क्या हस्तमैथुन करने से शरीर का सारा स्पर्म खत्म हो जाएगा?
आमतौर पर, लोगों के बीच ऐसी धारणा है कि हमारे शरीर में स्पर्म की मात्रा फिक्स है। लेकिन, असल में ऐसा कुछ भी नहीं है। हमारे शरीर में स्पर्म का नियमित उत्पादन होता है। बिल्कुल वैसे ही, जैसे खून हमारे शरीर में बनता है। ठीक उसी तरह, स्पर्म भी हमारे शरीर में बनता है। जैसे-जैसे हम वृद्धावस्था की तरफ बढ़ते हैं, वैसे-वैसे इसका उत्पादन कम होता जाता है। तो ज्यादा हस्तमैथुन करने से स्पर्म काउंट में कोई कमी नहीं आती।
लो स्पर्म काउंट के अन्य कारण
लो स्पर्म काउंट को ओलिगोस्पर्मिया भी कहा जाता है। यह पुरुषों में होने वाले बांझपन का मुख्य कारण है। लो स्पर्म काउंट के कारण में हस्तमैथुन के अलावा मोटापा या अधिक वजन, ट्रामा का अनुभव या अंडकोष के आसपास की सर्जरी करवाना और कुछ विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन शामिल है।
इसके अलावा अगर आपके अंडकोष अत्यधिक हीट या अन्य किसी चिकित्सीय बीमारी की चपेट में आते हैं, तो लो स्पर्म काउंट का खतरा बढ़ जाता है।
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पुरुष हस्तमैथुन के बारे में क्या कहते हैं अध्ययन?
हस्तमैथुन हानिरहित है लेकिन, यदि आप इसे ज्यादा करते हैं तो जननांगों में समस्या पैदा हो सकती है। एक शोध किया गया, जिसमें 21 मेडिकल छात्रों के स्पर्म की क्वालिटी की जांच की गई। इस शोध में यह बात सामने आई कि पहले दिन 21 छात्रों के स्पर्म के नमूनों की एवरेज डेन्सिटी 64.4 मिलियन प्रति मिलीलीटर थी, जबकि शोध के तीसरे और पांचवें दिन क्रमशः 52.2 और 50.7 मिलीलीटर थे।
हालांकि, स्पर्म की क्वालिटी में कोई फर्क नहीं था। इस शोध से ये बात पता चला कि नियमित हस्तमैथुन करने की वजह से शरीर में उतना स्पर्म बन नहीं पाता। क्योंकि, हस्तमैथुन करने की गति शरीर में स्पर्म बनने की गति से ज्यादा है और इसी कारण अगली बार हस्तमैथुन करने पर कम मात्रा में स्पर्म बाहर आता है। इसी वजह से लोगों में यह गलत धारणा फैल जाती है कि हस्तमैथुन करने से स्पर्म काउंट घटता है।
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क्या आप बहुत अधिक हस्तमैथुन करते हैं?
अधिकतर लोग ‘बहुत ज्यादा’ हस्तमैथुन करने के बारे में चिंता करते हैं, लेकिन हस्तमैथुन कितना करना सही है? इसके बारे में कोई मापदंड नहीं है। चाहे आप दिन में एक बार करें या एक से भी अधिक बार करें। हस्तमैथुन करना केवल तब एक समस्या की तरह देखा जाता है, जब आप हर समय इसके बारे में सोचते रहते हैं। जैसे स्कूल जाने, काम करने, अपने दोस्तों और परिवार के साथ घूमने या अन्य गतिविधियों के समय पर भी हस्तमैथुन करने के बारे में सोचना एक समस्या हो सकती है।
लेकिन जब तक हस्तमैथुन आपके रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित नहीं करता है, तब तक आपको इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। नियमित रूप से हस्तमैथुन करना पूरी तरह से ठीक है।
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हस्तमैथुन का मस्तिष्क पर प्रभाव
हस्तमैथुन करते समय मस्तिष्क में से हॉर्मोन निकलते हैं, जिसमें सबसे जरुरी हार्मोन डोपामाइन है। इसको हैप्पी हॉर्मोन के नाम से भी जाना जाता है। यह हॉर्मोन मस्तिष्क में पर्याप्त मात्रा में होता है और आपको अच्छा महसूस करवाने में मदद करता है। इसके साथ ऑक्सीटॉसिन हॉर्मोन भी सोशल बॉन्डिंग में सुधार लाता हैं, डोपामाइन मूड और संतुष्टि को बढ़ाता है।