यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन कहने और सुनने में एक सामान्य इंफेक्शन सा लगता है। लेकिन, इलाज न होने पर यह काफी खतरनाक हो जाता है। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को होता है। ऐसे में अगर बात की जाएं पुरुष और महिला के जननांगों की तो महिला के जननांग यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से ज्यादा प्रभावित होते हैं। आइए जानें कि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन क्या है?
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यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन क्या है?
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) महिलाओं में होने वाली सबसे सामान्य बीमारी है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के रिपोर्ट के अनुसार तकरीबन 50 प्रतिशत महिलाओं को कभी ना कभी यूरिन इंफेक्शन की परेशानी हुई है। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का मुख्य कारण सफाई (हाइजीन) नहीं रखना माना जाता है। वहीं, ज्यादातर महिलाओं को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन छह महीने पर दोबारा हो सकता है। जिसमें योनि व मूत्रमार्ग में जलन और दर्द भी हो सकता है। UTI किसी भी उम्र की महिला को कभी भी हो सकता है।
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यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लक्षण क्या है?
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लक्षण निम्न हैं :
- बार-बार पेशाब लगना
- साफ नहीं बल्कि धुंधली पेशाब होना
- पेशाब से या वजायना से बदबू आना
- पेशाब करने में दर्द या जलन महसूस होना
- पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द होना
- ज्यादा देर तक पेशाब होना
- संक्रमण के कारण बुखार आना
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने का कारण क्या है?
यूटीआई के संक्रमण के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया का नाम इश्चीरिया कोलाई (Escherichia coli) है। ये बैक्टीरिया हमारे आंतों में रहता है। फिर यह हमारे मलाशय (rectum) से गुदा (Anus) तक पहुंचता है। फिर वजायना से होते हुए मूत्रमार्ग तक बैक्टीरिया पहुंच जाता है। फिर हमारे मूत्राशय (Urinary Bladder) को प्रभावित कर देता है। जिससे ये संक्रमण हो जाता है।
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यूटीआई दोबारा क्यों हो जाता है?
यूटीआई के दोबारा होने का कारण है योनि और यूरिनरी ट्रैक्ट को हाइजीन या साफ न रखना। कभी-कभी असुरक्षित सेक्स करने से भी यूटीआई की समस्या होती है। इसके अलावा अगर आप सेक्स के समय शुक्राणुनाशक (spermicides) का प्रयोग करती हैं तो भी यूटीआई होने के जोखिम बहुत बढ़ जाते हैं। शुक्राणुनाशक (spermicides) का प्रयोग करने से वजायना के अच्छे बैक्टीरिया, लैक्टोबैसिलाई मर जाते हैं। जिससे इश्चीरिया कोलाई को संक्रमण फैलाने का मौका मिल जाता है। इसलिए दोबारा यूटीआई हो जाता है।
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कैसी स्थितियां यूटीआई के जोखिम को बढ़ा सकती हैं?
यूटीआई होने का जोखिम निम्न मामलों में बढ़ जाता है :
- मेनोपॉज होने के पहले महिलाओं को यूटीआई की समस्या हो सकती है।
- अगर आपकी मां और बहन को भी हमेशा यूटीआई होता रहा है तो आप को भी यूटीआई बार-बार होने का रिस्क बढ़ जाता है।
- अगर पूरी तरह से ब्लैडर से मूत्र नहीं निकलता है तो भी यूटीआई होने का खतरा बढ़ जाता है।
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के इलाज से जुड़े अध्ययन
यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने साल 2016 में एक सलाह जारी करते हुए फ्लोरोक्विनोलोन (fluoroquinolones) को दुर्लभ लेकिन यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (मूत्र पथ के संक्रमण) के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए कारगर पाया था। जिसके बाद इसी तरह की एक सलाह कनाडा और यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी ने भी जारी की है। जिसके उद्देश्य से वे यह निर्धारित करना चाहते थे कि क्या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के उपचार में फ्लोरोक्विनोलोन का इस्तेमाल करना वैकल्पिक गैर-फ्लोरोक्विनोलोन एजेंट के मुताबले अधिक प्रभावी हैं या नहीं।
इसके लिए किए गए एक अध्ययन में पाया गया कियूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के उपचार में फ्लोरोक्विनोलोन का इस्तेमाल करना लाभकारी रहा है। जिन महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के उपचार में इसका इस्तेमाल किया गया उनमें यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के दोबारा होने के जोखिम के खतरे को काफी हद तक कम करने में मदद मिली है। अध्ययन में पाया गया कि यह यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के दोबारा होने के जोखिम को 22.348.5 फिसदी तक कम करता है। हालांकि, इसका साथ ही कुछ निश्चित समय तक एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करना भी जरूरी होता है। हालांकि, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने के दोबारा जोखिम आदतों पर भी निर्भर कर सकता है। इसलिए, अगर कोई महिला एक बार इस समस्या का उपचार करवा चुकी है, तो दोबारा इसे होने से रोकने के लिए उसे अपनी दैनिक आदतों में सुधार करना चाहिए। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का इलाज कैसे करें?
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन पहली बार हो या बार-बार हो, रोकथाम ही यूटीआई का सबसे बड़ा इलाज है। इसके लिए आप निम्न चीजें कर सकते हैं :
- रोज दो से तीन लीटर पानी और जूस पीने की आदत डालें।
- ज्यादा पानी पिएंगे तो पेशाब बार-बार आएगी। तो पेशाब को रोके नहीं इससे भी यूटी इंफेक्शन होता है।
- साफ-सफाई का ख्याल रखें और कॉटन (सूती) अंडरगारमेंट ही पहनें।
- उन फल और सब्जियों का सेवन करें, जिनमें विटामिन-सी की मात्रा अधिक होती है। विटामिन-सी यूरिन इंफेक्शन पैदा करने वाले बैक्टेरिया को खत्म करने में मदद करता है।
- औषधियों में शामिल आंवले के पाउडर और इलायची पाउडर को एक साथ मिलाकर इस मिश्रण को पानी में मिक्स कर के पीने से फायदा मिलता है।
- महिला हों या पुरुष दोनों को ही अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई का ध्यान रखना चाहिए। यूरिन इंफेक्शन हाइजीन नहीं रखने की वजह से भी होता है।
- शुक्राणुनाशक के जगह पर गर्भनिरोध के अन्य विकल्पों को अपनाएं।
- डीहाइड्रेशन से बचने के लिए नारियल पानी पीने आदत डालें। नारियल पानी में मौजूद विटामिन, मिनरल, साइटोकाइन, एमिनो एसिड और एलेक्ट्रोलाइट्स आवश्यक मात्रा में मौजूद होते हैं। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी।
- यूटीआई होने पर वजायना और मूत्रमार्ग पर पानी न डालें। इससे बैक्टीरिया बाहर निकलने के बजाए अंदर ही जाएंगे। साथ ही वजायना को आगे से पीछे की तरफ पोछ कर साफ करें न कि पीछे से आगे की तरफ।
- इसके अलावा संक्रमण को कम करने के लिए लो डोज की एंटीबायोटिक्स ले सकती हैं। जैसे- नाइट्रोफ्यूरैनटॉइन, ट्राइमेथॉप्रिम-सल्फामेथॉक्साजोल और सिफैलेक्सिन को आप यूटीआई दोबारा होने पर ले सकते हैं। डॉक्टर के परामर्श के आधार पर आप इन एंटीबायोटिक्स को छह माह तक ले सकते हैं। जिससे यूटीआई के दोबारा होने के जोखिम कम हो जाएंगे।
इन बातों का रखें ध्यान
- सेक्स के तुरंत बाद पेशाब करें।
- ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
- टाइट पैंटी और जीन्स न पहनें।
- मूत्रमार्ग और योनि को हमेशा आगे से पीछे की तरफ साफ करें।
- पेशाब को जबरदस्ती न रोकें। जब भी पेशाब आए तब कर लें। इससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का रिस्क लगभग न के बराबर हो जाएगा।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।