आई एम नॉट इल इट्स जस्ट माई पैंक्रियाज इज लेजी (I am not ill it’s just my pancreas is just lazy) ये डायबिटीज पेशेंट्स के लिए कही गईं बातें हैं, लेकिन इस लेजी पैंक्रियाज को काम करने के लिए मेडिकेशन या इन्सुलिन की जरूरत पड़ती है। इसलिए आज इस आर्टिकल में डायबिटीज पेशेंट के लिए इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन (Insulin aspart protamine) से जुड़ी जानकारी शेयर करेंगे। इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन के फायदे और ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस रखने के पीछे क्या है साइंटिफिक कहानी यह भी समझेंगे।
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- इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन क्या है?
- डायबिटीज पेशेंट के लिए इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन क्यों लाभकारी माना जाता है?
- इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन की डोज क्या होनी चाहिए?
- इन्सुलिन की डोज मिस होने पर क्या करें?
- इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन शरीर के कौन-कौन से हिस्से में ली जा सकती है?
- इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन इंजेक्शन को स्टोर कैसे करें?
- इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?
- इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन के सीरियस साइड इफेक्ट्स क्या हैं?
- इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन लेने के पहले किन-किन बातों का ध्यान रखें?
चलिए अब एक-एक कर डायबिटीज के इलाज के लिए इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन से जुड़े इन सवालों के जवाब जानते हैं।
इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन (Insulin aspart protamine) क्या है?
इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन एक इन्सुलिन इंजेक्शन (Insulin injection) है, जो शरीर में उत्पन्न होने वाले इन्सुलिन की तरह काम करता है। दरअसल जब पैंक्रियाज इन्सुलिन का प्रोडक्टशन खुद से नहीं कर पाता है, तो ऐसी स्थिति में इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन इंजेक्शन लेने की जरूरत पड़ती है। इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन मसल्स और फैटी सेल्स में ग्लूकोज के एब्सॉर्ब्शन की प्रक्रिया को आसान बनाने में सहायक होता है। डायबिटीज पेशेंट के लिए इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन इंजेक्शन क्यों लाभकारी है, इसके बारे में आगे समझेंगे।
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टाइप 2 डायबिटीज को समझने के लिए नीचे दिए इस 3 D मॉडल पर क्लिक करें।
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डायबिटीज पेशेंट के लिए इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन (Insulin aspart protamine) क्यों लाभकारी माना जाता है?
क्लीवलैंड क्लिनिक (Cleveland Clinic) द्वारा पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) के मरीजों के लिए इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन इंजेक्शन लाभकारी है। क्योंकि इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन डायबिटीज पेशेंट के मांसपेशियों के साथ-साथ फैटी सेल्स (Fatty cells) में भी इन्सुलिन को आसानी से एब्सॉर्ब करने की क्षमता रखता है। वहीं इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन लिवर को भी सट्रॉन्ग बनाये रखने में सहायक है। अगर इसे सामान्य शब्दों में समझें, तो लिवर और ग्लूकोज के भी फंक्शन को ठीक बनाये रखता है और लिवर से ग्लूकोज को फ्री नहीं होने देता है। रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन इंजेक्शन लेने तकरीबन 10 से 20 मिनट के बाद यह अपना काम शुरू करता है और 12 से 24 घंटे तक ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस रखने में सक्षम है। ज्यादा लम्बे वक्त तक ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) कंट्रोल रखने में सहायक होने की वजह से इसे लॉन्गर-एक्टिंग इन्सुलिन (longer-acting insulin) या इंटरमीडिएट-एक्टिंग इन्सुलिन (Intermediate-acting insulin) भी कहा जाता है।
इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन की डोज क्या होनी चाहिए? (Dose of Insulin aspart protamine)
टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) पेशेंट्स को खाना खाने के 15 मिनट पहले इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन इंजेक्शन लेना चाहिए। वहीं टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) पेशेंट को खाना खाने के 15 मिनट बाद इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन इंजेक्शन लेने की सलाह दी जाती है।
नोट: ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) बैलेंस में रखने के लिए इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन इंजेक्शन की डोज डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब्ड अनुसार ही लें और 18 साल से कम उम्र के लोगों को इस इन्सुलिन इंजेक्शन (Insulin injection) को नहीं देना चाहिए।
इन्सुलिन की डोज मिस होने पर क्या करें? (What if you miss a dose?)
अगर आप इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन इंजेक्शन ले रहें हैं, तो इन्सुलिन की डोज लेने से भूले नहीं। अगर किसी कारण से आपने डोज मिस कर दी है, तो अपने मर्जी से मिस्ड डोज ना लें। ऐसे में डॉक्टर से कंसल्ट करें और उनके द्वारा दी गई सलाह का पालन करें।
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इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन इंजेक्शन शरीर के कौन-कौन से हिस्से में ली जा सकती है?
इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन इंजेक्शन शरीर के निम्नलिखित शारीरिक हिस्सों में ली जा सकती है। जैसे:
- बेली
- थाइ
- अपर आर्म्स
- बटक्स
नोट: डायबिटीज के लिए इंजेक्शन शरीर के उन्हीं हिस्सों में ली जाने की सलाह दी जाती है जहां स्किन ज्यादा मोटी होती है या चर्बी (Fat) होती है।
इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन इंजेक्शन को स्टोर कैसे करें? (Storage of Insulin aspart protamine)
डायबिटीज पेशेंट्स के लिए ब्लड शुगर लेवल बैलेंस रखने के लिए इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन इंजेक्शन (Insulin aspart protamine) को फ्रीज में स्टोर करने की सलाह दी जाती है। इसे 2°C से 8°C (36°F से 46°F) पर स्टोर किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रखें कि इसे फ्रीजर में स्टोर ना करें।
इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन के साइड इफेक्ट्स क्या हैं? (Side effects of Insulin aspart protamine)
इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन इंजेक्शन के कॉमन साइड इफेक्ट्स निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- बॉडी में पोटैशियम लेवल कम (Low potassium) होना ।
- शरीर में खुजली (Itching) होना।
- शरीर पर रैश (Rash) आना।
- इंजेक्शन वाली जगह मोटी (Thickening) होना।
इन साइड इफेक्ट्स के अलावा डायबिटीज पेशेंट्स में इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन के सीरियस साइड इफेक्ट्स देखे जा सकते हैं।
इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन के सीरियस साइड इफेक्ट्स (Serious side effects of Insulin aspart protamine)
- शरीर का वजन बढ़ना (Weight gain)।
- हाथ और पैर में सूजन (Swelling) आना।
- सांस लेने में (Breathing problem) तकलीफ होना।
- पैरों में क्रैम्प (Leg cramps) आना।
- कब्ज (Constipation) होना।
- दिल की धड़कन अनियमित (Irregular heartbeats) होना।
- सीने में फड़फड़ाहट महसूस (Chest fluttering) होना।
- अत्यधिक प्यास (Thirst) लगना।
- बार-बार टॉयलेट (Urination) जाना।
- मसल्स का कमजोर (Muscle weakness) होना।
अगर आप ऊपर बताये गए सीरियस लक्षणों में से कोई भी लक्षण महसूस कर रहें, तो अपने डॉक्टर को इसकी जानकारी दें।
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इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन इंजेक्शन (Insulin aspart protamine injection) लेने के पहले किन-किन बातों का ध्यान रखें?
इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन इंजेक्शन लेने से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:
- ब्लड शुगर लेवल कितना कम (Low blood sugar) रहता है?
- आंखों से जुड़ी बीमारी (Eye disease)।
- किडनी (Kidney disease) से जुड़ी तकलीफ।
- लिवर डिजीज (Liver disease) की समस्या।
- एलर्जिक रिएक्शन (Allergic reaction) होना।
- प्रेग्नेंसी (Pregnant) या प्रेग्नेंसी प्लानिंग (Pregnancy planning) करना।
शिशु को स्तनपान (Breast-feeding) करवाना।
अगर ऊपर बताये किसी भी हेल्थ कंडिशन, प्रेग्नेंसी या फिर कोई अन्य शारीरिक परेशानी या मानसिक परेशानी रहती है, तो इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन (Insulin aspart protamine) लेने से पहले इसकी जानकारी अपने डॉक्टर अवश्य दें।
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स्वस्थ्य रहने के लिए अपने डेली रूटीन में योगासन शामिल करें। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर योगासन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जानिए।
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डायबिटीज के पेशेंट्स के लिए इंसुलिन इंजेक्शन लाभकारी मानी जाती है, लेकिन तब जब इसे डॉक्टर प्रिस्क्राइब करें। अमेरिकन डायबिटीज असोसिएशन (American Diabetes Association) में पब्लिश्ड रिपोर्ट इस बात की जानकारी दी गई है कि डायबिटीज के पेशेंट इंसुलिन पेन् का इस्तेमाल आसानी से करते हैं। वहीं नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार 73 प्रतिशत डायबिटीज पेशेंट इंसुलिन पेन् (Insulin Pen) का इस्तेमाल नियमित करते हैं। इसलिए अगर आप डायबिटीज की समस्या से पीड़ित हैं और शुगर लेवल बैलेंस रखने के लिए इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन (Insulin aspart protamine) लेने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी गई है, तो इसके डोज का विशेष ध्यान रखें और जितनी डोज प्रिस्क्राइब की गई है, उतनी ही लें। अगर इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन (Insulin aspart protamine) लेने के बाद कोई परेशानी महसूस होती है, तो डॉक्टर को जरूर इस बारे में बतायें। अगर आप डायबिटीज या इन्सुलिन एस्पार्ट प्रोटामाइन (Insulin aspart protamine) से जुड़े अपने किसी सवालों का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।
डायबिटीज पेशेंट डायबिटिक दवाओं (Diabetic medicine) एवं इन्सुलिन इंजेक्शन की मदद से ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) बैलेंस रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन इन सबके साथ डायबिटीज पेशेंट को डायट का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए। इसलिए नीचे दिए इस क्विज को खेलिए और डायबिटिक डायट से जुड़ी सवालों के जवाब जानिए।
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