इस्ट्रोजन एवं टेस्टोस्टोरेन दो अलग-अलग तरह के हॉर्मोन हैं, जो महिला एवं पुरुषों में मौजूद होते हैं। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिसर्च के अनुसार कुछ खास फूड प्रॉडक्ट्स के सेवन से इस्ट्रोजन (Estrogen) एवं टेस्टोस्टोरेन (Testosterone) दोनों के लेवल पर प्रभाव डाल सकता है। रिसर्च के अनुसार पुरुषों के लिए कुछ इस्ट्रोजन ब्लॉकर्स (Estrogen blockers) ब्लड में टेस्टोस्टेरोन लेवल पर प्रभाव डालते हैं। दरअसल जब पुरुष इस्ट्रोजन ब्लॉकर्स का उपयोग करते हैं, तो इससे ब्लड में टेस्टोस्टेरोन लेवल बढ़ जाता है। ऐसा माना जाता है कि पुरुष एथलीट्स को इस्ट्रोजन ब्लॉकर्स (Estrogen blockers) का लाभ मिल सकता है। पुरुषों के लिए इस्ट्रोजन ब्लॉकर्स को एंटी-इस्ट्रोजन डोज भी कहा जाता है। यह खासतौर से एथलीटों और बॉडी बिल्डर्स के बीच बेहद लोकप्रिय माना जाता है। इस आर्टिकल में पुरुषों के लिए प्राकृतिक दवा और इस्ट्रोजन ब्लॉकर्स (Estrogen blockers) से जुड़ी संपूर्ण जानकारी शेयर करेंगे।
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पुरुषों में हॉर्मोन इम्बैलेंस (Hormone imbalance)
पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ-साथ टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) लेवल कम होने लगता है। अगर टेस्टोस्टेरोन लेवल तेजी से कम हो जाए या अत्यधिक कम हो जाए, तो ऐसी स्थिति को हायपोगोनडिस्म (Hypogonadism) कहते हैं। हाइपोगोनडिस्म एक विशेष तरह की मेडिकल परिस्थिति है, जो उम्र बढ़ने के साथ शुरू हो सकती है। हायपोगोनडिस्म का सीधा संबंध मोटापा (Obesity) और टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) से होता है। ऐसी स्थिति होने पर शरीर में इसके निम्नलिखित लक्षण देखे या महसूस किये जा सकते हैं। जैसे:
- लिबिडो (Libido) कम होना
- स्पर्म (Sperm) प्रॉडक्शन कम होना
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED)
- थकान (Fatigue) महसूस होना
- सिरदर्द होना
- इंसोमेनिया की समस्या
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पुरुषों में इस्ट्रोजन (Estrogen in men)
पुरुषों में बॉडी फंक्शन ठीक तरह से होने के लिए तीन अलग-अलग तरह के इस्ट्रोजन होते हैं। जैसे एस्ट्रियोल (Estriol), एस्ट्रोन (Estrone) एवं एस्ट्राडियोल (Estradiol)। पुरुषों में एस्ट्राडियोल प्राइमरी एस्ट्रोजेन की तरह काम करता है। रिसर्च के अनुसार एस्ट्राडियोल की मदद से ही पुरुषों में जॉइंट्स और ब्रेन को हेल्दी रखने में मदद मिलती है और यही स्पर्म के ग्रोथ में भी सहायक होता है। पुरुषों में हॉर्मोनल इम्बैलेंस टेस्टोस्टेरोन लेवल भी इम्बैलेंस हो जाता है, जिसकी वजह से निम्नलिखित परेशानी हो सकती है। जैसे:
- पुरुषों में ब्रेस्ट डेवलपमेंट (Breast development) होना, जिसे मेडिकल टर्म में गाइनेकोमास्टिया (Gynecomastia) कहते हैं।
- कार्डियोवैस्कुलर (Cardiovascular) से जुड़ी समस्या
- स्ट्रोक (Stroke) बढ़ने की संभावना ज्यादा होना
- बॉडी वेट (Weight) बढ़ना
- प्रोस्टेट (Prostate) से जुड़ी परेशानी
ऐसी समस्याओं का सामना पुरुषों को करना पड़ता है।
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नैचुरल इस्ट्रोजन ब्लॉकर्स (Natural Estrogen blockers)
पुरुषों में नैचुरल इस्ट्रोजन ब्लॉकर्स इस प्रकार हैं। जैसे:
वाइल्ड नेटल रूट (Wild nettle root): नेटल रूट या नेटल पत्ते का इस्तेमाल विशेषरूप से प्रोस्टेट (Prostate) मेडिसिन के निर्माण में काम आती है। नेटल में मौजूद कुछ खास कम्पाउंड इस्ट्रोजन ब्लॉकर्स की तरह काम करते हैं। इसके सप्लिमेंट्स का भी सेवन किया जा सकता है।
क्रिसन (Chrysin): क्रिसन को भी इस्ट्रोजन ब्लॉकर्स के विकल्प के लिए माना जाता है, लेकिन इससे जुड़े रिसर्च अभी जारी है।
मैका (Maca): नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार इस्ट्रोजन ब्लॉकर्स और फर्टिलिटी (Fertility) की समस्या से बचाये रखने में मका बेहद लाभकारी माना जाता है।
अंगूर का रस (Grape seed extract): इस्ट्रोजन ब्लॉकर्स (Estrogen blockers) के साथ-साथ पुरुषों में इसके कई फायदे हैं। इसके सप्लिमेंट (Supplement) का भी सेवन किया जा सकता है।
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फार्मास्यूटिकल इस्ट्रोजन ब्लॉकर्स (Pharmaceutical estrogen blockers)
इस्ट्रोजन की डोज से पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है, लेकिन प्रिस्क्राइब्ड एस्ट्रोजेन ब्लॉकर्स (Estrogen blockers) जैसे क्लोमिपेहेन (Clomiphene) की वजह से इनफर्टिलिटी का खतरा नहीं रहता है। कुछ ऐसे मेडिकेशन्स हैं जिनका प्रयोग एस्ट्रोजेन ब्लॉकर्स की तरह किया जाता है, जिसे सेलेक्टिव एस्ट्रोजन रिसेप्टर मॉड्यूलेटर (Selective Estrogen Receptor Modulators [SERMs]) कहते हैं। इससे इनफर्टिलिटी (Infertility), लो स्पर्म काउंट (Low sperm count), गाइनेकोमास्टिया (Gynecomastia) एवं ओस्टीओपोरोसिस (Osteoporosis) जैसी परेशानियों को दूर करने के लिए किया जाता है।
इस आर्टिकल में आगे समझने की कोशिश करते हैं कि इस्ट्रोजन के बढ़े हुए लेवल को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है।
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नैचुरल तरीकों से कैसे इस्ट्रोजन के बढ़े हुए लेवल को कंट्रोल करें? (How to control Estrogen level naturally?)
इस्ट्रोजन के बढ़े हुए लेवल को कंट्रोल करना मुश्किल नहीं है। इसलिए अपने डायट में रेग्यूलर इन खाद्य पदार्थों का सेवन करना ना भूलें। जैसे:
ब्रोकली (Broccoli)- ब्रोकली विटामिन, खनिज, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट का भंडार माना जाता है। बॉडी का एक्स्ट्रा फैट कम कर लीन मसल्स को बढ़ाने के लिए ब्रोकली का सेवन बेहद लाभकारी माना जाता है। यह शरीर के लिए हेल्दी फूड लिस्ट में हमेशा टॉप पर इन्हीं कारणों से रखा जाता है।
लाल अंगूर (Red Grapes)- इस्ट्रोजन लेवल को बैलेंस रखने के लिए लाल अंगूर बेस्ट माना जाता है। रिसर्च के अनुसार इसमें मौजूद प्रोएन्थोसाइनिडिन और रेसवेराटरोल इस्ट्रोजन ब्लॉकर्स (Estrogen blockers) की तरह कार्य करते हैं।
तिल (Til)- तिल में मौजूद टोकोफेरॉल्स और एंटी-ऑक्सिडेंट्स की तरह कार्य करने में सक्षम माना जाता है। इसके सेवन बॉडी के इम्यून पवार को स्ट्रॉन्ग रखने में सहायता मिलने के साथ-साथ इस्ट्रोजन लेवल को भी बैलेंस किया जाता है।
अलसी (Flax seeds)- का सेवन भी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर एवं अल्फा लिनोलिक एसिड कई गंभीर बीमारियों से आपकी रखा करता है। इसलिए इसका सेवन लाभकारी माना जाता है। अगर एक रिसर्च रिपोर्ट की मानें, तो अलसी इस्ट्रोजन ब्लॉकर्स के लिए भी अत्यंत लाभकारी होता है।
साबुत अनाज (Whole grain)- जई, मक्का और चावल को अपने डेली डायट में शामिल करें, क्योंकि इसमें मौजूद पॉलीफेनोल नामक माइक्रोन्यूट्रिएंट इस्ट्रोजन लेवल को बैलेंस रखने में आपकी सहायता करता है।
ग्रीन टी (Green Tea)- नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के मुताबिक ग्रीन टी में मौजूद पॉलीफेनोल (Polyphenol) सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। बॉडी के सेल्स (Cells) को स्ट्रॉन्ग बनाये रखने में पॉलीफेनोल की खास भूमिका होती है। पॉलीफेनोल कई तरह के फलों (Fruits) और सब्जियों (Vegetables) में भी उपलब्ध होता है, तो वहीं ग्रीन टी में भी इसकी मौजूदगी होती है। इसलिए दिन में 1 से 2 कप ग्रीन टी का सेवन किया जा सकता है, जो धीरे-धीरे इम्बैलेंस हुए इस्ट्रोजन लेवल को बैलेंस करने में सहायक है।
अनार (Pomegranate)- अनार में भरपूर मात्रा में ऐंटिऑक्सिडेंट्स और मिनरल्स होते हैं, जो कई गंभीर बीमारियों से सुरक्षा कवच प्रदान करता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से इसे सुपरफूड भी माना जाता है। वहीं कुछ रिसर्च की मानें, तो इस्ट्रोजन लेवल (Estrogen Level) को बैलेंस बनाये रखने में भी ये महत्वपूर्ण माना जाता है।
इन खाद्य पदार्थों का सेवन एक नहीं, बल्कि कई शारीरिक परेशानियों से आपको बचाये रखने में सहायक माना जाता है।
नोट: पुरुषों के लिए इस्ट्रोजन ब्लॉकर्स मांसपेशियों को बढ़ाने का कार्य करते हैं। रिसर्च के अनुसार पुरुषों में बालों का झड़ना भी इन्हीं कारणों से होता है। चूहों पर किये गए रिसर्च से पता चलता है कि यह मेल हॉर्मोन की कमी के बजाय इस्ट्रोजन की उपस्थिति है, जो बालों के झड़ने का कारण बन सकता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, इस्ट्रोजन का स्तर बढ़ना स्वाभाविक है, जो उम्र से संबंधित गंजेपन का भी कारण हो सकता है। अन्य कारण पुरुषों में इस्ट्रोजन लेवल का बढ़ना भी हो सकता है। वैसे इन कारणों के अलावा एल्कोहॉल का सेवन और वजन बढ़ना भी शामिल हैं।
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डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए?
इस्ट्रोजन लेवल का जरूरत से ज्यादा होना या कम होना दोनों ही स्थिति शारीरिक परेशानी पैदा करती है। ध्यान रखें कि अगर किसी व्यक्ति का इस्ट्रोजन लेवल अत्यधिक कम हो जाता है, तो ऐसे में ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) जैसी गंभीर बीमारियों का भी खतरा बढ़ सकता है। अगर इस्ट्रोजन ब्लॉकर्स (Estrogen blockers) की मदद ली जा रही है, तो इस्ट्रोजन लेवल कम भी नहीं होना चाहिए। इसलिए डॉक्टर आपकी शारीरिक स्थितियों को समझकर इस्ट्रोजन का डोज तय करते हैं। इसलिए अगर आपको कोई शारीरिक परेशानी महसूस हो, जैसे नींद नहीं आना (Insomnia), सिरदर्द होना (Headache) या स्पर्म काउंट (Sperm count) कम होने की स्थिति में डॉक्टर से जल्द से जल्द कंसल्ट करें। डॉक्टर पेशेंट के हेल्थ कंडिशन (Health Condition) को ध्यान में रखते हुए मेडिसिन प्रिस्क्राइब करते हैं। आवश्यकता पड़ने पर ब्लड टेस्ट (Blood Test) या हॉर्मोन थेरिपी (Hormone Therapy) की सलाह भी दे सकते हैं।
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नैचुरल तरीकों से कैसे इस्ट्रोजन के बढ़े हुए लेवल को कंट्रोल करें? और आर्टिकल में आगे जानेंगे एस्ट्रोजेन टेस्ट, ब्लड टेस्ट एवं हॉर्मोन थेरिपी के बारे में।
इस्ट्रोजन टेस्ट (Estrogen Test)- इस्ट्रोजन हॉर्मोन के लेवल को चेक करने के लिए इस्ट्रोजन हॉर्मोन टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट की मदद से निम्नलिखित जानकारी मिलती है। जैसे: प्युबर्टी अगर लड़के में सही समय पर नहीं आती है तो डॉक्टर एस्ट्रोजन हार्मोन टेस्ट की सलाह दे सकता है।
अगर पुरुषों में अचानक से ब्रेस्ट बढ़ने लगते हैं तो उस कंडीशन को गाइनेकोमास्टिया (Gynecomastia) कहते हैं। ऐसी कंडीशन में भी डॉक्टर जांच की सलाह दे सकता है। अगर लो टेस्टोस्टेरॉन (Testosterone) के कारण इस्ट्रोजन का लेवल हाई हो रहा है, तो भी डॉक्टर एस्ट्रोजन हॉर्मोन टेस्ट के लिए कह सकता है। पुरुषों में ट्यूमर की पहचान करने के लिए एस्ट्रोजन हॉर्मोन टेस्ट किया जाता है।
ब्लड टेस्ट (Blood Test)- एस्ट्रोजन हॉर्मोन टेस्ट के लिए डॉक्टर आपकी आर्म से निडिल का यूज करके ब्लड सैंपल लेते हैं। ब्लड टेस्ट की मदद से इस्ट्रोजन लेवल की जानकारी मिलती है।
हॉर्मोन थेरिपी (Hormone Therapy)- हॉर्मोन शरीर में बनने वाला एक केमिकल है, जो ब्लड के माध्यम से पूरे शरीर के टिशू तक पहुंचता है। शरीर में एक नहीं, बल्कि कई तरह के हॉर्मोन होते हैं। शरीर के विकास के लिए, मेटाबॉलिज्म बनाये रखने के लिए, रिप्रोडक्टिव ऑर्गेन के विकास में या फिर मूड स्विंग से बचाने में अलग-अलग तरह के हॉर्मोन की अहम भूमिका होती है। वहीं अगर पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल कम हो जाए, तो हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी (Hormone Replacement Therapy for men) की जरूरत पड़ती है।
अगर आप इस्ट्रोजन ब्लॉकर्स (Estrogen blockers) या इस्ट्रोजन से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।