यही नहीं, उम्र के बढ़ने के साथ हमारा शरीर भी कम हॉर्मोन्स बनाना शुरू कर देता है, इसमें ह्यूमन ग्रोथ हॉर्मोन भी शामिल हैं। इस उम्र में महिलाओं के शरीर में कम एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) बनते हैं। पुरुषों में भी कम सेक्स हॉर्मोन टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) का उत्पादन होता है। यही नहीं, इस उम्र में बीमारियों और इंफेक्शन का जोखिम अधिक होता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। अब बुजुर्ग महिलाओं में एंडोजीनस सेक्स हॉर्मोन्स से डायबिटीज डेवलपमेंट (Development of Type 2 Diabetes in Older Men and Women) के बारे में जान लेते हैं।
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बुजुर्ग महिलाओं में एंडोजीनस सेक्स हॉर्मोन्स से डायबिटीज डेवलपमेंट
जब महिलाओं की उम्र बढ़ती है, तो मेनोपॉज से पहले और उस दौरान हॉर्मोन में बदलाव नींद में समस्या, बेचैनी आदि कई परेशानियों का कारण बन सकता है। यही नहीं, हॉर्मोन्स में उतार और चढ़ाव से उनके मूड और जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। लेकिन, सच यह है कि एंडोजीनस सेक्स हॉर्मोन्स से ब्लड शुगर भी प्रभावित होती हैं। यानी, बुजुर्ग महिलाओं में एंडोजीनस सेक्स हॉर्मोन्स से डायबिटीज डेवलपमेंट (Development of Type 2 Diabetes in Older Men and Women) हो सकती है। ऐसे में, इन हॉर्मोन्स के उतार-चढ़ाव के कारण उम्र के बढ़ने पर इन हॉर्मोन्स के लेवल को चेक कराना भी जरूरी है। अगर किसी को टाइप वन डायबिटीज की समस्या है, तो महिलाएं मेनोपॉज के नजदीक की उम्र में लो ब्लड शुगर लेवल को नोटिस कर सकते हैं।
यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपके हॉर्मोन्स डाउन जा रहे हैं और आपको इंसुलिन की जरूरत है। यही नहीं, उम्र के बढ़ने के साथ ही आपके लिए लो ब्लड शुगर और मूड चेंजेज व अन्य प्रीमेनोपॉज लक्षणों के बीच में अंतर के बारे में जानना भी जरूरी है। अगर किसी महिला को टाइप वन डायबिटीज है, तो वो मेनोपॉज तक जल्दी पहुंच सकती हैं। लेकिन अगर आप ओवरवेट हैं और आपको टाइप टू डायबिटीज है, तो यह बदलाव देरी से शुरू हो सकते हैं। ऐसा, इसलिए है क्योंकि,जिन महिलाओं का वजन अधिक होता है उनमें एस्ट्रोजन बहुत तेजी से ड्रॉप नहीं होता है। महिलाओं में एंडोजीनस सेक्स हॉर्मोन्स से डायबिटीज डेवलपमेंट (Development of Type 2 Diabetes in Older Men and Women) के बारे में जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है।
जब उम्र के बढ़ने पर शरीर में बदलाव होता है, तो आपके लिए मेनोपॉज के लक्षणों और हाय या लो ब्लड शुगर के सिम्पटम्स में अंतर करना मुश्किल हो सकता है। चक्कर आना, पसीना आना और एकाग्रता में समस्या आदि परेशानियां भी हार्मोनल चेंजेज या ब्लड शुगर लेवल के हाय व लो होने के कारण हो सकती हैं। इनके बारे में सही जानने के लिए आपको इनका टेस्ट कराना चाहिए। इसकी जांच के बाद डॉक्टर आपके ब्लड शुगर लेवल में बदलाव महसूस करते हैं, तो वो आपको हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Hormone replacement therapy) की सलाह दे सकते हैं।
अगर आप मेनोपॉज के गुजर रही हैं और आपको डायबिटीज है तो आपको यूरिनरी ट्रैक्ट (Urinary tract) और वजाइनल इंफेक्शन (Vaginal infections) की संभावना अधिक रहती है। एस्ट्रोजन लेवल मेनोपॉज के दौरान ड्रॉप हो सकता है, जिससे वजाइनल ड्रायनेस और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें। अब जानते हैं बुजुर्ग पुरुषों में एंडोजीनस सेक्स हॉर्मोन्स से डायबिटीज डेवलपमेंट (Development of Type 2 Diabetes in Older Men and Women) के बारे में।