दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में हो, परेशान कर देता है। दर्द तब ज्यादा तकलीफदायक हो जाता है, जब यह दर्द मनुष्य की किसी इंद्री में हो जाता है। मनुष्य के पास पांच ज्ञान इंद्रियां होती हैं, जिसमें जीभ, आंख, नाक, त्वचा और कान आते हैं और हम इस आर्टिकल में कान में दर्द के बारे में बात करेंगे।
कान में दर्द को ऐसे समझें
कान में दर्द होना किसी के लिए भी परेशानी का कारण हो सकता है, क्योंकि न सिर्फ इससे शारीरिक कष्ट झेलना पड़ता है। बल्कि, हमें रोजमर्रा के कामों में भी परेशानी होती है। कान के द्वारा सही तरीके न सुन पाने की वजह से व्यक्ति विकलांग महसूस करने लगता है। कान में दर्द की समस्या आपके एक या दोनों कान में हो सकती है। आमतौर पर, कान में दर्द की समस्या बच्चों में होती है, लेकिन ऐसा नहीं है कि वयस्क इस समस्या के अछूते हैं। आपको लगातार कान में दर्द हो सकता है या हो सकता है कि आपको कान में रुक-रुककर दर्द हो रहा हो। यह दर्द कम, तेज या जलन के साथ हो सकता है।
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वयस्कों को होने वाला कान में दर्द
कान में दर्द आमतौर पर बच्चों को प्रभावित करता है, क्योंकि इंफेक्शन या बैक्टीरिया के संपर्क में उनके आने की आशंका ज्यादा होती है। लेकिन, ऐसा नहीं है कि वयस्क यानि बड़े लोग इस समस्या से अछूते हैं। बड़े लोगों को भी कान में दर्द की समस्या हो सकती है, जो हालत खराब कर सकती है।
वयस्कों के कान में दर्द होने के पीछे क्या वजह है?
वयस्कों के कान में दर्द होने के पीछे निम्नलिखित वजह हो सकती हैं। जैसे-
हवा का दबाव
हमारे ईयरड्रम की दोनों साइड कानों का दबाव बराबर होता है, लेकिन कुछ कारणों की वजह या स्थितियों में दबाव का यह संतुलन बिगड़ जाता है। जिसकी वजह से कान में दर्द की समस्या होती है। यह प्रक्रिया खाना खाते हुए भी होती है। लेकिन, इसकी वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत तब आती है, जब धरती और हमारी शारीरिक स्थिति के बीच के अंतर में अचानक बदलाव आता है। मसलन, अगर आप किसी पर्वतीय स्थल पर गए हैं या किसी हवाई जहाज में यात्रा कर रहे हैं, तो आपके दोनों कानों की तरफ हवा का दबाव बिगड़ जाता है।
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कान का मैल
हमारे कान ईयरड्रम की सुरक्षा के लिए प्राकृतिक रूप से ईयर वैक्स का निर्माण और खात्मा करते हैं। लेकिन, जब इस प्रक्रिया में दिक्कत या रुकावट आ जाती है, तो ईयरवैक्स की मात्रा बढ़ जाती है और वह जम भी जाता है। जिससे हमारे कान में मौजूद ईयर कैनाल अवरोधित हो जाती है। इसकी वजह से भी बड़े लोगों को कान में दर्द की समस्या हो सकती है और कान में दर्द का सबसे आम कारण यही है।
कान के मध्य हिस्से का संक्रमण
कई बार हमारे कान के मध्य हिस्से में मौजूद ईयर ट्यूब ठंड, एलर्जी या साइनस इंफेक्शन की वजह से ब्लॉक हो जाती है। इस स्थिति में जब फ्लूड बनने लगता है और संक्रमण बन जाता है, तो इसे मेडिकल भाषा में ओटाइटिस मीडिया (Otitits Media) कहा जाता है। यह भी कान में दर्द का सामान्य कारण है। कई बार यह समस्या बैक्टीरिया की वजह से होती है। अगर, इस समस्या पर जल्द ही काबू नहीं पाया गया तो यह आपकी सुनने की क्षमतो को भी कम कर सकती है।
स्विमिंग की वजह से होने वाला दर्द
जब हमारे कान को खींचने या उसके ऊपर मौजूद छोटे फ्लैप को बंद करने के दौरान दर्द उठता है, तो उसका सामान्य रूप से कारण कान में संक्रमण होना होता है। इस प्रकार का संक्रमण या कान में दर्द तब होता है, जब आपके ईयर कैनाल में पानी फंस जाता है। जिसमें कीटाणु पनपने लगते हैं। इसकी वजह से कान में सूजन, खुजली, फ्लूड लीक होना या कान लाल हो जाता है। यह समस्या सिर्फ स्विमिंग करने वालों को ही नहीं होती, हो सकता है कि नहाते हुए किसी तरह आपके कान में पानी जाने की वजह से भी यह दर्द हो रहा हो।
कान में दर्द और संक्रमण
कान में संक्रमण होने की वजह से भी कान में दर्द हो सकता है। यह संक्रमण ईयरड्रम के पास फ्लूड जमने की वजह से होने वाले बैक्टीरिया या वायरस की वजह से हो सकता है। इसमें, कान में दर्द के साथ-साथ लगातार या रुक-रुककर फ्लूड भी निकल सकता है। कान का संक्रमण तीन प्रकार का हो सकता है, जैसे एक्यूट ओटाइटिस मीडिया (Acute Otitis Media), ओटाइटिस मीडिया विद इफ्यूजन (Otitis Media with Effusion), क्रोनिक ओटाइटिस मीडिया विद इफ्यूजन (Chronic Otitis Media With Effusion)। एक्यूट ओटाइटिस मीडिया में फ्लूड जमने की वजह से मध्य कान के हिस्से में संक्रमण या सूजन आती है।
ओटिटिस मीडिया विद इफ्यूजन में संक्रमण के खत्म होने के बाद भी फ्लूड की कुछ मात्रा ईयरड्रम के पीछे ठहर जाती है। जिसकी वजह से कोई लक्षण नहीं दिखता, लेकिन आपका डॉक्टर की एक स्पेशल इंस्ट्रूमेंट की मदद से उस फ्लूड को देख सकता है। क्रोनिक ओटिटिस मीडिया विद इफ्यूजन तब होता है, जब ईयरड्रम के पीछे काफी समय से फ्लूड जमा होता है। इससे आपकी सुनने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।
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कान में संक्रमण की वजह से क्या-क्या दिक्कते होती हैं?
संक्रमण के कारण कान में दर्द की वजह से निम्नलिखित परेशानियां हो सकती हैं। जैसे-
- हल्का बुखार
- कान में खुजली
- कान में सूजन
- संक्रमित कान की तरफ न सो पाना
कान में दर्द के अन्य कारण क्या-क्या हो सकते हैं?
कान में दर्द के पीछे ऊपर बताए गए कारणों के अलावा निम्नलिखित कारण भी हो सकते हैं। जैसे-
- कान में कुछ चले जाना
- दांत में संक्रमण
- ईयर कैनाल में एक्जिमा
- टेम्पोरोमैंडिबुलर जॉइंट सिंड्रोम (TMJ)
- जबड़े को प्रभावित करने वाली आर्थराइटिस
एलर्जी की वजह से कान में दर्द
कुछ लोग बाहरी तत्वों के प्रति हाइपरसेंसिटिव होते हैं, जिस वजह से अगर उनके कान में एनिमल डैंडर या परागण जैसा कोई भी बाहरी तत्व कान में संपर्क में आता है, तो उनका इम्यून सिस्टम एलर्जिक रिएक्शन करने लगता है। इसी एलर्जीक रिएक्शन की वजह से कान में दर्द, सूजन या खुजली जैसी समस्या हो सकती है। एलर्जी के कारण कान में दर्द के अन्य कारणों की वजह से होने वाली परेशानी बढ़ जाती है। क्योंकि, सूजन या दर्द की वजह से हवा के दबाव, संक्रमण या सुनने की क्षमता नकारात्मक रूप से प्रभवित हो सकती है। जिसकी वजह से आपके कान में दर्द असहनीय हो सकता है।
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निगलने के दौरान कान में दर्द
कान में दर्द होने की स्थिति और कारण अलग-अलग हो सकते हैं। हमारे कान, शरीर के अन्य अंग जैसे- नाक, गले, मुंह आदि के साथ लाइनिंग शेयर करते हैं। जिस वजह से कान में दर्द सिर्फ कान में दिक्कत की वजह से ही नहीं बल्कि इन अंगों की समस्या के कारण भी हो सकता है। मगर निगलने के दौरान कान में दर्द होने की समस्या कान के संक्रमण की वजह से भी हो सकती है। अब, आप सोच रहे होंगे कि कान के संक्रमण की वजह से सिर्फ निगलते हुए ही दर्द क्यों होता है। इसके पीछे का कारण कान, गले और मुंह की लाइनिंग का एकसाथ जुड़ाव हो सकता है। जब आपके कान में संक्रमण गले की लाइनिंग की तरफ होता है, तो कुछ निगलते हुए वह हिस्सा एक्टिव हो जाता है, जिस वजह से कान में दर्द की दिक्कत होती है। इसके अलावा, टॉन्सिल की वजह से निगलने के दौरान कान में दर्द हो सकता है।
कान में दर्द और साइनस की समस्या
ईयर कंजेशन की वजह से होने वाला कान में दर्द साइनस की समस्या के कारणों की वजह से भी बढ़ सकता है। क्योंकि, सामान्य कोल्ड, एलर्जी या साइनस इंफेक्शन से होने वाली साइनस की समस्या ईयर कंजेशन को बढ़ा देती है। जिससे नाक और कान के मध्य हिस्से के बीच मौजूद यूस्टेशियन ट्यूब की कार्यप्रणाली बिगड़ जाती है। जिससे, कान के दोनों तरफ रहने वाला हवा का दबाव बिगड़ने कारण कान में दर्द होता है।
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कान में दर्द होने पर डॉक्टर को कब दिखाएं?
आपके मन में यह सवाल जरूर उठ सकता है कि, कान में दर्द होना सामान्य बात होती है जो अपने आप ठीक हो जाती है। इसलिए हर बार कान में दर्द होने पर डॉक्टर के पास जाने की क्या जरूरत है। लेकिन, आपको कान में दर्द होने के दौरान निम्नलिखित परिस्थितियों में डॉक्टर के पास जाना चाहिए। क्योंकि, इन स्थितियों में कान में दर्द की समस्या गंभीर हो सकती है और आगे चलकर आपकी सुनने की क्षमता भी प्रभावित कर सकती है। इसलिए, कान में दर्द होने पर डॉक्टर के पास तुरंत जाएं, यदि-
- कान से खून या ब्लड जैसा कोई फ्लूड बाहर निकल रहा है।
- कान में कुछ चीज फंसी होने का अहसास हो रहा है।
- आपको तेज बुखार, सिरदर्द या चक्कर आने की समस्या हो रही है।
- कान में दर्द वाली तरफ चेहरे का हिस्सा कमजोर महसूस होता है या कान के पीछे सूजन आ रही है।
- अचानक कान में तेज दर्द उठना और फिर एकदम शांत हो जाना।
- कान में दर्द की समस्या 24 से 48 घंटों के बाद भी जारी रहती है।
क्या कान में दर्द की समस्या से बचाव मुमकिन है?
किसी भी तरह का कान में दर्द या संक्रमण होने से बचाने के लिए आपको निम्नलिखित टिप्स को अपनाना चाहिए।
- अपनी एलर्जी की दवाइयां समय पर लें और एलर्जी बढ़ाने वाली चीजों से दूर रहें।
- आप डॉक्टर द्वारा बताई गई जरूरी वैक्सीन समय पर लें।
- कान की अच्छे से साफ-सफाई करें। कान की सफाई करने के लिए कॉटन स्वैब का इस्तेमाल करते हुए काफी सावधानी बरतें।
- स्विमिंग या नहाने के बाद कानों को अच्छी तरह से सुखाएं।
- अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ करें और कोल्ड या अपर रेस्पेरेटरी समस्याओं से ग्रसित मरीजों से सावधानी से मिलें।
- स्मोकिंग न करें और पेसिव स्मोकिंग से भी जहां तक हो सके दूर रहें।
- कानों में जानबूझकर कोई भी चीज न डालें।
कान में दर्द के लिए घरेलू उपाय क्या हैं?
कान में दर्द की समस्या काफी तकलीफदायक हो सकती है। लेकिन, इन घरेलू उपायों का इस्तेमाल करके आप राहत पा सकते हैं। जैसे-
ओवर द काउंटर दर्द निवारक दवा- आप संक्रमण आदि की वजह से कान में दर्द होने पर ओवर द काउंटर दर्द निवारक दवा का सेवन कर सकते हैं। जिससे राहत मिल सकती है। लेकिन, डॉक्टर की सलाह से दवा का सेवन करना ज्यादा सुरक्षित है।
ऑलिव ऑइल– हालांकि, इसका कोई आधिकारिक प्रमाण नहीं है, लेकिन सालों से कान में दर्द के लिए ऑलिव ऑइल का इस्तेमाल किया जा रहा है। कान में ऑलिव ऑइल की कुछ बूंद डालने से कान में दर्द से राहत मिल सकती है।
कान पर दबाव डाले बिना सोना- संक्रमित कान की तरफ करवट लेने से कान में दर्द बढ़ सकता है। क्योंकि, इससे संक्रमित कान पर प्रेशर पड़ता है। इसलिए, कोशिश करें कि आप सही कान की तरफ सोयें।
ठंडा या गर्म कपड़ा- आप कान में दर्द से राहत पाने के लिए ठंडे या गर्म कपड़े से सिकाई कर सकते हैं। जिससे मसल्स में आराम मिल सकता है और दर्द में कमी हो सकती है।
अदरक– अदरक में नेचुरल एंटी-इंफेलेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन और उसकी वजह से होने वाले दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं। इसके लिए, अदरक के रस या अदरक डालकर गर्म किए गए तेल को आउटर ईयर कैनाल पर लगाएं।
गर्दन की एक्सरसाइज- ईयर कैनाल पर प्रेशर पड़ने से होने वाले दर्द में राहत पाने के लिए गर्दन की एक्सरसाइज की जा सकती है। इसके लिए, दोनों पैरों को जमीन पर पूरी तरह रखकर सीधी कमर के साथ बैठ जाएं। अब धीरे-धीरे अपने सिर और गर्दन को किसी एक तरफ के कंधे की तरफ ले जाएं। फिर दूसरी तरफ के कंधे की तरफ ले जाएं। अब गर्दन को सीधी करके कंधों को कान की तरफ ले जाएं। इस स्ट्रेचिंग के करने से राहत मिल सकती है।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार मुहैया नहीं कराता।