डायबिटीज एक क्रॉनिक कंडीशन है, जिसमें हमारे शरीर की शुगर को मेटाबॉलाइज करने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। यह तो आप जानते ही हैं कि डायबिटीज की परेशानी, कई अन्य समस्याओं यानि कॉम्प्लीकेशन्स का कारण बन सकती है इसमें हार्ट, आंखें, पैर आदि शामिल हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज के कारण लिवर डिजीज भी हो सकती हैं। ऐसे में इन स्थितियों में रोगी को अपनी डायट का भी ख्याल रखना चाहिए। आज हम बात करने वाले हैं लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज के लिए डायट (Diet for Liver cirrhosis and Diabetes) के बारे में। जानिए लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज के लिए डायट (Diet for Liver cirrhosis and Diabetes) कैसी होनी चाहिए? इससे पहले लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज क्या हैं यह जानते हैं।
लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज: पाएं पूरी जानकारी (Liver cirrhosis and Diabetes)
लिवर सिरॉसिस लिवर डिजीज और इसकी कॉम्प्लीकेशन्स के लेट-स्टेज रिजल्ट है। इस रोग के लक्षण शुरुआत में नहीं नजर आते हैं। इसके सामान्य कारण है एल्कोहॉल एब्यूज, हेपेटाइटिस और नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज आदि। इस समस्या का उपचार सिरॉसिस के कारणों और रोगी को कितना नुकसान हुआ है, इस पर निर्भर करता है। इसके अलावा अगर अधिक समस्या हो तो लिवर ट्रांसप्लांटेशन भी एक ऑप्शन है।
अगर बात की जाए डायबिटीज की, तो डायबिटीज उस कंडिशन को कहा जाता है, जब शरीर में ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) बहुत अधिक बढ़ जाता है।
इसके कई प्रकार हैं जैसे टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) , टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) , प्रीडायबिटीज (Prediabetes) और जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes)। इनमें टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) को सबसे सामान्य और गंभीर माना जाता है। टाइप 1 डायबिटीज (Type 2 diabetes) बच्चों को होती है। डायबिटीज के उपचार में दवाईयां, इन्सुलिन और जीवनशैली में बदलाव आदि शामिल है। लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज के लिए डायट से पहले इन दोनों के बीच के लिंक को भी समझ लेते हैं।
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लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज के बीच क्या है लिंक? (Link between Liver cirrhosis and Diabetes)
फैटी लिवर के कई बार कोई भी लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन, इससे लिवर सिरॉसिस और इंफ्लेमेशन के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। इसे लिवर कैंसर, हार्ट डिजीज और किडनी डिजीज से भी जोड़ा जाता है। ऐसा भी माना जाता है कि फैटी लिवर डिजीज (Fatty liver disease) , टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) की डेवलपमेंट में भूमिका निभाती हैं। अगर टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) को सही से मैनेज न किया जाए, तो फैटी लिवर डिजीज (Fatty liver disease) बदतर हो सकती है।
अगर आपको डायबिटीज ,है तो डॉक्टर आपको लिवर का अल्ट्रासाउंड के लिए कहेंगे। इसके साथ ही लिवर फंक्शन की मॉनिटरिंग करना भी जरूरी है। लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज के मैनेज करने के लिए डायट कैसे होने चाहिए, यह जानकारी भी अनिवार्य है। जानिए, लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज के लिए डायट (Diet for Liver cirrhosis and Diabetes) के बारे में जानें
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लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज के लिए डायट (Diet for Liver cirrhosis and Diabetes)
डायबिटीज और लिवर सिरॉसिस के मुख्य कारण फैटी लिवर डिजीज (Fatty liver disease) को मैनेज करने के लिए हेल्दी डायट और आपके आहार का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसका अर्थ है कि जो लोग इन दोनों कंडीशंस से पीड़ित हैं उन्हें यह पता होना चाहिए कि उन्हें क्या खाना चाहिए और किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए? लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज के लिए सही डायट में पहले जानते हैं कि इन स्थितियों में कौन सी चीजों का सेवन फायदेमंद है:
कॉफी (Coffee)
कॉफी के सेवन से शरीर में एंजाइम्स का बैलेंस बनाए रखने में मदद मिलती है। स्टडीज यह बताती हैं कि जो लोग कॉफी का सेवन करते हैं और फैटी लिवर से पीड़ित हैं, उनके लिवर को अन्य लोगों की तुलना में कम नुकसान होता हैं।
लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज के लिए डायट में हरी सब्जियां (Green Veggies)
कई हरी सब्जियों को खाने से फैट के बिल्ड-अप से रोका जा सकता है। ऐसे कई एविडेंस हैं जो यह बताते हैं कि ब्रोकोली जैसी हरी सब्जी को लिवर सिरॉसिस (Liver cirrhosis) और डायबिटीज (Diabetes) में अपनी डायट में शामिल करना फायदेमंद है। इसके साथ ही हरी सब्जियों को वजन कम करने में भी लाभदायक माना गया है।
इसके साथ ही पालक, केल को खाना भी इन दोनों कंडिशंस में लाभदायक है।
टोफू (Tofu)
टोफू का इस्तेमाल करने फैट लेवल और इंफ्लेमेशन को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही यह प्लांट बेस्ड प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत है। इसमें सोया प्रोटीन होता है जिससे लिवर और शरीर में फैट बिल्ड -अप कम होता है। लौ फैट का अर्थ है लिवर डिजीज और डायबिटीज की संभावना का कम होना। लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज के लिए डायट (Diet for Liver cirrhosis and Diabetes) के लिए आप डॉक्टर से सलाह भी ले सकते हैं।
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लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज के लिए डायट में मछली (Fish)
कुछ तरह की मछलियां ओमेगा 3 फैटी एसिड्स (Omega 3 fatty acids) का अच्छा स्त्रोत होती हैं जैसे ट्राउट, टूना और सालमोन आदि। ओमेगा 3 फैटी एसिड्स (Omega 3 fatty acids) से लिवर में फैट्स सुधरता है जिससे पूरे शरीर में इंफ्लेमेशन कम होती है। इसका अर्थ है कि इन स्थितियों में कुछ फिश खाना आपके लिए यूजफूल साबित हो सकता है
ओटमील (Oatmeal)
साबुत अनाज जैसे ओटमील से शरीर को एनर्जी प्रोसेस्ड फ़ूड की तुलना में अधिक एनर्जी मिलती है। ओट्स और अन्य हेल्दी अनाज का सेवन करने से भूख कम लगती है और क्रेविंग्स शांत रहती हैं। ऐसे में वजन भी मैंटेन रहता है। अधिक वजन को कई लिवर डिजीज और डायबिटीज के साथ जोड़ा जाता है।
अखरोट (Walnuts)
वॉलनट यानी अखरोट में भी ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega -3 fatty acids) की मात्रा अधिक होती है। यानी यह भी इंफ्लेमेशन को कम कर सकता है। हालांकि, लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज के लिए डायट (Diet for Liver cirrhosis and Diabetes) में अखरोट को शामिल करना चाहिए या नहीं इसके बारे में अभी अधिक स्टडी की जानी जरूरी है।
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एवोकाडो (Avocado)
एवोकाडो से हेल्दी फैट्स प्राप्त किया आ सकता है और इसमें वो फायदेमंद केमिकल कंपाउंड्स भी होते हैं, जो सम्पूर्ण स्वास्थ्य और कुछ समस्याओं जैसे फैटी लिवर और डायबिटीज आदि। एवोकाडो में फाइबर भी अधिक होता है, इसका अर्थ है कि इससे वजन को कंट्रोल में मदद मिलती है। लिवर सिरॉसिस ( Liver cirrhosis) और डायबिटीज (Diabetes ) के लिए आहार में इसे भी शामिल किया जा सकता है।
लो-फैट डेयरी (Low-fat dairy)
डेयरी में व्हे प्रोटीन की मात्रा होने से इसके कारण होने वाले भविष्य में डैमेज को रोका जा सकता है। इसमें लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज भी शामिल है। सनफ्लॉवर सीड्स (Sunflower seeds) में पाया जाने वाला विटामिन इ एक पोटेंट एंटीऑक्सीडेंट होती है। जिससे शरीर को लाभ होता है, खासतौर पर लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज में। लेकिन, लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज के लिए डायट (Diet for Liver cirrhosis and Diabetes) में इसे शामिल करने से पहले डॉक्टर से भी जान लें।
ऑलिव ऑयल (Olive oil)
ऑलिव ऑयल तेल का एक हेल्दी प्रकार है, जिससे ओमेगा 3 फैटी एसिड्स (Omega 3 fatty acids) का लेवल बढ़ता है। अन्य कुकिंग ऑयल्स की तुलना में इस तेल को अधिक हेल्दी माना जाता है। स्टडीज बताती हैं कि यह तेल वजन को सही रखने, लिवर के एंजाइम को बैलेंस करने में फायदेमंद है। यानी, लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज में इसे भी आप ले सकते हैं। यह तो थी उन चीजों की लिस्ट, जिनका सेवन लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज में करना चाहिए। अब जानिए किन चीजों को इस दौरान लेना हानिकारक हो सकता है।
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लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज के लिए डायट में किन चीजों का सेवन न करें (Diet for Liver cirrhosis and Diabetes)
जैसा की पहले ही बताया गया है कि लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज के लिए हेल्दी डायट अपनाना जरूरी है। लेकिन, इस दौरान रोगी को यह भी जानकारी होनी चाहिए कि इन बीमारियों में उन्हें किन चीजों को खाने से बचना चाहिए। जैसे इस दौरान रोगी को एल्कोहॉल को सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए। शुगर को भी कम या बिलकुल भी न लेना ही फायदेमंद है। इसके अलावा उन्हें अपने आहार से सेचुरेटेड फैट्स, कार्ब्स आदि में भी कटौती करनी चाहिए।
नमक भी कम मात्रा में खाना ही उनके लिए फायदेमंद है। इसके साथ ही ऐसी चीजों का सेवन करने से भी बचना चाहिए इसमें कैलोरी अधिक हो, क्योंकि इससे वजन बढ़ सकता है। वजन का बढ़ना डिजीज जैसे लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज का एक मुख्य रिस्क फैक्टर है।
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यह तो थी लिवर सिरॉसिस और डायबिटीज के लिए डायट (Diet for Liver cirrhosis and Diabetes) के बारे में जानकारी। फैटी लिवर डिजीज (Fatty liver disease) और डायबिटीज दोनों का गहरा संबंध है। ऐसे में, इन दोनों को मैनेज करना जरूरी है। ओबेसिटी और हाय शुगर लेवल के कारण इन्सुलिन रेजिस्टेंस से फैटी लिवर डिजीज(Fatty liver disease) का खतरा बढ़ता है। यह फैटी लिवर डिजीज बाद में लिवर सिरॉसिस की वजह बन सकती हैं। ऐसे में नियमित अगर आप डायबिटीज से पीड़ित हैं और आपको लिवर डिजीज भी है, तो आपको अपने खानपान का ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए डॉक्टर और डायटीशियन भी आपकी मदद कर सकते हैं। इनके अलावा हेल्दी हैबिट्स को अपनाना, नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह का पूरी तरह से पालन करना भी जरूरी है।
अगर आपके मन में इसके बारे में कोई भी सवाल है, तो आप अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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