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केंद्रीय मंत्री के घर पहुंचे कृत्रिम रंग वाले सेब, मिलावटी फल और सब्जी को ऐसे जांचें

केंद्रीय मंत्री के घर पहुंचे कृत्रिम रंग वाले सेब, मिलावटी फल और सब्जी को ऐसे जांचें

फलों व सब्जियों में कृत्रिम रंग लगाकर बेचने वालों की तादात काफी बढ़ गई है। आपके या हमारे घर में अगर इस तरह के मिलावटी फल और सब्जी आ जाए तो शायद ये किसी के लिए बड़ी बात न होगी। अगर ये वाकया किसी केंद्रीय मंत्री के घर में हुआ हो तो ये बात तो चौंकाने वाली ही है। जी हां, केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान के यहां कुछ ऐसा ही मामला देखने को मिला है।

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जब सेब से निकला वैक्स

रविवार को मंत्री जी ने सलाद खाने की इच्छा जताई और अपने स्टाफ से रशियन सलाद की व्यवस्था करने को कहा। आदेश मिलते ही स्टाफ रशियन सलाद बनाने के लिए जरूरी सामान और फल लाने के लिए बाजार चला गया। मंत्री जी ने सभी फलों को ठीक से धोने की हिदायत भी दी। फिर क्या था, जब सेब को धोने की कोशिश की गई तो वह ठीक से नहीं धुला। पानी से धोने पर सेब से चिकनाई निकल रही थी। बाद में स्टाफ ने सेब को चाकू से खुरचा तो उस पर वैक्स लगा हुआ मिला।

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हरकत में आया उपभोक्ता मंत्रालय

420 रुपए किलो के हिसाब से खरीदे गए सेब में जब वैक्स निकला तो उपभोक्ता मंत्रालय तुरंत हरकत में आ गया। बड़ी बात तो ये है कि मिलावटी फल और सब्जी को रोकने की जिम्मेदारी खुद पासवान के ही मंत्रालय की है। पासवान के फोन के बाद टीम ने उस जगह पर छापा मारा। छापे में अधिकारियों ने सभी फलों पर वैक्स और केमिकल लगा हुआ पाया। छापे के बाद नियमों को उल्लंघन करने पर फल विक्रेता का चालान भी काट दिया गया। बात करने के दौरान दुकानदार ने कहा कि उसने अमेरिकन सेब आजादपुर मंडी से लिया था। शिकायत आने के बाद उसने अपनी दुकान खाली कर दी।

बाजार में जहां देखों वहां हर चीज में मिलावट देखने को मिलती है। दाल, मावा, दूध तो छोड़िए अब  सब्जियां और फल भी इससे अछूते नहीं हैं। फलों और सब्जियों में मिलावट कर उन्हें सुंदर बनाया जाता है। मिलावटी फल और सब्जी बाहर से देखने में तो आकर्षक लगती हैं, लेकिन स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर छोड़ती हैं। जिन फलों और सब्जियों को हम स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद समझ कर ले रहे हैं असल में वो हमें नुकसान पहुंचा रही हैं। यहां तक कि कई लोग मिलावटी फल और सब्जी का सेवन करने से जान गवा बैंठे हैं। न्युट्रिशनिस्ट का कहना है कि सब्जियों और फलों में इस्तेमाल होने वाला रंग और ऑक्सीटोसिन हमारा लिवर पचा नहीं पाता है। इससे लिवर बढ़ जाता है। कई लोगों के शरीर में सब्जियों और फलों में मिलावट होने वाले केमिकल के कारण कोशिकाओं में अनियंत्रित वृद्धि होती है। इनसे किडनी और लिवर संबंधित परेशानियां होने के साथ कैंसर भी होने लगा है। आइए जानते हैं मिलावटी फल और सब्जी की जांच कैसे करें…

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ऐसे करें मिलावटी फल और सब्जी में पहचान:

कहीं आप भी तो जिन चीजों को हेल्दी समझकर खा रहे हैं वो मिलावटी तो नहीं। निम्नलिखित तरीकों से करें मिलावटी फल और सब्जी की पहचान…

आलू:

आलू खरीदते समय इस बात पर गौर करें कि उन पर झुर्रियां तो नहीं हैं। हमेशा ऐसे आलू लेने की कोशिश करें जिन पर मिट्टी लगी हो। ये आलू सीधे खेत से निकले हुए होंगे। हरे रंग के आलू को खरीदने की गलती न करें। यदि आलू में से अंकूर फूटने लगे हैं तो इन्हें भी खरीदने से परहेज करना चाहिए।

अंगूर:

अंगूर सबको पसंद होते हैं लेकिन आजकल मिलावटी फल और सब्जी मार्केट में अपने पैर पसार चुकी है और इससे अंगूर भी अछूता नहीं है। अंगूर का गुच्छे को हवा में उठाएं। अगर इन्हें केमिकल से पकाया गया है तो ये उठाते ही खुद टूटने लगेंगे। जब भी अंगूर खरीदने जाएं तो साफ सुथरे अंगूर के गुच्छे को खरीदें।

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शकरकंदी (स्वीट पोटेटो):

एक कॉटन बॉल लें और इसे पानी या वेजिटेबल ऑयल में डिप करें। अब शकरकंदी के बाहरी हिस्से पर कॉटन बॉल को रब करें। यदि कॉटन कलर को एवसॉर्ब करती है तो इसका मतलब है कि इसे बाहर से Rhodamine B से रंगा गया है।

मटर:

एक ट्रांसपेरेंट ग्लास में मटर और पानी डालें। इसे आधे से एक घंटे तक पड़े रहने दें। यदि मटर अपना रंग छोड़ता है यानी पानी का रंग बदल जाता है तो इसका मतलब है मटर मिलावटी है।

हरी मिर्च/करेला:

एक कॉटन बॉल लें और इसे पानी या वेजिटेबल ऑयल में डिप करें। हरी सब्जी जैसे मिर्च, करेला आदि के बाहरी हिस्से पर कॉटन बॉल को रब करें। यदि कॉटन ग्रीन कलर को एवसॉर्ब करती है तो इसका मतलब है कि इसे मैलाकाइट ग्रीन (malachite green) नामक केमिकल से स्प्रे किया गया है।

खट्टे फल:

खट्टे फल जैसे नींबू, संतरे और कीनू को खरीदते वक्त एक चीज का हमेशा ध्यान रखें कि उन पर भूरे रंग के धब्बे न हो। इन फलों को हमेशा फ्रेश लेना चाहिए।

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मिलावटी फल और सब्जी की पहचान करने में मदद करेंगे ये टिप्स:

नाखून से करें पहचान:

कई बार फलों को चमकदार बनाने के लिए वैक्स से पॉलिश की जाती है। इसलिए फलों को खरीदते समय हमेशा उन्हें नाखून से खरोच कर चेक करें। यदि फलों पर वैक्स होगी तो वो हटना शुरू हो जाएगी। ऐसे फलों को खरीदने की गलती न करें।

दाग धब्बे वाले फलों को न खरीदें:

जिन फलों को नैचुरल तरीके से उगाया जाता है उनमें दाग धब्बे नहीं होते हैं। इनकी एक पहचान और होती है वो यह कि उन सभी का रंग एक जैसा होता है।

वजन से भी कर सकते हैं पहचान:

जिन फलों को नैचुरल तरीके से पकाया जाता है वो वजन में भारी होते हैं। आप जब भी फल खरीदने जाएं तो उन्हें हाथ में उठाकर उनके वजन से अंदाजा लगाएं।

एग्जॉटिक वेजिटेबल खरीदते वक्त इस बात का रखें ध्यान:

एग्जॉटिक वेजिटेबल जैसे सेलेरी, पार्सले या ब्रोकली को खरीदते वक्त इस बात पर गौर करें कि सब्जी हमेशा हरी और फ्रेश होनी चाहिए। यदि सब्जी पीली या पकी हुई है तो इन्हें न खरीदें। इन सब्जियों की ताजगी लंबे समय तक बरकरार नहीं रहती है।

मिलावटी फल और सब्जी का सेवन करने से कई गंभीर रोग होने का खतरा रहता है। अब जब भी आप सब्जी और फलों को खरीदने जाएं तो मिलावटी फल और सब्जी के बारे में बताई गई इन बातों का खास ख्याल रखें। हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। यदि आप फलों और सब्जियों में मिलावट से जुड़ी अन्य जानकारी चाहते हैं या आपका लेख से संबंधित कोई सवाल है तो आप कमेंट सेक्शन में कमेंट कर सवाल पूछ सकते हैं। यदि आपको हमारा लेख पसंद आया तो आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं व इसे अपने दोस्तों संग शेयर कर सकते हैं।

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Accessed on 10/12/2019

 

Current Version

25/08/2020

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: shalu


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Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/08/2020

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