बॉडी को हेल्दी बनाये रखने के लिए बैलेंस्ड फुड और वर्कआउट दोनों अनिवार्य होते हैं। वर्कआउट शरीर को फिट एवं एक्टिव बनायें रखने के साथ-साथ बीमारियों से बचाये रखने में भी आपकी मदद करता है। नियमित एक्सरसाइज से शरीर का स्टैमिना बढ़ता है और बॉडी फ्लेक्सिबल होती है। आज इस आर्टिकल में पुश अप्स के फायदे को समझेंगे। पुश अप्स के फायदे क्या हैं? पुश अप्स (Push Up) कैसे किया जा सकता है? और जानेंगे ऐसे ही कई अन्य सवालों के जवाब भी।
पुश अप्स के फायदे महिला और पुरुषों दोनों को मिलते हैं। वहीं पुरुषों के लिए अपर बॉडी वर्कआउट में पुश अप्स पर बहुत ज्यादा जोर दिया जाता है क्योंकि फिटनेस एक्सपर्ट्स के अनुसार इस वर्कआउट से सीने को चौड़ा बनाया जा सकता है। इसलिए सिर्फ चौड़ी छाती के लिए नहीं बल्कि पुश अप्स के फायदे कई हैं।
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पुश अप्स क्या है?
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पुश अप्स कितने प्रकार से किया जा सकता है?
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पुश अप्स के फायदे क्या हैं?
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पुश अप्स करने का तरीका क्या है?
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पुश अप्स एक्सरसाइज से जुड़ी खास टिप्स क्या है?
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क्या पुश अप्स वर्कआउट के साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं?
पुश अप्स (Push Up) क्या है?
पुश अप्स एक एक्सरसाइज है, जिसे फ्री स्टाइल वर्कआउट के श्रेणी में आता है। इस वर्कआउट को करने के लिए जमीन की सतह से पेट के बल लेटकर किया जाता है। इस वर्कआउट के दौरान पैरों की उंगलियों और हाथों की हथेलियों के सहारे शरीर को ऊपर की ओर पुश की जाती है। ठीक उसी तरह जैसे ऊपर दिखाया गया है। इस फ्री स्टाइल वर्कआउट को नियमित करने से मांसपेशियां स्ट्रॉन्ग होती हैं।
क्या हैं पुश अप्स के फायदे?
पुश अप्स से एब्स, कंधे, सीने और ट्राइसेप्स को मजबूती मिलती है। यह अपर बॉडी के लिए सबसे सबसे बेस्ट एक्सरसाइज में से एक है। इस वर्कआउट से पुरुषों को बॉडी में वी-शेप मिलता है। जिससे पुरुष मजबूत और एट्रेक्टिव लगते हैं। इसके साथ ही पुश अप्स वर्कआउट रोजाना करने से निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं। जैसे:
मांसपेशियां होती हैं मजबूत:
मांसपेशियां को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए नियमित रूप से पुश अप्स एक्सरसाइज करना चाहिए। एक रिसर्च के अनुसार पुश अप्स करने से शोल्डर और आर्म्स स्ट्रॉन्ग होते हैं।
वजन होता है संतुलित:
अगर शरीर का वेट बैलेंस्ड बनायें रखना चाहते हैं या आप बढ़े हुए वजन से परेशान हैं, तो पुश अप्स के फायदे आपको मिल सकते हैं। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार वजन संतुलित रहता है और बॉडी वेट कंट्रोल रहने की वजह से दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा भी दूर होता है।
कमर दर्द (लोअर बैक) की परेशानी होती है दूर:
एनसीबीआइ के अनुसार वयस्कों में कमर दर्द की समस्या तकरीबन 60 से 80 प्रतिशत बढ़ी है। ऐसा बदलते जीवनशैली की वजह से होता है। इसलिए कमर दर्द से पीड़ित लोगों के लिए या कमर दर्द की समस्या से खुद को सुरक्षित रखने के लिए पुश अप्स वर्कआउट बेहद कारगर माना गया है।
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कार्डिएक डिजीज में आती है कमी
एक स्टडी के मुताबिक पुश अप्स करने वाले पुरुषों में दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। इसलिए आपकी अपर बॉडी ही नहीं आपके दिल के लिए भी पुश अप्स जरूरी हो जाते हैं। इस तरह से दिल की बीमारियों से बचना पुश अप्स के फायदे में अव्वल है।
टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन बढ़ता है
पुश अप्स के फायदे पुरुषों के लिए सबसे ज्यादा है क्योंकि इससे टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का स्तर बढ़ता है। यह पुरुषों के लिए बहुत लाभदायक होता है। इससे हड्डियां भी मजबूत होती हैं। आपको बता दें कि पुरुषों के दिल की सेहत के लिए यह बढ़िया वर्कआउट है।
मसल टोन और स्ट्रेंथ को बढ़ाता है
पुश अप्स मसल को टोन करने के साथ ही आपकी स्ट्रेंथ को भी बढ़ाते हैं। इसलिए पुश अप्स के फायदे से आपकी मसल्स भी फायदे में रहेंगी। इसे अगर विस्तार से जानना है, तो हमें पुश अप्स के प्रकारों को भी जानना होगा।
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पुश अप्स के कितने प्रकार हैं?
स्टैंडर्ड पुश अप्स (Standard pushup)
स्टैंडर्ड पुश अप्स वर्कआउट का सबसे आसान तरीका माना जाता है। इसे करने के लिए आपको प्लैंक की पुजिशन में आना होता है। इसके बाद नीचे की ओर यानी जमीन की ओर आएं और अपने सीने से जमीन को छुएं। दोबारा सामान्य पुजिशन में पहुंच जाएं। यह प्रक्रिया सेट के अनुसार दोहराएं। इस प्रकार के पुश अप्स के फायदे अनेक हैं।
वाइड ग्रिप पुश अप्स
पुश अप्स में स्टैंडर्ड पुश अप्स की अपेक्षा हाथों को कंधों की चौड़ाई से ज्यादा फैलाना पड़ता है। यह हाथों को मजबूती देता है।
क्लैपिंग पुश अप्स
पुश अप्स वर्कआउट की पुजिशन में आएं और अपने शरीर को नीचे की ओर लाएं। शरीर को पीछे की ओर धक्का दें। जिससे जमीन और सीने के बीच क्लैप की जगह बने। दोबारा अपनी पुजिशन में आ जाएं। इस पुश अप्स के फायदे कई हैं।
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इंक्लाइन पुश अप्स
बैंच की ओर मुंह करें और कंधों की चौड़ाई से ज्यादा हाथों को फैला लें। हाथों को बेंच के साइड में रखकर पुश अप (Push up) करें। इंक्लाइन पुश अप्स से सीने में प्रेशर पड़ता है।
डिक्लाइन पुश अप्स
डिक्लाइन पुश अप्स से आप मांसपेशियों को मजबूत कर सकते हैं। यह शरीर के निचले हिस्से के लिए भी यह लाभदायक होती है है। पैरों को बेंच पर रखें। आपका पेट जमीन की तरफ होना चाहिए। आपके हाथ भी जमीन पर होने चाहिए और सीधे होने चाहिए। अब अपने शरीर को तब तक नीचे की तरफ ले जाएं जब तक आपकी नाक जमीन पर ना लग जाए। अब अपनी शुरुआती स्थिति में लौट आएं।
क्लोज ग्रिप पुश अप्स
क्लोज ग्रिप पुश अप्स वाइड ग्रिप पुश अप्स के विपरीत होती है। इसमें हाथ कंधों से दूर नहीं बल्कि उससे भी ज्यादा करीब होते हैं।
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पुश अप्स करने का सही तरीका क्या हैॽ
पुश अप्स करना ही नहीं बल्कि सही तरीके से करना जरूरी है। पुश अप्स के फायदे पाने के लिए इसे सही सतह पर करना जरूर है। ऐसी जगह में उतार-चढ़ाव नहीं होना चाहिए। यदि उतार-चढ़ाव वाली जगह पर आप पुश अप्स करते हैं, तो यह आपके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। इसमें कमर सीधी होनी चाहिए।
पुश अप्स के फायदे में से एक है वजन कम होना। इससे आपका वजन तो कम होता है, साथ ही आपकी चेस्ट भी बनती है और यह आपके हाथों को और पैरों को भी मजबूत करते हैं। एक तरह से कहा जाए तो पुश अप्स ओवर ऑल बॉडी की एक्सरसाइज है। हर रोज कम से कम आधे घंटे की एक्सरसाइज के साथ ही डायन पर भी ध्यान देंगे तो आपका लक्ष्य दूर नहीं है। इसलिए आज से ही पुश अप्स के फायदे उठाने के लिए बताई गई एक्सरसाइज शुरू कर दें। लेकिन कुछ परिस्थितियों में आप पुश अप्स के फायदे नहीं उठा सकते हैं, क्योंकि उससे आपके शरीर को ही नुकसान होगा।
- अगर किसी को पहले से ही कंधे में दर्द हो या रोटेटर कफ या बाइसेप्स टेंडन सर्जरी हुई हो, तो उसे भी पुश अप्स नहीं करने चाहिए। ऐसा करना उसके कंधे की इस समस्या को बढ़ा सकता है।
- पुश अप्स करने के लिए आपके शरीर का ऊपरी हिस्सा और कोर मजबूत होना चाहिए। अगर आपने अभी-अभी व्यायाम करना शुरू किया है, तो आपके लिए पुश अप्स करना थोड़ा मुश्किल और हानिकारक भी हो सकता है। पुश अप्स के लिए सबसे पहले आपको अपने मसल्स को मजबूत करना होगा, ताकि आप बिना किसी नुकसान के इस एक्सरसाइज को कर सकें। इसलिए आपको शुरुआत में डंबल चेस्ट प्रेस प्लैंक और ट्राइसेप्स एक्सटेंशंस आदि करने चाहिए।
- पुश अप को वजन कम करने का रोजाना का व्यायाम माना जाता है, लेकिन यदि आपका वजन अधिक है तो पुश अप न करें। अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपकी कलाइयों में दर्द हो सकता है, क्योंकि पुश अप्स करने से आपके शरीर का पूरा भार आपकी कलाइयों पर पड़ता है। पुश अप करने से पहले अपने वजन को कम करें।
- जिन लोगों को कोहनी, कलाई और कंधे के जोड़ों की समस्या है, उन्हें पुश अप्स नहीं करने चाहिए। अगर आप ऑस्टिओअर्थराइटिस से पीड़ित हैं, तो पुश अप्स करना दुखदायी हो सकता है। इन मामलों में तब तक पुश अप्स ना करें, जब तक आपको डॉक्टर सलाह नहीं देते। जोड़ों की यह समस्या जोड़ों से संबंधित अधिक एक्सरसाइज करने, कमजोर एक्सरसाइज तकनीक या किसी दुर्घटना के कारण हो सकती है।
इन ऊपर बताये स्टेप्स को फॉलो करने में कोई परेशानी महसूस होती है, तो हेल्थ एक्सपर्ट एवं फिटनेस एक्सपर्ट से सलाह लें।
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पुश अप्स के लिए खास टिप्स क्या हैं?
- पुश अप्स वर्कआउट के दौरान हाथों और कंधे सीधे और सामने की ओर रखें
- पैरों को पास-पास रखें या दस से बारह इंच के डिस्टेंस पर रखें
- इस वर्कआउट के दौरान पीठ के साथ-साथ शरीर के हर एक हिस्से को सीधा रखें
- बॉडी का वेट पैरों और हाथों पर डालें
- पुश अप्स के दौरान शरीर को ऊपर लिफ्ट करने के दौरान ऊपर की ओर देखें और नीचे आने के दौरान नीचे की ओर देखें
- अगर पहली बार इस वर्कआउट को कर रहें हैं, तो फिटनेस एक्सपर्ट की निगरानी में एक्सरसाइज करें
- शुरूआती वक्त में तेजी से एक्सरसाइज न कर धीरे-धीरे करने की आदत डालें
- किसी भी एक्सरसाइज के दौरान बॉडी को डिहाइड्रेट होने न दें। इसलिए बीच-बीच में पानी पीने की आदत डालें
- हाथों में बेहतर ग्रिप बनाने के लिए वर्कआउट किये जाने वाले ग्लप्स पहनने की आदत डालें
- इन ऊपर बातये टिप्स को ध्यान में रखें और डेली एक्सरसाइज करें
इन ऊपर बताये टिप्स के साथ-साथ निम्न बातों को भी ध्यान रखें। जैसे:
- सीधे फर्श के बजाय योग मैट या इसी तरह की सतह पर पुश अप्स करें
- पुश अप्स करते समय घुटनों को अतिरिक्त कुशनिंग के लिए अपने घुटनों के नीचे एक फोल्डेड तौलिया रखें
- अपनी कलाई को दर्द से बचने के लिए हाथों को अपनी उंगलियों के साथ सीधे कंधे के नीचे रखें
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पुश अप्स वर्कआउट के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?
फ्री स्टाइल वर्कआउट में शामिल पुश अप्स के तो कई फायदे हैं, लेकिन अगर इस वर्कआउट को ठीक तरह से न किया जाय तो इसका शरीक पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। इस एक्सरसाइज को ठीक तरह से नहीं करने पर निम्नलिखित शारीरिक परेशानी हो सकती है। जैसे:
- गर्दन में दर्द
- पीठ दर्द
- कोहनी में दर्द
- चोट लगने की आशंका
- मोच आना
- मांसपेशियों में खिंचाव
पुश अप्स से जुड़े खास सवाल
स्लो या फास्ट पुश अप्स करना बेहतर होता है?
एक दिन में पुश अप्स कितने बार करना चाहिए?
क्या पुश अप्स रोजाना करना लाभकारी होता है?
अगर मैं पुश अप्स नहीं कर पा रहा हूं या नहीं कर पा रही हूं, तो क्या करना चाहिए?
पुश अप्स करना कितना लाभकारी होता है?
अगर पुश अप्स या किसी भी वर्कआउट से जुड़े सवाल आपके मन में हैं, तो एक्सपर्ट्स से इस बारे में अवश्य सलाह लें। वर्कआउट हमेशा ही शारीरिक क्षमता के अनुसार करें। अगर आपके फ्रेंड्स या कोई अन्य व्यक्ति 50 पुश अप्स करते हैं, तो आप भी ऐसा ना करें। यह आपके बॉडी स्ट्रक्चर एवं स्टेमिना पर निर्भर करता है की आपको कितना पुश अप्स या कोई भी अन्य वर्कआउट करना चाहिए। बॉडी बनाने के लिए एक्सरसाइज के साथ-साथ अपने आहार पर भी विशेष दें। क्योंकि फिट बॉडी के लिए एक्सरसाइज और हेल्दी डायट दोनों जरूरी होता है।
इसलिए इस वर्कआउट के साथ-साथ किसी भी वर्कआउट करने के दौरान ध्यान रखें। अगर आप पुश अप्स के फायदे या इस वर्कआउट से जुड़े किसी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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