backup og meta

डिजोक्सिन (Digoxin) : हार्ट फेलियर में कितनी प्रभावी हैं ये दवाई?

और द्वारा फैक्ट चेक्ड Nikhil deore


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/11/2021

    डिजोक्सिन (Digoxin) : हार्ट फेलियर में कितनी प्रभावी हैं ये दवाई?

    डिजोक्सिन (Digoxin) को डिजिटालिस (Digitalis) भी कहा जाता है। इन दवाइयों की सलाह उन लोगों को दी जाती है, जिनका हार्ट  इंजर्ड या कमजोर होता है। इनके प्रयोग से हार्ट को बेहतर तरीके से पंप करने में मदद मिलती है। यह दवाइयां दिल की मांसपेशियों के कॉन्ट्रैक्शंस फाॅर्स को मजबूत करती हैं और एक सामान्य व स्थिर हार्ट रिदम को बहाल करने में मदद करती हैं। यही नहीं, ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने में भी यह मददगार हैं। यह उन कई दवाइयों में से एक हैं जिनका प्रयोग हार्ट फेलियर के उपचार के लिए किया जाता है। इसके अलावा इन दवाइयों को एट्रियल फायब्रिलेशन की स्थिति में भी दिया जा सकता है। आज हम हार्ट फेलियर में डिजोक्सिन (Digoxin in Heart Failure) के बारे में बात करने वाले हैं। जानिए इन दवाइयों के बारे में विस्तार से। सबसे पहले जानते हैं कि यह दवाइयां किस तरह से काम करती हैं?

    डिजोक्सिन (Digoxin) किस तरह से काम करती है?

    मेडलिनप्लस (MedlinePlus) के अनुसार हार्ट फेलियर वो स्थिति है, जिसमें हमारा हार्ट ऑक्सिजन रिच ब्लड शरीर के अन्य भागों तक अच्छी तरह से पंप करने में सक्षम नहीं होता है। इस स्थिति को दूर करने में डिजोक्सिन  को एक प्रभावी दवा माना जाता है। डिजोक्सिन के एक्शन के दो मेजर मैकेनिज्म हैं, जो हार्ट फेलियर और एट्रियल फायब्रिलेशन  के उपचार में मदद कर सकते हैं:

    • हार्ट कॉन्ट्रैक्शंस की फाॅर्स को बढ़ाना (Increase Force of Heart Contractions) : एट्रियल फायब्रिलेशन और हार्ट फेलियर में डिजोक्सिन (Digoxin in Heart Failure) कार्डियक सेल मेमब्रेन्स (Cardiac cell membranes) में कुछ पंप्स को रोकती है। जिससे सोडियम की मूवमेंट कोशिकाओं के अंदर से कोशिकाओं के बाहर तक कम हो जाती है। सोडियम को कोशिकाओं के भीतर रखकर, यह कमजोर हृदय की मांसपेशियों को थोड़ा अधिक प्रभावी ढंग से पंप करने में मदद कर सकती है।
    • हार्ट रेट को धीमा करना (Slowing the Heart Rate): डिजोक्सिन ऑटोनोमिक टोन को प्रभावित करती है, हार्ट बीट के एट्रियोवेंट्रिक्यूलर नोड (Atrioventricular node) के माध्यम से इलेक्ट्रिकल इम्पल्स के कंडक्शन को कम करती है। इससे एट्रियल फायब्रिलेशन से पीड़ित लोगों में हार्ट रेट को कम किया जा सकता है। यह तो थी एट्रियल फायब्रिलेशन और हार्ट फेलियर में डिजोक्सिन (Digoxin in Heart Failure)  के प्रयोग की जानकारी। अब जानिए कि इसका सेवन किस तरह से किया जाता है?

    और पढ़ें : हार्ट फेलियर की आखिरी स्टेज पर दिखाई देने लगते हैं ये गंभीर लक्षण, हार्ट हो जाता बेहद कमजोर

    डिजोक्सिन का सेवन किस तरह से किया जा सकता है?

    इस दवा को अक्सर डॉक्टर दिन में एक बार लेने की सलाह देते हैं। इस दवा को हर दिन एक ही समय पर लेना चाहिए और इन पर लिखे लेबल डायरेक्शन का भी पूरी तरह से पालन करना जरूरी है। खुराक के बीच का समय और आपको इसे कब तक लेने की आवश्यकता है। यह रोगी की स्थिति पर निर्भर करेगा। कई लोगों इस दवा को लंबे समय तक लेना पड़ सकता है, संभवतः अपने पूरे जीवन उन्हें इसका सेवन करना पड़ सकता है। लेकिन, इस दवा को लेने से संबंधित सबसे जरूरी बात यह है कि इसे केवल तभी लेना चाहिए जब डॉक्टर ने इन्हे लेने के लिए कहा हो। अपनी मर्जी से इनका सेवन रोगी की स्थिति को बदतर बना सकता है। अब जान लेते हैं कि यह दवाइयां कौन सी हैं?

    और पढ़ें : हार्ट फेलियर की आखिरी स्टेज पर दिखाई देने लगते हैं ये गंभीर लक्षण, हार्ट हो जाता बेहद कमजोर

    हार्ट फेलियर के लिए डिजोक्सिन (Digoxin in Heart Failure)

    जैसा की आप जानते ही हैं कि डिजोक्सिन का प्रयोग कुछ खास हार्ट प्रॉब्लम्स के उपचार के लिए किया जाता है। यह दवा उन लोगों के लिए भी लाभदायक है, जिन्हें असामान्य या तेज हार्टबीट की समस्या है। डिजोक्सिन टेबलेट, कैप्सूल और लिक्विड तीनों रूपों में बाजार में उपलब्ध है। आइए हार्ट फेलियर में डिजोक्सिन (Digoxin in Heart Failure) के बारे में जानें। जानिए कौन सी हैं यह दवाइयां?

    लैनॉक्सिन (Lanoxin)

    लैनॉक्सिन को इसके जेनरिक नाम डिजोक्सिन (Digoxin) से भी जाना जाता है। यह दवा हार्ट बीट को मजबूत और रेगुलर रिदम के साथ बनाने में मदद कर सकती है। इसका प्रयोग हार्ट फेलियर के उपचार के लिए भी किया जा सकता है। यही नहीं, एट्रियल फायब्रिलेशन (Atrial Fibrillation) और एट्रिया के हार्ट रिदम  डिसऑर्डर के उपचार के लिए भी इस दवा को लेने की सलाह दी जा सकती है। लैनॉक्सिन का प्रयोग हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए। इस दवा के प्रिस्क्रिप्शन लेबल पर लिखी डायरेक्शंस का पालन करना भी जरूरी है। इस दवा को लेने से कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं जैसे हाइव्स, सांस लेने में समस्या, उल्टी आना, डायरिया, पेट में दर्द आदि। इसलिए, इस दवा को कभी भी डॉक्टर की सलाह के बिना न लें।

    और पढ़ें : डीकम्पेंसेटेड हार्ट फेलियर : जानिए कैसे होता है इस तरह के हार्ट फेलियर का ट्रीटमेंट?

    सेनगोक्सिन (Sangoxin)

    हार्ट फेलियर में डिजोक्सिन (Digoxin in Heart Failure) में अगली दवा है सेनगोक्सिन। इस दवा का प्रयोग अन्य दवाइयों के साथ कम्बाइन कर के हार्ट फेलियर की स्थिति में किया जा सकता है। यह दवा हार्ट को अधिक आसानी से ब्लड पंप करने में मदद करती हैं। इसके साथ ही इसका प्रयोग असामान्य हार्ट रिदम के उपचार में भी किया जा सकता है। अगर डॉक्टर ने रोगी को नियमित रूप से इस दवा को लेने की सलाह दी है, तो डॉक्टर की सलाह का पालन करना जरूरी है। डॉक्टर की राय के बिना इस दवा को लेने से रोगी की स्थिति बदतर हो सकती है। इसलिए डॉक्टर से पूछ कर ही इसका सेवन करना चाहिए।

    इस दवा के साइड इफेक्ट्स में जी मचलना, उल्टी आना, डायरिया या नजर में समस्या आदि शामिल है। अगर आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं, तो इसे लेने से पहले डॉक्टर को बता दें। क्योंकि यह दवा इस स्थिति में हानिकारक साबित हो सकती है।

    कार्डियोऑक्सिन (Cardioxin)

    कार्डियोऑक्सिन एक कार्डियक ग्लायकोसाइड (Cardiac Glycoside) है। जिसका प्रयोग हार्ट फेलियर और एट्रियल फायब्रिलेशन (Atrial Fibrillation) के उपचार में किया जा सकता है। इस दवा की शुरुआत कम डोज के साथ की जाती है और डोज को धीरे धीरे बढ़ाया जाता है। इस दवा को लेते हुए रोगी के ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट की क्लोज मॉनिटरिंग जरुरी है। यह दवा सामान्य व तेज हार्टबीट को रिस्टोर और मेंटेन करने में मदद करती है। इस दवा को कभी भी बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए क्योंकि इन्हें लेने से कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। जैसे पेट में दर्द, जी मचलना, एंग्जायटी ,डिप्रेशन, स्किन रैशेज, डायरिया, भूख में कमी आदि।

    और पढ़ें :  बायवेंट्रिकुलर हार्ट फेलियर : इस हार्ट फेलियर के लक्षणों को पहचानना क्यों है जरूरी?

    डिक्सिन (Dixin)

    हार्ट फेलियर में डिजोक्सिन (Digoxin in Heart Failure) के अगले प्रकार का नाम है डिक्सिन (Dixin)  इस दवा का प्रयोग भी अन्य दवाइयों के मेल के साथ हार्ट फेलियर के उपचार के लिए किया जाता है। इससे हार्ट को अच्छे से ब्लड पंप करने में आसानी होती है। यही नहीं, यह दवा एब्नार्मल हार्ट रिदम के उपचार में भी प्रयोग की जा सकती है। इस दवा को भी कभी डॉक्टर की राय के बिना न लें। अगर आप इसे ले रहे हैं, तो डॉक्टर से पूछें बिना इसे लेना बंद भी न करें। क्योंकि इससे आपकी स्थिति बदतर हो सकती है। इसके भी कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं जिसमे नजर में समस्या, डायरिया, उल्टी आना आदि शामिल है।

    यह तो थी हार्ट फेलियर में डिजोक्सिन के बारे में पूरी जानकारी। लेकिन, यह आर्टिकल केवल इन दवाइयों के बारे में जानकारी के लिए है। हम किसी भी दवा को डॉक्टर की सलाह के बिना न लेने की सिफारिश करते हैं। अब जान लेते हैं हार्ट फेलियर में डिजोक्सिन (Digoxin in Heart Failure) को लेने के क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं?

    और पढ़ें : कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट के लिए अपनाए जाते हैं यह तरीके

    डिजोक्सिन के साइड-इफेक्ट्स क्या हैं? (Side Effects of Digoxin)

    अन्य दवाइयों की तरह डिजोक्सिन के भी कुछ साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं। अगर आप इन दवाइयों को ले रहे हैं और आपको निम्नलिखित साइड इफ़ेक्ट नजर आते हैं तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें। यह साइड इफेक्ट इस प्रकार हैं:

    • भूख न लगना, जी मिचलाना और उल्टी
    • विजन में परिवर्तन जैसे लाइट के प्रति सेंसिटिविटी, चीजों का वास्तविक से अधिक बड़ा या छोटा दिखाई देना, धुंधला दिखना या रंगों में परिवर्तन
    • थकान
    • सिरदर्द
    • डिप्रेशन
    • मांसपेशियों का कमजोर होना
    • असामान्य हार्ट बीट या हार्ट रेट का स्लो होना

    अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें। क्योंकि, हो सकता है कि इस स्थिति में आपकी डोज में बदलाव करने जरूरी हों। एक बार डॉक्टर आपको सही डोज देना शुरू कर देंगे तो उसके बाद आपको कोई भी साइड इफेक्ट महसूस नहीं होंगे। अब जानिए हार्ट फेलियर में डिजोक्सिन (Digoxin in Heart Failure) का सेवन करते हुए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

    और पढ़ें : दाईं ओर हार्ट फेलियर : दिल से जुड़ी ये दिक्कत बन सकती है परेशानी का सबब!

    हार्ट फेलियर में डिजोक्सिन लेते हुए इन बातों का रखें ध्यान

    कुछ समय पहले तक डिजोक्सिन को हार्ट फेलियर और एट्रियल फायब्रिलेशन के लिए एक जरूरी थेरेपी माना जाता था। लेकिन, अब इनके लिए अन्य दवाइयों को अधिक प्रभावी और प्रयोग के लिए सुरक्षित माना जाता है। अभी भी इन दवाइयों का प्रयोग इन स्थितियों में किया जाता है और अगर इन्हें सही तरीके से और सही मात्रा में लिया जाए। तो इन दवाइयों से न केवल बीमारी के लक्षण कम हो सकते हैं बल्कि रोगी के जीवन की गुणवत्ता भी बढ़ सकती है। हार्ट फेलियर में डिजोक्सिन (Digoxin in Heart Failure) लेते हुए इन चाजों का खास ख्याल रखें:

    • डिजोक्सिन को लेते हुए डॉक्टर रोगी को अपनी पल्स का रोजाना रिकॉर्ड रखने की सलाह देते हैं। वो आपको बताएं कि इन्हें लेने के बाद आपकी पल्स कितनी तेज होनी चाहिए। अगर आपकी पल्स स्लो हो, तो तुरंत डॉक्टर को बताना जरूरी है।
    • समय-समय पर डॉक्टर से इस बात की जांच कराना जरूरी है कि यह ड्रग रोगी पर कैसे काम कर रही है। इसके लिए डॉक्टर इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram) और ब्लड टेस्ट्स कराने की सलाह दे सकते हैं।
    • यह दवा उनींदापन का कारण बन सकती है। जब तक आप यह नहीं जानते कि यह दवा आपको कैसे प्रभावित करती है, तब तक कार न चलाएं या किसी मशीनरी को भी न चलाएं।

    Quiz : कितना जानते हैं अपने दिल के बारे में? क्विज खेलें और जानें

    और पढ़ें : जान लीजिए इस गंभीर हार्ट इंफेक्शन के कारण, ताकि समय रहते कर सकें बचाव

    उम्मीद है कि आप हार्ट फेलियर में डिजोक्सिन (Digoxin in Heart Failure) के प्रयोग के बारे में जान गए होंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह दवाइयां हार्ट फेलियर के उपचार के लिए लाभदायक हैं। लेकिन कभी भी अपनी मर्जी से इन्हें न लें। इसके साथ ही हार्ट फेलियर या हार्ट संबंधी किसी भी समस्या से बचने या इस स्थिति को मैनेज करने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं। ऐसा करने से आपको पूरी तरह से स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी और आपके जीवन की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    और द्वारा फैक्ट चेक्ड

    Nikhil deore


    Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/11/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement