
बच्चों का इम्यून सिस्टम वयस्कों की अपेक्षा कमजोर होता है। बच्चों को संक्रमण भी जल्दी होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि बच्चों के शरीर में सबसे ज्यादा गंदगी किस माध्यम से जाती है ? बच्चों के गंदे हाथ उनके शरीर में संक्रमण फैलाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। अगर बच्चे का हाथ साफ नहीं है तो वह उन्हीं गंदे हाथों से खाना भी खाएगा और उसे आंख और मुंह में भी लगाएगा। बच्चों का हाथ धोना कब जरूरी होता है, इस बात की जानकारी सभी पैरेंट्स को होनी चाहिए। हाथ धोना अच्छी आदत है। अगर बच्चों को समय रहते ये सिखा दिया जाए कि कौन सी चीजें गंदी होती हैं और उन्हें छूने के बाद हाथ धोना जरूरी होता है, तो बच्चे बीमारियों और वायरल इंफेक्शन से आसानी से बच सकेंगे।
बच्चों का हाथ धोना इसलिए है जरूरी
सीडीसी के मुताबिक पांच साल से कम उम्र के लगभग 1.8 मिलियन बच्चों की हर साल डायरिया और निमोनिया से मृत्यु हो जाती है। डायरिया गंदगी से फैलने वाली बीमारी है। गंदगी की वजह से बच्चों में दस्त, इंफ्लुएंजा, जुकाम, आंखों में संक्रमण, सांस रोग आदि गंदे हाथ साफ न करने की वजह से फैलने वाली बीमारी हैं। बच्चों का हाथ धोना बहुत जरूरी है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि कब बच्चों को हाथ धोना चाहिए।
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बाहर खेलकर आने के बाद बच्चों का हाथ धोना है जरूरी
बच्चों को अक्सर इस बात की जानकारी नहीं होती है कि इंफेक्शन या संक्रमण कितना खतरनाक होता है। बच्चे ग्राउंड में खेलते वक्त गंदगी के बारे में नहीं सोचते हैं। मिट्टी में खेलना, मिट्टी एक-दूसरे पर डालना, फिर वहीं हाथ-मुंह में लगाना आदि खेलने के दौरान बहुत ही सामान्य बात होती है। जब भी बच्चे बाहर से खेल कर घर आएं तो बच्चों का हाथ धोना बहुत जरूरी हो जाता है। ऐसे में बच्चों के कपड़े चेंज करना न भूलें, क्योंकि बच्चे कपड़े भी गंदे कर लेते हैं। अगर बच्चे के कपड़े नहीं बदले गए तो गंदगी सीधा आपके बेडरूम में पहुंच जाएंगी। गंदे हाथ और गंदे कपड़ों की सफाई बहुत जरूरी होती है।
नाक में उंगली डालते हैं बच्चे इसलिए बच्चों का हाथ धोना है जरूरी
नाक में उंगली डालना गलत बात होती है। नाक में वायु के गंदे कण होते हैं। नाक में चिपचिपा पदार्थ पाया जाता है जिसे म्युकस कहते हैं। जब हम सांस लेते हैं तो चिपचिपे पदार्थ में हवा के साथ आई गंदगी चिपक जाती है। म्युकस की वजह से गंदगी शरीर में नहीं पहुंच पाती है। जब बच्चा नाक में उंगली डालता है तो गंदगी उसके हाथ में चिपक जाती है। अगर ऐसे में बच्चा कोई खाने की वस्तु हाथ में लेता है तो गंदगी पेट में जाने का भी खतरा रहता है।
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वॉशरूम जाने के बाद बच्चों का हाथ धोना है जरूरी
वॉशरूम में बहुत से बैक्टीरिया होते हैं जो दिखाई नहीं पड़ते हैं। बच्चा जब भी वॉशरूम जाएं, उसे हैंड वॉश जरूर कराएं। ये न सोचें कि बच्चे ने तो बाथरूम में कुछ छुआ नहीं है तो हाथ गंदा नहीं होगा। वॉशरूम से आने पर खुद और बच्चे के हाथ की सफाई अच्छे से करें।
खाने के पहले और खान के बाद बच्चों का हाथ धोना है जरूरी
खाना हमारे शरीर को पोषण देता है, लेकिन गंदा खाना शरीर को बहुत बीमार बना देता है। बच्चे अक्सर खाते समय हाथ नहीं धोते हैं। उन्हें इस बारे में जानकारी दें कि गंदे हाथ डायरिया जैसी बीमारी का खतरा बढ़ा सकते हैं। अगर बच्चा सात से आठ साल का है तो उसे हाथ धोने की बात आसानी से समझ आ जाएगी।
दूसरों से हाथ मिलाने के बाद बच्चों का हाथ धोना है जरूरी
घर में अक्सर दोस्त या रिश्तेदार आते हैं और बच्चों को प्यार-दुलार में हाथ पकड़ना या किस करने जैसा काम करते हैं। हो सकता है कि बाहर से आने के बाद बाहरी लोगों ने हाथों की सफाई न की हो। बेहतर होगा कि आप अपने बच्चे की हाथ ही सफाई जरूर करें। ये छोटी बात भले ही हो, लेकिन आपको बड़े खतरे से बचाने में काम आएगी।
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रुपए छूने के बाद बच्चों का हाथ धोना है जरूरी
एक रिपोर्ट के मुताबिक कागज के नोट में टॉयलेट सीट से भी ज्यादा बैक्टीरिया होने की संभावना होती है। नोट एक हाथ से दूसरे हाथ में जाते हैं। इनका रोजाना एक हाथ से दूसरे हाथ में जाना माइक्रोऑर्गेनिज्म को बढ़ाने जैसा होता है। अगर बच्चे ने नोट छुएं हैं या फिर किसी रिश्तेदार ने बच्चों को रुपए दिए हैं तो बच्चों का हाथ धोना जरूरी हो जाता है। ऐसा करने से कई तरह की बीमारियों से खुद को और परिवार को बचाया जा सकता है।
जूते-चप्पल छूने के बाद बच्चों का हाथ धोना है जरूरी
जूते-चप्पल से खेलना बच्चों को बहुत पसंद होता है। बच्चे अक्सर परिवार के सदस्यों के जूते और चप्पल के साथ खेलते हैं और उन्हें हाथ से भी छूते हैं। हो सकता है कि कुछ समय बाद वो अपना हाथ मुंह में भी लगाएं या फिर उसी हाथ से कुछ खा लें। ऐसे में बच्चों का हाथ धोना जरूरी हो जाता है। बच्चा कब क्या कर रहा है, ये पेरेंट्स के लिए जानना बहुत जरूरी है। अच्छा रहेगा कि आप बच्चे पर निगरानी रखें और जैसे ही बच्चा हाथ गंदे करे, उसे साफ करवाएं।
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रंग छूने के बाद बच्चों का हाथ धोना है जरूरी
होली का त्यौहार ज्यादातर सभी बच्चों को पसंद होता है। हाथ में रंग लग जाने के बाद बच्चे उन्हें अक्सर नहीं छुड़ाते हैं और उन्हीं रंगे हुए हाथों से खाना भी खा लेते हैं। रंगों में केमिकल्स होते हैं, जो खाने के माध्यम से बच्चे के पेट में भी जा सकते हैं। बेहतर होगा कि आप त्यौहार में बच्चों पर खासतौर पर निगरानी रखें और बच्चों का हाथ जरूर धुलवाएं।
किसी घाव या चोट को छूने पर बच्चों का हाथ धोना है जरूरी
बच्चों का हाथ धोना तब और भी जरूरी हो जाता है जब उन्हें चोट लगी हुई हो। बच्चों को बार-बार चोट छूने की आदत होती है। ऐसे में गंदे हाथ चोट में लगाने से इंफेक्शन का अधिक खतरा बढ़ सकता है। बेहतर रहेगा कि हाथों की सफाई की जाए।
जहां गंदगी की आशंका हो
वैसे तो आपको आवश्यक जानकारी दे दी गई है कि बच्चों का हाथ धोना कब जरूरी होता है, लेकिन फिर भी इस बात का ध्यान रखें कि अगर बच्चा किसी भी प्रकार की गंदगी को छू रहा है तो साफ-सफाई का ध्यान अवश्य रखें।
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हाथ साफ करते समय रखें ध्यान
- हाथ गुनगुने पानी से धुलाएं। पानी ज्यादा गर्म नहीं होना चाहिए। दोनों हाथों में हैंडवॉश लेने के बाद अच्छे से हाथों को धुलवाएं।
- हाथ धोने के लिए एंटीबैक्टीरियल सोप का यूज करें।
- करीब 20 सेकेंड तक बच्चे के हाथों को साफ करें। फिंगर के बीच में सफाई करना न भूलें। अगर बच्चा बाहर से खेल के आया है तो पैरों की सफाई भी करें।
- हाथ धोने के बाद तौलिए की मदद से पोंछ दें।
- बैक्टीरिया, जर्म्स न फैलें इसलिए घर पर हाथ धोने का नियम भी बना दें।
- घर में पालतू जानवर हैं तो हैंड वॉश का खास ख्याल रखें।
- अगर घर में किसी भी व्यक्ति को इंफेक्शन है तो उसके सामान और व्यक्ति को छूने के बाद भी खुद और बच्चे को हाथ जरूर धुलाएं।
- बच्चे को जुकाम हो गया है और वो हाथ का यूज कर रहा है तो भी उसका हाथ धुलाएं। वरना संक्रमण किसी अन्य व्यक्ति में आराम से पहुंच सकता है।
संक्रमण यानी इंफेक्शन को फैलने के लिए माध्यम की जरूरत होती है। अगर सफाई पर ध्यान दिया जाए और बच्चों का हाथ धोना आदत में शामिल हो जाए तो कई बीमारियों के खतरे से बचा जा सकता है। अगर बच्चों को इस बारे में जानकारी दी जाएगी तो वो आसानी से बात समझ जाएंगे और हाथ धोएंगे।
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