और पढ़ेंः ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के मरीजों के लिए एक्सरसाइज से जुड़े टिप्स
2. पिलाटे (Pilates) एक्सरसाइज
गर्भावस्था की पहली तिमाही के व्यायाम में पिलाटे एक्सरसाइज को अपने एक्सरसाइज रूटिन में शामिल करें। मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए पिलाटे एक्सरसाइज की जाती है। पिलाटे एक ऐसी एक्सरसाइज है, जो पेट, लोअर बैक और हिप्स की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है। पिलाटे एक्सरसाइज में किसी मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जाता। इसमें सिर्फ फ्लोर मैट की जरूरत होती है। इसमें पूरी तरह मसल्स का वर्कआउट होता है और एब्डोमेन, हिप्स और थाइज पर फोकस रहता है। इस एक्सरसाइज से गर्भ में पल रहे शिशु के वजन का दवाब कम पड़ता है और एब्डोमेन, हिप्स और थाइज के मसल्स डिलिवरी के बाद भी ढ़ीले नहीं पड़ते हैं। प्रेगनेंसी फर्स्ट ट्राइमेस्टर के व्यायाम में आप लो-इेंटेंसिटी एक्सरसाइज में पिलाटे को जोड़ सकते हैं।
3. कीगल्स (Kegels) एक्सरसाइज
प्रेगनेंसी फर्स्ट ट्राइमेस्टर के व्यायाम में आप कीनल एक्सरसाइज भी कर सकते हैं। 10-20 मिनट कीगल्स (Kegels) एक्सरसाइज करने को प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलिवरी के बाद भी हेल्थ के लिए बेहतर माना जाता है। कीगल्स एक्सरसाइज करने से गर्भावस्था में होने वाली कई यूरिन और पेल्विक संबंधी समस्या दूर होती है। कीगल्स एक्सरसाइज मैट पर आसानी से लेट कर की जा सकती है। इस एक्सरसाइज से पेल्विक फ्लोर मसल्स स्ट्रांग होते हैं और डिलिवरी के दौरान परेशानी कम होती है।
और पढ़ेंः इस बॉल से करें एक्सरसाइज, मोटापा होगा कम और बाजु भी आएंगे शेप में
4. स्क्वॉट्स (squats) एक्सरसाइज
स्क्वॉट्स एक्सरसाइज शरीर की ज्यादातर मसल्स पर असर करती है। इस वर्कआउट से कंधों, कमर और पैर की सभी मसल्स मजबूत होती हैं। स्क्वॉट्स लोअर बैक पेन और पेल्विक पेन को कम करने में मदद करता है। गर्भावस्था की पहली तिमाही के व्यायाम में आप स्क्वाट्स कर सकते हैं यह सुरक्षित होने के साथ-साथ महिलाओं के लोउर पार्ट को मजबूत बनाता है।
5. स्टेपिंग लंजस (Stepping lunges)
प्रेग्नेंसी में किये जाने वाले एक्सरसाइज में स्टेपिंग लंजस महत्वपूर्ण माना जाता है। यह शरीर के निचले हिस्से को मजबूत करने में मदद करता है, जो पेट के बढ़ते वजन के साथ ही अतिरिक्त वजन को संभालने में मदद करता है। प्रेगनेंसी फर्स्ट ट्राइमेस्टर के व्यायाम में आप स्टेपिंग लंजस भी कर सकते हैं। यह शरीर के बढ़े हुए वजन को संभालने में मदद करता है।
और पढ़ेंः प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में एक्सरसाइज करने से पहले रखें इन बातों का ध्यान
6. साइड प्लैंक (Side plank)
साइड प्लैंक मैट पर लेट कर की जाने वाली एक्सरसाइज है। शरीर लचीला होने के साथ-साथ पीठ दर्द, तनाव और गर्भावस्था में होने वाले डिप्रेशन से भी राहत दिलाने वाला एक्सरसाइज माना जाता है। साइड प्लैंक से कोर मसल्स मजबूत होती है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या का भी खतरा कम होता है।