डायबिटीज (Diabetes) की समस्या में इंसुलिन (Insulin) बड़ा रोल माना जाता है। जब शरीर में डायबिटीज की समस्या होती है और इंसुलिन की कमी होने लगती है, तब कई लोगों को बाहरी रूप से इंसुलिन देना पड़ता है। जाहिर है इंसुलिन से जुड़ी छोटी बड़ी बातें लोगों को ज़रूर जाननी चाहिए। आज हम इंसुलिन से जुड़े एक खास टॉपिक के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो है इंसुलिन सेंसिटिविटी। डायबिटीज में इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना (Increase insulin sensitivity) डायबिटिक व्यक्ति के लिए बेहद जरूरी माना जाता है। डायबिटीज में इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना (Increase insulin sensitivity) कैसे मुमकिन है, आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ खास बातें।
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क्या है इंसुलिन सेंसिटिविटी? (Insulin sensitivity)
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की माने, तो शरीर सामान्य तौर पर ही इंसुलिन हॉर्मोन बनाता है, जिसकी मदद से सेल्स ब्लड से शुगर लेते हैं। खासतौर पर टाइप टू डायबिटीज की समस्या में कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति अपनी सेंसिटिविटी खो देती है, इसलिए इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin sensitivity) का असर डायबिटीज की समस्या में सीधे तौर पर पड़ता है।
इंसुलिन के प्रति शरीर में मौजूद सेल्स कितने सेंसिटिव है, इसकी गणना को इंसुलिन सेंसिटिविटी कहा जाता है। इसलिए डायबिटीज (Diabetes) के मरीज के लिए इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना (Increase insulin sensitivity) फायदे का सौदा माना जाता है। इंसुलिन सेंसिटिविटी को इंसुलिन रेजिस्टेंस का नाम भी दिया गया है। इंसुलिन रेजिस्टेंस की स्थिति में सेल्स इंसुलिन का ठीक ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पाते, इसलिए डायबिटीज की समस्या में इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना बेहद जरूरी माना जाता है। आइए जानते हैं इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin sensitivity) को बढ़ाना कैसे मुमकिन है।
डायबिटीज में इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना है, तो करें ये काम! (Increase insulin sensitivity)
इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना (Increase insulin sensitivity) तब मुमकिन है, जब आपके लाइफ की तीन चीजों पर सही तरह से ध्यान दिया जाए। इन 3 चीजों में समावेश होता है लाइफस्टाइल, डायट और डायटरी सप्लिमेंट का। आइए जानते हैं इन तीनों चीजों की मदद से आपके लिए इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin sensitivity) को बढ़ाना कैसे मुमकिन हो पाता है।
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इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना है, तो करें लाइफस्टाइल चेंज (Lifestyle changes for insulin sensitivity)
लाइफस्टाइल डायबिटीज (Diabetes) से ग्रसित व्यक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण चीज मानी जाती है। यदि आपकी लाइफ़स्टाइल बेहतर है, तो आपको डायबिटीज की समस्या में बेहतर रिजल्ट मिल सकते हैं। आइए जानते हैं लाइफस्टाइल के अंतर्गत आपको किन बातों का ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है।
इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin sensitivity) बढ़ाना : एक्सरसाइज आएगी काम
आपके लिए इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना (Increase insulin sensitivity) तब मुमकिन हो पाता है, जब आप रोजाना अपने शरीर को एक्सरसाइज करवाते रहें। इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाना तब मुमकिन होगा, जब आप रोजाना एक नियत समय तक एक्सरसाइज करें। आप चाहें तो टाइप टू डायबिटीज (Diabetes) के मैनेजमेंट के तौर पर एक्सरसाइज प्रोग्राम को अपना सकते हैं। जब आपकी फिजिकल एक्टिविटी बढ़ती है, तो इसके साथ-साथ इन्सुलिन सेंसिटिविटी भी बढ़ती चली जाती है। एक्सरसाइज के कारण ब्लड में मौजूद ग्लूकोज का इस्तेमाल होता है, जिसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल कम होता है और यह ब्लड शुगर लेवल को नार्मल रखने में आपकी मदद करता है।
एक्स्पर्ट्स की माने तो कुछ खास तरह की एक्सरसाइज इंसुलिनन सेंसिटिविटी को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकती है। इन एक्सरसाइज में एरोबिक एक्सरसाइज और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग खासतौर पर डायबिटीज के लिए बेहतर मानी जाती है। इसलिए टाइप टू डायबिटीज (Diabetes) से ग्रसित लोगों को यदि इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना (Increase insulin sensitivity) है, तो उन्हें रोजाना कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज सप्ताह में 5 बार करने की सलाह दी जाती है। अपने डॉक्टर से सलाह लेकर आप एरोबिक्स और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Strength training) को मैनेजमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत इस्तेमाल कर सकते हैं।
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इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना : नींद है जरूरी!
कहा जाता है यदि हमारा स्लीपिंग सायकल ठीक ढंग से काम करे, तो हमें कई लाइफस्टाइल समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। किसी भी व्यक्ति के लिए नींद बेहद जरूरी मानी जाती है। जब आप रोजाना नींद पूरी नहीं करते, तो इसका सीधा असर आपकी इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin sensitivity) पर पड़ता है। इसलिए यदि आप इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना (Increase insulin sensitivity) चाहते हैं, तो डायबिटीज की समस्या में खास तौर पर आपको पूरी नींद लेने की जरूरत पड़ती है। आइए अब जानते हैं डायट की मदद से इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना (Increase insulin sensitivity) कैसे मुमकिन है।
इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना है, तो बनाएं सही डायट को मूलमंत्र (Diet for insulin sensitivity)
हर व्यक्ति के शरीर की जरूरतें अलग-अलग होती है। इसलिए उसे अपनी जरूरत के अनुसार पोषक तत्वों से भरपूर डायट लेने की सलाह दी जाती है। जब आप डायबिटीज (Diabetes) से ग्रसित होते हैं, तो आपको कई तरह के परहेज करने की आवश्यकता पड़ती है। ऐसी स्थिति में आपको खास तौर पर उन डायटरी प्रोडक्ट (Dietary product) का सेवन करना चाहिए, जिससे इंसुलिन सेंसिटिविटी इंक्रीज करना (Increase insulin sensitivity) मुमकिन हो सके। आइए जानते हैं डायट से जुड़ी कुछ ऐसी ही खास बातों के बारे में।
कार्बोहायड्रेट और अनसैचुरेटेड फैट्स का संबंध (Carbohydrate and Unsaturated Fats)
डायबिटीज की समस्या में यदि आप इंसुलिन सेंसिटिविटी इंक्रीज करना (Increase insulin sensitivity) चाहते हैं, तो आपको अपने भोजन से कार्बोहायड्रेट्स कम करके अनसैचुरेटेड फैट्स बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। जब आप अपने खाने में अनसैचुरेटेड फैट्स बढ़ाते हैं, तो इसका सीधा असर इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin sensitivity) पर पड़ता है। जिन लोगों को टाइप 2 डायबिटीज के साथ-साथ हाय ब्लड प्रेशर की समस्या हो, उन लोगों को भी इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाने के लिए अनसैचुरेटेड फैट की जरूरत पड़ती है।
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डायट में इस तरह के परिवर्तन उन लोगों के लिए भी फायदेमंद साबित होते हैं, जिनका वजन ज्यादा होता है। जब आप कार्बोहायड्रेट को पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स (Polyunsaturated fats) से बदलते हैं, तो आपके शरीर में मौजूद ब्लड शुगर रेग्यूलेशन इंप्रूव होता है। ऐसी स्थिति में इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना (Increase insulin sensitivity) आपके लिए मुमकिन हो पाता है।
सॉल्युबल फाइबर भी है जरूरी (Soluble fiber)
सॉल्युबल फाइबर हमें प्लांट से मिलता है। हालांकि यह कार्बोहायड्रेट का ही एक प्रकार माना जाता है, लेकिन बॉडी इसे पूरी तरह से पचा नहीं पाती, इसलिए इसके कारण ब्लड ग्लूकोज लेवल अचानक नहीं बढ़ता। जब आप सॉल्युबल फाइबर का सेवन करते हैं, तो यह आपके स्मॉल इंटेस्टाइन में ज्यादा समय तक रहता है। ऐसी स्थिति में आपको भूख नहीं लगती और टाइप टू डायबिटीज (Diabetes) की समस्या में ब्लड ग्लूकोज लेवल को मेंटेन रखने के लिए यह काम आता है। इसलिए इन्सुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना तब मुमकिन हो पाता है, जब आप ब्लड ग्लूकोज लेवल (Glucose level) को नॉर्मल रख पाते हैं। जाहिर है सॉल्युबल फाइबर आपकी इस कार्य में मदद कर सकते हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग पर कर सकते हैं भरोसा (Intermittent fasting)
इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट का ही एक प्रकार है, जिसमें भोजन पर ध्यान ना देकर भोजन करने के समय पर ध्यान दिया जाता है। जब आप इंटरमिटेंट फास्टिंग पर ध्यान देते हैं, तो आपके लिए इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना (Increase insulin sensitivity) मुमकिन माना जाता है। खासतौर पर उन लोगों के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग मायने रखती है, जो टाइप टू डायबिटीज (Diabetes) से ग्रसित होते हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग, जिसमें कैलोरी रिस्ट्रिक्टेड डायट दी जाती है, इससे इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना (Increase insulin sensitivity) आपके लिए आसान हो जाता है। इस तरह की डायट से आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। आइए आप जानते हैं उस तीसरी चीज के बारे में जिसकी मदद से आप के लिए इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना (Increase insulin sensitivity) आसान हो जाता है।
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इंसुलिन सेंसिटिविटी इंक्रीज करना है तो डायटरी सप्लिमेंट का लें साथ! (Dietary supplement for insulin sensitivity)
यदि आप डायट में बदलाव के साथ-साथ डायटरी इंसुलिन भी लेने लगते हैं, तो आपके लिए इंसुलिन सेंसिटिविटी इंक्रीज (Increase insulin sensitivity) करना आसान हो जाता है। आप अपनी डायट में कुछ तरह के सप्लिमेंट ऐड करके इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ा सकते हैं। आइए जानते हैं इन डायटरी सप्लिमेंट के बारे में।
प्रोबायोटिक और ओमेगा 3 फैटी एसिड (Probiotic and Omega 3 Fatty Acids)
डायबिटीज (Diabetes) में प्रोबायोटिक और ओमेगा 3 फैटी एसिड से जुड़े सप्लिमेंट लेने पर इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना (Increase insulin sensitivity) आपके लिए आसान माना जाता है। खासतौर पर उन लोगों के लिए जो ओवरवेट होते हैं। अपने डॉक्टर से सलाह लेकर आप ओमेगा 3 फैटी एसिड या प्रोबायोटिक अपने डायट में शामिल कर सकते हैं। डॉक्टर आपकी जरूरत के मुताबिक आपको इन सप्लिमेंट की सही खुराक दे सकते हैं। हालांकि इन दोनों सप्लिमेंट की मदद से इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना (Increase insulin sensitivity) आपके लिए आसान माना जाता है।
मैग्नीशियम (Magnesium) आ सकता है काम
मैग्नीशियम (Magnesium) इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी माना जाता है। जो लोग इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना (Increase insulin sensitivity) चाहते हैं, वे डॉक्टर की सलाह के बाद मैग्निशियम से जुड़े सप्लिमेंट्स ले सकते हैं। खास तौर पर यह उन लोगों पर काम करता है, जो टाइप टू डायबिटीज (Diabetes) से ग्रसित होते हैं। इस स्थिति में मैग्नीशियम की मदद से इंसुलिन सेंसिटिविटी इंक्रीज (Increase insulin sensitivity) करना व्यक्ति के लिए आसान माना जाता है।
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लो इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin sensitivity) के चलते आपको टाइप टू डायबिटीज की समस्या में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए डायबिटीज (Diabetes) की स्थिति में इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना (Increase insulin sensitivity) आपके लिए बेहद जरूरी माना जाता है। रोजाना एक्सरसाइज, जरूरी नींद और सही डायट की मदद से आप इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ा सकते हैं। आपके लिए इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना तब मुमकिन होता है, जब आप यह तीनों काम रोजाना करें और डॉक्टर की सलाह से इन तीनों बातों को जोड़कर एक मैनेजमेंट प्लान बना लें। इससे आपके लिए इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना आसान हो सकता है।
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