backup og meta

ब्रेस्ट कैंसर का खतरा: जानिए कैसे रहें इस बीमारी से दूर

ब्रेस्ट कैंसर का खतरा: जानिए कैसे रहें इस बीमारी से दूर

भारतीय-अमेरिकी रिसर्च साइंटिस्ट ने एक ऐसे ड्रग की खोज की है जो ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करने में मदद कर सकता है। पीटीआई रिपोर्ट्स के मुताबिक ‘ये उन रोगियों के लिए अच्छी खबर है जो अब तक ट्रेडिशनल थेरिपी ले रहे थे’। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह प्रथम श्रेणी का ड्रग एक नए तरीके से ईस्ट्रोजन के प्रति संवेदनशील स्तन कैंसर को दूर करता है। प्रथम श्रेणी के ड्रग्स वे होते हैं जो एक अलग तरीके से काम करते हैं। इस मामले में एक मॉलिक्यूल ट्यूमर कोशिकाओं के ईस्ट्रोजन रिसेप्टर पर एक प्रोटीन को टारगेट करता है। आज इस आर्टिकल में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा (Risk factor of Breast cancer) क्यों होता है और ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी कई अन्य जानकारियां शेयर करेंगे।

और पढ़ें: सिलेक्टिव ईस्ट्रोजन रिसेप्टर मॉड्यूलेटर्स (SERMs): जानिए कैसे करते हैं ब्रेस्ट कैंसर को रोकने में मदद?

यूनीक मैकेनिज्म पर करता है काम

शोधकर्ताओं के अनुसार ‘फस्ट-इन-क्लास’ मॉलीक्यूल ईस्ट्रोजन के प्रति संवेदनशील स्तन कैंसर (Breast cancer) को दूर करेगा। ‘फर्स्ट-इन-क्लास’ ड्रग्स यूनीक मैकेनिज्म पर काम करता है। ये ट्यूमर सेल्स के ईस्ट्रोजन  रिसेप्टर प्रोटीन को टारगेट करता है। ये पोटेंशियल ड्रग ट्रेडीशनल थेरिपि के आदी हो चुके लोगों के लिए वरदान साबित होगा। टेक्सास साउथवेस्टर्न सीमन्स कैंसर सेंटर के प्रोफेसर गणेश राज कहते हैं कि, ‘ये फंडामेंटली डिफरेंट है। ईस्ट्रोजन-रिसेप्टर पॉजिटिव ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) के लिए नए वर्ग का एजेंट है। उन्होंने साथ ही कहा कि ये उपचारों की सीमाओं को पार कर रहा है।’

और पढ़ें: Throat cancer: गले (थ्रोट) का कैंसर क्या होता है? जानें इसके कारण, लक्षण व बचाव

समय के साथ आकार बदल लेता है ईस्ट्रोजन

ये हाॅर्मोन अन्य मॉलिक्यूल को अवरुद्ध करने का काम करता है। प्रोटीन जिसे कैंसर का सह-कारक कहा जाता है, को कैंसर कोशिकाओं के लिए ईस्ट्रोजन रिसेप्टर से भी मल्टीपल करना होगा। यह नया मॉलीक्यूल है जिसे ERX-11 कहा जाता है। ये पेप्टाइड या प्रोटीन बिल्डिंग ब्लॉक की नकल करता है। शोधकर्ता कहते हैं कि सभी ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) का टेस्ट यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि क्या ईस्ट्रोजन डेवलप करने की जरूरत है ? लगभग 80 % कैंसर ईस्ट्रोजन के प्रति संवेदनशील पाए जाते हैं। ट्रेडीशनल हाॅर्मोनल ड्रग्स ‘टेमोक्सीफेन’ कैंसर सेल्स (Cancer cells) में ईस्ट्रोजन रिसेप्टर नाम के मॉलीक्यूल को जोड़ने का काम करते हैं। ये एस्ट्रोजन को रिसेप्टर से बांधने से रोकता है। हालांकि ईस्ट्रोजन रिसेप्टर समय के साथ अपने आकार को बदल सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) क्या है?

ब्रेस्ट के टिशू में आसामान्य बदलाव को ब्रेस्ट कैंसर कहते हैं। निप्पल के आकार में बदलाव, स्किन में बदलाव, ब्रेस्ट में गांठ, स्तनों का सख्त होना, निप्पल से रक्त या तर्ल पदार्थ का आना आदि ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हैं। बहुत सारे लोग मानते हैं कि स्तन में गांठ होने का मतलब कैंसर (Cancer) है, लेकिन ऐसा नहीं होता है। ये जांच के बाद ही पता चल सकता है कि ये कैंसर है या नहीं। स्तन में होने वाले किसी भी बदलाव को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) की पहचान शुरू में ही हो जाए तो इसका इलाज सफल रूप से किया जा सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Breast cancer)

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करने के लिए सर्जरी की जाती है। इस सर्जरी में कैंसर सेल्स को पूरी तरह से हटा दिया जाता है। सर्जरी के साथ कीमोथेरेपी, टार्गेटेड थेरिपी, हाॅर्मोन थेरेपी (Hormone therapy) और रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy) का भी सहारा लिया जाता है।

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करने के लिए मुख्यत: दो तरह की सर्जरी की जाती है। पहली लम्पेक्टॉमी (Lumpectomy) और दूसरी मस्टेक्टॉमी (Mastectomy)।

लम्पेक्टॉमी- लम्पेक्टॉमी में कैंसर से प्रभावित ब्रेस्ट टिशू को हटा दिया जाता है, जिससे कैंसर फैलने का खतरा न रहे। ब्रेस्ट का कितना हिस्सा हटाया जाए यह ट्यूमर के आकार और स्थान पर निर्भर करता है।

मास्टेकटॉमी- मास्टेकटॉमी में जो जगह कैंसर से प्रभावित होती है, उसे हटाया जाता है। यह तब किया जाता है जब ब्रेस्ट का ज्यादातर हिस्सा या पूरे ब्रेस्ट में कैंसर के सेल्स होते हैं। इस सर्जरी में पीड़ित महिला के ब्रेस्ट को ही हटा दिया जाता है।

सर्जरी कराने के बाद निम्नलिखित परेशानियों का खतरा होता है:

ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी (Breast cancer surgery) कराने के बाद निम्नलिखित बातों का रखें ध्यान:

  • सर्जरी हो जाने के बाद हर समय बैठे या लेटे न रहें। सुबह शाम वॉक करने जाएं। लोगों से मिलें और बातचीत करें। इससे आप बेहतर महसूस करेंगी।
  • सर्जरी के बाद बहुत सारी महिलाओं को दर्द की शिकायत होती है। दर्द से घबराएं नहीं। यदि दर्द बहुत ज्यादा हो रहा है तो तुरंत अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें।
  • सर्जरी वाली जगह की एक्सट्रा केयर करने की जरूरत होती है। समय-समय पर बेंडेज को बदलें। किसी तरह की कोई लापरवाही न बरतें।
  • अपने डॉक्टर से सलाह लेकर हाथों की एक्सरसाइज (Workout) करें। ऐसा करने से आप जल्दी रिकवरी कर पाएंगी।
  • आपको अपनी डायट (Diet) में किन चीजों को लेना है और किन चीजों को एवॉइड करना है इसकी जानकारी अपने चिकित्सक से जरूर लें।

और पढ़ें : Lobular breast cancer: लोब्यूलर ब्रेस्ट कैंसर क्या है?

यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो साल 2020 तक कम से कम 17,97,900 महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की समस्या से पीड़ित हो सकती हैं। इसका मुख्य कारण अस्त-व्यस्त दिनचर्या और असंतुलित खानपान को माना जाता है। पहले गर्भधारण में देरी करना, शराब या सिगरेट का सेवन, बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) न करवाना, मोटापा (Obesity), बर्थ कंट्रोल पिल्स (Birth control pills) और हार्मोनल बदलाव को स्तन कैंसर का कारण माना जाता है।

यदि आपको भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा सताता है तो अपनी जीवनशैली में जरूर करें ये बदलाव:

और पढ़ें : Endometrial Cancer: एंडोमेट्रियल कैंसर क्या है? जानिए एंडोमेट्रियल कैंसर के लक्षण, कारण और इलाज

वजन को रखें संतुलित

वजन के बढ़ने से कई बीमारियां दस्तक देने लगती हैं। इसके साथ ही वजन के ज्यादा होने पर ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है।

फिजिकल एक्टिविटी करें

रिसर्च के अनुसार जो महिलाएं फिजिकल एक्टिविटी में हिस्सा लेती हैं उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 30% तक कम होता है। इसलिए रोजाना एक्सरसाइज करें।

एल्कोहॉल से दूरी बनाएं

एल्कोहॉल के सेवन से कई बीमारियां होने का डर रहता है। साथ ही ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है। इसलिए एल्कोहॉल से कोसों दूर रहें।

गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन कतई न करें

गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है। इसलिए बेहतर होगा कि गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन न करें।

स्तनपान करवाएं

आज के समय में बहुत सारी महिलाएं स्तनपान नहीं कराती हैं। स्तनपान कराने से नवजात को पौष्टिक आहार तो मिलता है। साथ ही स्तन कैंसर का जोखिम भी कम होता है।

डायट में हरी सब्जियों और फलों को शामिल करें

स्तन कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए अपनी डायट में पौष्टिक आहार को शामिल करें। रोजाना फल और सब्जियों का सेवन करें।

स्मोकिंग को कहें न

स्मोक करना हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है इस बात से हम सभी अच्छे से वाकिफ हैं। स्मोकिंग (Smoking) से हृदय रोग (Heart disease), स्ट्रोक (Stroke) और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा (Risk factor of Breast cancer) रहता है।

यदि आपको भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा सताता है तो अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करें जिनके बारे में ऊपर बताया गया है। ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए आप अपना सवाल हमसें कमेंट कर पूछ सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

First-in-Class CDK4/6 Inhibitor Palbociclib Could Usher in a New Wave of Combination Therapies for HR+, HER2− Breast Cancer/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4517534/

(Accessed on 20-12-2019)

How Is Breast Cancer Treated?/https://www.cdc.gov/cancer/breast/basic_info/treatment.htm

(Accessed on 20-12-2019)

Breast Cancer: Types of Treatment/https://www.cancer.net/cancer-types/breast-cancer/types-treatment

(Accessed on 20-12-2019)

Breast Cancer/https://utswmed.org/conditions-treatments/breast-cancer/

(Accessed on 20-12-2019)

What Is Breast Cancer?/https://www.cdc.gov/cancer/breast/basic_info/what-is-breast-cancer.htm

(Accessed on 20-12-2019)

Current Version

28/02/2022

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

और द्वारा फैक्ट चेक्ड Nidhi Sinha

Updated by: Nidhi Sinha


संबंधित पोस्ट

Breast Cancer Genetic Testing : ब्रेस्ट कैंसर जेनेटिक टेस्टिंग क्या है?

Fibrocystic Breast: फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट क्या है?


और द्वारा फैक्ट चेक्ड

Nidhi Sinha


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/02/2022

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement