शरीर का अतिरिक्त बढ़ता वजन कई बीमारियों को दावत देने में सफल माना गया है। वहीं डायबिटीज के मरीजों में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की संभावना भी ज्यादा रहती है। डायबिटीज (Diabetes), बढ़ते वजन (Weight gain) या कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease) जैसे अन्य बीमारियों पर रिसर्च लगातार की जाती है, जिससे बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद मिले। इसलिए आज इस आर्टिकल में हम आपके साथ T2DM पेशेंट्स में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे को कम करने के लिए वजन कम करने के फायदे (Benefits of weight loss to reduce cardiovascular disease risk in T2DM patients) से जुड़ी जानकारी शेयर करेंगे। चलिए समझने की कोशिश करते हैं T2DM पेशेंट्स में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे को कम करने के लिए वजन कम करने के फायदे के बारे में।
और पढ़ें : वैलव्युलर हार्ट डिजीज: दिल से जुड़ी इस बीमारी की पूरी जानकारी जानें यहां!
T2DM पेशेंट्स में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे को कम करने के लिए वजन कम करने के फायदे (Benefits of weight loss to reduce cardiovascular disease risk in T2DM patients) से जुड़े क्या हैं रिसर्च रिपोर्ट्स?
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (American Diabetes Association) द्वारा पब्लिश्ड साल 2011 की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार T2DM पेशेंट्स में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे को कम करने के लिए वजन कम करने के फायदे से जुड़ी जानकारी शेयर की गई। इस रिपोर्ट में एनालिसिस किया गया कि T2DM पेशेंट्स के लिए वेट लॉस के फायदे (Benefits of weight loss for T2DM patients) हो सकते हैं, लेकिन इस शोध में तकरीबन एक साल का समय लगा। इस शोध के दौरान डायबिटीज मरीजों में बढ़े हुए वजन की वजह से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे को समझने की कोशिश की गई। टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में कम वजन घटने पर भी कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे को कम करने में मदद मिली। वहीं इस रिसर्च रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर आवश्यकता अनुसार वजन कम करने से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे को और ज्यादा कम करने में मदद मिल सकती है। वहीं नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डायजेस्टिव एंड किडनी डिजीज (National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases) एवं नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार भी T2DM पेशेंट्स में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे को कम करने के लिए वजन कम करने के फायदे (Benefits of weight loss to reduce cardiovascular disease risk in T2DM patients) के बारे में रिसर्च रिपोर्ट साझा की गई है। T2DM पेशेंट्स के लिए वेट लॉस के फायदे (Benefits of weight loss for T2DM patients) आपको भी मिले इसलिए इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातों को भी समझना जरूरी है। जैसे:
- टाइप 2 डायबिटीज के कारण क्या हैं?
- वजन क्यों और किन स्थितियों में बढ़ने की संभावना ज्यादा हो सकती है?
- टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की संभावना क्यों ज्यादा रहती है?
T2DM पेशेंट्स में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे को कम करने के लिए वजन कम करने के फायदे (Benefits of weight loss to reduce cardiovascular disease risk in T2DM patients) से जुड़ी रिसर्च रिपोर्ट की जानकारी के बाद यहां ऊपर दिए गए सवालों का जवाब जानते हैं। इसके साथ ही T2DM पेशेंट्स में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे को कम करने के लिए वजन कम करने के फायदे कैसे हो यह भी समझेंगे।
और पढ़ें : डायबिटिक या नॉन डायबिटिक लोगों में भी हो सकती है लो या हाय शुगर की बीमारी!
टाइप 2 डायबिटीज के कारण क्या हैं? (Cause of Type 2 Diabetes)
टाइप 2 डायबिटीज के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- ब्लड रिलेशन में टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) की समस्या रहना।
- जरूरत से ज्यादा वजन (Weight gain) बढ़ना।
- स्मोकिंग (Smoking) करना।
- अनहेल्दी डायट (Unhealthy diet) फॉलो करना।
- एक्सरसाइज (Workout) या फिजिकल एक्टिविटी (Physical activity) नहीं करना।
- पर्यावरण (Environment) के कारण।
- विटामिन-डी (Vitamin D) की कमी होना।
इन ऊपर बताये कारणों के अलावा टाइप 2 डायबिटीज की समस्या HIV जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए एंटी-सिजर्स, दवाएं और एचआईवी जैसी दवाओं के सेवन करने से भी हो सकती है।
और पढ़ें : Congestive heart failure : कंजेस्टिव हार्ट फेलियर क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
वजन क्यों और किन स्थितियों में बढ़ने की संभावना ज्यादा हो सकती है?
वजन बढ़ने के एक नहीं, बल्कि कई कारण हो सकते हैं। जैसे:
- परिवार में ओवरवेट (Overweight) होने की समस्या होना।
- अत्यधिक जंक फूड (Junk Foods) का सेवन करना।
- बार-बार खाना (Frequent eating)।
- इंसुलिन (Insulin) लेवल बढ़ना।
- किसी विशेष दवाओं (Medications) का सेवन करना।
- ज्यादा चीनी का सेवन करना।
- नींद पूरी नहीं (Insomnia) होना।
- थायरॉइड डिसऑर्डर (Thyroid disorder) की समस्या होना।
इन कारणों के साथ-साथ वजन बढ़ने के अन्य कारण भी हो सकते हैं।
और पढ़ें : Insulin test: इंसुलिन टेस्ट क्या है और कब जरूरी है इंसुलिन टेस्ट करवाना?
टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की संभावना क्यों ज्यादा रहती है?
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की संभावना निम्नलिखित कारणों से हो सकती है। जैसे:
- हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) की समस्या रहना।
- बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL [bad] cholesterol) लेवल बढ़ना।
- ट्रायग्लिसराइड लेवल (High triglycerides) बढ़ना।
इन कारणों के अलावा कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा अन्य कारणों से बढ़ सकता है। जैसे:
- स्मोकिंग (Smoking) करना।
- ओबेसिटी (Obesity) की समस्या।
- फिजिकल एक्टिविटी (Physical activity) नहीं करना।
- हाई सैचुरेटेड फैट (High in saturated fat), ट्रांस फैट (Trans fat) एवं नमक (Salt) का सेवन ज्यादा करना।
- अत्यधिक एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन करना।
टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की संभावना इन कारणों की वजह से बढ़ सकती है।
नोट: अगर ऊपर दी गई जानकारियों पर गौर करें, तो मोटापा टाइप 2 डायबिटीज की समस्या और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज दोनों के कारणों में शामिल है। इसलिए शरीर के बढ़ते वजन को कंट्रोल में रखना और संतुलित बनाये रखना अत्यधिक जरूरी है।
और पढ़ें : इन्सुलिन के 11 साइड इफेक्ट्स हैं सामान्य, लेकिन इग्नोर करने पर हो सकती है गंभीर!
T2DM पेशेंट्स में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे को कम करने के लिए वजन कम करने के फायदे: शरीर के बढ़ते वजन को कैसे करें कंट्रोल?
शरीर के बढ़ते वजन को कंट्रोल करने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना जरूरी है। जैसे:
- पौष्टिक आहार (Healthy diet) का सेवन करें।
- बार-बार खाने (Frequent eating) की आदत से बचें।
- मौसमी फल (Fruits) एवं सब्जियों (Vegetables) का सेवन करें।
- पैक्ड जूस (Juice) एवं खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें।
- नियमित एक्सरसाइज (Workout), योग (Yoga) या वॉक (Walk) करें।
- एल्कोहॉल (Alkohol) का सेवन कम से कम करें।
- स्मोकिंग (Smoking) ना करें।
- तनाव (Stress) से बचें।
- 7 से 9 घंटे की नींद (Sleep) लें।
इन 9 बातों को ध्यान में रखकर शरीर के बढ़ते वजन को रोकने में मदद मिल सकती है, लेकिन कभी-कभी जेनेटिकल कारणों से शरीर का वजन बढ़ते चला जाता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक होता है। T2DM पेशेंट्स में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे को कम करने के लिए वजन कम करने के फायदे से जुड़ी अन्य जानकारी या और भी टिप्स शेयर कर सकते हैं।
और पढ़ें : डायबिटीज और नाइट विजन प्रॉब्लम: डायबिटीज कैसे आंखों पर नेगेटिव प्रभाव डालता है?
अगर आप टाइप 2 डायबिटीज या T2DM पेशेंट्स में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे को कम करने के लिए वजन कम करने के फायदे (Benefits of weight loss to reduce cardiovascular disease risk in T2DM patients) से जुड़े सवालों का जवाब तलाश कर रहें थें, तो उम्मीद करते हैं कि टाइप 2 डायबिटीज, बढ़ते वजन और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से जुड़ी जानकारी लाभकारी हो सकते हैं या यूं कहें की T2DM पेशेंट्स में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे को कम करने के लिए वजन कम करने के फायदे मिल सकते हैं। वैसे अगर आप या आपके कोई भी करीबी डायबिटिक (Diabetic) हैं, बढ़ते वजन की समस्या से पीड़ित हैं या कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से पीड़ित हैं, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से कंसल्टेशन अत्यधिक जरूरी है। क्योंकि ये बीमारियां गंभीर बीमारियों की लिस्ट में शामिल है। अगर इनका समय पर इलाज ना करवाया जाए तो पेशेंट की स्थिति गंभीर हो सकती है। डॉक्टर के संपर्क में रहने से पेशेंट की हेल्थ कंडिशन और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर इलाज किया जाता है।
स्वस्थ रहने के लिए अपने डेली रूटीन में योगासन शामिल करें। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर योगासन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जानिए।
[embed-health-tool-bmi]