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ओसीडी (OCD) का इलाज कैसे किया जाता है?
ओसीडी को सामान्य तौर पर दवा या मनोचिकित्सा के सहारे ठीक किया जाता है। हालांकि, अधिकतर केस में ओसीडी के रोगी अपनी इस स्थिति को पहचान ही नहीं पाते और इस बीमारी से परेशान रहते हैं। कभी-कभी ओसीडी वाले लोगों में अन्य मानसिक विकार भी होते हैं, जैसे कि स्ट्रेस, डिप्रेशन इत्यादि। उपचार के बारे में निर्णय लेते समय इन अन्य विकारों पर भी विचार करना बहुत ही महत्वपूर्ण है।
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ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर से बचाव के लिए क्या करें?
अगर आप चाहते हैं कि आप इस बीमारी से बचें रहें, तो कुछ बातों का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। नीचे हम वो बातें बताने जा रहे हैं, जिनका ध्यान रखने से आप इस बीमारी से बच सकते हैं :
नियमित रूप से व्यायाम करें : व्यायाम कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से राहत दिलाने का काम करता है। अगर आप ओसीडी से बचाव या राहत पाना चाहते हैं, तो आप नियमित रूप से व्यायाम करें। आप चाहें तो योगा क्लास जॉइन कर सकते हैं या मेडिटेशन कर सकते हैं।
डॉक्टर के कहने पर ही दवाई छोड़ें : अगर आप पहले से बेहतर महसूस कर रहे हैं, तो भी अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाएं लें। दवा छोड़ने से ओसीडी रोग फिर से हो सकता है।
कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें : दवा या अन्य खाने की चीज लेने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
यदि आप ओसीडी रोग से खुद को मुक्त करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको अपने दिमाग और मन दोनों को यह विश्वास दिलाना होगा कि यह कोई कलंकित बीमारी नहीं है। यह एक आम बीमारी है, जिसके बारे में बात करने से आपकी निंदा नहीं होगी। तभी आप इसके बारे में खुल के बात कर पाएंगे।
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ओसीडी से ग्रसित व्यक्ति की देखभाल करना
जिस व्यक्ति को ओसीडी होता है, उसकी देखभाल करना कभी -कभी परेशानी वाला हो सकता है। पर आप यह समझें कि वह आप पर बोझ नहीं बन रहा है बल्कि वह अपनी चिंता से निपटने की कोशिश कर रहा है। उनसे ज्यादा से ज्यादा बात करके उनकी परेशानी को दूर करने में उनकी मदद करें।
यह आपके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, इसलिए धैर्य बनाए रखने की आवश्यकता होगी। क्योंकि ओसीडी से ग्रस्त बहुत से लोग यह सोचते हैं कि उनको किसी भी तरह की मदद की आवश्यकता नहीं है, तो वहीं बहुत से लोग मदद लेने में शर्म महसूस करते हैं।
आप किसी व्यक्ति की अच्छी देखभाल करके इस समस्या से उभरने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। समय-समय पर उनके डर से उनका सामना करवाकर उनको प्रोत्साहित करना चाहिए। हालांकि, ओसीडी के गंभीर मामलों में सबसे पहले किसी थेरेपिस्ट की सलाह लेनी चाहिए।
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खुद की देखभाल करना जरूरी है
जिस इंसान पर आप सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं उससे ओसीडी से निपटने की मदद लें। यह आपके इस अवसाद को कम करने के लिए काफी हद तक मदद कर सकता है। मानसिक रूप से स्थिर रहें, जिससे आप अपने डर को कम करके खुद को अच्छा महसूस करवा सकें।
ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर पर कैसे काबू पाएं
ओसीडी के लक्षण को आप स्वयं भी ठीक कर सकते हैं। यदि आप अपने आप पर थोड़ा ध्यान दें और दिए गए उपाय को सही तरीके से करें। यहां हमने कुछ उपाय दिए हैं, उन्हें पढे़ं और समझें।
- ओसीडी के कंपल्सिव और ऑब्सेसिव विचारों को नजरअंदाज करने के लिए अपना ध्यान कहीं और लगाएं। मसलन एक्सरसाइज, जॉगिंग, वॉकिंग, स्टडी, म्यूजिक सुनें । खुद को कम-से-कम 15 मिनट तक किसी ऐसे काम में बिजी रखें, जिससे आपको खुशी मिलती हो।
- जब भी ऑब्सेसिव ख्याल आएं, आप इसे डायरी में नोट कर लें। ऐसा करने से आपको यह पता लगेगा कि आप इन बेकार की बातों में अपना कितना समय गंवा रहे हैं। एक ही बात बार-बार लिखने से आपकी नजरों में उसकी अहमियत कम होने लगेगी।
- ओसीडी के लक्षण कब आप पर ज्यादा हावी होते हैं? इस बात को नोट करें। अगली बार जब वो समय आने वाला हो, तो उससे पहले ही मेडिटेशन करने लगें। इससे नेगेटिव विचारों की तरफ ध्यान नहीं जाएगा।
- अपना ध्यान रखें। एक स्वस्थ और संतुलित लाइफस्टाइल आपके ओसीडी के लक्षण को कम करने में काफी मददगार होगी। यह आपको डर और चिंताओं से दूर रखने में सहायक साबित होगी। ध्यान, योग और डीप ब्रीदिंग तकनीक अपनाएं। ऐसा दिन में कम-से-कम 30 मिनट के लिए करें।
- बेहतर खान-पान की आदत डालें। खाने में साबुत अनाज, फल, सब्जियां आदि शामिल करें। इससे आपके शरीर में सेरोटोनिन बढ़ेगा, जो एक न्यूरोट्रांसमीटर है और दिमाग को शांत करता है।
- आपको अपना एक चार्ट बनाना है, जिसे हम डर का चार्ट बोलेंगे। इस चार्ट में आपको डर और बार-बार होने वाली चिंताओं को उनके क्रम अनुसार लिखना है और फिर जब भी ऐसे विचार आपके मन में आए, उन्हें खुद को करने से रोकना है। यह आपको तब तक करना है, जब तक आप इस सोच से बाहर नहीं आ जाते।
- अपने अंदर ओसीडी के लक्षण की पहचान करने के बाद जितनी जल्दी हो सकता है, नियमित एक्सरसाइज करना शुरू कर दें। उससे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य बढ़ेगा। एंडॉर्फिन आपके दिमाग को खुशी का एहसास कराता है। रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज करें।
- ओसीडी के लक्षण जल्द से जल्द प्रबंधित हो जाएं, इसके लिए एल्कोहॉल और निकोटिन से दूर रहें और भरपूर नींद लें।
- आप इस डिसऑर्डर से बाहर निकलने के लिए अपने परिवार का सहारा भी ले सकते है। जितना हो सके अपने परिवार और प्रियजनों के साथ रहें, जिससे आपका दिमाग उनके बीच लगा रहेगा और आप अपनी एंग्जायटी से बाहर आएंगे। ऐसा करना मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा होता है। इससे आप पाएंगे कि ओसीडी के लक्षण तेजी से मैनेज हो रहे हैं।
- ओसीडी सपोर्ट ग्रुप जॉइन करें।
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