गर्भावस्था के दौरान और बाद में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए व्यायाम करना एक आसान और सबसे बेहतर तरीका है। गर्भावस्था की पहली तिमाही के व्यायाम में ज्यादातर डॉक्टर लो-इंटेसिटी एक्सरसाइज करने का निर्देश देते हैं जिससे गर्भवती महिला के भ्रूण पर ज्यादा असर ना पड़ें। आसान एक्सरसाइज, योग और वॉक से गर्भवती महिला अपने आपको स्वस्थ रख सकती है। इस आर्टिकल में हम प्रेगनेंसी फर्स्ट ट्राइमेस्टर के व्यायाम के लाभ और पहली तिमाही में सुरक्षित रहने वाली गतिविधियों के बारे में जानने और समझने की कोशिश करेंगे।
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गर्भावस्था की पहली तिमाही के व्यायाम के क्या-क्या फायदे हैं ?
प्रेग्नेंसी के दौरान व्यायाम करके गर्भवती महिला खुद को फिट रखने के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु (भ्रूण) को भी फिट रख सकती हैं।
गर्भावस्था की पहली तिमाही के व्यायाम करने के कई फायदे हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं –
- मॉर्निंग सिकनेस कम होती हैं
- अच्छी नींद आती है
- मूड स्विंग्स की समस्या भी कम होती है
- तनाव और चिंता कम होती है
- डिलिवरी आसानी से होती है
- कब्ज और पाइल्स (Piles) की परेशानी भी दूर होती है
- जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा कम होता है
- हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है
- वजन नियंत्रित रहता है
- प्रेग्नेंसी के बाद भी वजन संतुलित रहता है
- गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से सिजेरियन डिलिवरी की आवश्यकता कम हो सकती है
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गर्भावस्था की पहली तिमाही के व्यायाम में क्या करें अवॉयड
गर्भावस्था के दौरान कम प्रभाव वाले व्यायाम सबसे सुरक्षित हैं। प्रेगनेंसी फर्स्ट ट्राइमेस्टर के व्यायाम में लो-इंटेंसिटी एक्सरसाइज करने से कंजेनिटल असामान्यता (congenital abnormalities) और गर्भपात से जुड़ी जटिलताओं के कारण कम से कम होने की संभावना है।
गर्भावस्था की पहली तिमाही के व्यायाम करने में यह नुकसानदेह हो सकता हैः
- ऐसी एक्सरसाइज जो गर्भाशय और भ्रूण पर बहुत अधिक दबाव डालता हो
- जो गर्भवती महिला के जोड़ों, मांसपेशियों और हड्डियों पर अधिक दबाव डालता है
- जिसकी वजह से महिला को अधिक गर्मी होती है
- जिसकी वजह से महिला को डिहाइड्रेशन हो सकता है
अधिकांश प्रेगनेंसी फर्स्ट ट्राइमेस्टर
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प्रेग्नेंसी की शुरुआत में एक्सरसाइज करने के लिए क्या है जरूरी टिप्स ?
- शरीर में पानी की कमी न होने दें
- आरामदायक और ढ़ीले कपड़े पहने
- आरामदायक जूते ही पहनें
- एक्सरसाइज करने के दौरान ठीक तरह से ब्रीदिंग (सांस लें) करें
- हार्ट रेट का ध्यान रखें
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सुरक्षित गर्भावस्था की पहली तिमाही के व्यायाम कौन से हैं?
प्रेग्नेंसी के दौरान कम मेहनत वाली एक्सरसाइज करें। निम्नलिखित एक्सरसाइज प्रेग्नेंसी के पहली तिमाही में की जा सकती हैं:
गर्भावस्था की पहली तिमाही के व्यायाम :
1. लो-इंटेंसिटी एक्सरसाइज
गर्भावस्था की पहली तिमाही के व्यायाम में महिलाओं को लो-इंटेंसिटी करनी चाहिए। लो-इंटेंसिटी वेट ट्रेनिंग के दौरान हल्का वजन उठाया जा सकता है। नियमित वॉकिंग करें और साथ ही आसान योगा और स्विमिंग भी की जा सकती है। बॉडी में ब्लड सर्क्यूलेशन को ठीक रखने के साथ-साथ यह मूड को भी बेहतर करता है।
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2. पिलाटे (Pilates) एक्सरसाइज
गर्भावस्था की पहली तिमाही के व्यायाम में पिलाटे एक्सरसाइज को अपने एक्सरसाइज रूटिन में शामिल करें। मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए पिलाटे एक्सरसाइज की जाती है। पिलाटे एक ऐसी एक्सरसाइज है, जो पेट, लोअर बैक और हिप्स की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है। पिलाटे एक्सरसाइज में किसी मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जाता। इसमें सिर्फ फ्लोर मैट की जरूरत होती है। इसमें पूरी तरह मसल्स का वर्कआउट होता है और एब्डोमेन, हिप्स और थाइज पर फोकस रहता है। इस एक्सरसाइज से गर्भ में पल रहे शिशु के वजन का दवाब कम पड़ता है और एब्डोमेन, हिप्स और थाइज के मसल्स डिलिवरी के बाद भी ढ़ीले नहीं पड़ते हैं। प्रेगनेंसी फर्स्ट ट्राइमेस्टर के व्यायाम में आप लो-इेंटेंसिटी एक्सरसाइज में पिलाटे को जोड़ सकते हैं।
3. कीगल्स (Kegels) एक्सरसाइज
प्रेगनेंसी फर्स्ट ट्राइमेस्टर के व्यायाम में आप कीनल एक्सरसाइज भी कर सकते हैं। 10-20 मिनट कीगल्स (Kegels) एक्सरसाइज करने को प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलिवरी के बाद भी हेल्थ के लिए बेहतर माना जाता है। कीगल्स एक्सरसाइज करने से गर्भावस्था में होने वाली कई यूरिन और पेल्विक संबंधी समस्या दूर होती है। कीगल्स एक्सरसाइज मैट पर आसानी से लेट कर की जा सकती है। इस एक्सरसाइज से पेल्विक फ्लोर मसल्स स्ट्रांग होते हैं और डिलिवरी के दौरान परेशानी कम होती है।
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4. स्क्वॉट्स (squats) एक्सरसाइज
स्क्वॉट्स एक्सरसाइज शरीर की ज्यादातर मसल्स पर असर करती है। इस वर्कआउट से कंधों, कमर और पैर की सभी मसल्स मजबूत होती हैं। स्क्वॉट्स लोअर बैक पेन और पेल्विक पेन को कम करने में मदद करता है। गर्भावस्था की पहली तिमाही के व्यायाम में आप स्क्वाट्स कर सकते हैं यह सुरक्षित होने के साथ-साथ महिलाओं के लोउर पार्ट को मजबूत बनाता है।
5. स्टेपिंग लंजस (Stepping lunges)
प्रेग्नेंसी में किये जाने वाले एक्सरसाइज में स्टेपिंग लंजस महत्वपूर्ण माना जाता है। यह शरीर के निचले हिस्से को मजबूत करने में मदद करता है, जो पेट के बढ़ते वजन के साथ ही अतिरिक्त वजन को संभालने में मदद करता है। प्रेगनेंसी फर्स्ट ट्राइमेस्टर के व्यायाम में आप स्टेपिंग लंजस भी कर सकते हैं। यह शरीर के बढ़े हुए वजन को संभालने में मदद करता है।
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6. साइड प्लैंक (Side plank)
साइड प्लैंक मैट पर लेट कर की जाने वाली एक्सरसाइज है। शरीर लचीला होने के साथ-साथ पीठ दर्द, तनाव और गर्भावस्था में होने वाले डिप्रेशन से भी राहत दिलाने वाला एक्सरसाइज माना जाता है। साइड प्लैंक से कोर मसल्स मजबूत होती है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या का भी खतरा कम होता है।
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प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में एक्सरसाइज कर रहीं हैं, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें –
- डॉक्टर से सलाह लेकर ही एक्सरसाइज करें।
- एक्सरसाइज या योग करते वक्त फिटनेस एक्सपर्ट की सलाह लें या उनकी मौजूदगी में ही एक्सरसाइज करें।
- ऐसी एक्सरसाइज जिनसे यूटरस और फीटस पर जोर पड़ता है उन्हें न करें।
- जरूरत से ज्यादा एक्ससरसाइज न करें।
- एक्सरसाइज के दौरान अत्यधिक गर्मी महसूस होती है, तो एक्सरसाइज न करें।
- डीहाइड्रेशन महसूस होने पर एक्सरसाइज नहीं करें।
- कमजोरी, चक्कर या उल्टी आने पर एक्सरसाइज नहीं करें।
- एक्सरसाइज करने के दौरन सिरदर्द होने पर भी वर्कआउट न करें।
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही के व्यायाम का विशेष महत्व है। इससे मसल्स मजबूत होती हैं जो आगे की प्रेग्नेंसी में मदद करती हैं लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज करने के पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें कि आपको एक्सरसाइज करना चाहिए या नहीं? इसाके साथ ही इस समय अपने आहार का पूरा-पूरा ध्यान रखें। गर्भावस्था में पौष्टिक आहार का सेवन दोनों के लिए जरूरी है। इस दौरान अगर कोई समस्या आती है, तो डॉक्टर से बिना देर किए संपर्क करें।
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