आपने कई रेस्पायरेटरी कंडीशंस के बारे में सुना होगा जैसे अस्थमा (Asthma), ब्रोंकाइटिस (Bronchitis), पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Pulmonary Fibrosis), क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD)आदि। लंग्स और छाती से संबंधित इन समस्याओं के कारण खांसी (Coughing), व्हीजिंग (Wheezing), छाती में कसाव (Chest Tightness) और सांस लेने में समस्या (Breathing Problems) जैसी कई परेशानियां हो सकती हैं। अस्थमा और ब्रोंकाइटिस दोनों के लक्षण एक ही तरह के होते हैं। इसलिए, अक्सर लोग अस्थमा और ब्रोंकाइटिस एक ही बीमारी समझ लेते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। लक्षण भले ही एक समान हों, लेकिन इन दोनों के कारण और ट्रीटमेंट सभी कुछ अलग है। आइए जानते हैं अस्थमा और ब्रोंकाइटिस (Asthma and Bronchitis) के बारे में और जानते हैं इन दोनों के बीच के अंतर को।
अस्थमा और ब्रोंकाइटिस क्या हैं?(What are Asthma and Bronchitis)
सबसे पहले जानते हैं अस्थमा और ब्रोंकाइटिस (Asthma and Bronchitis) के बारे में। अस्थमा एक क्रॉनिक इंफ्लेमेटरी डिजीज है, जो श्वसनी (Bronchus) या लंग्स के पास वाले रेस्पायरेटरी ट्रैक्ट (Respiratory Tract) को प्रभावित करती है। अस्थमा की समस्या आनुवंशिक (Genetic) और पर्यावरणीय उत्तेजनाओं (Environmental Stimuli) के मेल से निर्धारित होती है। हालांकि, अस्थमा के कारणों के बारे में सही जानकारी मौजूद नहीं है।
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ब्रोंकाइटिस वो स्थिति है, जिसमें आमतौर पर वायरल संक्रमण (Viral infection), एनवायर्नमेंटल इर्रिटेंट्स (Environmental Irritants), धूम्रपान (Smoking) और कभी-कभी बैक्टीरियल संक्रमण (Occasionally Bacterial Infection) के कारण ब्रांकिओल्स (Bronchioles) में सूजन होती है। ब्रोंकाइटिस एक्यूट और कम समय के लिए हो सकता है या यह क्रॉनिक हो सकता है और रोगी को वर्षों तक यह समस्या हो सकती है।
अस्थमा के कारण (Causes of Asthma)
अस्थमा के लक्षण हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकते हैं और यह पर्यावरणीय कारकों पर निर्भर करते हैं। लेकिन, डॉक्टर अस्थमा के सही कारणों के बारे में नहीं जानते हैं। हालांकि, इसके कुछ कारण इस प्रकार हो सकते हैं:
- जेनेटिक फैक्टर्स (Genetic Factors) : अगर माता-पिता को अस्थमा है तो बच्चों को भी यह समस्या होने की संभावना बहुत अधिक होती है।
- हार्मोनल बदलाव (Hormonal Changes) : महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अस्थमा की संभावना अधिक होती है। इसका कारण महिलाओं में गंभीर हार्मोनल बदलाव (Hormonal Changes) हैं।
- एनवायर्नमेंटल फैक्टर्स (Environmental Factors) : अस्थमा के कारण कई एनवायरनमेंटल फैक्टर्स भी हो सकते हैं। इसके कॉमन फैक्टर्स में वायु प्रदूषण (Air Pollution), धूल और धूल के कण (Dust and Dust Mites), पालतू पशुओं की रूसी (Pet Dander), और यहां तक की ठंडी हवा और केमिकल भी शामिल है ।
- कुछ मेडिकल स्थितियां (Some Medical Conditions) : कुछ मेडिकल स्थितियां जैसे एंग्जायटी और मूड डिसऑर्डर्स (Anxiety and Mood disorders) , क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसऑर्डर (Chronic obstructive pulmonary disorder), ओबेसिटी (Obesity) आदि भी इसका कारण हो सकती हैं।
- अन्य कारण (Other Reasons) : तंबाकू, स्मोकिंग, कुछ दवाइयां आदि भी इस समस्या का कारण बन सकती हैं। यही नहीं, कुछ लोगों के लिए एल्कोहॉल भी अस्थमा की एक वजह हो सकती है।
ब्रोंकाइटिस के कारण (Bronchitis Causes)
ब्रोंकाइटिस को एक्यूट या क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस (Acute or Chronic Bronchitis) के रूप में विभाजित किया जाता है और यह निर्भर करता है इसके लक्षणों की अवधि पर। एक्यूट और क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस दोनों के रिस्क फैक्टर अलग-अलग होते हैं।
एक्यूट ब्रोंकाइटिस के कारण (Acute Bronchitis Causes)
एक्यूट ब्रोंकाइटिस के दस में से नौ मामलों का कारण वायरल इंफेक्शन होता है। यह आमतौर पर संक्रामक होता है और किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क या एस्पिरेटेड वाटर ड्रॉपलेट (Aspirated Water Droplets) के माध्यम से फैल सकता है। वायरस संक्रमण इसका मुख्य कारण है। लेकिन, धुएं, धूल, पराग, और वायु प्रदूषण जैसे पर्यावरणीय कारकों के संपर्क में आने से तीव्र ब्रोंकाइटिस की संभावना अधिक बढ़ जाती है। तीव्र ब्रोंकाइटिस के मामलों में से कुछ पूरी तरह से बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infection) या हैवी एयर प्रदूषण (Heavy Air Pollution) के माध्यम से विकसित होते हैं।
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क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस के कारण (Chronic Bronchitis Causes)
क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस के मामलों का मुख्य कारण है स्मोकिंग। स्मोकिंग के साथ ही लोगों का काम जैसे फार्मिंग , माइनिंग, केमिकल प्रोसेसिंग आदि भी इसका कारण बन सकते हैं।
अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के लक्षण कौन से हैं? (Symptoms of Asthma and Bronchitis)
अस्थमा और ब्रोंकाइटिस (Asthma and Bronchitis) के कारण भले ही अलग हों लेकिन इन के लक्षण एक जैसे हो सकते हैं। यह लक्षण इस प्रकार हैं:
- व्हीजिंग (Wheezing)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of Breath)
- खांसी (Coughing)
- छाती में कसाव (Tightness in the Chest)
- अगर आपको ब्रोंकाइटिस है, तो खांसते हुए आप आपका बलगम गाढ़ा हो सकता है। यह बलगम साफ, पीले या हरे रंग का हो सकता है।
एक्यूट ब्रोंकाइटिस के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं :
- लौ फीवर (Low Fever)
- ठंड लगना (Chills)
- शरीर में दर्द (Body Aches)
एक्यूट ब्रोंकाइटिस में खांसी, छाती में कसाव और व्हीजिंग जैसे लक्षण कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ़्तों तक रह सकते हैं, जब तक इंफेक्शन क्लियर नहीं हो जाता है। क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस के लक्षण लंबे समय तक रह सकते हैं। अस्थमा के लक्षण कभी दिखाई देते हैं और कभी खुद थी ठीक हो जाते हैं। कुछ लोगों में व्यायाम, एलर्जी या कुछ काम इन लक्षणों को बढ़ा सकते हैं।
क्या किसी को अस्थमा और ब्रोंकाइटिस एक समय पर हो सकता है? (Can anyone have Asthma and Bronchitis at the same time)
जो लोग अस्थमा का शिकार होते हैं, वो एक्यूट ब्रोंकाइटिस का शिकार भी हो सकते हैं। ऐसे में वे नोटिस कर सकते हैं कि उनके अस्थमा के लक्षण बदतर हो रहे हैं। यही नहीं इनसे पीड़ित लोग इन समस्याओं का अनुभव भी कर सकते हैं जैसे सांस लेने में समस्या (Shortness of Breath), व्हीजिंग (Wheezing), सांस लेते हुए दर्द और बेचैनी (Pain and Discomfort When Breathing)। कई बार उनके लंग्स में एयरवेज बलगम के कारण जम जाता है। जिसके कारण गंभीर ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के कारण लोगों को अस्पताल जाना पड़ सकता है।
यह बात तो साबित हो चुकी है कि अस्थमा और ब्रोंकाइटिस (Asthma and Bronchitis) के लक्षण एक समान होते हैं। लेकिन ,कारण अलग अलग होते हैं हालांकि दोनों मेडिकल कंडीशन के कारण एयरवेज में सूजन हो सकता है। इनके कारण स्मोकिंग करने वाले लोग और जो लोग स्मोकर्स के सम्पर्क में अधिक रहते हैं, प्रभावित होते हैं। इन बीमारियों में अंतर केवल उनकी विशेषताएं हैं। जहां अस्थमा इन दोनों में से सबसे भयानक रोग है क्योंकि यह लाइलाज और आजीवन रहने वाली बीमारी है और अभी भी इसका सही कारण अज्ञात है। यहां तक कि ब्रोंकाइटिस के रोगियों को अस्थमा होने का खतरा होता है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है।
अस्थमा और ब्रोंकाइटिस का निदान (Diagnosis of Asthma and Bronchitis)
डॉक्टर अस्थमा के निदान के लिए रोगी से उसकी फैमिली हिस्ट्री पूछते हैं और लक्षणों के बारे में भी जाना जा सकता है। इसके साथ ही डॉक्टर यह भी जानते हैं कि यह लक्षण कब बेहतर और बदतर होते हैं। डॉक्टर इसके लिए ब्रीदिंग टेस्ट कर सकते हैं ताकि जान पाएं कि आपको अस्थमा तो नहीं है। इसके साथ ही कई अन्य टेस्ट भी हैं जो कराये जा सकते हैं। अस्थमा होने पर व्यक्ति की सांस लेने की क्षमता कम हो जाती है। अगर किसी व्यक्ति को खांसी है और यह समस्या बार-बार हो रही है, तो डॉक्टर इसे ब्रोंकाइटिस की जगह अस्थमा मान सकते हैं। लेकिन जब किसी व्यक्ति को क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस होता है। तो डॉक्टर इन चीजों से ब्रोंकाइटिस से निदान कर सकते हैं
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- मेडिकल हिस्ट्री जान कर (know about Medical History)
- फेफड़ों की आवाज सुन कर (Listening to the Lungs)
- लक्षणों को जानकर (Considering Symptoms)
टेस्ट्स (Tests for Asthma and Bronchitis)
इसके साथ ही डॉक्टर चेस्ट एक्स-रे (Chest X-Ray) कराने के लिए भी कह सकते हैं। ताकि जान पाएं कि यह लक्षण कहीं निमोनिया के तो नहीं है। इसके साथ ही अगर लक्षण एक से दो हफ्ते सुधरते नहीं हैं, तो अस्थमा के लिए अधिक टेस्ट भी कराए जा सकते हैं,जैसे:
- स्पिरोमेट्री (Spirometry): इस टेस्ट में एक डिवाइस में रोगी फूंक मारता है ताकि पता चल सके कि उस के फेफड़े कितनी अच्छी तरह से काम कर रहे हैं।
- चेस्ट एक्स -रे (Chest X-ray): इस स्केन में थोड़ी मात्रा में रेडिएशंस का प्रयोग किया जाता है ताकि फेफड़ों की तस्वीर ली जा सके और समस्या का पता चल सके।
- स्प्यूटॅम टेस्ट्स (Sputum Tests) : इसमें डॉक्टर रोगी के बलगम का नमूना ले सकते हैं। इससे बैक्टीरिया का टेस्ट किया जाता है और जाना जाता है कि आपको इंफेक्शन तो नहीं है।
- अन्य टेस्ट्स (Other Tests) : अगर डॉक्टर को लगता है कि आपको अस्थमा है, तो आपको मेथाकोलिन चैलेंज (Methacholine Challenge ) या ब्रोन्कोप्रोवोकेशन टेस्ट (Bronchoprovocation Test) के लिए कहा जा सकता है।
एलर्जीज के कारण भी अस्थमा हो सकता है। ऐसे में आपको ब्लड और स्किन टेस्ट (Blood and Skin Test) के लिए एलर्जिस्ट के पास जाना चाहिए। यह टेस्ट इस बात के बारे में बताने में मदद कर सकते हैं कि कौन सी चीजें अस्थमा को बढ़ा सकती हैं।
अस्थमा और ब्रोंकाइटिस का इलाज (Asthma and Bronchitis Treatment)
ब्रोंकाइटिस के लिए कोई इलाज नहीं है। क्योंकि, इस स्थिति का कारण वायरस होता है। ऐसे में रोगी को अपने इम्यून सिस्टम (Immune System) को मजबूत करने के लिए सही उपाय करने चाहिए। ताकि, वायरस का इलाज जल्दी हो सके। यह उपचार इस प्रकार हैं:
- पर्याप्त तरल पदार्थों का सेवन करना (Drinking Plenty of Fluids)
- पर्याप्त आराम करें (Getting Plenty of Rest)
- खांसी के लिए ओवर द काउंटर दवाईयां लेना (Taking Over-the-Counter Cough Medicines)
नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टिट्यूट (National Heart, Lung and Blood Institute) के अनुसार एक्यूट ब्रोंकाइटिस बिना किसी उपचार के खुद ही ठीक हो जाता है। कई बार बलगम को लूज करने के लिए नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAID) जैसे आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) एक्यूट ब्रोंकाइटिस को मैनेज करने में मददगार होती हैं। अगर आपको बैक्टीरियल इन्फेक्शन है तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह भी दे सकते हैं।
डॉक्टर आपको कई बार मेडिकेशन के साथ इनहेलर की सलाह भी दे सकते हैं जैसे एल्ब्युटेरोल इनहेलर (Albuterol Inhaler)। जिसे इस तरह से डिजाइन किया गया होता है कि अगर रोगी ब्रोंकाइटिस से संबंधित व्हीजिंग का अनुभव कर रहा हो तो एयरवेज खुल सके। इसके उपचार इस प्रकार किए जा सकते हैं। इसके साथ ही डॉक्टर अस्थमा के उपचार के लिए कई दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, इन दवाइयों से उपचार संभव नहीं है। लेकिन इनसे लक्षण कम होने और ट्रिगर्स में राहत मिलती है।
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कैसे बचें इन समस्याओं से? (Asthma and Bronchitis Prevention)
ब्रोंकाइटिस से बचने का सबसे अच्छा तरीका है, इसे फैलने से बचाना। इस वायरस को दूर करने का सबसे आम और आसान उपाय है हैंड वाश करना। जर्म्स को फैलने से रोकने के लिए हमें कुछ भी खाने से पहले और दिन में कई बार अपने हाथों को धोना चाहिए। हालांकि, अस्थमा से बचाव संभव नहीं है। लेकिन, वो उन स्थितियों से बच सकते हैं जो अस्थमा की समस्या को बढ़ाती हैं। यह ट्रिगर इस प्रकार हैं सिगरेट स्मोक, पेट डेंडर और सीजनल एलर्जी (Seasonal Allergies)। बैक्टीरियल रेस्पायरेटरी इंफेक्शन (Bacterial respiratory infection ) को एंटीबायोटिक से ठीक किया जा सकता है। इसके ट्रीटमेंट में अस्थमा ट्रिगर को इन टिप्स से नजरअंदाज करना शामिल हैं। यह टिप्स इस प्रकार हैं:
- अपने बिस्तर और कंबल को गर्म पानी में धोएं और धूप में सुखाएं।
- घर और घर के आसपास की धूल को रोजाना साफ करें।
- घर में ह्यूमिडिफायर का प्रयोग करें।
- पालतू जानवरों को बेड़रूम से बाहर रखें।
- स्मोकिंग न करें और अन्य लोगों से दूर रहें जो स्मोकिंग करते हैं।
- इंफेक्शन के फैलने से बचने के लिए लगातार अपना हाथ धोते रहें।
ब्रोंकाइटिस से बचाव के तरीके
एक्यूट ब्रोंकाइटिस खुद ही ठीक हो जाता है। लेकिन, क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस और अस्थमा को मैनेज और उपचार इस तरह से किया जा सकता है, ताकि आप अच्छे और आसानी से सांस ले सके।
- अगर आप स्मोक करते हैं तो अपने डॉक्टर से उन तरीकों के बारे में जानें जिनका प्रयोग कर के आप उसे छोड़ सके। जैसे निकोटीन रिप्लेसमेंट (Nicotine Replacement) या अन्य कोई दवाई। ब्रोंकाइटिस के कारण होने वाले लंग डैमेज को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है स्मोकिंग से बचना।
- पराग कण, धूल, प्रदूषण और केमिकल से दूर रहें जो लंग्स को नुकसान पहुंचाते हैं।
- जब भी आप उन चीजों के पास हो जो इस समस्या को बढ़ाते हैं जैसे धूल-मिटटी, केमिकल आदि, तो मास्क पहनें।
- वैक्सीन जैसे फ्लू और निमोनिया वैक्सीन लंग्स की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- नियमित डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाएं। चेकअप से यह बात सुनिश्चित करें कि आप और आपके फेफड़े स्वस्थ हैं।
- अगर आपको अस्थमा है तो डॉक्टर द्वारा बताये ट्रीटमेंट प्लान का पालन करें।
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अस्थमा और ब्रोंकाइटिस (Asthma and Bronchitis) में केवल यही अंतर है इनकी विशेषताओं का, जहां अस्थमा इनमें से सबसे बदतर समस्या है। इन दोनों की बीमारियों के किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें और अगर आपको कोई लक्षण नजर आता है, तो डॉक्टर की सलाह अनिवार्य है। इसके साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करना भी जरुरी है जैसे सही और पौष्टिक आहार का सेवन (Eat Right Food), नियमित व्यायाम करना (Regular Exercise), तनाव से बचना (Avoid Depression), पर्याप्त नींद लेना (Enough Sleep) आदि। गंभीर स्थितियों में तुरंत मेडिकल हेल्प लेने की सलाह दी जाती है।