हायपरटेंशन को हाय ब्लड प्रेशर भी कहा जाता है। यह बीमारी बेहद सामान्य है। किंतु, अगर इसका सही उपचार न किया जाए तो इसके कारण कई जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। क्योंकि, जब ब्लड प्रेशर बढ़ता है, तो ब्लड द्वारा आर्टरीज की वॉल्स पर लगाई गई फ़ोर्स बहुत अधिक होती है जिसके कारण आर्टरीज डैमेज हो सकती हैं। हाय ब्लड प्रेशर कई समस्याओं का कारण बन सकता है जैसे स्ट्रोक, हार्ट फेलियर आदि। यह एक ऐसी बीमारी जिसके बारे में सालों तक रोगी को पता नहीं होता क्योंकि अधिकांश लोगों में इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। इस रोग के उपचार के लिए डॉक्टर कुछ दवाइयों की सलाह देते हैं।
आज हम बात करने वाले हैं हायपरटेंशन में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Hypertension) के बारे में। आइए जानें क्या हैं बीटा ब्लॉकर्स और किस तरह से हायपरटेंशन में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Hypertension) का प्रयोग किया जाता है?
बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers) क्या हैं?
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार बीटा ब्लॉकर्स ड्रग्स की एक क्लास है, जिसका प्राइमरी रूप से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular diseases) के उपचार के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके साथ ही अन्य कई रोगों में इसका इस्तेमाल होता है जैसे हायपरटेंशन, कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive Heart Failure), कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease), पोर्टल हाइपरटेंशन (Portal hypertension), ग्लूकोमा (Glaucoma), माइग्रेन (Migraines) आदि।
आमतौर पर हायपरटेंशन में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Hypertension) का प्रयोग तब किया जाता है। जब अन्य हायपरटेंशन की दवाइयां जैसे डाययूरेटिक्स (Diuretics) मरीज पर काम नहीं कर पाती हैं या उन्हें लेने से मरीज को कई साइड इफेक्ट्स हो रहे हों। हायपरटेंशन में बीटा ब्लॉकर्स का प्रयोग अन्य ब्लड प्रेशर के उपचार के लिए प्रयोग होने वाली दवाइयों के साथ कंबाइन कर के भी किया जा सकता है जैसे ACE इन्हिबिटर्स (ACE Inhibitors) और कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium channel blockers)आदि। अब जानते हैं कि बीटा ब्लॉकर्स कैसे काम करते हैं?
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बीटा ब्लॉकर्स कैसे काम करते हैं?
बीटा ब्लॉकर्स स्ट्रेस हॉर्मोन्स जैसे एड्रेनलिन (Adrenaline) को ब्लॉक करने का काम करती है। जिस तरह से यह दवा काम करती है इसे बीटा-एड्रीनर्जिक ब्लॉकिंग (Beta-Adrenergic Blocking) भी कहा जाता है। विभिन्न तरह की बीटा ब्लॉकर दवाइयां अलग-अलग तरह से काम करती हैं। यह दवाइयां दिल को रिलैक्स करने की क्षमता को बढ़ती हैं। जब बीटा ब्लॉकर्स काम करती हैं तो हार्ट धीमे और कम फ़ोर्स्फ़ुली काम करता है। इससे ब्लड प्रेशर लो बना रहता है और रोगी को हार्ट संबंधी अन्य जटिलताओं जैसे स्ट्रोक और हार्ट फेलियर आदि से राहत मिलती है। अब जानते हैं कि हायपरटेंशन में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Hypertension) के प्रयोग के बारे में।
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हायपरटेंशन में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Hypertension)
कुछ बीटा ब्लॉकर्स खासतौर पर हमारे हार्ट को प्रभावित करती हैं जबकि अन्य दवाइयां हार्ट और ब्लड वेसल दोनों को प्रभावित कर सकती हैं। डॉक्टर रोगी की कंडिशन के अनुसार उनके लिए बेहतरीन बीटा ब्लॉकर का चुनाव कर सकते हैं। हायपरटेंशन में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Hypertension) के उदाहरण इस प्रकार हैं:
एसेबुटोलोल (Acebutolol)
एसेबुटोलोल (Acebutolol) ब्रांड नेम सेक्टरल (Sectral) से बाजार में उपलब्ध है। हायपरटेंशन में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Hypertension) में इस मेडिसिन को बेहतरीन माना गया है। इस ड्रग को अन्य दवाइयों के साथ कंबाइन करके लिया जा सकता है। एसेबुटोलोल (Acebutolol) का इस्तेमाल हायपरटेंशन और असामान्य हार्टबीट के उपचार के लिए किया जाता है। असामान्य हार्ट बीट के उपचार से हार्ट को अच्छे से काम करने में मदद मिलती है। यह ड्रग अन्य दवाइयों, हर्ब या विटामिन के साथ इंटरैक्ट कर सकती हैं। इससे आपके द्वारा पहले ली जा रही दवा का प्रभाव कम हो सकता है। इस दवाई की बीस टेबलेट्स की एक स्ट्रिप ऑनलाइन लगभग 660 रुपये में आपको मिल जाएगी।
इसकी डोज भी रोगी की उम्र, उसकी कंडिशन और अन्य हेल्थ कंडीशंस के अनुसार निर्धारित की जाती है। लेकिन, इसे तभी लें अगर डॉक्टर ने इसे लेने की सलाह दी हो। इस ड्रग को लेने से होने वाले साइड-इफेक्ट्स हैं हार्टबीट का स्लो होना, थकावट, सिरदर्द, कब्ज, डायरिया, पेट का खराब होना, मसल्स में दर्द आदि।
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एटेनोलोल (Atenolol)
हायपरटेंशन में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Hypertension) में अगली मेडिसिन है एटेनोलोल (Atenolol) जो ब्रांड नेम टेनोर्मिन (Tenormin) के नाम से बाजार में उपलब्ध हैं। इसका प्रयोग हायपरटेंशन के उपचार के लिए किया जा सकता है। इसके साथ ही अन्य स्थितियों में भी इसे लेने की सलाह दी जा सकती है जैसे एनजाइना (Angina), हार्ट अटैक के बाद इलाज के लिए आदि। एटेनोलोल (Atenolol) शरीर में कुछ खास नेचुरल केमिकल के एक्शन को ब्लॉक करके काम करती है जैसे एपिनेफ्रीन (Epinephrine)। इससे अधिकतर लाभ पाने के लिए इस दवा को नियमित रूप प्रयोग करना जरूरी है। इस दवाई की 50 mg स्ट्रेंथ वाली एक स्ट्रिप, जिसमें चौदह टेबलेट्स हैं, ऑनलाइन 25 रुपये में उपलब्ध है।
इस दवा को एकदम लेना बंद नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप बदतर लक्षणों को महसूस कर सकते हैं जैसे ब्लड प्रेशर का बढ़ना, छाती में अधिक दर्द आदि। इसके अलावा इस ड्रग को लेने से कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जैसे हाथों या पैरों का ठंडा होना, कब्ज, डायरिया, सिरदर्द, सेक्स ड्राइव का कम होना, सांस लेने में समस्या आदि।
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बीटाक्सोलोल (Betaxolol)
बीटाक्सोलोल (Betaxolol) का ब्रांड नेम ब्रांड नेम करलोन (Kerlone) है। इसका प्रयोग भी हाय ब्लड प्रेशर के उपचार के लिए किया जाता है। इस ड्रग को अकेले या अन्य ब्लड प्रेशर मेडिसिन्स के साथ कंबाइन कर के भी इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर आप कोई अन्य दवा ले रहे हैं, एलर्जिक हैं या किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो इस दवा को लेने से पहले डॉक्टर को अवश्य बता दें। इसके साथ ही अगर आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं तो भी आपके डॉक्टर इस बारे में पता होना जरूरी है। हायपरटेंशन के साथ ही अन्य स्थितियों में भी इस दवा का प्रयोग किया जा सकता है। लेकिन, डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के बिना इस ड्रग को लेने से बचें।
प्रोप्रानोलोल (Propranolol)
हायपरटेंशन में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Hypertension) में यह दवा कई ब्रांड नेम्स से बाजार में उपलब्ध हैं जैसे हेमेंजियोल (Hemangeol) ,इंडरल एलए (Inderal LA), इंडरल (Inderal) आदि। यह दवाइयां हार्ट और सर्कुलेशन को प्रभावित करती हैं। इसके अलावा हार्ट रिदम डिसऑर्डर्स heart rhythm disorders, एंजाइना (Angina) और अन्य हार्ट या सर्कुलेटरी कंडिशंस के उपचार के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। यही नहीं इसका उपयोग हार्ट अटैक के उपचार और उससे बचने और माइग्रेन की गंभीरता को कम किया जा सकता है। अस्थमा, स्लो हार्टबीट या गंभीर हार्ट समस्याओं जैसी स्थितियों में इसे नहीं लेना चाहिए इस दवा का सेवन उसी तरह से करें जैसे डॉक्टर ने सलाह दी हो। अपनी मर्जी से इसे लेने के परिणाम हानिकारक हो सकते हैं। प्रोप्रानोलोल (Propranolol) की 10mg स्ट्रेंथ की दस टेबल्स की एक स्ट्रिप ऑनलाइन 2700 रुपये में आप खरीद सकते हैं।
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नेबिवोलोल (Nebivolol)
इस बीटा ब्लॉकर को ब्रांड नेम बायस्टोलिक (Bystolic) से भी जाना जाता है। इसका प्रयोग कई समस्याओं के उपचार में किया जाता है खासतौर पर हाय ब्लड प्रेशर। ब्लड प्रेशर के लो होने पर स्ट्रोक, हार्ट अटैक और अन्य समस्याओं से राहत मिल सकती है। नेबिवोलोल (Nebivolol) भी ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करके काम करती है। इससे हार्ट पर वर्कलोड कम होता है और हार्ट रेट सही रहती है। लेकिन, इन दवाइयों को तभी लें अगर डॉक्टर ने इसकी सलाह दी हो। इस दवा के कारण होने वाले दुष्प्रभावों में चक्कर आना, सांस लेने में समस्या, टांगों में सूजन, हार्टबीट का धीमा होना, थकावट, सिरदर्द आदि शामिल हैं। अगर आपको कोई भी साइड-इफेक्ट नजर आता है तो तुरंत मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए। नेबिवोलोल (Nebivolol) की 10 mg स्ट्रेंथ वाली दस टेबलेट्स आपको 130 रुपये में पड़ेंगी।
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नेडोलोल (Nadolol)
हायपरटेंशन में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Hypertension) के सेवन के बारे में आप जान ही गए होंगे। नेडोलोल (Nadolol) इन्हीं बीटा ब्लॉकर्स में से एक है जिसे ब्रांड नेम कॉर्गार्ड (Corgard) से भी जाना जाता है। अन्य बीटा ब्लॉकर्स की तरह यह दवा भी हार्ट और सर्कुलेशन को प्रभावित करती है। हायपरटेंशन के उपचार के लिए भी यह दवा ली जा सकती है। हालांकि कुछ स्थितियों में इन्हें नहीं लेना चाहिए जैसे अस्थमा, कोई गंभीर हार्ट प्रॉब्लम आदि। इस दवा को लेने के बाद कुछ लोग बेहोशी या चक्कर आना जैसी समस्याओं का अनुभव भी करते हैं। इसलिए, इस ड्रग को डॉक्टर से पूछने के बाद ही लेना चाहिए।
इन दवाइयों का सेवन केवल तभी करें अगर डॉक्टर ने सलाह दी हो।अपनी मर्जी से इन्हें लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक और जोखिम भरा हो सकता है। कई रोगी इन्हें लेने के बाद कुछ साइड-इफेक्ट्स का अनुभव भी कर सकते हैं। आइए जानें इन दुष्प्रभावों के बारे में।
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बीटा ब्लॉकर्स के साइड इफेक्ट्स (Side Effects of Beta Blockers)
ऐसा नहीं है कि बीटा ब्लॉकर्स का सेवन करने वाले हर रोगी को इससे साइड-इफेक्ट होते हैं। लेकिन, ऐसा माना जाता है कि अस्थमा से पीड़ित लोगों को इन्हें नहीं लेना चाहिए। क्योंकि, इससे अस्थमा अटैक में बढ़ोतरी हो सकती है। यही नहीं यह दवाइयां ब्लड शुगर के कंट्रोल को भी प्रभावित कर सकती।है। इसलिए डायबिटीज के रोगियों को भी इस दवा की सलाह नहीं दी जाती है। बहुत से लोग इस दवा के कारण इन दुष्प्रभावों को महसूस कर सकते हैं:
- थकावट (Fatigue)
- हाथों का ठंडा होना (Cold hands)
- सिरदर्द (Headache)
- डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive Problems)
- कब्ज (Constipation)
- डायरिया (Diarrhea)
- चक्कर आना (Dizziness)
इसके दुर्लभ साइड इफेक्ट्स इस प्रकार हैं
- सांस लेने में समस्या (Shortness of Breath)
- सोने में समस्या (Trouble Sleeping)
- लिबिडो का कम होना (Decreased Libido)
- डिप्रेशन (Depression)
अगर आप इस दवा को अधिक मात्रा में ले लेते हैं तो आप यह समस्याएं महसूस कर सकते हैं
- सांस लेने में समस्या (Difficulty Breathing)
- अनियमित हार्ट बीट (Irregular Heartbeats)
- भ्रम (Confusion)
हाय ब्लड प्रेशर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए नीचे दिए इस क्विज को खेलिए।
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हायपरटेंशन में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Hypertension) को लेने से पहले डॉक्टर द्वारा बताई गई खास इंस्ट्रक्शंस का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। अगर आप इनमें से किसी भी साइड इफेक्ट का अनुभव करते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बिना डॉक्टर की सलाह के इस दवा को लेना बंद करना भी रोगी की स्थिति को बदतर बना सकता है। इसलिए अपनी मर्जी से इसे लेना बंद न करें।
इस बात का भी ध्यान रखें कि बीटा ब्लॉकर्स, हायपरटेंशन के उपचार का एक हिस्सा है। इसके साथ ही आपको अपने आहार और व्यायाम पर भी ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही नियमित चेकअप कराना भी जरूरी है। हैलो स्वास्थ्य किसी भी ब्रांड का प्रचार नहीं कर रहा है। डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद ही दवाओं का सेवन करना चाहिए।
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