शिशुओं की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिसके कारण छोटे बच्चों में खांसी की समस्या बहुत ज्यादा देखी जाती है। इसके अलावा छोटे बच्चों में खांसी के प्रकार भी अलग-अलग होते हैं, जिनकी सही पहचान होना बेहद जरूरी होता है। आमतौर पर सर्दी-खांसी सामान्य संक्रमण या फ्लू के कारण हो सकती है। इसलिए इनके उपचार में देरी करना जोखिम भरा हो सकता है।
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जानिए छोटे बच्चों में खांसी के प्रकार
छोटे बच्चे में खांसी का कारण क्या है?
अगर किसी कारणवश वायुमार्ग में संक्रमण हो जाए या यह बंद होने लगता है, तो वायुमार्ग को साफ करने के लिए शरीर खांसने की प्रक्रिया करता है। ताकि, वह उस अवरोध के कारण को दूर कर सके और गले को राहत मिल सके। अधिकांश खांसी-सर्दी, इन्फ्लूएंजा या अस्थमा के कारण होती है। जो कुछ स्थितियों में गंभीर हो सकते हैं।
टॉडलर्स और बच्चों में होते हैं 6 प्रकार की खांसी
टॉडलर्स और छोटे बच्चों में आमतौर पर छह अलग-अलग प्रकार की खांसी देखी जा सकती है। कुछ मामलों में इन्हें घरेलू उपचार से ही ठीक किया जा सकता है, तो कुछ स्थितियों में छोटे बच्चे में खांसी के उपचार के लिए डॉक्टर की देखरेख जरूरी होती है।
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1. क्रुप खांसी (घरघराहट वाली खांसी) (Croup Cough)
क्रुप खांसी होने पर छोटे शिशुओं की नाक भरी रहती है। सांस लेने समय उनके गले से एक भारी आवाज आती है। क्रुप खांसी होने पर बच्चे के सोने और जागने का समय अव्यवस्थित हो सकता है। इसके अलावा बच्चे के सोने के दौरान उसके गले से आवाज भी आती रहती है।
छोटे बच्चों में खांसी- क्रुप या बार्किंग खांसी होने का कारण
वायुमार्ग में सूजन होने के कारण छोटे बच्चे में क्रुप खांसी होती है। आमतौर पर यह वायरल बीमारी होती है। इसकी समस्या अक्टूबर से मार्च के बीच में सबसे ज्यादा देखी जाती है। यह आमतौर पर 6 महीने से 3 साल तक के छोटे शिशुओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।
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2. सूखी खांसी (Dry Cough)
बड़े वयस्कों की तरह की छोटे शिशुओं में भी सूखी खांसी की समस्या हो सकती है। हालांकि, सूखी खांसी छोटे बच्चों को रात के समय ज्यादा परेशानी करती है। दिन के समय इसमें कुछ सुधार हो सकती है।
छोटे बच्चों में खांसी- सूखी खांसी का कारण
आमतौर पर सूखी खांसी का कारण सर्दी, एलर्जी या अस्थमा भी हो सकता है। इसकी समस्या तब होती है जब फेफड़ों के वायुमार्ग में सूजन और सिकुड़न हो जाती है।
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3. वायरल खांसी (Viral Cough)
वायरल खांसी छोटे बच्चें में खांसी का सबसे आम रूप होता है। इसकी समस्या ठंड के मौसम में सबसे ज्यादा देखी जाती है। इसके होने पर बच्चे की नाक बहती रहती है और खांसी के दौरान बलगम भी आता है।
छोटे बच्चों में खांसी- वायरल खांसी का कारण
वायरस के कारण वायुमार्ग में संक्रमण हो जाता है। वायरल खांसी होने पर एंटीबायोटिक्स बेअसर होते हैं इसलिए इनका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस खांसी के होने पर बच्चे में ऑक्सीजन की कमी भी हो सकती है। जिसके लिए उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ सकता है।
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4. काली खांसी (Hooping Cough)
काली खांसी होने पर बच्चे लगातार खांसता रहता है जिसके बाद एक लंबी सांस लेता है। सांस लेने के दौरान गले से एक ऊंची आवाज भी आती है। काली खांसी को कुक्कर खांसी भी कहा जाता है। इसमें खांसते समय बच्चे के गले से बहुत सारा श्लेम निकलता है।
छोटे बच्चों में खांसी- काली खांसी का कारण
काली खांसी या कुक्कर खांसी बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होती है। यह बहुत ड्राई भी होती है। इसके अलावा अगर बच्चे को टेटनस का टीकाकरण नहीं करवाया गया हो, तो इस खांसी के कारण बढ़ सकते हैं।
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5. अस्थमा के कारण खांसी (Asthma)
12 महीने से अधिक उम्र के बच्चों में अस्थमा (दमा) के कारण भी खांसी हो सकती है। इसके लक्षण आमतौर पर ब्रोंकोलाइटिस खांसी के जैसे ही होते हैं। हालांकि, इस तरह की खांसी में बच्चे के गले से घरघराहट की आवाज के साथ सीने में जकड़न की समस्या भी रहती है।
छोटे बच्चों में खांसी- अस्थमा खांसी का कारण
वायरल संक्रमण के कारण बच्चे में अस्थमा के कारण खांसी हो सकती है। इसके कारण बच्चा तेजी-तेजी से सांसे लेने लगता है। बच्चे के गर्दन और पसलियों में भी जकड़न की समस्या देखी जा सकती है।
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6.निमोनिया के कारण खांसी (Pneumonia)
निमोनिया के कारण लगभग सभी उम्र के बच्चों में खांसी की समस्या देखी जाती है। इसके कारण बच्चे को बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई हो जाती है।
छोटे बच्चों में खांसी- निमोनिया खांसी का कारण
वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों के कारण फेफड़े में संक्रमण होने की वजह से यह होता है। इसके उपचार के लिए बच्चों को एंटीबायोटिक दवाएं और ऑक्सीजन दी जा सकती है। इसके अलावा अगल समस्या ज्यादा गंभीर होती है, तो बच्चे को अस्पताल में ड्रिप के माध्यम से एंटीबायोटिक दवाएं भी दी जा सकती हैं।
छोटे बच्चों में खांसी दूर करने के घरेलू उपचार क्या-क्या हो सकते हैं?
- सर्दी-जुकाम होने पर बच्चे को गर्म कपड़े पहनाएं, ताकि उसका शरीर गर्म रहे।
- बच्चे को भाप दें।
- खांसी होने पर मां को भी बच्चे के साथ स्टीम बाथ लेना चाहिए। इससे बच्चे के मां के शरीर से गर्मी मिलेगी जो खांसी के लिए एक कारगर इलाज हो सकती है।
- बच्चे के सोकर उठने के बाद उसे थोड़ी देर के लिए खुली हवा में बाहर ले जाएं, ताकि उसे सांस लेने में आसानी हो।
- अगर छोटे बच्चे में खांसी का कारण बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, तो अपने डॉक्टर की देखरेख में बच्चे को एंटीबायोटिक दवा दें सकते हैं।
- खांसी के कारण बच्चा डिहाइड्रेड हो सकता है। थोड़ी-थोड़ी देर में बच्चे को तरल पदार्थ भी पिलाएं रहें। जिसमें सूप, स्मूदी के साथ ताजा फलों के जूस भी शामिल कर सकते हैं।
- अगर सांस लेने या सोने में बच्चे को ज्यादा परेशानी हो, तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर को दिखाएं।
अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।