मौसम में बदलाव के साथ ही कई बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ जाती है। भारत में सर्द मौसम ने दस्तक दे दी है और ऐसे में सीजनल इन्फ्लूएंजा (विंटर इंफेक्शन) एक बड़ी समस्या बन सकता है। इसमें फीवर (Fever), सिरदर्द (Headache), सर्दी-जुकाम (Cold and cough), कफ या मांसपेशियों में दर्द (Muscles pain) होना आम समस्या है। हालांकि ऐसी परेशानी एक हफ्ते में ठीक हो जाती है। कुछ लोगों में सीजनल इन्फ्लूएंजा (विंटर इंफेक्शन) बिना डॉक्टर के सलाह लिए भी ठीक हो जाता है, लेकिन कभी-कभी नजरअंदाज करने पर परेशानी बढ़ सकती है और हॉस्पिटल में एडमिट भी होना पड़ सकता है।
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सीजनल इन्फ्लूएंजा (फ्लू) क्या है? (Winter Infection)
सीजनल इन्फ्लूएंजा (फ्लू) एक तरह का वायरल इंफेक्शन है। फ्लू की वजह से ही रेस्पिरेट्री सिस्टम में भी इंफेक्शन शुरू हो जाता है। अगर ध्यान न दिया जाए, तो इंफेक्शन लंग्स तक पहुंच सकता है। इंफेक्शन (Infection) के कारण कभी-कभी व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। वैसे यह बीमारी किसी को भी और किसी भी उम्र में हो सकती है। समय पर इसके लक्षण पहचान कर आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, विश्वभर में H1N1 सहित मौसमी इन्फ्लएंजा से 3 से 5 मिलियन लोग संक्रमित हो जाते हैं और हर साल 290,000 से 650,000 लोगों की मौत भी हो जाती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, सीजनल इन्फ्लूएंजा (विंटर इंफेक्शन) से बचने के लिए वैक्सीन सबसे सही विकल्प है।
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सीजनल इन्फ्लूएंजा (विंटर इंफेक्शन) के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Winter Infection)
- बुखार (Fever) आना
- गले में खराश (Throat infection) होना
- ठंड लगना
- मांसपेशियों में दर्द होना
- सिरदर्द होना
- कफ होना
- सर्दी की वजह से नाक बंद होना
- नाक से पानी आना
- छींक आना
सीजनल इन्फ्लूएंजा (फ्लू) से बचने के लिए वैक्सीन से जुड़ी जानकारी के लिए मुंबई के फिजीशियन डॉ. आशीष तिवारी कहते हैं कि, “CDC के अनुसार 6 माह की आयु से अधिक कोई भी इस वैक्सीन को ले सकता है, लेकिन हाई रिस्क ग्रुप में 65 वर्ष की आयु से ऊपर के लोग और वे लोग जिन्हें अस्थमा, डायबिटीज, क्रॉनिक लंग्स डिजीज, क्रॉनिक किडनी डिजीज आदि हो या गर्भवती महिलाएं या ऐसे लोग जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो उनके के लिए यह वैक्सीन आवश्यक है। 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग फ्लू के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं क्योंकि इनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।”
सीजनल इन्फ्लूएंजा (विंटर इंफेक्शन) से बचाव के उपाय क्या हैं? (Tips to avoid Winter Infection)
डॉ. आशीष तिवारी बताते हैं कि फ्लू होने पर निम्नलिखित टिप्स अपनाएं जैसे-
- घर पर आराम करें
- दूसरे व्यक्तियों के संपर्क में न आएं
- अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें
- एल्कोहॉल का सेवन न करें
- धूम्रपान से बचें
- समय-समय पर पौष्टिक आहार का सेवन करते रहें
यदि बुखार तेज हो और चार-पांच दिनों तक बना रहे या लक्षण बिगड़ने लगे और सांस लेने में तकलीफ होने लगे तो डाक्टर को तुरंत दिखाएं।
सीजनल इन्फ्लूएंजा से बचने के घरेलू उपाय (Home remedies for winter infection)
सीजनल इन्फ्लूएंजा को घरेलू इलाज अपना कर भी ठीक किया जा सकता है। सीजनल इन्फ्लूएंजा के लिए घरेलू इलाज निम्न हैं :
अनानास का जूस देगा राहत
सीजनल इन्फ्लूएंजा होने पर अनानास का जूस पीना चाहिए। अनानास खांसी को बस दो दिनों में दूर भगा सकता है। क्योंकि अनानास में ब्रोमलेन की अच्छी मात्रा होती है। ब्रोमलेन एक ऐसा एंजाइम है जो केवल अनानास के तने और फल में ही पाया जाता है। ऐसे में अनानास का जूस पीने पर गले में खराश और बलगम की परेशानी से भी आराम मिलता है। सीजनल इन्फ्लूएंजा के घरेलू उपचार के तरीकों में एक बार अनानास को जरूर आजमाएं।
नींबू, दालचीनी और शहद का मिश्रण है सबसे बेस्ट
सीजनल इन्फ्लूएंजा से छुटकारा पाने के लिए नींबू (Lemon), दालचीनी (Cinnamon) और शहद का मिश्रण सीजनल इन्फ्लूएंजा के घरेलू इलाज के सबसे कारगर उपायों में से एक है। दालचीनी, शहद और नींबू को मिलकर सिरप बनाएं और थोड़ा-थोड़ा कर के एक से दो घंटे के अंतराल पर सेवन करते रहें।
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हनी टी
शहद सीजनल इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए सबसे बेहतर उपाय होता है। अगर आपको या आपके छोटे बच्चे को खांसी आ रही है, तो शहद वाली चाय का सेवन करने से गले में खरास और खांसी में आराम मिलता है।
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बेकिंग सोडा और नमक से नाक की करें सिकांई
अगर आप बंद नाक से परेशान हैं, तो गर्म पानी के साथ नमक का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। गर्म पानी और नमक नाक से वायरस और बैक्टीरिया को भी साफ करने का काम करते हैं। पानी में नमक और बेकिंग सोडा मिला कर लेने से राहत मिलती है।
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टरमरिक मिल्क है हर मर्ज की दवा
सर्दियों के मौसम में लोग हल्दी वाला दूध ज्यादा पीते हैं। क्योंकि, सर्दियों में इम्यून सिस्टम कमजोर होने का रिस्क ज्यादा होता है। ऐसे में सीजनल इन्फ्लूएंजा से बचाए रखने के लिए हल्दी वाला दूध पीना फायदेमंद होता है। हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स कीटाणुओं से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं।
गुनगुना पानी रोजाना पीएं
दिनभर अगर आप थोड़ी-थोड़ी मात्रा में गुनगुना पानी पीते हैं तो सीजनल इन्फ्लूएंजा से दूर रहेंगे। गुनगुना पानी गले में खराश और बलगम की समस्या में आराम पहुंचाता है। इसके अलावा गर्म पानी गले में सूजन को कम करता है।
लेमन टी
अदरक सूखी खांसी और दमा खांसी के इलाज के लिए ब्रह्मास्त्र की तरह काम करता है। अदरक (Ginger) में एंटी-इंफ्लमेटरी गुण होते हैं। जो खांसी के साथ-साथ उल्टी और दर्द से राहत भी दिलाते हैं।
काली तुलसी का काढ़ा है असरदार
सर्दियों के मौसम में होने वाले सीजनल इन्फ्लूएंजा के घरेलू इलाज के लिए काढ़े का इस्तेमाल प्राचीनकाल से होता आया है। काढ़े में कई तरह के मसाले और जड़ी-बूटियां मिलाई जाती हैं, जो गले के इंफेक्शन को दूर करने में मददगार होती हैं।
ध्यान रखें कि सीजनल इन्फ्लूएंजा के घरेलू इलाज सिर्फ सामान्य सीजनल इन्फ्लूएंजा होने की स्थिति में ही लाभकारी होते हैं। हैलो स्वास्थ्य आपको किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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