही करके कफ निकालने की प्रक्रिया को आसान करता है। ये म्युकस के ब्रेकडाउन करने का काम करता है। आप चाहे तो पिपरमेंट का यूज टी के रूप में या फिर पिपरमेंट वेपर स्टीम बाथ के रूप में कर सकते हैं। स्टीम बाथ को प्रिपेयर करने के लिए 150 एमएल गर्म पानी में तीन से चार बूंद पिपरमेंट ऑयल की डाले। अब अपने सिर में तौलिया डालकर तेजी से सांस को अंदर करें। ऐसा करने से गले में जमा हुआ कफ ढीला पड़ जाएगा और बाहर निकलेगा। कफ निकालने के उपाय में पिपरमेंट को बेहतर माना जाता है।
कफ निकालने के उपाय में हल्दी का उपयोग
हल्दी में कर्क्यूमिन ( curcumin) कम्पाउंड होता है। हल्दी में एंटीइफ्लामेट्री गुण होता है। सूखी खांसी में हल्दी का प्रयोग फायदेमंद होता है। हल्दी के साथ काली मिर्च लेने पर कफ की समस्या से राहत मिलती है। आप चाहे तो पेय पदार्थ में भी एक टेबलस्पून हल्दी और 1/8 टेबलस्पून काली मिर्च मिला सकते हैं। इसकी गर्म चाय भी बनाकर पी जा सकती है।
कफ निकालने के उपाय में अजवाइन का लें सहारा
कफ निकालने के उपाय के लिए अजवाइन के पत्ते का उपयोग भी बेहतर उपाय है। इसे थाइम (Thyme) भी कहते हैं। स्टडी के दौरान ये बात सामने आई है कि अजवाइन की पत्ती को पीसकर निकाला गया रस आईवी ( ivy ) के मिक्स करके लेने से कफ की समस्या से राहत मिलती है। साथ ही शॉर्ट ब्रोंकाइटिस की समस्या से भी राहत मिलती है।अजवाइन की पत्तियों में फ्लेवोनोइड्स (flavonoids ) नामक यौगिक होता है जो गले की मांसपेशियों को रिलेक्स करने का काम करता हैं। साथ ही खांसी के कारण हुई सूजन को भी कम करने का काम करता है।आप चाहे तो अजवाइन के पत्तों की स्टीम भी ले सकते हैं। दो टेबलस्पून क्रश्ड थाइम लीव्स को एक कप उबलते हुए पानी में डालें। अब कप में पानी डालकर उसे 10 मिनट के लिए बंद करे दें। फिर कुछ देर बाद भाप को अंदर की ओर खींचे। ऐसा करने से कफ की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
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कफ निकालने के उपाय: डायट में करें चेंज
एसिड रिफ्लक्स के कारण कफ की समस्या आम बात है। आपको सबसे पहले एसिड रिफ्लेक्स की समस्या पर काबू पाना होगा। इसके लिए ऐसे फूड को अवाइड करना होगा जो एसिड रिफ्लेक्स का कारण बनते हैं। कुछ फूड और तरल पदार्थ एसिड रिफ्लेक्स की समस्या को बढ़ाने का काम करते हैं।
- शराब
- कैफीन
- चॉकलेट
- सिट्रस फूड
- तला हुआ और फैटी फूड
- लहसुन और प्याज
- पुदीना
- मसालेदार भोजन
- टमाटर और टमैटो बेस्ड प्रोडक्ट
कफ निकालने के उपाय हैं पानी और नमक
कफ की समस्या से राहत पाने के लिए गुनगुना पानी और नमक बेहतरीन उपायों में से एक माना जाता है। करीब एक चौथाई या आधा चम्मच नमक को आठ आउंस वार्म वॉटर में मिलाएं। अब नमकीन पानी से गरारा करें। ये बात ध्यान रखे कि छह साल से कम उम्र के बच्चों का कफ की समस्या होने पर गरारा बिल्कुल न करने दें।
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कफ निकालने के उपाय के अलावा इन बातों का भी ध्यान
खांसी और कफ की समस्या लोगों को अक्सर किसी खास मौसम में ही होती है। अगर ऐसे मौसम में कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो कफ की समस्या से बचा जा सकता है। सबसे पहले अपना एनुअल फ्लू शॉट तय करें। ज्यादातर लोगों को अक्टूबर के महीने में कफ की समस्या अधिक होती है। इस दौरान कुछ बातों का ध्यान जरूर रखे।
- जो व्यक्ति पहले से ही बीमार हैं, उनके संपर्क में आने से बचें। अगर आप पहले से बीमार हैं, तो काम या स्कूल जाने से बचें ताकि आप दूसरों को संक्रमित न करें।
- जब भी आपको खांसी या छींक आए तो अपनी नाक और मुंह ढक लें। ऐसा करने से दूसरे व्यक्ति इंफेक्टेड नहीं होंगे।
- हाइड्रेटेड रहने के लिए तरल पदार्थ का अधिक मात्रा में सेवन करें।
- घर या ऑफिस, आप जहां भी हो, आसपास का वातावरण साफ रखें।
- खासतौर पर खांसने, खाने, बाथरूम जाने या बीमार होने वाले व्यक्ति की देखभाल करने के बाद अपने हाथों को साफ जरूर करें।
- अगर आपको एलर्जी की समस्या है तो उसके प्रति सावधान रहना जरूरी है। आपको पता होना चाहिए कि कौन सी चीज आपके लिए समस्या खड़ी कर सकती है। कॉमन एलर्जी में कुछ पेड़, पॉलन, डस्ट, एनिमल फर, मोल्ड और इनसेक्ट शामिल होते हैं। एलर्जी शॉट्स की हेल्प से समस्या का समाधान किया जा सकता है। बेहतर होगा कि इस बारे में एक बार अपने डॉक्टर से बात करें।
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डॉक्टर को कब बुलाना चाहिए ?
खांसी और कफ की समस्या कुछ दिनों बाद अपने आप ही सही हो जाती है। अगर आपको भी खांसी और कफ की समस्या है तो बेहतर होगा कि एक बार जांच जरूर लें कि कहीं कफ के साथ खून तो नहीं आ रहा है। अगर कफ के साथ भी आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसे में कफ निकालने के उपाय के बारे में न सोचें।
रेस्पिरेट्री ट्रेक में इंफेक्शन के कारण भी बुखार आ सकता है। अगर आपको सिर्फ हल्का कफ आ रहा है तो घरेलू उपाय से भी उसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन आपको निम्न लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
- अचानक से ठंड लगना
- डिहाइड्रेशन की समस्या
- 101˚F से अधिक बुखार होना
- खुद को कमजोर और बीमार महसूस होना
- ज्यादा खांसी के साथ ही थिक, ग्रीन या यलो कफ निकलना।
- शरीर में अधिर कमजोरी महसूस होना
कफ की समस्या से निपटने के लिए घरेलू उपाय अपनाकर समस्या से बचा जा सकता है। फ्लू और वायरल संक्रमण से खुद का बचाव करें। कफ निकालने के उपाय के बारे में एक बार डॉक्टर से भी परामर्श कर सकते हैं। गले में खराश या दर्द होने पर घरेलू उपायों जैसे गुनगुने पानी से गरारा करना, अधिक मसालेदार और तैलीय पकवान न खाना, पेय पदार्थो का अधिक सेवन आदि करना चाहिए। कफ की समस्या होने पर ठंडी चीजों से परहेज जरूर करें। अगर समस्या ज्यादा महसूस हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।