शोध के मुताबिक, अधिक लोगों को शामिल करके इस तकनीक की सटीकता में सुधार किया जा सकता है। इससे क्रोहन रोग कहां से पैदा हुआ? उसके ओरिजन का पता चल सकता है। इससे शुरुआती दौर में इसका इलाज करने में आसानी होगी। ब्रोम्बर्ग ने कहा, ‘हम इस मॉडल से मिली जानकारी को अन्य जीन से जुड़ी बीमारियों में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।’
क्रोहन रोग क्या है?
अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, क्रोहन रोग एक क्रॉनिक बीमारी है, जिससे बॉडी के डाइजेशन सिस्टम में सूजन आ जाती है। हालांकि, इसके लक्षण कहीं और नजर आते हैं। क्रोहन रोग से आपको जोड़ों का दर्द, त्वचा की समस्या और बच्चों में इस बीमारी से उनके विकास में बाधा आ सकती है।
शोधकर्ताओं की टीम ने 111 लोगों के जीन के प्रकार का अवलोकन किया। इसमें 64 लोगों को क्रोहन रोग था। इन लोगों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक का इस्तेमाल किया गया। यह वो लोग थे, जिनके जीन का कार्य क्रोहन रोग होने पर हेल्दी लोगों की तुलना में बदल गया।
कितनी सामान्य है क्रोहन की समस्या ?
क्रोहन रोग जेंडर पर निर्भर न करके पुरुषों और महिलाओं में से किसी को भी हो सकता है। साथ ही क्रोहन रोग किसी भी उम्र के लोगों को भी प्रभावित कर सकता है। यह समस्या आम तौर पर 15 से 35 की उम्र के लोगों में पाई जाती है। साथ ही इसके लक्षणों को कंट्रोल करके इस बीमारी से निपटा जा सकता है।
क्रोहन रोग के लक्षण