हमारा शरीर फैट को स्टोर करता है ताकि एनर्जी और इंसुलेशन के लिए इसका प्रयोग कर सके। लिवर में पार्शल रूप से फैट होता है। लेकिन, अगर लिवर में फैट की मात्रा बहुत अधिक हो, तो यह फैटी लिवर डिजीज (Fatty liver Disease) का एक लक्षण हो सकता है। फैटी लिवर डिजीज दो तरह की होती हैं। एक एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (Alcoholic Fatty liver Disease) और दूसरी नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (Non-Alcoholic Fatty liver Disease)। प्रेग्नेंसी में भी फैटी लिवर की परेशानी हो सकती है। इस लिवर डिजीज के लिए सबसे पहला और मुख्य ट्रीटमेंट है डायट में बदलाव। आज हम बात करने वाले हैं फैटी लिवर डायट (Fatty liver diet) के बारे में। जानिए, फैटी लिवर डायट (Fatty liver diet) में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। लेकिन, सबसे पहले जानते हैं कि फैटी लिवर डिजीज (Fatty liver Disease) क्या है?
फैटी लिवर डिजीज क्या है? (Fatty liver disease)
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ डायबिटीज और डायजेस्टिव और किडनी डिजीज (National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases) के अनुसार यह वो डिजीज है, जिसमें रोगी के लिवर में फैट जमा हो जाता है। एल्कोहॉल की वजह से होने वाली समस्या को एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (Alcoholic fatty liver disease) कहा जाता है। लेकिन, अगर इस समस्या का कारण एल्कोहॉल नहीं होता है, तो इसे नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (Non- Alcoholic Fatty liver Disease) से जाना जाता है। अधिकतर लोगों को इस समस्या का कोई लक्षण नजर नहीं आता है। लेकिन, इसके कुछ सामान्य इस प्रकार लक्षण हो सकते हैं:
- थकावट (Feel tired)
- बीमार महसूस होना (Feeling unwell)
- पेट में या पेट के ऊपरी दाहिने भाग में दर्द (Pain in abdomen or in upper right part of abdomen)
- वजन का कम होना (Loose weight)
ऊपर दिए लक्षणों के अलावा रोगी में अन्य लक्षण भी नजर आ सकते हैं। जैसा की आप जानते ही हैं कि फैटी लिवर डिजीज (Fatty liver diet) में डायट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह फैटी लिवर डायट (Fatty liver diet) इस प्रकार है। जानिए इसके बारे में विस्तार से:
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फैटी लिवर डायट में किन चीजों को शामिल करें? (Fatty liver diet)
फैटी लिवर डायट (Fatty liver diet) में विभिन्न तरह का आहार शामिल होना चाहिए। इस स्थिति में रोगी के आहार में कैलोरी कम होनी चाहिए, जबकि फायबर की मात्रा अधिक होनी चाहिए। इस आहार में कॉम्प्लेक्स कार्बोहायड्रेट्स, फायबर और प्रोटीन की सही मात्रा होनी चाहिए, ताकि आपको एनर्जी मिले। आपको ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए, जिससे सूजन कम हो और शरीर के सेल्स की रिपेयर करने में भी मदद मिल सके। अगर आपको फैटी लिवर जैसी बीमारी है, तो आपको इन चीजों के सेवन की सलाह दी जाती है, जैसे:
फैटी लिवर डायट में लहसुन (Garlic)
लहसुन फैटी लीवर के रोगियों को कई लाभ प्रदान कर सकता है। इसके साथ ही लहसुन शरीर का वजन भी कम कर सकता है। लहसुन के हमारे स्वास्थ्य के लिए कई अन्य फायदे भी हैं।
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स (Omega-3 fatty acids)
ऐसा माना जाता है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (Fatty liver diet) में फैट के लेवल को सुधारने और हाय डेंसिटी लिपोप्रोटीन (High-density lipoprotein) कोलेस्ट्रॉल लेवल को सही रखने में मददगार होते हैं। हालांकि, इसके बारे में अधिक रिसर्च जरूरी है। इन फूड्स में यह सब शामिल है:
- सालमोन (Salmon)
- अखरोट (Walnuts)
- अलसी के बीज (Flaxseed)
इसके लिए कॉफी को भी फायदेमंद माना जाता है। कॉफी पीने से न केवल एनर्जी मिलती है बल्कि फैटी लिवर डिजीज (Fatty liver diet) से पीड़ित लोगों के लिए भी लाभदायक है। यह बात साबित हुई है कि कॉफी से लिवर में फैट की मात्रा कम होती है।
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ब्रॉकोली (Broccoli)
फैटी लिवर डिजीज (Fatty liver disease) की स्थिति में सब्जियां भी लाभदायक साबित हो सकती हैं। अगर कोई व्यक्ति इस समस्या से पीड़ित है, तो उसे अपने आहार में सब्जियों जैसे ब्रॉकोली आदि को अवश्य शामिल करना चाहिए।
ग्रीन टी (Green tea)
ग्रीन टी का प्रयोग आमतौर पर मेटाबॉलिज्म को सुधारने में मदद करने के लिए किया जाता है। लेकिन, ऐसा माना जाता है कि खून के साथ ही पूरे शरीर में फैट की मात्रा को कम करने में यह मददगार होती है। इसका सेवन करने से फैटी लिवर डिजीज (Fatty liver disease) को कम करने में सहायता मिलती है। इनका सेवन करने से कई एंटीऑक्सीडेंट्स भी प्राप्त होते हैं, जिनमें से एक है कैटेकिन (Catechin)। यह भी फैटी लिवर को सुधारने में मददगार है।
फैटी लिवर डायट में अखरोट (Walnuts)
फैटी लिवर डायट (Fatty liver diet) में अखरोट को भी शामिल किया जा सकता है और फैटी लिवर डायट (Fatty liver diet) में इन्हें शामिल करना आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है।
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सोया और वे प्रोटीन (Soy or Whey Protein)
सोया और वे प्रोटीन लिवर में फैट बिल्डअप को कम करते हैं। सोया प्रोटीन वजन को कम करने में भी सहायक है। यही नहीं, इसमें जो एंटीऑक्सीडेंट होता है, उसे आइसोफ्लेवोंस (Isoflavones) कहा जाता है। इससे इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin sensitivity) सुधरती है और शरीर में फैट्स का लेवल कम होता है।
फैटी लिवर डायट में ओलिव ऑयल (Olive oil)
यह हेल्दी ऑयल ओमेगा 3 फैट एसिड्स से भरपूर होता है। यह अन्य तेल या मक्खन आदि से अधिक स्वस्थ होता है। यह ओलिव ऑयल, लिवर एंजाइम लेवल और वजन को कंट्रोल करने में भी मददगार है। यानी, फैटी लिवर डायट (Fatty liver diet) में इसे शामिल करना भी आपके लिए लाभदायक हो सकता है।
यह तो थी जानकारी कि आपको फैटी लिवर डिजीज (Fatty liver diet) में आपको किन चीजों का शामिल करना चाहिए। इसके अलावा कुछ अन्य चीज़ें भी आपके लिए लाभदायक साबित हो सकती हैं जैसे सनफ्लॉवर सीड्स,आलमंड मिल्क, फल, सब्जियां, फिश, मेवे आदि। अब जानिए कि फैटी लिवर डायट (Fatty liver diet) में किन चीजों को नहीं लेना चाहिए?
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फैटी लिवर डायट में किन चीजों को शामिल न करें? (Fatty liver diet)
कुछ चीजों को फैटी लिवर डायट में कभी भी शामिल नहीं करना चाहिए। इन्हें लेने से लिवर में फैट की मात्रा बढ़ सकती है। जानिए इन चीजों के बारे में विस्तार से:
शुगर और एडेड शुगर (Sugar and added sugars)
एडेड शुगर को लेने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है और इसके साथ लिवर में भी फैट की मात्रा भी बढ़ सकती है। इनमें कैंडी, आइसक्रीम, सोडा और फ्रूट ड्रिंक्स आदि शामिल हैं। एडेड शुगर में पैकेज्ड फ़ूड और इसके साथ ही चाय आदि भी शामिल है। इन चीजों को नजरअंदाज करने से लिवर में फैट की मात्रा कम होती है।
एल्कोहॉल (Alcohol)
एल्कोहॉल फैटी लिवर डिजीज (Fatty liver diet) का सबसे सामान्य कारण है। एल्कोहॉल लिवर को बहुत अधिक प्रभावित करता है। यह फैटी लिवर डिजीज (Fatty liver disease) और अन्य लिवर डिजीज जैसे सिरॉसिस (cirrhosis) का कारण भी बन सकता है। इसलिए, फैटी लिवर डिजीज से पीड़ित व्यक्ति को अपने आहार में एल्कोहॉल की मात्रा कम लेनी चाहिए या पूरी तरह से इसे नजरअंदाज करना चाहिए।
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रिफाइंड अनाज (Refined grains)
प्रोसेस्ड और रिफाइंड अनाज जैसे व्हाइट ब्रेड, पास्ता और राइस आदि को लेने से भी लिवर में से फैट की मात्रा अधिक हो सकती है। इसलिए, फैटी लिवर डायट (Fatty liver diet) में आपको इन्हें शामिल नहीं करना चाहिए। यही नहीं, रिफाइंड अनाज से मेटाबोलिक सिंड्रोम का जोखिम भी रहता है। इसकी जगह आपको सब्जियों, व्होल वीट, फलों आदि का सेवन करना चाहिए।
तला हुआ और सॉल्टी फूड्स (Fried or Salty foods)
तले हुए और सॉल्टी फूड में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है। इनसे वजन और मोटापा बढ़ता है। वजन का अधिक होना यानी मोटापा फैटी लिवर डिजीज (Fatty liver diet) का एक मुख्य कारण है। लेकिन, तले हुए और अधिक नमक युक्त आहार की जगह मसाले और हर्ब्स को इनमें शामिल करें। तलने की जगह आप खाने को स्ट्रीम करें या बेक करें।
मीट (Meat)
यह बात साबित हो चुकी है कि सेचुरेटेड फैट इन्टेक से लिवर और अन्य ऑर्गन में फैट की मात्रा बढ़ती है। ऐसे में, मीट का सेवन करना भी वर्जित माना जाता है। जैसे बीफ, पोर्क आदि में सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा अधिक होती है। इनका सेवन करने से आपको बचना चाहिए। इनकी जगह लीन मीट्स, टोफू आदि का सेवन करना चाहिए। यह तो थी फैटी लिवर डायट (Fatty liver diet) के बारे में जानकारी। लेकिन, इस समस्या से बचने के लिए अन्य उपायों भी अपनाए जा सकते हैं। जानिए इनके बारे में।
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फैटी लिवर डिजीज से बचने के अन्य उपाय कौन से हैं?
इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस समस्या से बचने के लिए मरीज के लिए अपने खानपान का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। लेकिन, फैटी लिवर डायट (Fatty liver diet) के साथ ही कुछ अन्य उपाय भी हैं, जो इसमें रोगी के लिए लाभदायक हो सकते हैं, जैसे:
अधिक व्यायाम (Exercise more)
वजन कम होना, सही न्यूट्रिशन लेना और हेल्दी आहार यह सभी उपाय लिवर डिजीज से राहत पाने में मददगार हो सकते हैं। इससे न केवल आपका वजन सही रहेगा बल्कि आप कई अन्य समस्याओं से भी बच सकते हैं। इनके साथ ही दिन में कुछ समय व्यायाम के लिए जरूर निकालें।
पर्याप्त नींद (Enough Sleep)
पर्याप्त नींद हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है। लेकिन, लिवर डिजीज से पीड़ित लोगों के लिए शरीरिक रूप से एक्टिव रहना बेहद जरूरी है। अगर आपको नींद सबंधी समस्याएं हैं जैसे स्लीप एप्निया (Sleep apnea), तो सबसे पहले इनका उपचार आवश्यक है। एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना सात से आठ घंटे की नींद लेने की सलाह दी जाती है।
कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज के लेवल को सही रखें (Maintain Right Cholesterol and Diabetic level)
अगर आपको लिवर संबंधी कोई भी समस्या है, तो आपके लिए इनके लेवल को सही रखना भी आवश्यक है। इसके लिए आप व्यायाम करें, तनाव से बचें और नियमित रूप से इनकी जांच करें। अगर यह कंट्रोल न हों, तो आप अपने डॉक्टर से भी बात कर सकते हैं। इसके साथ ही फैटी लिवर डायट (Fatty liver diet) का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
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उम्मीद है कि आपको फैटी लिवर डायट (Fatty liver diet) से संबंधित यह जानकारी पसंद आई होगी। इस बीमारी के लिए कोई भी एप्रूव्ड दवा नहीं है। लेकिन, डॉक्टर आपको लिवर की अन्य समस्याओं के लिए दवा दे सकते हैं। आमतौर पर फैटी लिवर की स्थिति में सही डायट और व्यायाम से लाभ होता है। लेकिन, अगर ऐसा न हो तो मेडिकल हेल्प लें। ताकि, अगर आपको कोई अन्य समस्या है तो उसका निदान और सही उपचार हो सके। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से राय लेना न भूलें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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