ब्रा से जुड़े मिथ : अंडरवायर ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर होता है
ब्रा से जुड़े मिथ में ऐसा माना जाता है कि एंटीपर्सपिरेंट (Antiperspirants) अंडरवायर ब्रा रात में पहनने से स्तन कैंसर हो जाता है। ऐसी अफवाह कई बार पढ़ने को मिल जाती है। तर्क ये दिया जाता है कि एंटीपर्सपिरेंट केमिकल स्किन के माध्यम से अवशोषित होते हैं। जब शरीर में पसीना आता है, तो ये टॉक्सिन्स को बाहर आने से रोक देता है। यही टॉक्सिंस स्तन में इकट्ठा होकर गांठ का रूप ले लेता है। इस तरह ब्रा स्तन कैंसर का कारण बन जाती है।
सच ये है कि ऊपर दी गई बात का आज तक प्रमाण नहीं मिला है। अभी तक डॉक्टर्स को ऐसा तथ्य नहीं मिला है जिसमें कहा जा सके कि अंडरवायर ब्रा रात को पहनकर सोने से स्तन कैंसर हो जाता है। तो आप ब्रा से जुड़े मिथ पर भरोसा न करें।
ब्रा से जुड़े मिथ : ब्रा न पहनने से ब्रेस्ट लटक जाते हैं
महिलाएं अक्सर ब्रा से जुड़े मिथ में यह मानती हैं कि अगर वह ब्रा नहीं पहनेंगी तो, उनके स्तन ढीले हो सकते हैं लेकिन, ऐसा नहीं है। असल में ब्रा पहनने से छाती की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है जिससे, स्तन ढीले हो जाते हैं। जबकि ब्रा न पहनना आपकी छाती के मसल्स को मजबूत बना सकता है। इससे ब्रेस्ट साइज भी बढ़ता है। ब्रा से जुड़े मिथ में यह मिथ निराधार है।
ब्रा से जुड़े मिथ : ब्रा न पहनने से ब्रेस्ट बड़े होते हैं
ब्रा से जुड़े मिथ में यह बात मानी जाती है कि ब्रा पहनना स्तनों की शेप को सुधारने में लाभदायक है और ब्रेस्ट भी बड़े नहीं होते हैं। एक फ्रैंच अध्ययन के अनुसार ब्रा पहनने का स्तनों पर विपरीत असर होता है और समय के साथ स्तनों की शेप खराब हो जाती है। यानी ब्रा छाती के मसल्स को कमजोर कर देती है। इसलिए अगर आप सुन्दर और सुडौल शेप चाहते हैं तो, कम ब्रा पहनें। यानि ब्रा से जुड़े मिथ (Myths related to bra) में यह मिथ भी एकदम गलत साबित होता है।
वर्कआउट करते समय ब्रा क्यों जरूरी है?
रोजाना वर्कआउट करते समय ब्रेस्ट के लिगामेंट्स खिंच जाते हैं और लंबे समय तक ऐसे एक्सरसाइज करते रहने से स्तनों का आकार खराब हो जाता है। ऐसे में जिम जाते समय स्पोर्ट्स ब्रा पहनना महिलाओं को इन परेशानियों से बचा सकता है। इसलिए, ब्रेस्ट को हमेशा फिट और स्वस्थ्य रखने के लिए ऐसी ब्रा एक बेहतर विकल्प होता है। अगर आप जिम जाने का प्लान कर रही हैं तो स्पोर्ट्स ब्रा का ही चुनाव करें।
शारीरिक गतिविधियों के समय स्तनों की मसल्स प्रभावित होती है। इसलिए, स्तनों में अक्सर दर्द की समस्या हो जाती है। खासतौर से अगर अपर बॉडी एक्सरसाइज की जा रही हो। इस दर्द को कम करने के लिए स्पोर्ट्स ब्रा पहनना सही रहता है। इनमें वायर न होने की वजह से रेगुलर ब्रा की तरह ब्रेस्ट को कसती नहीं हैं बल्कि आरामदायक होती है।
फिजिकल एक्टिविटी (जैसे वर्कआउट, जुंबा, जॉगिंग, वॉकिंग, एरोबिक आदि) के दौरान ब्रेस्ट मूवमेंट दर्दनाक और असुविधाजनक हो सकता है। स्पोर्ट्स ब्रा स्तनों को पूरा सपोर्ट देती है जिससे ब्रेस्ट की मूवमेंट कम होती है। वहीं, रेगुलर ब्रा में मौजूद हुक और इलास्टिक से ब्लड सर्क्युलेशन की समस्या आती है। ऐसे में स्पोर्ट्स ब्रा लाभदायक होती है। इसको पहनने से रक्त-संचरण सही रहता है। इसलिए इसे बिना किसी असहजता के लंबे समय तक पहना जा सकता है।
ब्रा से जुड़े मिथ के साथ अब आप समझ गईं होंगी कि बिना ब्रा के कैसे कॉन्फिडेंट फील किया जा सकता है।