सभी महिलाओं के लिए गर्भावस्था और प्रसव का अपना अनुभव होता है। हर महिला का शरीर और उसके इमोशंस एक-दूसरे से भिन्न होते हैं। इसलिए हो सकता है कि सी-सेक्शन ऑपरेशन (सिजेरियन डिलिवरी) के बाद कुछ महिलाएं काफी प्रफुल्लित और आनंदित महसूस करें या कुछ रुआंसी और भावुक हो जाएं। कई बार देखा जाता है कि महिलाओं को सामान्य यानी प्राकृतिक प्रसव की उम्मीद होती है। यदि किन्हीं कारणों से सिजेरियन डिलिवरी से शिशु को जन्म देना पड़ता है तो उनमें निराशा का भाव आ जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार सी-सेक्शन एक मेजर सर्जरी में आती है। इसके बाद बॉडी को हील होने में समय लगता है। डिलिवरी के बाद आपको तीन से चार दिन तक हॉस्पिटल में रहना पड़ता है। अगर कॉम्पिकेशन हैं तो इससे ज्यादा समय भी लग सकता है। पूरी तरह हील होने के लिए आपको बॉडी को कम से कम 6 हफ्ते का समय दें। सी सेक्शन के बाद देखभाल की जरूरत सभी महिलाओं को होती है।
हालांकि, अधिकतर महिलाएं यह सोचकर भी खुश होती हैं कि सी- सेक्शन ऑपरेशन पूरा हो चुका है और वे शिशु को अपनी गोद में खिला सकती हैं। सिजेरियन डिलिवरी के ऑपरेशन से न सिर्फ महिला बल्कि परिवार के सदस्य भी चिंतित रहते हैं। सी- सेक्शन के बाद देखभाल करने की जिम्मेदारी आती है। जिसे लेकर महिलाएं चिंतित होती हैं कि आखिर सी-सेक्शन के बाद देखभाल कैसे करें। इस आर्टिकल में हम आपको सी-सेक्शन के बाद देखभाल कैसे करनी चाहिए इस बारे में जानकारी दे रहे हैं।
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(सिजेरियन डिलिवरी) सी- सेक्शन के बाद देखभाल कैसे करें?
1. सी-सेक्शन के बाद देखभाल में दर्द निवारक दवाओं का सेवन करें
सी- सेक्शन के बाद देखभाल करते वक्त इस बात का ख्याल रखें कि कम-से-कम दो सप्ताह तक दर्द का होना सामान्य है। हालांकि, आप प्रत्येक दिन पहले से थोड़ा बेहतर महसूस करेंगी। इस दौरान यह याद रखें कि सिजेरियन प्रसव के घाव को भरने में थोड़ा वक्त लग सकता है। इसलिए दर्द से बचने के लिए आप पेन किलर टेबलेट्स का इस्तेमाल कर सकती हैं। आपका डॉक्टर संभवतः इबुप्रोफेन जैसी एंटी इंफ्लामेट्री मेडिसिन और नार्कोटिक पेन मेडिकेशन लेने की सलाह दे सकता है।
डॉ निकोल पी स्कॉट (सहायक प्रोफेसर, इंडियाना यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रसूति और स्त्री रोग) कहते हैं कि सी- सेक्शन के बाद दर्द की दवा की आवश्यकता बहुत सामान्य है और इसे पूरा करना भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि दर्द से बचना मुमकिन नहीं है। इसलिए दर्द निवारक दवाओं से कुछ दिनों में दर्द से राहत पाई जा सकती है, लेकिन किसी भी दवा का उपयोग डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद ही लें।
2. सी-सेक्शन के बाद देखभाल करें और प्रोबायोटिक्स लें
सर्जरी के दौरान दी जाने वाली एंटीबायोटिक्स आपके गट में हेल्दी बैक्टीरिया को खत्म कर सकती हैं। प्रोबायोटिक्स सी- सेक्शन के बाद स्वस्थ होने में आपकी मदद करते हैं। जो हेल्दी गट फ्लोरा को बहाल करने तथा इस दौरान दस्त को रोक सकते हैं। इसलिए प्रोबायोटिक्स सप्लिमेंट लेने के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। प्रोबायोटिक्स इम्यून और स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकता है। इसलिए सी-सेक्शन के बाद देखभाल करते वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखें।
सी-सेक्शन के बाद रिकवरी के लिए आराम करना बहुत जरूरी है। हालांकि नए माता-पिता के लिए घर में नवजात शिशु के साथ आराम करना लगभग बहुत मुश्किल होता है। क्योंकि शिशु की देखभाल में बहुत समय लगता है। ऐसी परिस्थिति में पेरेंट्स शिशु की देखभाल के लिए आधा-आधा समय बांट सकते हैं। ऐसा करने से दोनों ही आराम कर पाएंगे और घाव भी जल्दी ठीक होंगे।
नवजात को संभालना काफी चुनौतीपूर्ण होता है और नवजात किसी भी वक्त परेशान कर सकता है। इसलिए अगर कोई पारिवारिक सदस्य साथ नहीं है, तो किसी अन्य करीबी की मदद ले सकते हैं। आप चाहें तो केयर टेकर की मदद ली जा सकती है।
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3. सी-सेक्शन के बाद देखभाल में धीरे-धीरे वॉक शुरू करना है जरूरी
सिजेरियन डिलिवरी के बाद जैसे ही डॉक्टर आपको घर जाने का सिग्नल दे, यहां से आपको खुद के मदद के लिए तैयार रहना चाहिए। घर पहुंचने के बाद कुछ दिन आराम करें फिर वॉक करना शुरू करें। आपके चलने से ऑपरेशन वाले एरिया तथा बाकी शरीर में ब्लड सर्क्युलेशन बढ़ता है। यह खून को थक्कों के रूप में जमने से रोकेगा। इस बारे में डॉक्टर से पूछ लें कि सी-सेक्शन के बाद देखभाल में किस चीज का ध्यान सबसे ज्यादा रखना जरूरी है।
सी-सेक्शन के बाद रिकवरी तेजी से हो इसलिए नियमित रूप से वॉक पर जाएं। ऊंचे-नीचे वाली जगहों पर न जा कर समतल जमीन पर टहलें। इससे शरीर में ब्लड सर्क्युलेशन बना रहता है और शरीर फिट रहता है और टांकें भी जल्दी हो जाते हैं।
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4. सी-सेक्शन के बाद देखभाल में न्यूट्रिशन को न करें अनदेखा
सिजेरियन हीलिंग के लिए अच्छा पोषण भी बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे खाद्य पदार्थ खाने पर ध्यान दें जो एंटी-इंफ्लमेटरी हों और उनमें विटामिन सी भी मौजूद हो। जैसे कि जामुन, ब्रोकली आदि। विटामिन सी कोलेजन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है। प्रोटीन से युक्त आहार का सेवन जरूर करें क्योंकि प्रोटीन ऊतकों का निर्माण करता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे नट्स और बीज से समृद्ध खाद्य पदार्थ भी एंटी-इंफ्लमेटरी हैं। सी-सेक्शन के बाद देखभाल करते वक्त यह ध्यान रखें कि रेड मीट का सेवन कम से कम हो। इसके बजाय चिकन और सामन मछली का सेवन करें क्योंकि इनमें अमीनो एसिड होता है जो प्रोटीन बनाते हैं।
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5. सी-सेक्शन के बाद देखभाल पोषक तत्वों से भरपूर भोजन का सेवन करें
स्तनपान सिर्फ बच्चे के लिए नहीं यह मां और शिशु दोनों की सेहत पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। हालांकि सिजेरियन डिलिवरी की वजह से शिशु को स्तनपान करवाने में परेशानी हो सकती है। इसलिए ऐसे वक्त में घर के किसी सदस्य या हेल्पर की मदद जरूर लें। ब्रेस्टफीडिंग करवाते वक्त तकिए का सपोर्ट लें ताकि स्टिचिस में दर्द न हो।
सी-सेक्शन के बाद देखभाल करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि डिलिवरी के बाद आपका शरीर रिकवरी मोड में होता है। आप नौ महीने की गर्भावस्था के नाजुक समय और बड़ी सर्जरी को पार कर चुकी हैं। इसलिए आपको अच्छे पोषक तत्वों की आवश्यकता होगी। पोषक तत्व सी-सेक्शन के बाद आपको रिकवर करने में मदद करेंगे। प्रसव के बाद आपके शरीर को फिर से पुनर्निर्माण के लिए विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इसलिए प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ और विटामिन, मिनरल्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर आहार का विकल्प चुनें। जैसे:
- फ्रूट्स और सब्जी
- प्रोटीन
- हल्के कार्ब्स (ये पूरे खाद्य कार्बोहाइड्रेट के अच्छे विकल्प हैं जिनमें भरपूर मात्रा में बेरीज, क्विनोआ, ब्राउन राइस और शकरकंद शामिल हैं)
- एवोकैडो
- जैतून का तेल
- अखरोट
- नट्स तथा बींस
- वसायुक्त मछली भी एंटी-इंफ्लेमेटरी हैं और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
6. कब्ज की परेशानी से बचें
सिजेरियन डिलिवरी के बाद रिकवरी जल्दी हो इसलिए जरूरी है कि आपका डायजेशन ठीक रहना चाहिए। डायजेशन ठीक रखने के लिए फाइबर युक्त आहार का सेवन लाभकारी हो सकता है। अगर डिलिवरी के बाद कब्ज की परेशानी नहीं होती है, तो इसके दो फायदे होते हैं।
(i) जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं।
(ii) पेट पर जोर नहीं पड़ता है, जिससे घाव जल्दी ठीक हो सकते हैं।
सी-सेक्शन के बाद देखभाल कैसे करना है ये तो आप समझ ही गए होंगे। इसको पढ़कर आपको लग रहा होगा कि सी-सेक्शन के बाद बहुत तकलीफ होती हैं। अब हम आपको सी-सेक्शन के कुछ फायदे बता रहे हैं। उनको जान लेना भी आपके लिए जरूरी है।
7. डिलिवरी के बाद देखभाल: इंफेक्शन से बचें
नॉर्मल डिलिवरी हो या सिजेरियन डिलिवरी इसके बाद बॉडी की इम्यून पॉवर कम हो जाती है। जिस वजह से महिला के इंफेक्शन और बीमार होने का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए ऐसी चीजों से बचें जिनसे इंफेक्शन होने का खतरा होता है। सी-सेक्शन के बाद रिकवरी के लिए कई बार लोग स्नान नहीं करते हैं। साफ-सफाई के अभाव में इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।
8. डिलिवरी के बाद देखभाल: दर्द मैनेज करें
सी-सेक्शन डिलिवरी के बाद दर्द होना तय है। इसलिए दर्द ठीक हो तो ऐसे में समय में वैसी ही दवाओं का सेवन करें जो डॉक्टर ने आपको प्रिस्क्राइब की हो। अपनी मर्जी से दर्द की दवाओं का सेवन न करें।
9. डिलिवरी के बाद देखभाल: पोषक तत्वों से युक्त आहार लें
गर्भावस्था के दौरान ही नहीं उसके बाद भी डायट का ध्यान रखना जरूरी होता है। अगर आप चाहती हैं कि सी-सेक्शन के बाद जल्दी रिकवरी हो तो पोषक तत्वों से युक्त भोजन करें। आपकी डायट कैसी होनी चाहिए? इस बारे में डॉक्टर और डायटीशियन से संपर्क करें।
सी-सेक्शन के फायदे में सबसे पहला आता है प्लासेंटा प्रीविया की स्थिति। इस स्थिति में जब प्लासेंटा पूरी तरह से या पार्शियल रूप से गर्भाशय के मुख-बिंदु को ब्लॉक कर देता है तब इसे प्लासेंटा प्रीविया कहा जाता है। यह कई प्रकार के होते हैं जैसे-लो लाइन प्लासेंटा, पार्शियल प्लासेंटा तथा मार्जिनल प्लासेंटा प्रीविया। यह तीनों मां और शिशु दोनों के लिए खतरनाक हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में सी-सेक्शन का उपयोग करके मां और बच्चे को बचाया जाता है।
इसके अलावा बेबी के ब्रीच पुजिशन में होने, जुड़वां बच्चों की डिलिवरी आदि में सी-सेक्शन का सहारा लिया जाता है। इन दोनों स्थितियों में नॉर्मल डिलिवरी से बच्चे का जन्म होना मुश्किल होता है। सी-सेक्शन के लाभ (फायदे) में यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सिजेरियन डिलिवरी में फॉरसेप्स का उपयोग न के बराबर किया जाता है। जिससे शिशु को बर्थ ट्रॉमा से बचाया जा सकता है। सी-सेक्शन के फायदे में ये बड़ा फायदा है।
हम उम्मीद करते हैं कि सी-सेक्शन के बाद देखभाल कैसे करें? विषय पर लिखा गया आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा। डिलिवरी का समय चुनौतिपूर्ण होता है फिर चाहे वह नॉर्मल डिलिवरी हो या सिजेरियन, लेकिन सी-सेक्शन के बाद देखभाल करना बहुत आवश्यक हो जाता है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान और उपचार प्रदान नहीं करता।
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