स्टीविया (Stevia) मीठे स्वाद वाला पौधा होता है। इसका इस्तेमाल 16 वीं सदी के बाद से चाय को मीठा बनाने के लिए किया जाता है। यह मूल रूप से ब्राजील में पाया जाता है लेकिन, अब जापान और चीन में भी इसे उगाया जाने लगा है। इसका इस्तेमाल कई खादृय और पेय पदार्थों में चीनी के हेल्दी ऑप्शन के रूप में किया जाता है। स्टेविया एक जीरो कैलोरी स्वीटनर है जिसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। यह दिल के रोग और मोटापे से पीड़ित लोगों के लिए भी फायदेमंद है। स्टेविया न केवल शुगर बल्कि ब्लड प्रेशर, हाईपरटेंशन, दांतों की समस्या, वजन कम करने, गैस, पेट की जलन, त्वचा रोग और सुंदरता बढ़ाने के लिए भी उपयोगी होता है।
स्टीविया (Stevia) क्या है?
सदियों से दक्षिणी अमेरिकी देशों, जैसे ब्राजील में स्टीविया (Stevia) पौधे की पत्तियों का इस्तेमाल प्राकृतिक स्वीटनर के तौर पर होता आ रहा है। आज स्टीविया पूरे विश्व में पाया जाता है और मीठे के प्राकृतिक विकल्प के तौर पर मशहूर है। ये नेचुरल स्वीटनर स्टेविया रिबॉदियाना के पौधे से हासिल होता है. इसमें मीठा प्राकृतिक रूप से पाया जाता है और ये साधारण चीनी से 200 गुणा अधिक मीठा होता है. इसकी यह खासियत दो मिश्रणों की वजह से हैं: पहला स्टेवियोसाइड और दूसरा रिबॉडियोसाइड।
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स्टीविया के फायदे (Benefits of stevia) क्या हैं?
1.डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान (Good for Diabetic Patients)
स्टीविया (Stevia) का सेवन खाने में मिठास को बढ़ाता है लेकिन कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट को नहीं। साथ ही ब्लड शुगर और इन्सुलिन प्रतिक्रिया पर भी इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इसलिए डायबिटीज के मरीज के लिए स्टीविया (Stevia) का सेवन अच्छा होता है। स्टीविया के इस्तेमाल का ब्लड शुगर, इन्सुलिन लेवल, ब्लड प्रेशर और शरीर के वजन पर कोई भी इफेक्ट नजर नहीं आता।
2010 में की गई एक लैब स्टडी में पाया गया कि सूक्रोस के मुकाबले स्टीविया (Stevia), खाने के बाद के ब्लड ग्लूकोज़ लेवल में अधिक गिरावट लाता है। स्टडी में शामिल प्रतिभागियों ने पाया कि स्टीविया (Stevia) के इस्तेमाल से भी वो उतना ही भरा-भरा महसूस कर रहे थे, जितना चीनी से। जबकि चीनी के मुकाबले स्टीविया में न के बराबर कैलोरी पाई जाती है। इससे पता चलता है कि स्टीविया को चीनी के बदले इस्तेमाल करने से डायबिटीज ग्रसित लोग अपना वजन आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं।
2.वजन को नियंत्रित करती (Manage weight) है स्टीविया
अधिक वजन और मोटापे के कई कारण होते हैं जिनमें से एक है बॉडी में कैलोरी का ज्यादा इंटेक और ज्यादा ब्लड शुगर। इसलिए बढ़ते वजन को नियंत्रित करने के लिए आप अपने दैनिक जीवन में चीनी की जगह स्टेविया का इस्तेमाल कर सकते हैं। क्योंकि यह एक जीरो कैलोरी स्वीटनर है साथ ही यह ब्लड शुगर लेवल को भी नहीं बढ़ाता। यह एक बैलेंस्ड डाइट का हिस्सा आसानी से बन सकता है।
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3.पेंक्रियाज (अग्नाशय) के कैंसर का खतरा होता है कम (Lower the risk of Pancreatic cancer)
स्टेविया में कई स्टेरोल और एंटीऑक्सिडेंट कम्पाउंड पाए जाते हैं, जिनमें काएफेरफेरोल शामिल है। अध्ययनों में पाया गया है कि काएफेरफेरोल अग्नाशय के कैंसर के खतरे को 23 प्रतिशत तक कम कर सकता है।
4.ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) कंट्रोल करती है स्टीविया
स्टीविया (Stevia) में ग्लाइकोसाइड पाया जाता है जो ब्लड वेसल्स को फैलाने का काम करता है। रिसर्च के अनुसार स्टेविया का सेवन लो ब्लड प्रेशर में अच्छा होता है क्योंकि इस पौधे में कार्डियोटोनिक क्रियाएं हो सकती हैं जो ब्लड प्रेशर को सामान्य करती हैं। साथ ही दिल की धड़कन को नियंत्रित करती हैं। हालांकि, की इस दावे की पुष्टि के लिए और अध्ययन की जरूरत है, क्योंकि कुछ अध्ययनों के मुताबिक स्टेविया ब्लड प्रेशर को प्रभावित नहीं करता है।
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5.बच्चों के लिए लाभदायक (Beneficial for children)
स्टीविया (Stevia) युक्त खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ बच्चों में एक्स्ट्रा शुगर के कारण बढ़ने वाली कैलोरी को रोकते हैं। बच्चे खाने को लेकर काफी चूजी होते हैं और उन्हें न्यूट्रिशनल वैल्यू से भी कोई लेना- देना नहीं होता। इसलिए बच्चों की रूचि बढ़ाने के लिए आप स्नैक्स, सलाद और ड्रिंक में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
स्टीविया (Stevia) चीनी का एक बेहतर विकल्प है। यह तो अब तक आप समझ ही गए होंगे, क्योंकि यह भोजन के स्वाद को बिगाड़े बिना उसे पर्याप्त मिठास देता है। जिसका सेहत पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ता। दरअसल ज्यादा चीनी सेहत के लिए अच्छी नहीं होती है। यहां तक कि इसकी ज्यादा मात्रा बॉडी के लिए स्लो पोइजन का काम करती है इसलिए चीनी की जगह इसका इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है।
जैसा कि हमने बताया, स्टीविया (Stevia) का सेवन डायबिटीज में फायदेमंद होता है। ऐसे में डायबिटीज से कैसे बचा जाए, ये जानना भी जरूरी है। नीचे जानिए कि किस तरह आप घरेलू उपायों की मदद से डायबिटीज से राहत पा सकते हैं।
करेले का करें सेवन (Bitter gourd)
करेला में मौजूद पोषक तत्व रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को कम करने की खूबी रखता है। करेला पूरे शरीर में न केवल ग्लूकोज मेटाबोलिज्म को कम करता है बल्कि यह इंसुलिन को भी बढ़ाता है। रोजाना सुबह एक गिलास करेला का जूस पीना चाहिए। इसके अलावा अपने खाने में करेले से बनी सब्जी शामिल करके आप उसके ज्यादा से ज्यादा फायदे हासिल कर सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार करेले के सेवन से खून भी साफ होता है।
कहा जाता है कि, अलसी के बीज के आटे का सेवन करने से डायबिटीज के मरीजों में शुगर की स्तर लगभग 28 प्रतिशत तक कम हो सकती है। इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट्स, फायबर और अल्फा लिनोलिक एसिड भी मौजूद होता है, जो शरीर को बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है।
ग्रीन टी (Green Tea)
हाल ही में हुए शोध के मुताबिक ग्रीन टी जितना दिमाग को एकाग्रता प्रदान करता है, उससे कहीं ज्यादा शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है। ग्रीन टी डिप्रेशन, अल्सरेटिव कोलाइटिस या क्रोहन रोग, वजन घटना, पेट की बीमारियां, उल्टी, दस्त में फायदेमंद है।
जामुन का करें सेवन (Berries)
डायबिटीज के मरीजों के लिए इसे वरदान समान माना जाता है। जामुन के बीज भी डायबिटीज कंट्रोल करने में मददगार हैं। रोजाना सुबह खाली पेट जामुन के बीजों के चूरन को गुनगुने पानी के साथ पिएं। ऐसा नियमित करने से डायबिटीज में स्टीविया कंट्रोल में रहेगा।
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ऐलोवेरा का करें सेवन (Aloe vera)
डायबिटीज में स्टीविया या डायबिटीज के मरीज के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है। एलोवेरा का जूस डायबिटीज के अलावा कब्ज, मसूड़ों की परेशानी और साथ ही पेट के अल्सर जैसी बीमारियों से बचाता है।
डायबिटीज के पेशेंट्स को खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। ऐसे में हम आशा करते हैं हमारे द्वारा उपरोक्त दी गई जानकारी आपके काम आएगी। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी चाहते हैं तो बेहतर होगा आप अपने चिकित्सक से कंसल्ट करें।
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