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क्या कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा बन सकता है कैंसर का कारण? जानिए!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 31/05/2021

    क्या कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा बन सकता है कैंसर का कारण? जानिए!

    ग्रेन्युलोमा शरीर में होने वाली सूजन को कहा जाता है। ग्रेन्युलोमा का निदान अक्सर एक्स-रे (X-Ray) या किसी अन्य मेडिकल कंडीशन से किए गए इमेजिंग टेस्ट (Imaging Test) के दौरान अचानक से किया जाता है। आमतौर पर, ग्रेन्युलोमा कैंसररहित यानी बिनाइन होते हैं। यह लंग्स में अधिक पाए जाते हैं, लेकिन शरीर के अन्य अंगों और सिर पर भी हो सकते हैं। कई लोगों में तो इसके कोई भी लक्षण देखने को नहीं मिलते हैं, इसलिए ऐसे में इस स्थिति में ट्रीटमेंट की भी जरूरत नहीं होती। जब ग्रेन्युलोमा बनते हैं तो वो सॉफ्ट होते हैं लेकिन समय के साथ यह सख्त और कैल्सीफायड हो सकते हैं। इन्हें कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा (Calcified Granulomas) कहा जाता है। इसका अर्थ है कि ग्रेन्युलोमा में कैल्शियम का जमा होना। कैल्शियम के जम होने पर यह ग्रेन्युलोमा आसानी से स्क्रीनिंग टेस्ट जैसे एक्स-रे (X-Ray) या सीटी स्कैन (CT-Scan) में देखे जा सकते हैं।

    चेस्ट एक्स-रे में कुछ ग्रेन्युलोमा कैंसर्स ग्रोथ के जैसे लग सकते हैं। लेकिन, आमतौर पर न तो यह कैंसर्स होते हैं न ही इसके कोई लक्षण नजर आते हैं और न ही इनके लिए किसी उपचार की जरूरत होती है। आज हम बात करने वाले हैं ग्रेन्युलोमा के इसी प्रकार की जिसे कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा (Calcified Granulomas) कहा जाता है। जानिए इनके बारे में विस्तार से।

    कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा क्या है? (Calcified Granulomas)

    कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा (Calcified Granulomas) एक खास प्रकार की टिश्यू इंफ्लेमेशन (Tissue Inflammation) है जो समय के साथ कैल्सीफायड हो जाती हैं। जब किसी चीज को “कैल्सीफायड’ कहा जाता है, तो इसका मतलब है कि उसमें कैल्शियम जमा है। कैल्शियम में यह प्रवृति होती है कि वो उस टिश्यू में इकट्ठा हो जाए, जो ठीक हो रहा होता है। क्योंकि कैल्शियम को ग्रेन्युलोमा में जमा होने में कुछ समय लगता है, इसलिए ऐसा माना जाता है कि कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा एक पुराना ग्रेन्युलोमा या सूजन का एक पुराना एरिया होता है। 

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    यू.एस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन (US National Library of Medicine) के अनुसार ग्रेन्युलोमा को ट्यूबरकुलोसिस यानी टीबी (Tuberculosis)  से पीड़ित व्यक्ति के फेफड़ों में सबसे पहले पहचाना और डिस्क्राइब्ड किया गया था।  कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा (Calcified Granulomas) के कारण जेनेटिक नहीं होते या फैमिली हिस्ट्री भी इसका कारण नहीं होता है। ग्रेन्युलोमा के पैटर्न को प्रभावित करने वाले कारकों में आयु, भौगोलिक स्थिति आदि शामिल हैं। जानिए, क्या हैं इस बीमारी के लक्षण (Calcified Granulomas Symptoms) ?

    कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा के लक्षण क्या है? (Symptoms of Calcified Granulomas)

    कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा (Calcified Granulomas) से पीड़ित लोगों को आमतौर पर इसका कोई लक्षण नजर नहीं आता है और न वो इसके लक्षणों को महसूस करते हैं। आमतौर पर रोगी को इस समस्या के बारे में तब पता चलता है जब डॉक्टर किसी अन्य समस्या का निदान करते हैं। आमतौर पर ग्रेन्युलोमा के लक्षण तब भी नजर आते हैं जब इसके कारण हमारे शरीर का कोई अंग इसके साइज या इसकी लोकेशन की वजह से सही से काम नहीं कर पाता है। यानी ,शरीर के किसी अंग में समस्या होने पर जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं और डॉक्टर उस समस्या के निदान के लिए एक्स-रे या अन्य इमेजिंग टेस्ट कराने के लिए कहते हैं। तो उस दौरान इस रोग के बारे में पता चलता है।

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    यही नहीं, सभी ग्रेन्युलोमा कैल्सीफायड नहीं होते।  ग्रेन्युलोमा सेल्स के स्फेरिकल क्लस्टर के बने होते हैं। जो इंफलेम्ड टिश्यू से घिरे होते हैं। वे समय के साथ केल्सीफाय (Calcify) हो सकते हैं। कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा (Calcified Granulomas) में हड्डी के समान डेंसिटी होती है और यह एक्स-रे पर आसपास के टिश्यू की तुलना में अधिक चमकदार दिखाई देते हैं। लेकिन नॉन कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा ( noncalcified granulomas) में कैल्शियम डेपोसिट्स नहीं होते। इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए आप डॉक्टर से सलाह कर सकते हैं। जानिए क्या हैं इसके कारण? 

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    कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा के कारण (Causes of Calcified Granulomas)

    लंग्स में कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा (Calcified Granulomas) का बनने का कारण संक्रामक  होते हैं। यह एक बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण हो सकता है जैसे ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis)। यह फंगल संक्रमण  जैसे हिस्टोप्लास्मोसिस (histoplasmosis) के कारण भी हो सकता है। कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा  (Calcified Granulomas) के नॉनइंफेक्शस कारणों में सारकॉइडोसिस (Sarcoidosis) आदि शामिल है। लंग्स के अलावा यह समस्या अन्य अंगों में भी हो सकती है जैसे लिवर या स्प्लीन आदि। यह स्प्लीन में ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis) यानी TB, बैक्टीरियल इंफेक्शन (bacterial infection) या फंगल इंफेक्शन हिस्टोप्लास्मोसिस (Fungal infection histoplasmosis) के कारण हो सकता है। सारकॉइडोसिस (Sarcoidosis) ग्रेन्युलोमाज का नॉन- इंफेक्शस कारण है।

    लीवर ग्रेन्युलोमा के सबसे आम संक्रामक कारण टीबी के साथ बैक्टीरियल संक्रमण और परजीवी इंफेक्शन सिस्टोसोमियासिस ( Schistosomiasis) है। इसके साथ ही सारकॉइडोसिस (Sarcoidosis) भी लिवर सिस्टोसोमियासिस (Liver Schistosomiasis) का नॉन इंफेक्शस कारण है। कुछ लोगों में इस समस्या का कारण कुछ दवाईयां भी हो सकती हैं। यह तो थे इसके कारण, अब जानते हैं कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा (Calcified Granulomas) के निदान के बारे में।

    Calcified Granulomas

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    कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा के निदान (Diagnosis of Calcified Granulomas)

    जो लोग कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा (Calcified Granulomas) का शिकार होते हैं, उनमें से अधिकतर को यह पता भी नहीं होता कि उन्हें यह समस्या है। अधिकतर लोगों में इसका निदान तब होता है, जब वो किसी अन्य रोगों के कारण अपना एक्स रे (X -Ray) या सीटी स्कैन (CT स्कैन ) करवाते हैं। अगर डॉक्टर को किसी जगह पर कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा (Calcified Granulomas) का संकेत नजर आता है। तो वो इमेजिंग टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हैं, ताकि वो इस ग्रेन्युलोमा का निदान करने के लिए कैल्सिफिकेशन का साइज और पैटर्न जान पाएं। यह बीमारी आमतौर पर बिनाइन होती है। लेकिन, कई बार यह कैंसर ट्यूमर भी बन सकते हैं।

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    ऐसे में डॉक्टर आपको कई अन्य टेस्ट कराने के लिए भी कह सकते हैं। ताकि ग्रेन्युलोमा के कारण को जाना जा सके। जैसे अगर कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा (Calcified Granulomas) लिवर में पाया जाता है तो डॉक्टर आपसे आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानेंगे। लिवर फंक्शन के बारे में जानने के लिए भी टेस्ट कराया जा सकता है। अगर जरूरी हो तो डॉक्टर द्वारा रोगी से ग्रेन्युलोमा का कारण बनने वाली अंडरलायिंग कंडीशन को कंफर्म करने के लिए बायोप्सी भी कराई जा सकती है। अब पाइए जानकारी इसके उपचार के बारे में।

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    कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा का उपचार कैसे संभव है? (Treatment of Calcified Granulomas)

    कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा (Calcified Granulomas) आमतौर पर कैंसर्स नहीं होते, ऐसे में उन्हें उपचार की कोई जरूरत नहीं होती। लेकिन आपको कोई इंफेक्शन है या आप किसी ऐसी मेडिकल कंडीशन से पीड़ित हैं, जो इस समस्या का कारण बन रही हैं। तो डॉक्टर उस मेडिकल स्थिति का उपचार करेंगे। जिसमें दवाईयां या थेरेपीज आदि शामिल हो सकती हैं। अगर इस समस्या का कारण बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक या एंटीफंगल दवाईओं की सलाह भी दे सकते हैं। सिस्टोसोमियासिस (Schistosomiasis) के कारण होने वाले परजीवी संक्रमण का इलाज करने के लिए परजीवी रोधी दवा (Anti parasitic Drug)  का उपयोग किया जा सकता है।

    कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा (Calcified Granulomas) के नॉनइंफेक्शस जैसे सारकॉइडोसिस (Sarcoidosis) के उपचार के लिए कोर्टिकोस्टेरोइड्स (Corticosteroids) या अन्य इम्यूनोसप्रेसिव दवाईयों (Immuno suppressive Drugs )का प्रयोग किया जाता है। ताकि, सूजन को कंट्रोल किया जा सके। इसके साथ ही डॉक्टर अन्य मेडिकल कंडीशंस की स्थिति में कुछ और मेडिकल ट्रीटमेंट्स (Medical Treatment) की सलाह भी दे सकते हैं। 

    कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा

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    कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा से जुडी कॉम्प्लीकेशन्स क्या हैं (Complications of Calcified Granulomas)

    कई बार कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा (Calcified Granulomas) कई जटिलताओं का कारण बन सकती है। यह कॉम्प्लीकेशन्स आमतौर पर उन अंडरलायिंग कंडीशंस के कारण होती हैं, जो इन समस्याओं का कारण हैं। ग्रेन्युलोमा के बनने की प्रक्रिया कभी-कभी टिश्यू फंक्शन के लिए खराब हो सकती है। अगर आपको कोई एक्टिव इंफेक्शन (Active infection) या अन्य समस्या है, जो कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा (Calcified Granulomas) का कारण बन सकती है। तो सबसे जरूरी है इन जटिलताओं से बचने के लिए इन स्थितियों का इलाज कराना।

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    कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा (Calcified Granulomas) एक सामान्य समस्या है। जो आमतौर पर हानिकारक नहीं होती। अगर किसी व्यक्ति को एक या एक से अधिक कैल्सीफायड ग्रेन्युलोमा (Calcified Granulomas) हैं, तो भी उसे इस बात का पता नहीं होता कि वो इस समस्या से पीड़ित है। अगर डॉक्टर आप में इस समस्या का निदान करते हैं, तो इसके लिए किसी भी तरह के उपचार की जरूरत नहीं होती। अगर इसका कारण कोई मेडिकल स्थिति या इंफेक्शन है तो सबसे पहले डॉक्टर उसका उपचार करेंगे। अगर आपको इस समस्या से संबंधित कोई भी चिंता या परेशानी हो तो आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इसके साथ ही स्वस्थ रहने के लिए हैल्दी हैबिट्स का पालन करें। सही खाएं, व्यायाम करें, पर्याप्त नींद लें और तनाव से बचें। इससे आपको हेल्दी रहने और अन्य बीमारियों से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी।

    डिस्क्लेमर

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