“न मंजिलों को न हम रहगुजर को देखते हैं, अजब सफर है कि बस हम-सफर को देखते हैं “। अहमद फराज की इन पंक्तियों में बहुत कुछ छिपा हुआ है। सफर में निकलने के बाद मन में एक अलग ही तरह का एहसास होता है। कोल्हू के बैल की तरह रोजाना एक जैसा जीवन जीना शायद ही किसी को पसंद आता हो। जीवन को जीने का ढंग अगर न सीख पाए हैं तो कम से कम एक बार घुमक्कड़ी ही करके देख लीजिए, क्या पता आपके जीने का अंदाज ही बदल जाए। कल तक जिन कामों को आप बोझ समझ कर ढो रहे थे, एक अच्छे सफर के बाद आपके काम करने का अंदाज ही बदल जाएगा। रोजमर्रा की परेशानी कई कई बार मानसिक तनाव का कारण बन जाती है। आपको शायद जानकारी न हो कि घूमने के मेंटल बेनिफिट्स भी होते हैं। अगर आपको इस बारे में जानकारी नहीं है तो नेशनल टूरिज्म डे पर ये आर्टिकल जरूर पढ़ें और जानें कि आखिर क्या हैं घूमने के मेंटल बेनिफिट्स।
और पढ़ें: क्या है मानसिक बीमारी और व्यक्तित्व विकार? जानें इसके कारण
घूमने के मेंटल बेनिफिट्स से पहले ये जान लें
नेशनल टूरिज्म डे हर साल 25 जनवरी को सेलीब्रेट किया जाता है। नेशनल टूरिज्म डे के दिन लोगों के बीच में टूरिज्म को लेकर अवेयरनेस फैलाई जाती है। मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म ने टूरिज्म के लिए नेशनल पॉलिसीज बनाई है, जिनके बारे में कम ही लोगों को जानकारी होती है। भारत की विभिन्न सभ्यताओं की जानकारी, जियोग्राफिकल डायवर्सिटी और हिस्ट्री से अवेयर कराने के लिए ये दिन सेलीब्रेट किया जाता है।
स्टडी के दौरान ये बात सामने आई है कि विश्व में चीन एक ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा ट्रेवलर्स आते हैं। चाइना में ट्रेवलर्स की संख्या सन् 2000 में 1 करोड़ थी, वहीं 2012 में बढ़कर 8.3 करोड़ हो गई। चाइना में जहां एक ओर ट्रेवलर्स की संख्या ज्यादा है वहीं दूसरी ओर उनकी पॉलिटिक्स और इकोनॉमी भी ऊभर के सामने आ रही है।
यह भी पढ़ें: डिप्रेशन क्या है? इसके लक्षण और उपाय के बारे में जानने के लिए खेलें क्विज
घूमने के मेंटल बेनिफिट्स : शारीरिक और मानसिक लाभ
रिलेक्स और रिचार्ज होने के लिए हम लोग रोजाना क्या करते हैं ? हो सकता है कि आपका जवाब हो कि मूवी देख लेते हैं या फिर जिम या डांस को थोड़ा समय देते हैं। रोजाना एक ही जैसे काम करने से दिमाग थकान महसूस करने लगता है। वहीं शरीर भी एक ही जगह बैठे-बैठे आलस महसूस करने लगता है। कुछ समय के अंतराल के बाद अगर ट्रेवल प्लान किया जाए तो न सिर्फ फिजिकल हेल्थ अच्छी रहती है बल्कि घूमने के मेंटल बेनिफिट्स भी होते हैं। क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. तमारा मैकक्लिंटॉक ग्रीनबर्ग कहते है कि रोजाना के काम का दबाव हमारी मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डाल सकता है। ऐसे में काम से कुछ ब्रेक लेकर आपको घूमने के मेंटल बेनिफिट्स के बारे में जानना चाहिए और एक अच्छी ट्रिप प्लान करनी चाहिए।
घूमने के मेंटल बेनिफिट्स : कम होता है कॉर्टिसोल लेवल
आपको शायद जानकारी न हो, लेकिन हम आपको बता दें कि रिलेक्स फील करने और किसी भी प्रकार की चिंता न करने पर कॉर्टिसोल का लेवल शरीर में कम होता है। अब आप सोच रहे होंगे कि कॉर्टिसोल क्या होता है ? कॉर्टिसोल हार्मोन होता है जो सभी व्यक्तियों के लिए बहुत जरूरी होता है। कॉर्टिसोल को स्ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता है। यानी अधिक चिंता के कारण स्ट्रेस हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है, वहीं जब इंसान रिलेक्स फील करता है और खुद को परेशानी से बाहर पाता है तो कॉर्टिसोल का लेवल भी ठीक हो जाता है। काॅर्टिसोल के अधिक बने रहने पर कई तरह की समस्याएं जैसे कि हाई बीपी, हाई ब्लड शुगर, शरीर में ज्यादा फैट जमा होना और इंफेक्शन से लड़ने की कम क्षमता आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अब आप सोच सकते हैं कि किस तरह से ट्रेवलिंग आपको बहुत सी समस्याओं से बचाने का काम करती है।
यह भी पढ़ें: पार्किंसंस रोग के लिए फायदेमंद है डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (DBS)
घूमने के मेंटल बेनिफिट्स : होता है दिमाग का विस्तार
जब घूमने के मेंटल बेनिफिट्स की बात की जाती है तो उसका सीधा संबंध दिमाग के विस्तार से होता है। जब हम एक जैसे वातावरण में रहते हैं तो चिंता या परेशानी हम पर हावी होने लगती है। वहीं जब हम ट्रेवलिंग के लिए जाते हैं तो हमे बहुत सी चीजें देखने को मिलती हैं और समझने को मिलती है। इससे पुरानी बातें हम कुछ पल के लिए भूल जाते हैं और दिमाग का विस्तार होने लगता है। मानसिक स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए सकारात्मकता होना बहुत जरूरी है। ट्रैवलिंग के दौरान नया माहौल, प्राकृतिक दृश्य और नए लोग सकारात्मकता को बढ़ाने का काम करते हैं और शरीर को सुकून मिलता है। हो सकता है कि आपको अपने काम से रिलेटेड कुछ नए आइडिया भी माइंड में आ जाए।
घूमने के मेंटल बेनिफिट्स : हेप्पीनेस और सेटिस्फेक्शन
आपने फील किया होगा कि वीकेंड में आप कितनी खुशी महसूस करते हैं। और मंडे आते ही मन में अलग ही फीलिंग आने लगती है। अब इसे आप क्या कहेंगे। यहीं न कि कुछ छुट्टी और मिल जाती तो रिलेक्स ज्यादा कर पाते। यही कारण है कि ट्रेवलिंग के दौरान आपको रोजाना के काम से कुछ दिन ही सही, लेकिन छुट्टी मिल जाती है। इस कारण से ही मन को सेटिस्फेक्शन भी मिलता है। न्यू ईवेंट को एंजॉय करने से सेल्फ कॉन्फिडेंस में भी बढ़त देखने को मिलती है। लंबे समय तक एक ही स्थान में रहने से इंसान खुद को जाल में बंधा हुआ सा महसूस करने लगता है। घूमने के दौरान इंसान नई चीजों को सीखता है और कुछ पल के लिए नई लाइफ भी जीता है, जो उसे बहुत ही सुकून का एहसास दिलाती है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि किस तरह से घूमने के मेंटल बेनिफिट्स होते हैं।
यह भी पढ़ें: बच्चों का पढ़ाई में मन न लगना और उनकी मेंटल हेल्थ में है कनेक्शन
घूमने के मेंटल बेनिफिट्स : बिहेवियरल एक्टिवेशन
अगर कोई व्यक्ति डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहा है तो उसे एकांत पसंद आएगा और वो दूसरे से अलग रहने की सोचेगा। ऐसा करने से डिप्रेशन अधिक बढ़ जाता है। अगर ऐसा व्यक्ति ट्रेवल करता है और कुछ स्पोर्ट्स एक्टिविटी में हिस्सा लेता है तो यकीनन उसके मूड में चेंज देखने को मिल सकता है। घूमने के दौरान कई बार ऐसे लोगों का साथ भी मिल जाता है जो आपकी नकारात्मक भावनाओं को दूर करने में हेल्प करते हैं। आप चाहे तो लॉन्ग वॉक पर भी जा सकते हैं। घूमने की जगह आपको खुद पसंद करनी होगी क्योंकि खुद की पसंद की हुई जगह ज्यादा रिलेक्स फील करवाती है।
घूमने के मेंटल बेनिफिट्स : चीजों से नहीं घूमने से मिलेगी खुशी
इस बात को एक्सपीरियंस करने के लिए आपको थोड़ा ख्याली पुलाव पकाना पड़ेगा। सोचिए कि अगर आपका बॉस आपको कोई गिफ्ट दे तो आपको ज्यादा खुशी होगी या फिर गोवा घूमने के लिए टिकट। आपकी आंखें टिकट पर टिकी रह जाएंगी और आप दिन गिनने लग जाओगे कि जल्दी से गोवा जाने का मौका मिले। ये बात सच है कि कई बार मंहगी चीजों से कहीं ज्यादा हमें मन की खुशी चाहिए होती है। दिमाग में बहुत सारी उलझनों के बीच थोड़ा सा रिलेक्स मिलने पर मानों बिन पेट्रोल की गाड़ी में टैंक फुल होने वाला एहसास आ जाता है।
यह भी पढ़ें: बच्चों के मानसिक तनाव को दूर करने के 5 उपाय
घूमने के मेंटल बेनिफिट्स : नेचर से कनेक्शन देता है रिलेक्स
स्टडी में ये बात सामने आई है कि अगर कोई भी व्यक्ति शहरी भीड़ की जगह प्राकृतिक वातावरण में रोजाना वॉक पर जाए तो उसकी मेंटल हेल्थ में सुधार होता है। प्राकृतिक वातावरण में रोजाना जाने से नेचर (प्रकृति) के साथ एक रिलेशन बन जाता है, जो इंसान के क्रोध को कम करने का भी काम करता है। अगर आप ऐसी जगह में कुछ एक्सरसाइज कर लें तो आपको कुछ ही पलों में तरोताजा महसूस करेंगे। लोगों को अक्सर नदी या समुद्र का किनारा और पहाड़ के आसपास की हरियाली अधिक पसंद आती है।
घूमने के मेंटल बेनिफिट्स : बनाता है माइंड को चैलेंजिंग
ट्रेवलिंग के दौरान चैलेंज से भी दो चार होना पड़ता है। मान लीजिए की आपकी कनेक्टिंग फ्लाइट मिस हो गई, या फिर नैविगेशन एप ने गलत डायरेक्शन बता दिया। अब या तो एक जगह पर बैठ कर सोचेंगे कि क्या करें या फिर दिमाग को तेज गति से घुमाते हुए कोई रास्ता खोजेंगे। जो लोग हमेशा कंफर्टेबल महसूस करना चाहते हैं, वो कुछ सीख नहीं पाते हैं। जबकि ट्रेवलिंग में ऐसा हो ही नहीं सकता है कि आपको कुछ नया सीखने को न मिले। समस्याओं से निकल कर सही रास्ता पा लेने में दिल को बहुत सुकून और खुशी मिलती है। ट्रेवलिंग के दौरान चैलेंज को एक्सेप्ट करना और फिर दिक्कतों का मुकाबला करके बाहर निकलना बहुत कुछ सिखा जाता है। आप जब अपनी रेगुलर लाइफ में वापस आते हैं तो आपको एक अलग तरह की एनर्जी का एहसास होता है। मानसिक रूप से अस्वस्थ्य लोगों को ट्रेवलिंग के लिए जरूर जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें: क्या म्यूजिक और स्ट्रेस का है आपस में कुछ कनेक्शन?
घूमने के मेंटल बेनिफिट्स के साथ ही ये भी जानें
अगर आपको लगता है कि घूमने के मेंटल बेनिफिट्स ही होते हैं तो आपको कुछ बातें और भी जाननी पड़ेंगी। फ्रामिंघम हार्ट स्टडी में (Framingham Heart Study) के दौरान ये बात सामने आई है कि जो व्यक्ति एक साल या फिर छह महीने में छुट्टी नहीं लेते हैं, उन लोगों को हार्ट अटैक से मरने की संभावना 20 प्रतिशत और हार्ट डिसीज का जोखिम 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। समय-समय पर ट्रेवलिंग करने पर अच्छे स्वास्थ्य के साथ ही उम्र भी बढ़ने की संभावना रहती है।
घूमने के मेंटल बेनिफिट्स के साथ ही अन्य बेनीफिट्स भी होते हैं। अगर आपको मानसिक रूप से बहुत अकेलापन महसूस हो रहा हो, या फिर वर्कप्लेस में अधिक प्रेशर के कारण काम करने में समस्या महसूस हो रही हो तो ट्रेवल जरूर करें। घूमने के मेंटल बेनिफिट्स के बारे में अपने दोस्तों और परिवारजनों को भी बताएं।
हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
और पढ़ें:-
सैनिकों के तनाव पर भी करें सर्जिकल स्ट्राइक!
चिंता और तनाव को करना है दूर तो कुछ अच्छा खाएं
स्ट्रेस कहीं सेक्स लाइफ खराब न करे दे, जानें किस वजह से 89 प्रतिशत भारतीय जूझ रहे हैं तनाव से
क्या म्यूजिक और स्ट्रेस का है आपस में कुछ कनेक्शन?