जीवन की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है। हमारा शरीर एक मशीन की तरह है, जिसके हर पुर्जे का अच्छे से काम करना जरूरी है। उम्र के बढ़ने पर चलने -फिरने में कोई परेशानी होना सामान्य है। लेकिन, कई बार कुछ ऐसी परिस्थितियां भी होती है। जिनके कारण चलने में समस्या आ सकती है जैसे कोई बीमारी, एक्सीडेंट आदि। यह परेशानियां बच्चों को भी हो सकती हैं। ऐसा कई बार जन्म के समय होने वाले विकारों के कारण भी हो सकता है। ऐसे में अपने चलने-फिरने की क्षमता को फिर से पाने, संतुलन को सुधारने और चलते हुए अपनी चाल और गति को सही बनाने के लिए आपको कुछ फिजिकल थेरेपीज की जरूरत पड़ सकती है। अगर चोट लगने या किसी बीमारी के कारण आप सही से चल पाने में सक्षम न हों, तो आपके डॉक्टर भी आपको कुछ व्यायाम करने की सलाह भी दे सकते हैं। इन्हीं फिजिकल थेरेपीस में से एक है गेट ट्रेनिंग(gait training)।
इन गेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज (gait training exercises) को मांसपेशियों को मजबूत बनाने, पोस्चर को सुधारने और मसल मेमोरी के विकास के लिए बनाया गया है ताकि प्रभावित व्यक्ति को चलने फिरने में आसानी हो। पाइए, गेट ट्रेनिंग(gait training) के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से।
क्या है गेट ट्रेनिंग(gait training)?
गेट शब्द को किसी व्यक्ति के चलने के तरीके के रूप में परिभाषित किया जाता है। ऐसे में गेट ट्रेनिंग((gait training) का अर्थ है- ऐसे तरीकों को अपनाना, जिनसे लोग अपने चलने के तरीके को अपनी दक्षता और क्षमता के अनुसार बदल लें। इसमें फिजियोथेरेपिस्ट मरीज की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुछ तकनीकों को अपनाएंगे। गेट ट्रेनिंग का उद्देश्य मरीज को सबसे अच्छे तरह से चलने में सक्षम करना होता है। यहां तक कि अगर आपको एक अडेप्टिव चलने वाले उपकरण की आवश्यकता है, तो थेरेपी का यह रूप आपको चलने में अधिक स्वतंत्रता और आत्मविश्वास हासिल करने में मदद करने के लिए बनाया गया है।
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गेट ट्रेनिंग(gait training) का एक प्रमुख लाभ यह है कि यह इस संभावना को कम कर देता है कि चलते समय कम मोबिलिटी या अस्थिरता के कारण आप गिर न जाएं। गेट ट्रेनिंग या किसी अन्य फिजिकल चिकित्सा के साथ शुरुआत करने से पहले, यह महत्वपूर्ण है कि आपके डॉक्टर इस बात को लेकर निश्चिंत हों कि आप सुरक्षित रूप से प्रैक्टिस करने में सक्षम हैं। ये व्यायाम एक फिजिकल थेरेपिस्ट के साथ या उसके बिना किए जा सकते हैं। यह सब आपकी शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है।
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गेट ट्रेनिंग(gait training) के लाभ
इस गेट ट्रेनिंग फिजिकल थेरेपी(gait training physical therapy) के कई लाभ हैं। गेट ट्रेनिंग(gait training) इन चीजों में मददगार साबित हो सकती है,जैसे:
- आपकी मांसपेशियों और जोड़ों को मजबूत करने में
- संतुलन और पोस्चर को सुधारने में
- सहनशक्ति को बढ़ाने में
- मसल मेमोरी को विकसित करने में
- गिरने के जोखिम को कम करने और मोबिलिटी को बढ़ाने में
यह गेट ट्रेनिंग फिजिकल थेरेपी(gait training physical therapy) शारीरिक एक्टिविटी और मोबिलिटी को बढ़ा कर अन्य बीमारियों के जोखिम को कम करने में भी मददगार हो सकता है जैसे दिल संबंधी समस्याएं और ऑस्टियोपोरोसिस। गेट ट्रेनिंग आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
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गेट ट्रेनिंग (gait training) कब फायदेमंद हो सकती है?
दिमाग में चोट लगने या न्यूरोलॉजिकल विकारों से पीड़ित लोग फिर से चलना शुरू करने से पहले या बाद में भी गेट ट्रेनिंग फिजिकल थेरेपी(gait training physical therapy) का फायदा उठा सकते हैं। इन स्थितियों में भी यह गेट ट्रेनिंग(gait training) फायदेमंद हो सकती है।
- पैर या पेल्विस के टूटने पर
- स्ट्रोक्स
- मस्कुलर डिस्ट्रॉफी
- मुस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर्स और समस्याएं
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गेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज(gait training exercises)
अधिकतर गेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज(gait training exercises) का प्रयोग मांसपेशियों को मजबूत करने या स्टेबिलिटी सुधारने के लिए किया जाता है। यह गेट ट्रेनिंग(gait training) एक्सरसाइज इस प्रकार है:
- ट्रेडमिल पर चलना
- टांगों को लिफ्ट करना
- नीचे बैठना और ऊपर उठना
- चीजों के ऊपर पैर रखना
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ट्रेडमिल पर चलना
ट्रेडमिल पर चलना बहुत ही आसान प्रतीत है। लेकिन, चोट लगने के बाद ट्रेडमिल के ऊपर चलना आसान काम नहीं रह जाता। इस गेट ट्रेनिंग फिजिकल थेरेपी(gait training physical therapy) में अधिकतर फिजिकल चिकित्सक, रोगी की शुरुआत एक धीमी गति से ट्रेडमिल पर पैर की गतिशीलता के साथ करेंगे। इससे आपके चाल को एक तरह से अलाइन होने में मदद मिलेगी। जिसे दैनिक जीवन में अन्य अभ्यासों और गतिविधियों के लिए मजबूत किया जा सकता है। जो लोग अधिक नहीं हिल सकते, तब तक ट्रेडमिल पर उनके शरीर को उठाने के लिए हार्नेस का उपयोग किया जा सकता है, जब तक कि वो बिना किसी सहायता के चलने में सक्षम न हों।
खड़े होना और बैठना
गेट ट्रेनिंग(gait training) में अगली एक्सरसाइज है खड़े होना और बैठना। नियमित रूप से बैठने की स्थिति से उठना और फिर खड़ी स्थिति से नीचे बैठने से मांसपेशियों को मजबूत करने और पोस्चर में सुधारने में मदद मिलती है। बीमारी या चोट लगने के बाद मांसपेशियों की मेमोरी को कम करना पड़ता है, और यह कार्य दैनिक रूप से महत्वपूर्ण है।
टांगों का व्यायाम
टांगों को ऊपर उठाना सीटअपस का विकल्प हो सकता है। इस व्यायाम में आपको अपनी दोनों टांगों को कुल्हे की सीध में ऊपर ले जाने की कोशिश करनी है। लेकिन, उतना ही पैर ऊपर ले जाएं जितना आप कर सकते हैं। यह गेट ट्रेनिंग(gait training) व्यायाम कोर स्ट्रेंथ को सुधारने में मदद करेगा। चाहे आप रीढ़ की हड्डी की चोट या अन्य स्थिति से उबर रहे हों, अपने पैरों को उठाने और फिर से वापस अपनी शुरुआती स्थिति में लाने की क्षमता प्राप्त करना सकारात्मक रूप से आपकी मूवमेंट में सुधार करेगा। लेग लिफ्ट्स में उपयोग की जाने वाली मांसपेशियां रीढ़ की हड्डी और पूर्ण शरीर के स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त हैं।
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एक टांग पर खड़े होना
कोर स्ट्रेंथ, संतुलन और मसल मेमोरी यह सभी एक टांग पर खड़े होने में योगदान देते हैं। इसके लिए आप खुद का संतुलन बनाने के लिए कुर्सी या मेज का प्रयोग कर सकते हैं। धीरे-धीरे बिना सहारे एक घुटने को मोड़ कर खड़े रहें। दोनों टांगों के साथ इस प्रक्रिया को दोहराएं। गेट ट्रेनिंग(gait training) में कुछ और एक्सरसाइज भी शामिल है जिनकी सलाह आपको अपने डॉक्टर दे सकते हैं। अगर आपको हाल ही में चोट लगी है और आप ठीक हो रहे हैं या इसी किसी स्थिति का शिकार हैं जिनमें आपकी चाल पर असर पड़ा है। तो अपने सही एक्सरसाइज और सपोर्ट के लिए किसी विशेषज्ञ के पास जाएं। आपके डॉक्टर आपकी स्थिति और अन्य चीजों को ध्यान में रखते हुए आपको सही व्यायाम और अन्य चीजों के बारे में बता सकते हैं ताकि आप जल्दी ठीक हो सके।
चीजों के ऊपर पैर रखना
मोबिलिटी केवल घुटने को मोड़ना या आगे पीछे करना ही नहीं है। सही पोस्चर और पर्याप्त मसल मॉस से आप आसानी से फर्श पर पड़ी वस्तुओं के ऊपर से जाने में मदद मिलेगी। चीजों के ऊपर से जाना और अपने शरीर को इस चीज को करने के लिए प्राकृतिक रूप से ट्रेंड करने से आपका गिरने का जोखिम कम होगा, पोस्चर और बैलेंस सुधरेगा और उचित मूवमेंट के लिए शरीर को फिर तैयार करने में मदद मिलेगी।
गेट रीट्रेनिंग क्या है(what is gait retraining)
गेट रीट्रेनिंग पैर, घुटने या कूल्हे की चोटों को रोकने और उन्हें ठीक करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाला एक तरीका है। आमतौर पर यह चोट चलने या दौड़ने से होती है। इस तकनीक का लक्ष्य एक बेहतर स्ट्राइड के लिए शरीर के मैकेनिकस को सही करना और जोड़ों व नरम ऊतक पर खिंचाव को कम करना है। गेट रीट्रेनिंग के दौरान पैरों पर लगाए गए सेंसर रियल टाइम 3D पिक्चर को एक कंप्यूटर पर पहुंचाते हैं। जहां गैट समस्याओं की पहचान की जा सकती है। पीड़ित व्यक्ति भविष्य में किसी तरह की चोट को रोकने के लिए सही शरीर बॉडी मैकेनिक्स की प्रैक्टिस करने और सीखने के लिए 3-डी इमेजरी का उपयोग करता है। मांसपेशियों के असंतुलन को दूर करने के लिए गेट रिट्रेनिंग को अक्सर मजबूत और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के साथ जोड़ा जाता है।
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अगर आप कुछ समय से शारीरिक गतिविधियों में सक्रिय नहीं हैं, तो आपके लिए गेट ट्रेनिंग (gait training) मुश्किल हो सकती है। यही नहीं ऐसे में चलने की प्रक्रिया या वाक करना फिर से सीखना भी शरीर और दिमाग के लिए एक चुनौती हो सकता है। अगर आपको इसमें कोई भी समस्या आती है तो अपने डॉक्टर या फिजिकल थेरेपिस्ट से बात करें। उनसे अपनी स्पेसिफिक स्थिति, गेट ट्रेनिंग(gait training) योजना और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के बारे में पूछें। सही मार्गदर्शन और डॉक्टर की सलाह का पालन करने से आपको जल्दी स्वस्थ होने में मदद मिलेगी।
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