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बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स के कारण सिर्फ एक नहीं

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/07/2021

    बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स के कारण सिर्फ एक नहीं

    अधिकतर माता-पिता यह शिकायत करते हैं कि उनके बच्चे खाने-पीने को लेकर नखरे करते हैं या सही से नहीं खाते-पीते हैं। सही से न खाने और कमजोर इम्यूनिटी के कारण बच्चों को हो सकती हैं, पेट संबंधी समस्याएं। पेट में दर्द (Stomach pain), दस्त (Diarrhea) या कब्ज (Constipation) होना बच्चों में सामान्य है। लेकिन, कुछ स्थितियों में बच्चों में पाचन संबंधी समस्याएं किसी गंभीर रोग के कारण भी हो सकती हैं। ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर के पास अपने बच्चे को ले जाना होगा, ताकि सही समस्या का पता चल सके। जानिए बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) कौन सी होती हैं और किस तरह से संभव है इनका उपचार। 

    बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स कौन सी होती हैं (Common Digestive Problems in Children)

    पेट में समस्या यानी डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स के कई कारण होते हैं। अधिकतर, यह समस्याएं जठरांत्र प्रणाली (Gastrointestinal System) में परेशानियों के कारण होती हैं, जो बच्चों को बेहद तकलीफ़ पहुंचा सकती हैं। इसलिए बच्चों में होने वाली पाचन संबंधी समस्याओं के अधिकतर मामलों में डॉक्टर या अन्य हेल्थ केयर प्रोफेशनल की सलाह की जरूरत होती है। आइए जानते हैं बच्चों में होनेवाले डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) के बारे में –

    बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children)

    कोलिक (Colic) 

    बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) में कोलिक मुख्य है। क्योंकि, यह समस्या शिशु और माता-पिता दोनों की परेशानी की वजह बन सकती है। कोलिक की समस्या तब होती है, जब बच्चा बिना किसी कारण के लंबे समय तक रोता रहता है। हालांकि, जन्म के कुछ समय बाद तक यह समस्या बेहद सामान्य है और धीरे-धीरे यह परेशानी कम होती जाती है।  कोलिक से पीड़ित बच्चे अक्सर परेशान करते हैं और अच्छे से नींद नहीं लेते। लेकिन, ज्यादातर मामलों में वे सामान्य रूप से बढ़ते हैं और उनका वजन भी सामान्य रूप से बढ़ता रहता है। बच्चे का एकदम बिना किसी कारण रोना इस समस्या का पहला लक्षण है। हालांकि, इस समस्या के लक्षण किसी अन्य रोग के जैसे भी हो सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर की सलाह जरूरी है। इसके अन्य लक्षण इस प्रकार हैं:

    • बार-बार डकार लेना और गैस पास करना (Burping or Passing Lot of Gas)
    • चेहरे का लाल होना (Having a Bright Red Face)
    • पेट का टाइट होना (Having a Tight Belly)
    • रोते हुए अपनी टांगों को पेट की तरफ मोड़ लेना (Curling up Their Legs toward their Belly when Crying)
    • रोने पर अपनी मुट्ठी बांधना (Clenching their Fists when Crying)

    यह भी पढ़ें: क्या हैं पाचन समस्याएं कैसे करें इन समस्याओं का निदान?

    कोलिक के कारण (Causes of Colic)

    कोलिक के सही कारणों के बारे में पता नहीं है। लेकिन कुछ थ्योरीज के अनुसार कोलिक के कारण के कारण इस प्रकार हो सकते हैं:

    • बच्चे संवेदनशील होते हैं और दुनिया में एडजस्ट करना उनके लिए मुश्किल हो रहा होता है 
    • गैस के प्रति संवेदनशीलता (Being Sensitive to Gas)
    • मिल्क एलर्जी या इनटॉलेरेंस के कारण (Having a Milk Allergy or Intolerance) 

    निदान और उपचार (Diagnosis and Treatment)

    कोलिक के निदान के लिए डॉक्टर आपसे इसके लक्षण और बच्चे की हेल्थ के बारे में जान सकते हैं। इसके साथ ही वो बच्चे की शारीरिक जांच भी कर सकते हैं। किन्हीं स्थितियों में ब्लड टेस्ट या एक्स-रे भी कराया जा सकता है। इस समस्या में अपने बच्चों को शांत रखने के लिए डॉक्टर आपको कुछ तरीके बता सकते हैं जैसे बच्चे को दूध पिलाते हुए इस बात का ध्यान रखना कि बच्चे के पेट में हवा न जाए या हर बार दूध पिलाने के बाद बच्चे को डकार अवश्य दिलाएं। कोलिक की समस्या से डील करने के लिए आपको यह समझना चाहिए कि आपका बच्चा क्यों रो रहा है। माता-पिता और बच्चों को इसके लिए कुछ समय लगेगा। अगर इसके कारण बच्चे के स्वास्थ्य या नींद पर प्रभाव पड़ रह हो, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें और उपचार कराएं।

    डायरिया (Diarrhea)

    बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) में अगला है डायरिया। डायरिया वो होता है, जब मल पतला और पानी के जैसा हो जाता है। इस स्थिति में बच्चों को बार-बार बाथरूम जाना पड़ता है। डायरिया बच्चों में होने वाली सामान्य समस्या है। कई बार एक या दो बार यह समस्या खुद ही ठीक हो जाती है। लेकिन, अगर यह समस्या अधिक दिनों तक बच्चे में रहे, तो गंभीर हो सकती है। सबसे पहले जानते हैं इसके लक्षणों के बारे में। डायरिया के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:

    • क्रैम्पिंग (Cramping)
    • पेट में दर्द (Abdominal Pain)
    • ब्लोटिंग (Bloating)
    • पेट में समस्या (Upset Stomach)
    • बार-बार बाथरूम जाना (Urgent need to Use the Bathroom)
    • बुखार (Fever)
    • मल में खून (Bloody Stools)
    • शरीर में पानी की कमी (Dehydration)

    डायरिया के कारण (Causes of Diarrhea)

    डायरिया के लक्षण किसी अन्य बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) की तरह हो सकते हैं। लेकिन, इसके कारणों के बारे में पता होना भी इसके उपचार के लिए जरूरी है। इसका डायरिया के कारण इस प्रकार है :

    • बैक्टीरियल इन्फेक्शन (Bacterial Infection)
    • वायरल इन्फेक्शन (Viral Infection)
    • कुछ चीजों का पचाने में समस्या (Trouble Digesting certain Things)
    • फ़ूड एलर्जी  (Food Allergy)
    • पानी या खाने के माध्यम से शरीर में परजीवी का प्रवेश (Parasites that Enter in Body through Food or Water)
    • किसी दवाई का रिएक्शन (Reaction to Medicines)
    • कोई इंटेस्टाइनल रोग (An Intestinal Disease)

    बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children)

    निदान और उपचार (Diagnosis and Treatment)

    बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) में डायरिया के निदान के लिए सबसे पहले डॉक्टर आपसे लक्षण और हेल्थ हिस्ट्री के बारे में पूछेंगे। शारीरिक जांच भी की जा सकती है। इसके साथ ही आपको यह टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं

    • स्टूल कल्चर (Stool Culture )
    • ब्लड टेस्ट्स (Blood Tests)
    • इमेजिंग टेस्ट्स (Imaging Tests)
    • फ़ूड इनटॉलेरेंस या एलर्जी का टेस्ट (Tests to Check for Food Intolerance or Allergies)
    •  सिग्मोइडोस्कोपी या कोलोनोस्कोपी (Sigmoidoscopy or Colonoscopy) 

    बच्चे में डायरिया का उपचार इसके लक्षणों, उम्र और बच्चे की जनरल हेल्थ पर निर्भर करता है। इसके साथ ही यह इस बात पर भी निर्भर करते हैं कि यह स्थिति कितनी गंभीर है। डायरिया से जुड़ी सबसे गंभीर चीज है डीहायड्रेशन। इसलिए, बच्चों के शरीर में पानी की कमी न हो इस बात का ध्यान रखना जरूरी है। इसलिए बच्चे को पर्याप्त पानी, अन्य तरल पदार्थ आदि का सेवन करने को दें। अगर डायरिया का कारण बैक्टीरियल इन्फेक्शन है तो एंटीबायोटिक्स भी दिए जा सकते हैं

    और पढ़ें : खाने से एलर्जी और फूड इनटॉलरेंस में क्या है अंतर, जानिए इस आर्टिकल में

    फूड एलर्जी (Food Allergy)

    बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) में अगली है फूड एलर्जी। बच्चे को फूड एलर्जी तब हो सकती है जब किसी खास आहार के प्रति आपके बच्चे का इम्यून सिस्टम सही से रियेक्ट नहीं करता। फूड एलर्जी, फूड इनटॉलेरेंस से अलग है। फूड एलर्जी के लक्षण इस प्रकार हैं:

    • गंभीर जी मचलना और उलटी (Severe Nausea or Vomiting)
    • डायरिया (Diarrhea)
    • पेट में दर्द या मरोड़ (Stomach Cramps or Stomach Pain)
    • हायव्स (Hives)
    • चेहरे में सूजन  (Swelling of the Face)
    • मुंह, जीभ या होंठों में खुजली या सूजन (Itching or Swelling of the Lips, Tongue, or Mouth)
    • गले में खुजली या कसाव (Itching or Tightness in the Throat)
    • लौ रक्तचाप के साथ चक्कर आना (Dizziness, with Lowered Blood Pressure)
    • अस्थमा के लक्षण जैसे खांसी सांस लेने में समस्या (Asthma Symptoms)

    और पढ़ें : दूध का पाचन होने में कितना समय लगता है? जानिए दूध के बारे में सबकुछ

    फूड एलर्जी के कारण (Causes of Food Allergy)

    बच्चे का इम्यून सिस्टम उसे स्वस्थ रखने के लिए संक्रमण और अन्य खतरों से लड़ता है। फूड एलर्जी तब होती है, जब बच्चे का इम्यून सिस्टम यह तय कर लेता है कि कोई खाद्य पदार्थ उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ऐसा होने का कारण स्पष्ट नहीं है। अधिकतर लोगों या बच्चों को इन चीजों से एलर्जी होती है:

    • दूध (Milk)
    • अंडे (Eggs)
    • गेहूं (Wheat)
    • सोया (Soya)
    • मूंगफली (Peanuts)
    • मछली (Fish)

    निदान और उपचार (Diagnosis and Treatment)

    बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) में से इस समस्या के निदान के लिए डॉक्टर बच्चे की शारीरिक जांच करेंगे और हेल्थ हिस्ट्री के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही कुछ टेस्ट्स के लिए भी कहा जा सकता है, जैसे:

    • स्किन प्रिक टेस्ट (Skin Prick Test)
    • ब्लड टेस्ट्स (Blood Tests)
    • फूड चैलेंज टेस्ट (Food Challenge Test)

    बच्चों में फूड एलर्जी के लिए कोई दवा मौजूद नहीं है। लेकिन, इसके उपचार का उद्देश्य होता है, उस आहार से दूर रहना जिसके कारण यह लक्षण पैदा हो रहे हैं। बच्चे के लिए उस खास आहार का सेवन न करना जरूरी है। इसके साथ ही इस स्थिति में यदि आपका बच्चा कुछ खाद्य पदार्थ खाने में असमर्थ है तो बच्चे को विटामिन देना महत्वपूर्ण हो सकता है। अपने बच्चे के डॉक्टर के साथ इस पर चर्चा करें। यदि आपके बच्चे को दूध से एलर्जी है, तो इस स्थिति में उसे सोया मिल्क दिया जा सकता है। 

    लैक्टोज इनटॉलेरेंस (Lactose Intolerance in Children)

    लैक्टोज इनटॉलेरेंस तब होती है, जब शरीर आसानी से लैक्टोज को तोड़ या पचा नहीं पाता। लैक्टोज एक शुगर है, जो दूध और दूध उत्पादों में पाई जाती है। अगर आपके बच्चे को यह समस्या है, तो वो किसी भी मिल्क प्रोडक्ट को खाने या पीने के बाद बुरे लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं। इसके लक्षण इस प्रकार हैं 

    • पेट में समस्या या जी मचलना (Upset Stomach or Nausea)
    • क्रैम्प्स (Cramps)
    • पेट में सूजन (Bloating)
    • पेट में दर्द (Abdominal Pain)
    • गैस (Gas)
    • मल का लूज होना या डायरिया (Loose Stool or Diarrhea)

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    लैक्टोज इनटॉलेरेंस के कारण (Causes of Lactose Intolerance)

    लैक्टोज इनटॉलेरेंस की समस्या बच्चों और वयस्कों दोनों में हो सकती है। इसके सामान्य कारण इस प्रकार हैं:

    • डायजेस्टिव रोग और इन्फेक्शन (Digestive Diseases or Infection)
    • स्मॉल इंटेस्टाइन में चोट (Injury to the Small Intestine)
    • फैमिली हिस्ट्री (Family History)

    और पढ़ें : एंजाइम क्या है: एंजाइम का पाचन के साथ क्या संबंध है?

    निदान और उपचार (Diagnosis and Treatment)

    बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) में लैक्टोज इनटॉलेरेंस के निदान के लिए डॉक्टर बच्चे की शारीरिक जांच करेंगे और हेल्दी हिस्ट्री के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही कुछ टेस्ट भी कराए जा सकते हैं, जैसे

    • लैक्टोज टॉलरेंस टेस्ट (Lactose Tolerance Test)
    • हाइड्रोजन ब्रीद टेस्ट (Hydrogen Breath Test)
    • स्टूल एसिडिटी टेस्ट (Stool Acidity Test)

    इसका उपचार आपके बच्चे के लक्षणों, आयु और सामान्य स्वास्थ्य पर निर्भर करेगा। यह इस पर भी निर्भर करेगा कि बच्चे की हालत कितनी गंभीर है। लेकिन, कोई उपचार आपके बच्चे के शरीर में अधिक लैक्टोज बनाने में मदद नहीं करता है। लेकिन, आप अपने बच्चे में इसके लक्षणों को एक आहार के साथ प्रबंधित कर सकते हैं। बच्चे के आहार में लैक्टोज के प्रबंधन के लिए कुछ सुझाव इस प्रकार हैं:

    इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome in Children)

    इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम लक्षणों का एक समूह है, जो एक साथ होते हैं। इसमें लगातार पेट में दर्द और बॉवेल मूवमेंट में बदलाव आदि शामिल है, जो डायरिया, कब्ज या ये दोनों हो सकते हैं। इस समस्या के होने पर बच्चों में यह लक्षण नजर आ सकते हैं:

    • पेट में दर्द (Pain in the Abdomen)
    • बॉवेल मूवमेंट में बदलाव (Changes in Bowel Movements)

    इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के कारण (Causes of Irritable Bowel Syndrome)

    इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के सही कारण की जानकारी नहीं है। लेकिन, कुछ फैक्टर इस समस्या में योगदान दे सकते हैं। यह कारण इस प्रकार हैं:

    • गंभीर इन्फेक्शन (Severe Infection)
    • स्ट्रेस (Early life Stress)
    • नर्वस सिस्टम का असामान्य होना (Abnormalities in the Nerves System)
    • आंत में मांसपेशियों में संकुचन (Muscle contractions in the Intestine)

    निदान और उपचार (Diagnosis and Treatment)

    इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome) के निदान के लिए डॉक्टर इसके लक्षणों के साथ ही बच्चे की मेडिकल और फैमिली हिस्ट्री के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही बच्चे की शारीरिक जांच भी की जा सकती है। कुछ मामलों में टेस्ट भी कराए जा सकते हैं। इस समस्या के उपचार के लिए डॉक्टर बच्चे के खानपान में बदलाव करने के लिए कह सकते हैं। इसके साथ ही थेरेपीस, प्रोबायोटिकस और दवाइयां भी दी जा सकती हैं।

    बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children)

    बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स का पता कैसे चल सकता है (How digestive Problems in Children detected)

    बच्चे अक्सर छोटी-मोटी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को नजरअंदाज कर देते हैं। कई बार उन्हें खुद समझ में नहीं आता कि उन्हें क्या समस्या है या अगर आपका बच्चा छोटा है तो वो अपनी परेशानी को बता नहीं सकता। ऐसे में इन लक्षणों से समझ सकते हैं कि आपके बच्चे को कोई पाचन संबंधी समस्या है। जानिए कौन से हैं यह संकेत:

    बच्चे अधिकतर यह नहीं बता पाते कि वो कैसा महसूस कर रहे हैं। इसलिए, कोई भी लक्षण नजर आने पर, चाहे वो हल्का हो या गंभीर। इंतजार न करें और तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

    बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स को मैनेज करने के लिए डायट और लाइफस्टाइल क्या परिवर्तन करने चाहिए (Diet and Lifestyle changes for Digestive Problems)

    आप यह जानते ही हैं कि बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) आम है। लेकिन डायट और लाइफस्टाइल में परिवर्तन से यह समस्या काफी हद तक राहत पाई जा सकती है। जानिए क्या बदलाव लाएं अपने बच्चे की डायट और लाइफस्टाइल में ताकि उन्हें पाचन संबंधी समस्याएं कम हो :

    बच्चे को संतुलित आहार खाने को दें (Right Food): बच्चे को हमेशा घर का बना आहार ही खाने को दें। अधिक चीनी, तला-भुना, मसालेदार, जंक-फ़ूड उनके पेट के लिए हानिकारक है। इसके साथ ही अन्य हानिकारक पेय पदार्थों की जगह पानी और हेल्दी पेय पदार्थों को महत्व दें। ऐसा मीठा उन्हें न खाने को दें जिनमें फ्रुक्टोज और सोर्बिटोल होते हैं क्योंकि यह गैस का कारण बनते हैं।

    खाना आराम से खाने के लिए कहें (Eat Food Comfortably) : बच्चे अधिकतर जल्दी में रहते हैं, ऐसे में वो खाना भी जल्दी में ही खाते हैं। यह भी बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) का कारण बन सकता है। इसलिए बच्चे को धीरे-धीरे खाने और पीने के लिए कहें। 

    व्यायाम करने की सलाह दें (Advice your kid to exercise) : बच्चों को पेट या पाचन से जुड़ी परेशानियों के लिए ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए व्यायाम करने के लिए कहें। कोई खेल, योगा, सैर, साइकिलिंग आदि से उसे फायदा होग

    बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies for Digestive Problems in Children)

    बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) से बचने के लिए बच्चे के खानपान का ध्यान रखना जरूरी है। लेकिन, आप बच्चों की पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए घरेलू उपचारों के बारे में भी जानते ही होंगे, जिनका प्रयोग लंबे समय से हमारे घरों में किया जाता है। यह कुछ घरेलू उपाय इस प्रकार हैं:

    • अदरक (Ginger): अदरक में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं। यह खराब पाचन क्रिया को सही रखने में मददगार हो सकता है। हो सके, तो बच्चे को अदरक का काढ़ा बना कर पीने को दें। अन्यथा, आप अदरक के रस को शहद में मिला कर भी उसे खाने को दे सकते हैं।
    • सौंफ (Fennel): सौंफ खाने से अपच, पेट में मरोड़ आदि की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) को सही करने के लिए आप बच्चे को यह भी दे सकते हैं।
    • हींग (Asafetida) : हींग में भी एंटीआक्सीडेंट होते हैं जो पेट के लिए अच्छे होते हैं। ब्लोटिंग, गैस, पेट दर्द आदि के लिए यह बहुत ही लाभदायक है। छोटे बच्चे के पाचन को सही रखने के लिए पानी में हींग मिला कर उसकी नाभि के आसपास रगड़ा जाता है।
    • हल्दी (Turmeric) : हल्दी भी पेट के लिए बेहतरीन मानी जाती है। बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) में यह काम आ सकती है। हल्दी को बच्चे को पानी में ड़ाल कर पीने को दे सकते हैं या किसी खाद्य पदार्थ के माध्यम से भी इसका सेवन करना बेहतरीन है।

    और पढ़ें : पाचन तंत्र को करना है मजबूत तो अपनाइए आयुर्वेद के ये सरल नियम

    इन घरेलू उपायों का प्रयोग भी डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए। अगर आपके बच्चे को कोई भी पेट संबंधी समस्या हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। बच्चों में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems in Children) गंभीर भी हो सकती है। ऐसे में सही समय पर निदान से जल्दी उपचार में मदद मिल सकती है। स्वास्थ्य जीवनशैली भी आपके बच्चे को इन समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद कर सकती है।

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