डायबिटीज में दालचीनी (Cinnamon in diabetes) ब्लड शुगर लेवल पर ही अपना असर नहीं दिखाती, बल्कि यह डायबिटीज से जुड़े अन्य कॉम्प्लिकेशंस में भी मदद करती है। डायबिटीज में दालचीनी फास्टिंग ब्लड शुगर के लेवल को कम करती है और अचानक ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) को बढ़ने से रोकती है। इसके अलावा डायबिटीज (Diabetes) से जुड़े अन्य कॉम्प्लिकेशन पर भी इसका सीधा असर देखा गया है। जिन लोगों को डायबिटीज के साथ-साथ हार्ट से संबंधित समस्याएं होती है, उन लोगों को दालचीनी (Cinnamon) के सेवन से फायदा हो सकता है। डायबिटीज में दालचीनी के सेवन से हार्ट (Heart Problems) से जुड़ी तकलीफों में फायदा देखा गया है।
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कई लोगों को डायबिटीज (Diabetes) के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी होती है। खासतौर पर जब आप टाइप टू डायबिटीज से ग्रसित हो, तो डायबिटीज में दालचीनी का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित होता है। यह आपके बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल (Cholesterol level) घटाकर आपको राहत पहुंचाती है। साथ ही साथ यह एचडीएल यानी कि गुड कोलेस्ट्रॉल (Good cholesterol) का लेवल भी बढ़ाती है।
डायबिटीज में दालचीनी : हो सकते हैं साइड इफ़ेक्ट भी! (Side Effect of Cinnamon in diabetes)
डायबिटीज में दालचीनी के सेवन से आपको एक नहीं, दो नहीं, बल्कि कई तरह के फायदे होते हैं, लेकिन कुछ लोगों में इसके साइड इफेक्ट भी देखे जाते हैं। दालचीनी के दो प्रकार होते हैं, जिसमें से एक का नाम है सीलोन (Ceylon vs Cassia) और दूसरे का नाम है कैसिया। कैसिया नामक दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट कम मात्रा में मौजूद होता है और इसमें कौमारिन नामक तत्व पाया जाता है, जो आपके लिवर के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। इस के ज्यादा इस्तेमाल से लिवर डैमेज की समस्या हो सकती है। इसलिए हमेशा से सीलोन (Ceylon) नामक दालचीनी (Cinnamon) का ही इस्तेमाल करना चाहिए, जिसमें कौमारिन नामक तत्व कम मात्रा में पाया जाता है।