
प्रदूषण के बढ़ते स्तर और बदलते खान-पान से आजकल हर उम्र के लोगों को त्वचा संबंधी परेशानियां हो रही हैं। लेकिन, व्यस्कों के मुकाबले बच्चे आसानी से इनका शिकार हो जाते हैं। बच्चों में एक्जिमा की समस्या एक ऐसी समस्या है, जिसके बारे में छोटे बच्चे बोलकर नहीं बता पाते। इसमें बच्चों को खुजली, जलन और रैश होते हैं , जिसके कारण वे ज्यादा रोते हैं या चिड़चिड़े हो जाते हैं। बच्चों के ज्यादा रोने के बाद ही माता-पिता को पता चलता है कि उन्हें कोई परेशानी हुई है। बच्चों में एक्जिमा इसलिए भी सामान्य है क्योंकि मां के गर्भ में नौ महीने रहने के तुरंत बाद बाहर के वातावरण में वे सेंसिटिव होते हैं और इसका सामना नहीं कर पाते।
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बच्चों में एक्जिमा क्या है?
एक्जिमा त्वचा में होने वाली परेशानी है। इसकी वजह से बच्चे की स्किन ड्राई हो जाती है। साथ ही त्वचा पर खुजली भी होने लगती है। बच्चों में एक्जिमा इतना नॉर्मल है कि पांच बच्चों में से एक बच्चे को यह परेशानी होती है। बच्चों में एक्जिमा के लक्षण पहली बार पांच साल की उम्र से दिखने लगते हैं। जबकि बहुत से बच्चों में एक्जिमा के लक्षण छह महीने से ही दिखाई देने लगते हैं।
अगर आपके बच्चे को एक्जिमा है, तो उसकी स्किन में ड्राइनेस और खुजली हो सकती है। इसके अलावा बच्चों में एक्जिमा होने की वजह से उनकी त्वचा के आसपास लाल घेरे हो सकते हैं, जिनमें क्रेक दिखाई देता हैं। साथ ही इससे खून भी आ सकता है। बच्चों में एक्जिमा कुछ जगहों पर सामान्य होता है। जैसे कोहनी, घुटनों, कलाई और गर्दन के आस-पास। हालांकि, एक्जिमा उसके शरीर के किसी भी हिस्से पर दिखाई दे सकता है, जिसमें उसका चेहरा भी शामिल है।
कई बार ऐसा हो सकता है कि जब आपके बच्चे में एक्जिमा होने पर भी इसके लक्षण आसानी से नहीं दिखतें। कई बार ऐसा भी होता है जब बच्चे में एक्जिमा के लक्षण दिखते तो हैं लेकिन आपको लगता है कि इन पर अधिक ध्यान देने की जरूरत नहीं है। कई बार एक्जिमा के लक्षण काफी प्रभावी ढ़ंग से ट्रिगर करते है, जो हर किसी में अलग-अलग कारणों से होता है।
वैसे तो एक्जिमा का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसे सही उपचार के साथ इस परेशानी को कंट्रोल किया जा सकता है। अच्छी बात यह है कि एक्जिमा से ग्रसित ज्यादातर बच्चों की परेशानी बड़ें होने तक खुद ही ठीक हो जाती है।
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बच्चों में एक्जिमा के कारण
बच्चों में एक्जिमा किस कारण होता है। इसके बारे में कुछ खास डेटा नहीं है। लेकिन, माता-पिता के जीन इसके लिए खास भूमिका निभाते हैं। आमतौर पर पांच में से एक बच्चें में एक्जिमा होने का खतरा होता है। लेकिन, अगर माता-पिता में से किसी एक को यह परेशानी हो, तो पांच में से तीन बच्चों को यह परेशानी हो सकती है। अगर माता और पिता दोनों को एक्जिमा है, तो आपके बच्चे में एक्जिमा होने के चांसेज और बढ़ जाते हैं।
आजकल की लाइफस्टाइल में एलर्जी, जिसमें एक्जिमा, अस्थमा और हाइफीवर शामिल हैं बहुत कॉमन हैं। इसका कारण यह भी हो सकता है कि आजकल लोग केमिकल वाली चीजों पर निर्भर रहते हैं। हमारे हर रोज इस्तेमाल आने वाले प्रोडक्ट्स और खाने की चीजों में काफी केमिकल होते हैं, जो एक्जिमा की समस्या को और बढ़ा सकता है। मां के गर्भ में होने की वजह से बच्चे बाहर के प्रदूषित वातारण से अछूते होते हैं। लेकिन, बाहर आते ही उन्हें यह परेशानी हो सकती है। बच्चों में एक्जिमा का कारण पता लगाने के लिए कई बार अधिक शोध की जरूरत होती है। हालांकि, एक बात जिसपर ध्यान देने की जरूरत है कि एटोपिक एक्जिमा छूने से नहीं फैलता इसलिए आपके बच्चे से ये किसी और को नहीं हो सकता।
बच्चों में एक्जिमा बढ़ने की वजह
जब बच्चे एक्जिमा के कुछ ट्रिगर्स के संपर्क में आते हैं, तो बच्चों में एक्जिमा बढ़ जाता है। शिशुओं में एक्जिमा के ट्रिगर अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन, कुछ आम ट्रिगर इस तरह से हैंः
- साबुन, नहाना, स्किनकेयर प्रोडक्ट और कपड़े धोने के डिटर्जेंट
- सिंथेटिक या ऊनी कपड़े या कुछ सिंथेटिक डाई से बनाए गइ कपड़ें
- एलर्जी, पालतू जानवर से एलर्जी, पॉलन और डस्ट से एलर्जी
- दूध, अंडा, गेहूं, सोया और मूंगफली जैसे खाने से एलर्जी
- मौसम में बदलाव
जिन बच्चों में एक्जिमा होता है, उनको स्किन इंफेक्शन होने के चांसेस ज्यादा होते हैं।
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बच्चों में एक्जिमा का इलाज
अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को एक्जिमा हो सकता है, तो अपने डॉक्टर से बात करें। वह आपके बच्चे के लिए सही इलाज में आपकी मदद कर सकते है।
बच्चों में एक्जिमा का इलाज इन तरहों से किया जाता है :
इमॉलियेंट्स (Emollients)
इमॉलियेंट्स आमतौर पर एक्जिमा के इलाज के लिए सबसे जरूरी है। इमॉलियेंट्स का इस्तेमाल बच्चों की स्कीन को मॉइस्चराइज करने के लिए किया जाता है। ये इमॉलियेंट्स क्रीम, लोशन और ऑइंटमेंट के फॉर्म में उपलब्ध हैं। इसके बजाए आप बेबी वॉश का इस्तेमाल साबुन की जगह कर सकते हैं। आपको हर दिन अपने बच्चे की त्वचा के लिए इमोलियेंट्स लगाने की जरूरत होगी भले ही उसके एक्जिमा के लक्षण न दिखें।
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कॉर्टिकोस्टेरॉइड क्रीम
अगर आपके बच्चे में एक्जिमा के लक्षण बढ़ रहे हों, तो कॉर्टिकोस्टेरॉइड क्रीम इन लक्षणों को कम कर सकती है। यह ना केवल बच्चे को आराम देता है बल्कि बच्चे को अच्छा महसूस कराने में मदद करता है। कॉर्टिकोस्टेरॉइड क्रीम की अलग-अलग वेरायटी उपलब्ध है और आपका डॉक्टर आपके बच्चे के लक्षणों के हिसाब से इस क्रीम को प्रिसक्राइब करेगा। डॉक्टर आपको इसके इस्तेमाल करने के बारे में निर्देश भी देगा। डॉक्टर द्वारा बताएं गए निर्देशों को फॉलो करें क्योंकि ज्यादा कॉर्टिकोस्टेरॉइड क्रीम का इस्तेमाल करने से कभी-कभी साइड-इफेक्ट हो सकते हैं। इसमें बच्चे की स्किन का पतला होना या त्वचा का रंग हल्का होना शामिल हैं।
हर्बल उपचार
इस बात का कोई शोध नही है कि यह इलाज बच्चों में एक्जिमा को खत्म कर सकता है। कुछ मामलों में ये उपचार बच्चे को उल्टा नुकसान पहुंचा सकता है, क्योंकि इसमें इंग्रीडिएंट्स का कोई अंदाजा नहीं होता। अगर आप अपने बच्चे में एक्जिमा का हर्बल उपचार करना चाहते हैं, तो हमेशा अपने फार्मासिस्ट, डॉक्टर या स्किन स्पेशलिस्ट से बात करें।
अपने बच्चे को एक्जिमा से बचाने के लिए आप एक इमॉलियेंट्स का उपयोग करके दिन में कई बार अपने बच्चे की त्वचा को अच्छी तरह से मॉइस्चराइज कर सकते हैं। अगर फिर भी बच्चे के एक्जिमा के लक्षण कम नहीं होते, तो तुरंत बच्चे के डॉक्टर से बात करें।
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