भारत में हस्तमैथुन यानि मास्टरबेशन को लेकर बहुत-सी मनगढ़ंत धारणाएं प्रचलित हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा प्रचलित यह है कि पुरुष के हस्तमैथुन से स्पर्म काउंट घटता है। समाज में फैली यह धारणा पूरी तरह से निराधार और गलत है। फिर क्यों लोगों के बीच ये सवाल इतनी गरमा गर्मी बढ़ाए हुए है? आइए, आज आपको हम पुरुष हस्तमैथुन और स्पर्म काउंट के बीच की गणित समझाते हैं। इसके साथ ही आर्टिकल में पुरुष हस्तमैथुन के फायदे के बारे में भी बताया जा रहा है।
पुरुष हस्तमैथुन या मास्टरबेशन (Masturbation) क्या है?
हस्तमैथुन में व्यक्ति अपने जननांगों को छूकर खुद को उत्तेजित करता है। पुरुष और महिला दोनों हस्तमैथुन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया एक सामान्य बात है। कई कपल्स एक साथ हस्तमैथुन करते हैं और इसे अपने रिश्ते के लिए बहुत ही सुखद भी बताते हैं। वहीं, कुछ महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान हार्मोन परिवर्तन (hormonal changes) की वजह से यौन इच्छा बढ़ जाती है। हस्तमैथुन प्रेगनेंसी के दौरान सेक्शुअल टेंशन (यौन तनाव) जारी करने का एक सुरक्षित तरीका है।
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हस्तमैथुन कौन करता है?
आपको बता दें कि हस्तमैथुन एक बहुत ही सामान्य व्यवहार है। यह न केवल सिंगल ब्लकि सेक्स पार्टनर्स के बीच भी किया जाता है। एक राष्ट्रीय अध्ययन में, 95% पुरुषों और 89% महिलाओं ने बताया कि उन्होंने हस्तमैथुन किया है। मास्टरबेशन पुरुषों और महिलाओं द्वारा अनुभव किया गया पहला यौन कार्य है। हस्तमैथुन छोटे बच्चों में उसके शरीर के बढ़ते अंग और परिवर्तन को महसूस कराने और समझाने में मदद करता है। यह शरीर में हो रहे बदलाव को समझने के लिए सही माना जाता है। अधिकांश लोग युवावस्था में हस्तमैथुन करना जारी रखते हैं और कई लोग जीवन भर इसे करना पसंद करते हैं। इसे करने वाले व्यक्ति को सही या गलत नहीं कहा जा सकता है। यह एक मानव शरीर में हो रहे परिवर्तन का एक हिस्सा माना जा सकता है।
लोग हस्तमैथुन क्यों करते हैं?
बेहतर महसूस कराने के अलावा भी मास्टरबेशन करने के कई कारण हो सकते हैं। समय के साथ अक्सर कुछ लोग तनाव का शिकार हो जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए मास्टरबेशन एक अच्छा तरीका है। यह खासतौर पर ऐसे लोगों के लिए बेहतर हो सकता है, जो बिना साथी के या जिनके साथी सेक्स के लिए तैयार या उपलब्ध नहीं हैं। हस्तमैथुन उन लोगों के लिए भी एक सुरक्षित यौन विकल्प है, जो गर्भावस्था से बचने और यौन रोगों के खतरों से बचना चाहते हैं। यह तब भी आवश्यक होता है, जब एक पुरुष को बांझपन परीक्षण के लिए या शुक्राणु दान के लिए वीर्य का सैंपल देना पड़ता है। जब एक वयस्क में यौन रोग मौजूद होता है, तो मास्टरबेशन सेक्स चिकित्सक द्वारा निर्धारित किया जा सकता है। जो कि किसी महिला को संभोग का अनुभव करने और पुरूष को सेक्स के दौरान देर से ऑर्गैज्म पाने में भी मदद कर सकता है।
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पुरुष हस्तमैथुन और स्पर्म का रिश्ता
मास्टरबेट करने का मतलब ये नहीं है कि इसकी वजह से आपका पिता बनने का सपना टूट जाएगा। परंतु अगर आप निकट भविष्य में अपना परिवार बढ़ाने का सोच रहे हैं, तो आपको कुछ समय के लिए हस्तमैथुन को रोकना पड़ेगा, ताकि आप अपने साथी को गर्भ धारण कराने में सफल हो पाएं।
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क्या हस्तमैथुन करने से कोई स्वास्थ्य समस्या हो सकती है?
हस्तमैथुन करने से शारीरिक या मानसिक रूप से कोई नुकसान नहीं होता है, भले ही आप इसे अक्सर क्यों न करते हों। यदि आप कम समय में बहुत अधिक हस्तमैथुन करते हैं तो आपके जननांगों में दर्द हो सकता है। यदि आप एक साथी के साथ हस्तमैथुन करते हैं, तो यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) से गुजरने या होने का जोखिम तब-तक कम होता है, जब तक कि आप अपने जननांगों से कोई तरल पदार्थ नहीं निकालते हैं, जैसे कि वीर्य, आपकी उंगलियों पर या किसी अन्य में अंगो पर होना।
हालांकि लोग हस्तमैथुन करने के बारे में बात करने के लिए शर्मिंदा हो सकते हैं, आपको इसके बारे में शर्मिंदा नहीं होना चाहिए या ऐसा करने के बारे में स्वंय को दोषी नहीं मानना चाहिए। यदि आपको लगता है कि हस्तमैथुन करने की आवश्यकता आपके रोजमर्रा के जीवन में हस्तक्षेप कर रही है, तो जीपी (डॉक्टर ) से बात करने से मदद मिल सकती है।
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क्या हस्तमैथुन करने से शरीर का सारा स्पर्म खत्म हो जाएगा?
आमतौर पर, लोगों के बीच ऐसी धारणा है कि हमारे शरीर में स्पर्म की मात्रा फिक्स है। लेकिन, असल में ऐसा कुछ भी नहीं है। हमारे शरीर में स्पर्म का नियमित उत्पादन होता है। बिल्कुल वैसे ही, जैसे खून हमारे शरीर में बनता है। ठीक उसी तरह, स्पर्म भी हमारे शरीर में बनता है। जैसे-जैसे हम वृद्धावस्था की तरफ बढ़ते हैं, वैसे-वैसे इसका उत्पादन कम होता जाता है। तो ज्यादा हस्तमैथुन करने से स्पर्म काउंट में कोई कमी नहीं आती।
लो स्पर्म काउंट के अन्य कारण
लो स्पर्म काउंट को ओलिगोस्पर्मिया भी कहा जाता है। यह पुरुषों में होने वाले बांझपन का मुख्य कारण है। लो स्पर्म काउंट के कारण में हस्तमैथुन के अलावा मोटापा या अधिक वजन, ट्रामा का अनुभव या अंडकोष के आसपास की सर्जरी करवाना और कुछ विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन शामिल है।
इसके अलावा अगर आपके अंडकोष अत्यधिक हीट या अन्य किसी चिकित्सीय बीमारी की चपेट में आते हैं, तो लो स्पर्म काउंट का खतरा बढ़ जाता है।
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पुरुष हस्तमैथुन के बारे में क्या कहते हैं अध्ययन?
हस्तमैथुन हानिरहित है लेकिन, यदि आप इसे ज्यादा करते हैं तो जननांगों में समस्या पैदा हो सकती है। एक शोध किया गया, जिसमें 21 मेडिकल छात्रों के स्पर्म की क्वालिटी की जांच की गई। इस शोध में यह बात सामने आई कि पहले दिन 21 छात्रों के स्पर्म के नमूनों की एवरेज डेन्सिटी 64.4 मिलियन प्रति मिलीलीटर थी, जबकि शोध के तीसरे और पांचवें दिन क्रमशः 52.2 और 50.7 मिलीलीटर थे।
हालांकि, स्पर्म की क्वालिटी में कोई फर्क नहीं था। इस शोध से ये बात पता चला कि नियमित हस्तमैथुन करने की वजह से शरीर में उतना स्पर्म बन नहीं पाता। क्योंकि, हस्तमैथुन करने की गति शरीर में स्पर्म बनने की गति से ज्यादा है और इसी कारण अगली बार हस्तमैथुन करने पर कम मात्रा में स्पर्म बाहर आता है। इसी वजह से लोगों में यह गलत धारणा फैल जाती है कि हस्तमैथुन करने से स्पर्म काउंट घटता है।
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क्या आप बहुत अधिक हस्तमैथुन करते हैं?
अधिकतर लोग ‘बहुत ज्यादा’ हस्तमैथुन करने के बारे में चिंता करते हैं, लेकिन हस्तमैथुन कितना करना सही है? इसके बारे में कोई मापदंड नहीं है। चाहे आप दिन में एक बार करें या एक से भी अधिक बार करें। हस्तमैथुन करना केवल तब एक समस्या की तरह देखा जाता है, जब आप हर समय इसके बारे में सोचते रहते हैं। जैसे स्कूल जाने, काम करने, अपने दोस्तों और परिवार के साथ घूमने या अन्य गतिविधियों के समय पर भी हस्तमैथुन करने के बारे में सोचना एक समस्या हो सकती है।
लेकिन जब तक हस्तमैथुन आपके रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित नहीं करता है, तब तक आपको इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। नियमित रूप से हस्तमैथुन करना पूरी तरह से ठीक है।
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हस्तमैथुन का मस्तिष्क पर प्रभाव
हस्तमैथुन करते समय मस्तिष्क में से हॉर्मोन निकलते हैं, जिसमें सबसे जरुरी हार्मोन डोपामाइन है। इसको हैप्पी हॉर्मोन के नाम से भी जाना जाता है। यह हॉर्मोन मस्तिष्क में पर्याप्त मात्रा में होता है और आपको अच्छा महसूस करवाने में मदद करता है। इसके साथ ऑक्सीटॉसिन हॉर्मोन भी सोशल बॉन्डिंग में सुधार लाता हैं, डोपामाइन मूड और संतुष्टि को बढ़ाता है।
हस्तमैथुन और इम्यूनिटी
हस्तमैथुन करने से कॉर्टिसोल लेवल बढ़ता हैं, जिसकी वजह से आपका इम्यून सिस्टम बेहतर होता हैं। यह डिप्रेशन को कम कर के रक्त प्रवाह में एंडोर्फिन के स्तर को बढ़ाता है।
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हस्तमैथुन के फायदे
पुरुष हस्तमैथुन एक स्वस्थ यौन संबंधी गतिविधि है। अगर इसे एक लिमिट में किया जाए तो मास्टरबेशन करने के कई मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य लाभ भी हैं। जैसे-
- हस्तमैथुन से कामोत्तेजना (sexual desire) को बढ़ाया जा सकता है।
- मेंटल स्ट्रेस से राहत दिलाता है। मास्टरबेशन से कई तरह के न्यूरोट्रान्स्मीटर्स (जैसे-सेरोटॉनिन, एन्डॉर्फ़िन और ऑक्सिटोसिन) का उत्पादन होता है। जिससे आपको रिलैक्स महसूस होता है। इससे मूड सही होता है और नींद भी अच्छी आती है।
- तनाव घटने से आपके दिल की सेहत बेहतर होती है।
- इससे यौन संक्रमण होने का खतरा कम होता है।
- मास्टरबेशन से लंबे समय तक कामेच्छा को बनाए रखने में मदद मिलती है।
- कुछ रिसर्च के अनुसार नियमित रूप से वीर्यपात (ईजैक्यूलेशन) से प्रोस्टेट कैंसर की संभावना कम की जा सकती है। हांलाकि, डॉक्टर इस बात को लेकर निश्चित नहीं हैं। 2015 में हुए इस शोध में पाया गया कि जो पुरुष हस्तमैथुन को महीने में कम से कम 21 बार करते थे। उनमें प्रोस्टेट कैंसर की संभावना लगभग 20 प्रतिशत कम थी।
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पुरुष हस्तमैथुन के नुकसान
हस्तमैथुन यानी मास्टरबेशन किसी भी तरह से हानिकारक नहीं है। लेकिन, कुछ लोग हस्तमैथुन करना गलत मानते हैं। साथ ही कुछ लोगों में यह भी धारणा है कि लंबे समय तक मास्टरबेशन करने से कुछ स्वास्थ्य-समस्या भी पैदा हो सकती है। हालांकि, हस्तमैथुन की लत पड़ना ठीक नहीं है। कुछ पुरुष हस्तमैथुन करने के आदी हो जाते हैं।
इससे दैनिक जीवन बहुत प्रभावित होता है। साथ ही हस्तमैथुन करने का तरीका, सेक्शुअल इंटरकोर्स के दौरान पुरूषों की संवेदनशीलता को थोड़ा-बहुत प्रभावित कर सकता है। रिसर्च के अनुसार, लिंग (penis) को ज्यादा कस के पकड़कर हस्तमैथुन करने से यौन-संबंधों के समय संवेदनशीतला कम हो सकती है।
इसलिए, सेक्सोलॉजिस्ट का मानना है कि मास्टरबेशन करने के तरीके में बदलाव लाकर वजाइनल सेक्स (vaginal sex) के दौरान संवेदनशीलता के लेवल को बढ़ाया जा सकता है। ध्यान दें ज्यादा हस्तमैथुन करने से जेनिटल पार्ट्स को हानि पहुंच सकती है। यदि पुरुष हस्तमैथुन रफ तरीके से करते हैं तो ऐसा करना उनको नुकसान पहुंचा सकता है। इससे लिंग में चोट लगने का खतरा हो सकता है।
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डॉक्टर को दिखाएं अगर :
यदि आपको इनमें से कोई भी स्थिति है तो डॉक्टर से तुरंत परामर्श करना चाहिए:
- नियमित रूप से असुरक्षित सेक्स के बाद भी महिला गर्भधारण (conception) करने में असमर्थ हैं।
- इरेक्शन (erection) या स्खलन की समस्याएं (ejaculation problems), सेक्स ड्राइव का कम होना या यौन संबंधित अन्य समस्याएं।
- दर्द, बेचैनी, अंडकोष क्षेत्र में कोई गांठ या किसी तरह की सूजन होना।
- यदि आपकी अंडकोष या लिंग की सर्जरी हुई है।
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ऊपर बताई गई स्थितियों में से कोई भी सिचुएशन आपके साथ है और आपको सेक्स संबंधी किसी भी तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो डॉक्टर से बिना शर्म के तुरंत सलाह लेनी चाहिए।
हस्तमैथुन आपकी यौन इच्छा को पूरा करने का एक दूसरा माध्यम है। यह वैज्ञानिक तौर पर माना गया है कि पुरुष हस्तमैथुन यानी मास्टरबेशन से स्पर्म काउंट के घटने का कोई संबंध नहीं है। लेकिन, अति तो हर चीज की ही बुरी होती है। हस्तमैथुन ज्यादा करने से शरीर में और परेशनियां शुरू हो सकती हैं।
अगर आपको नियमित हस्तमैथुन करने से किसी तरह की परेशानी का अनुभव होता है, तो बिना किसी शर्म के आप किसी सही डॉक्टर से सम्पर्क करें और उचित परामर्श लेकर आगे बढ़ें।