हर बच्चे की अपनी एक अलग दिमागी क्षमता होती है। कोई इसका उपयोग क्रिएटिव चीजों में करता है, तो कोई खेल-कूद में। कुछ पेरेंट्स की चिंता का कारण भी यही होता है कि उनके बच्चे खेलकूद में तो अच्छे हैं, लेकिन बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है। ऐसी स्थिति में पेरेंट्स को बच्चे की पसंदीदा एक्टिविटी को प्राथमिकता देते हुए और उसकी योग्यता को समझते हुए उन्हें पढ़ाई का महत्व समझाएं। उनके अंदर पढ़ाई की जिज्ञासा पैदा करें। बच्चों का पढ़ाई में मन लगे, इसके लिए आप कुछ इस तरह के उपाय अपनाएं, जैसे कि-
मानसिक रूप से सहयोग करें
यदि बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है और आप इससे परेशान हैं, तो उनसे इस विषय पर बात करें। उन्हें विश्वास दिलाएं कि आप उनकी समस्या को समझेंगे और फिर उनकी मदद करेंगे। ऐसा करने से बच्चे खुलकर अपनी समस्या को बताएंगे और आप आसानी से इसका कोई उपाय ढूंढ पाएंगे। कई मां-बाप ऐसी स्थिति में बच्चों को डांट-फटकार लगाने लगते हैं, जोकि गलत है। आपका कर्तव्य है कि आप बच्चों का पढ़ाई में मन न लगने के मुख्य कारणों को जानने की कोशिश करें।
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बच्चों की समस्या को उनके नजरिये से समझें
कई बार आप बच्चों की पढ़ाई की समस्या को समझना तो चाहते हैं, लेकिन उनके नजरिये से नहीं समझ पाते हैं। आपको यह सोचना चाहिए कि आप भी कभी बच्चे रहे हैं और तब पढ़ाई को लेकर किसी परेशानी या समस्या आने पर आप क्या महसूtस करते थे? तभी आप बच्चों में पढ़ने की समस्या के जड़ तक जा पाएंगे। कई माता-पिता पढ़ाई को लेकर डांट-फटकार लगाना शुरू कर देते हैं। आपका बच्चा परेशानी में है और आपका सहयोग ही उन्हें इस समस्या से निकल पाएगा। उन्हें प्यार से समझाएं और उनकी जगह पर खुद को रखकर उनकी समस्या को समझने की कोशिश करें।
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उन विषयों पर फोकस करें, जहां परेशानी अधिक है
कई बार बच्चों में किसी खास विषय को लेकर भी परेशानी होती है। ऐसी सिचुएशन में आपका बच्चा जिस विषय में कमजोर हो उन पर अधिक ध्यान दें। यह जरूरी नहीं कि स्कूल में टीचर ने पढ़ाया है, सभी बच्चों को एक समान समझ में आ ही जाए। हो सके तो उनके स्कूल-नोट्स से आप खुद उन्हें समझाने की कोशिश करें या फिर ऐसे बच्चों की पढ़ाई किसी अच्छे ट्यूशन टीचर से भी करवा सकते हैं। इससे बच्चे को अपनी समस्यायों पर ज्यादा समय मिल सकेगा ।
अभ्यास करने का उचित तरीका समझाएं
बच्चों को पढ़ाना एक कला है। बच्चों को कई बार लेसन तैयार करने का सही तरीका नहीं पता होने के कारण उनके मेहनत के अनुसार रिजल्ट नहीं मिल पाता। इसके कारण भी बच्चे अच्छे से पढ़ने में मन नहीं लगा पाते। अपने बच्चों को लेसन कंप्लीट करने और उसे याद करने का सही तरीका बताएं। एक चीज को बार-बार रिपीट करने की आदत डालने को मोटीवेट करें और की-नोट्स लिखकर याद करने की भी आदत अपनाने को बोलें।
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बच्चों का पढ़ाई में मन लगे इसके लिए सही जगह का चुनाव करें
बच्चों का पढ़ाई में मन सही से लग सके। इसके लिए बच्चे को एक ऐसा परिवेश और वातावरण दें जिससे उनकी पढ़ाई में निरंतता बनी रहे। बच्चे का स्टडी रूम ऐसा हो जहां शोर शराबा न जाता हो। साथ ही बैठने के लिए उचित टेबल-चेयर हो और कमरा व्यवस्थित हो।
नियमित पढ़ाई से बच्चों का पढ़ाई में मन लगेगा
बच्चे के लिए नियमित पढ़ाई के लिए एक योजना बनाए। पढ़ाई जब नियमित रहेगी तो बच्चों का पढ़ाई में मन भी ज्यादा लगेगा। उसके लिए टाइम टेबल चार्ट बनाए। टाइम टेबल में बीच-बीच में ब्रेक को भी महत्व दें ताकि पढ़ाई करना बच्चे को उबाऊ न लगे।
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डायट से समझौता बिलकुल मत करें
बच्चों के खान-पान का असर उनकी पढ़ाई पर भी पड़ता है। ‘हेल्थ इज वेल्थ’ यह आप जानते हैं। इसलिए उनके डायट पर खास ध्यान दें। उन्हें पौष्टिक फूड दें, जैसे कि. दूध, बादाम, काजू और फल आदि। मछली तथा अंडे (मांसाहार होने पर) भी बच्चों के खाने में शामिल करें, साथ ही हरी सब्जी, फल, दूध से बनी हुई प्रोटीन तथा आयरन और कैल्शियम वाली खाने की चीजों को उसे अवश्य खिलाएं।
बच्चे को पीटना नहीं है उपाय
बच्चों का पढ़ाई में मन न लगने पर कुछ पेरेंट्स बच्चे को पीटना शुरू कर देते हैं जो कि गलत है। अगर बच्चे को पढ़ाई में कोई दिक्कत आ रही है या उसे कुछ समझ नहीं आ रहा है तो उस पर चिल्लाए नहीं और न ही उसकी पिटाई करे। ऐसा करने से बच्चे के मन मे डर बैठ जाता है और वह पढ़ाई से जी चुराने लगता है। इसलिए उसे प्यार से समझाएं और अगर बच्चा पढ़ाई से ऊब गया हैं तो जबरदस्ती न करें। थोड़ी देर उसे उसकी पसंद का काम करने दें।
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योग की डालें आदत
रोजाना सुबह 20 मिनट तक योगा करें और बच्चे को भी योग कराएं। इससे उनमें एकाग्रता बढ़ेगी और बच्चों का पढ़ाई में मन भी लगेगा। साथ ही बच्चा पूरे दिन ऊर्जावान रहेगा।
नींद और खेलना भी है जरूरी
बच्चों का पढ़ाई में मन लगने के साथ-साथ उनका खेलना भी बहुत जरूरी होता है क्योंकि खेलकूद से उन्हें नई ऊर्जा मिलती है इससे बच्चे का मानसिक और शारीरिक विकास तेज होता है। बच्चे के खेलने का भी समय निश्चित करें। इसके साथ ही बच्चे की नींद के समय भी सुनिश्चित करें। अच्छी नींद से हॉर्मोन सही तरीके से रेगुलेट होते हैं जिससे माइंड तेज होता है और शरीर को भी आराम मिलता है। जिससे पढ़ा हुआ याद रखने में मदद मिलती है।
नई चीज सीखें और सिखाएं
बच्चों के रोल मॉडल बनने का यह बहुत ही अच्छा तरीका है। बच्चों को अपडेट रखने के लिए चीजों को खुद सीखें और फिर बच्चों को सीखाएं।
फेलियर पर न हों गुस्सा
कई पेरेंट्स बच्चे के अच्छे मार्कस ना आने या बेहतर रिसल्ट ना आने पर पेरेंट्स बहुत गुस्सा करते हैं। अगर आपके बच्चे का रिसल्ट अच्छा या ठीक नहीं आता है, तो उनपर गुस्सा ना हों या अत्यधिक डांटे नहीं। कई पेरेंट्स अपने बच्चों को दूसरे बच्चों या पेरेंट्स के सामने भी शर्मिंदा करने लगते हैं। हालांकि ऐसा नहीं करना चाहिए। आप अपने बच्चों को समझाएं (Motivate kids for study) और उन्हें बेहतर परफॉर्म करने के लिए मोटिवेट करें।
बच्चों के लालच न दें
कई बार पेरेंट्स या घर के अन्य सदस्य बच्चे से किसी भी काम के लिए बच्चे को लालच देते हैं, यह तरीका बेहद गलत है। पेरेंट्स को लालच ना दे कर उन्हें समझाएं (Motivate kids for study) और किसी भी कार्य के लिए प्रेरित करें।
इन उपायों को अपनाकर आप अपने बच्चे को पढ़ने के लिए मोटीवेट कर सकते हैं। ऐसा करने से आप अपने के बच्चे में पढ़ने के लिए आत्मविश्वास पैदा कर सकते हैं। उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। आपको यह लेख कैसा लगा? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही अगर आपका इस विषय से संबंधित कोई भी सवाल या सुझाव है तो वो भी हमारे साथ शेयर करें।
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