हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन बहुत गंभीर बिमारी है और इससे होने वाले शारीरिक खतरे भी बेहद खतरनाक होते हैं। हाई ब्ल्ड प्रेशर के मरीजों को खास देखभाल की जरूरत होती है। यदि वे अपनी इस समस्या पर ध्यान नहीं देते हैं तो हार्ट, दिमाग, आंखें और मेटाबॉलिज्म से जुड़ी कई प्रकार की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
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हाइपरटेंशन के खतरे (Dangers of hypertension)
कोरोनरी धमनी की बीमारी
उच्च रक्तचाप के कारण धमनियां संकुचित और क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इस कारण धमनियों को दिल तक व दिल से रक्त की आपूर्ति करने में परेशानी होती है। जब रक्त दिल में स्वतंत्र रूप से फ्लो नहीं कर पाता तो सीने में दर्द (एनजाइना), अनियमित दिल की लय या दिल का दौरा पड़ सकता है।
बढ़ा हुआ बायां दिल
उच्च रक्तचाप आपके दिल को आपके शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त पंप करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए मजबूर करता है। इससे आपके दिल का हिस्सा (बाएं वेंट्रिकल) मोटा हो जाता है। इस मोटे या सूजन भर बाएं वेंट्रिकल से दिल का दौरा, हार्ट फेलियर या अचानक हृदय के बंद होने व मृत्यु तक का खतरा बढ़ जाता है।
हार्ट फेलियर या हृदय का बंद होना
उच्च रक्तचाप के कारण आपके हृदय पर दबाव पड़ने से हृदय की मांसपेशी कमजोर हो सकती है। इस मांसपेशियां अपना निर्धारित काम भी नहीं कर पाती है। इस कारण हार्ट फेलियर या हृदय बंद हो सकता है। हृदय का बंद होना यानी जान से हाथ धोना भी हो सकता है।
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हाइपरटेंशन के खतरे: किडनी से जुड़े खतरे
किडनी स्कारिंग (Kidney scarring (glomerulosclerosis))
जब किडनी में मौजूद छोटी रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और सुचारू रूप से काम नहीं कर पाते तो ऐसी स्थिति को ग्लोमेरुलोस्केलेरोसिस कहा जाता है। गुर्दे आपके रक्त से अतिरिक्त तरल पदार्थ और अपशिष्ट को फिल्टर करते हैं। इस प्रक्रिया के लिए स्वस्थ रक्त वाहिकाओं की आवश्यकता होती है। यह सुचारू कार्य क्षतिग्रस्त किडनी नहीं कर पाती। इस ग्लोमेरुलोस्केलेरोसिस (glomerulosclerosis) से किडनी फेलियर हो सकता है।
किडनी खराब
उच्च रक्तचाप गुर्दे की विफलता के सबसे सामान्य कारणों में से एक है। क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाएं आपके रक्त से कचरे को प्रभावी ढंग से फिल्टर करने से गुर्दे को रोकती हैं। इससे हानिकारक तरल पदार्थ और वेस्ट जमा होता है। इस कारण किडनी काम करना बंद कर देती है।
हाइपरटेंशन के खतरे: दिमाग से जुड़े खतरे
हाइपरटेंशन के खतरे में दिल के बाद दिमाग आता है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण याद्दाश्त में कमी के साथ ही ब्रेन स्ट्रोक व ब्रेन हैमरेज की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। चूंकि दिमाग को काम करने के लिए सुचारू रक्त व ऑक्सिजन के प्रवाह की आवश्यकता होती है। इसमें बाधा आती है तो यह किसी भी गंभीर स्थिति को पैदा कर सकती है।
ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक (टीआईए) Transient ischemic attack (TIA)
ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक को मिनिस्ट्रोक भी कहा जाता है। टीआईए की स्थिति में कई बार कुछ देर के लिए मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति में समस्या आ जाती है। उच्च रक्त चाप के कारण कठोर हुई धमनियों के कारण या ब्लड क्लॉटिंग के कारण टीआईए की समस्या उत्पन्न होती है। टीआईए को ब्रेन स्ट्रोक की चेतावनी समझना चाहिए।
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आघात
एक स्ट्रोक तब आता है जब आपके मस्तिष्क का हिस्सा ऑक्सिजन और पोषक तत्वों से वंचित हो जाता है। इससे मस्तिष्क की कोशिकाएं मर जाती हैं। उच्च रक्तचाप से क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाएं संकीर्ण हो जाती हैं या इनमें रिसाव आ जाता है। उच्च रक्तचाप भी आपके मस्तिष्क तक जाने वाली धमनियों में रक्त के थक्के बनने का कारण बन सकता है। इससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है। इस कारण स्ट्रोक आता है।
याददाश्त या समझ में परेशानी
अनियंत्रित उच्च रक्तचाप भी आपके सोचने, याद रखने और सीखने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
डेमेंशिया
संकीर्ण या अवरुद्ध धमनियां मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को सीमित कर सकती हैं। इससे वस्क्यूलर डेमेंशिया हो सकता है।
हाइपरटेंशन के खतरे: आंखों की रोशनी से जुड़े खतरे
सिर्फ दिल व दिमाग ही नहीं हाइपरटेंशन के खतरे में अंधापन या बाधित दृष्टि भी है। यदि रक्त प्रवाह सही से ना हो तो आंखों की रोशनी जा सकती है और आप नेत्रहीन हो सकते हैं।
आपकी रेटिना (रेटिनोपैथी) को नुकसान
आपकी आंख (रेटिना) के पीछे के प्रकाश-संवेदनशील टिशू को नुकसान पहुंचने से आंख में रक्तस्राव, दृष्टि में धुंधलापन और आंख की रोशनी का पूरी तरह समाप्त होना जैसी समस्या हो सकती है। यदि उच्च रक्तचाप के साथ ही आप डायबिटीज से भी पीड़ित हैं तो यह और खतरनाक स्थिति है।
कोरॉइडोपैथी(choroidopathy)
रेटिना के अंदर तहत द्रव का बनना कोरिओडोपैथी कहलाता है। कोरिओडोपैथी के कारण विकृत दृष्टि या अंधापन आ सकता है।
ऑप्टिक न्यूरोपैथी(optic neuropathy)
अवरुद्ध रक्त प्रवाह ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे आपकी आंख के अंदर रक्तस्त्राव या आंख की रोशनी जा सकती है।
हाइपरटेंशन के खतरे: धमनियों से जुड़े खतरे
हाइपरटेंशन के खतरे में सबसे पहला खतरा वैसे धमिनयों का खतरा ही है। धमनियों के क्षतिग्रस्त होने या ठीक से काम ना करने के कारण ही शरीर से जुड़ी सभी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
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क्षतिग्रस्त और संकुचित धमनियां
उच्च रक्तचाप आपकी धमनियों की अंदरूनी परत की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। जब आपके आहार का फैट ब्लडस्ट्रीम में पहुंचता है तो वह इन क्षतिग्रस्त धमिनयों में प्रवेश कर सकता है। इस एकत्रित फैट के कारण धमनियों की दीवार का लचीलापन खत्म होने लगता है और ब्लड सर्कुलेशन में कमी आने लगती है।
एन्यूरिज्म (Aneurysm)
धमनियों के क्षतिग्रस्त होने के बाद लगातार होने वाले रक्त प्रवाह के दवाब के कारण इस धमनी का एक हिस्से में उभार आ सकता है। इस उभार को एन्यूरिज्म (aneurysm) कहा जाता है। एन्यूरिज्म कभी भी फट सकता है और जान लेने जैसी गंभीरता स्थिति पैदा कर सकता है। एन्यूरिज्म होने की संभावना सबसे ज्यादा महाधमनी (largest artery) में होने की होती है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का खतरा
हाइपरटेंशन के खतरे आपकी सेक्स लाइफ से भी जुड़े हुए हैं। हाइपरटेंशन के कारण जहां पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या हो सकती है। वहीं महिलाओं में वजायना ड्रायनेस, सेक्स में रुचि का समाप्त होना भी हाइपरटेंशरन के खतरे में शामिल है। सेक्स लाइफ में अरुचि या स्तंभन दोष के कारण रिश्तों में दरार और दूरियां आना भी स्वभाविक है। इसलिए हाई ब्लड प्रेशर को बढ़ावा ना दें।
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हाइपरटेंशन के खतरे: मेटाबॉलिक सिंड्रोम से जुड़े खतरे
कमर का बढ़ा हुआ साइज, हाई ट्राइग्लिसराइड्स, हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन जिसे गुड कोलेस्ट्रोल माना जाता है उसमें कमी, उच्च रक्तचाप और उच्च इंसुलिन स्तर सभी मेटाबॉलिक सिंड्रोम के तहत आते हैं। यह सभी स्थितियां डायबिटीज, हृदय रोग और स्ट्रोक का कारण बनती हैं।
हाइपरटेंशन के खतरे एक नहीं अनेक हैं। इससे आपकी जान भी जा सकती है। इसलिए इसकी जानकारी और स्वस्थ जीवनशैली ही हाई ब्लड प्रेशर से बचाव है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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