जैसे-जैसे आपका शिशु बढ़ता है, उसके पोषण से संबंधित जरूरतें भी बढ़ती हैं। स्तनपान के साथ ही शिशु को अन्य खाद्य पदार्थों की भी जरूरत पड़ने लगती है। आपके शिशु के जन्म के पहले दो वर्षों के दौरान, प्रत्येक भोजन का 75% हिस्सा उसके मस्तिष्क के निर्माण में जाता है। इसलिए, आपको कब अपने बच्चे को ठोस खाद्य पदार्थों का सेवन कराना चाहिए और यह इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं आज हम आपको बताने जा रहे हैं। आज इस आर्टिकल में 6 महीने के शिशु का आहार कैसा हो? उसे खाना खिलाते समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? इस बारे में बताया गया है।
6 महीने के शिशु को क्या खिलाए?
शिशु के पैदा होने के पहले घंटे से लकर 6 महीने की उम्र तक, शिशु को मां के दूध से ही बढ़ने और विकास करने के लिए आवश्यक पोषण मिलता है। मां का दूध ही शिशुओं के लिए आदर्श और पौष्टिक भोजन है। यदि स्तनपान संभव नहीं है,तो शिशु को बॉटल द्वारा भी दूध पिलाया जा सकता है। स्वस्थ नवजात शिशुओं को पानी, जूस, चाय, दलिया या अन्य तरल पदार्थों की आवश्यकता नहीं होती है।
6 महीने की उम्र से पहले अपने बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क (breast milk) के अलावा अन्य खाद्य पदार्थों या तरल पदार्थों का सेवन कराने से उसे दस्त हो सकते हैं, जो उसे पतला और कमजोर बना सकता है। कुछ मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है। मां का दूध शिशु के जीवन के पहले 6 महीनों के लिए सबसे सुरक्षित और स्वास्थ्यप्रद भोजन है।
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कैसे देते हैं 6 महीने के शिशु खिलाने के संकेत?
यदि आपका शिशु निरंतर अपने हाथ को अपने मुंह के पास रखता है तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि उसे और भी कुछ खाने की इच्छा हो रही है। ऐसे संकेत आपका बच्चा तब देता है जब वो 6 महीने के आस-पास होता है। 6 महीने के ऊपर होने के बाद, डॉक्टर की सलाह के बाद आप अपने शिशु को ठोस रूप में आहार (solid food) दे सकती हैं। इसके साथ ही ये लक्षण भी बताते हैं कि मां 6 महीने के शिशु को खाद्य पदार्थ देना शुरू कर सकती हैं। जैसे-
- शिशु अपनी गर्दन और सिर को खुद से नियंत्रित करने लगता है।
- आपकी प्लेट में रखें खाने को अपने मुंह में डालने का प्रयास करता है।
- ब्रेस्टफीडिंग यानी स्तनपान के बाद भी शिशु भूखा महसूस करे।
- जब शिशु किसी चीज का सहारा लेकर या बिना सपोर्ट के बैठना शुरू कर दे।
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6 महीने के शिशु को क्या खिलाए?
आपके 6 महीने के शिशु को क्या खिलाना चाहिए क्या नहीं इसके बारे में डॉक्टर से संपर्क करें। नीचे शिशु के आहार के लिए कुछ सामान्य टिप्स दिए जा रहे हैं। जैसे-
- जब आपका शिशु 6 महीने के ऊपर हो जाता है तब शरीर के तेज विकास के लिए उसे ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा (energy) और नूट्रीयंट (nutrition) की जरूरत पड़ती है। यह ऊर्जा उसे सिर्फ़ मां के दूध से नहीं मिल सकती इसलिए उसे ठोस आहार की जरूरत पड़ती है। स्तनपान के साथ ऊपरी आहार मिलने से शिशु के विकास में तेजी आती है।
- जब भी आपका शिशु खाने का संकेत दे तब आप उसे अपना दूध पिलाएं। हमेशा साबुन से हाथ धोने के बाद ही आप अपने शिशु को दो से तीन चम्मच नरम भोजन, जैसे दलिया, मसले हुए फल या सब्जियां, दिन में दो बार देना शुरू करें। इसके साथ-साथ, पहले की तरह स्तनपान (breastfeeding) कराना जारी रखें।
- छह माह के शिशुओं के लिये आहार तैयार करते समय मसालों का प्रयोग ना करें।
- शुरुआत में 6 महीने के शिशु आहार में मुख्य रूप से पिसी हुई सब्जियों की प्यूरी, ताजी और मौसमी सब्जियों का छना हुआ सूप आदि शामिल कर सकते हैं।
- 6 महीने के शिशु के शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है ताकि उसे बढ़ते रहने में मदद मिल सके। लंबे समय तक स्वस्थ आहार की प्रतीक्षा करने से आपके बच्चे का वजन कम हो सकता है, और उसे पतले और कमजोर होने का खतरा भी हो सकता है।
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6 महीने के शिशु को आहार खिलाते समय क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
आपका 6 महीने का शिशु अभी बहुत छोटा है अब उसे ठोस खाद्य पदार्थ देने की शुरुआत करनी है। इस दौरान मां को शिशु को खाना खिलाते समय नीचे बताई गई बातों पर ध्यान देना चाहिए। जैसे-
- शिशु को हमेशा सामने बैठालकर ही खाना खिलाएं क्योंकि छोटे बच्चों के गले में खाना अटकने की संभावना होती है।
- शिशु को जमीन पर बैठाकर खाना खिलाना सबसे सुरक्षित होता है, क्योंकि कुर्सी पर बैठकर खाने से शिशु के गिरने का खतरा रहता है।
- खाना खिलाते समय काम आने वाली सभी चीजें जैसे पानी आदि पहले से अपने पास रख लें।
- भाप में पकाया गया शिशु आहार ज्यादा सेहतमंद होता है, इसलिए शिशु को उबला हुआ खाना खिलाने की कोशिश करें।
- सब्जियों और फलों के छिलके, बीज आदि हटाकर ही शिशु को खिलाएं।
- शिशु आहार बनाने के लिए काम आने वाली सब्जियों और फलों को अच्छी तरह धोयें।
- भोजन कराने वाले बर्तन को हमेशा साफ रखें।
- अपने शिशु को अच्छे एवं खुशनुमा वातावरण में आहार खिलाएं या स्तनपान कराएं।
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6 महीने के शिशु को स्तनपान कराना बंद न करें
6 महीने के शिशु को खाना खिलाने के दौरान मां का दूध भी पिलाना चाहिए। अगर आप डिब्बे वाला दूध [पिलाती हैं तो उसे भी बंद नहीं करना चाहिए। मां के दूध और डिब्बे वाले दूध में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते है, जो खाद्य पदार्थों के बाद भी शिशु को पर्याप्त पोषण प्रदान करते हैं। इसके अलावा मां के दूध में पाए जाने वाले एंटीबॉडीज शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। 6 महीने के शिशु को खाना देना शुरू करने के बाद भी मां को करीब दो साल तक बच्चे को दूध पिलाना चाहिए।
छठे महीने से बच्चे को ठोस आहार केवल पूरक आहार की भांति दें, और उसके स्तनपान को जारी रखें। हमने आपके 6 महीने के शिशु के आहार संबंधी पूरी जानकारी ऊपर देने की कोशिश की है। बच्चे को खाने की किसी चीज से एलर्जी (allergy) हो तो आप उसे तुरंत देना बंद कर दें और डॉक्टर से परामर्श लें। हो सकता है शिशु को उस फूड से एलर्जी हो।
हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या इलाज मुहैया नहीं कराता है।
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