उम्र ढले और झुर्रियों से दो चार ना होना पड़े, ऐसा शायद ही किसी के साथ हो। झुर्रियों को कम करने के लिए लोग महंगी से महंगी क्रीम खरीदते हैं, लेकिन फिर भी झुर्रियों से निजात पाना मुश्किल ही होता है। क्या आपने कभी हायल्यूरॉनिक एसिड डर्मल फिलर के बारे में सुना है? डर्मल फिलर में हायल्यूरॉनिक एसिड का इस्तेमाल होता है, जिसे इंजेक्ट कर झुर्रियों का इलाज किया जाता है। इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि हायल्यूरॉनिक एसिड डर्मल फिलर क्या है और इसके फायदे व नुकसान क्या हैं?
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डर्मल फिलर क्या है?
डर्मल फिलर का शाब्दिक अर्थ ही है, त्वचा का भरना। डर्मल फिलर दो शब्दों से मिलकर बना है, डर्मल का मतलब है त्वचा और फिलर का मतलब होता है भरना। डर्मल फिलर्स को सॉफ्ट टिश्यू फिलर्स भी कहा जाता है। डर्मल फिलर को त्वचा की सतह के ठीक नीचे इंजेक्शन के द्वारा किया जाता है। जिससे त्वचा को वॉल्यूम और टाइटनेस मिलती है।
डर्मल फिलर्स में निम्न अवयवों का प्रयोग किए जाते हैं :
- हायल्यूरॉनिक एसिड : ये शरीर में कुछ तरल पदार्थ और ऊतकों में पाया जाता है जो त्वचा को सॉफ्ट बनाता है।
- कैल्शियम हाइड्रॉक्सिलैप्टाइट : ये हड्डियों में पाए जाने वाले मिनरल की तरह होता है। जिसे त्वचा को भरने के लिए प्रयोग किया जाता है।
- पॉलिलैक्टिक एसिड : ये अवयव त्वचा को कोलेजन निर्माण के लिए प्रेरित करता है।
- पॉलिएल्किलिमाइड (Polyalkylimide) : यह एक पारदर्शी जेल होता है, जो शरीर के लिए बेहतरीन होता है।
- पॉलिमेथाइल-मेथाक्रायलेट माइक्रोस्फियर्स (Polymethyl-methacrylate microspheres (PMMA)) : ये एक सेमीपरमानेंट डर्मल फिलर हैं।
उपरोक्त सभी डर्मल फिलर त्वचा में अलग-अलग परेशानियों को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है। आसान शब्दों में समझें को ये सभी त्वचा में एजिंग की प्रॉब्लम के अलग-अलग लक्षणों को ठीक करने के लिए बने हैं।
डर्मल फिलर्स ट्रीटमेंट लेने के बाद उसके टिकने की संभावना इसे करने के तरीके पर निर्भर करता है। कुछ डर्मल फिलर्स 5 महीने तो कुछ 2 साल तक त्वचा में टिक पाते हैं। अगर आप डर्मल फिलर ट्रीटमेंट लेने की सोच रहे हैं तो आपको पहले अपने चेहरे की झुर्रियों को समझना होगा। डॉक्टर से बात करनी होगी, उसी आधार पर बताएंगे कि आपके चेहरे पर कहां पर किस तरह के डर्मल फिलर्स की जरूरत है।
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जुएडर्म या हायल्यूरॉनिक एसिड डर्मल फिलर क्या है?
जुएडर्म ही हायल्यूरॉनिक एसिड बेस्ड डर्मल फिलर्स हैं। जुएडर्म में कई तरह की प्रोडक्ट होते हैं। जुएडर्म में जेल की तरह होता है और उसे त्वचा में इंजेक्ट किया जाता है। जुएडर्म कई प्रकार के होते हैं :
जुएडर्म वॉल्यूमा XC : ये त्वचा की सतह में वॉल्यूम को बढ़ाता है। इस जुएडर्म का इस्तेमाल गालों पर पड़ी झुर्रियों को ठीक कने के लिए किया जाता है।
जुएडर्म XC और जुएडर्म वॉल्यूरा XC : त्वचा की खोई हुई इलास्टिसिटी और झुर्रियों से निजात पाने में मददगार साबित होता है। ये मुंह और नाक के पास की झुर्रियों (स्माइल लाइन) को ठीक करता है।
जुएडर्म अल्ट्रा XC और जुएडर्म वॉलबेला XC : बिना सर्जरी के होंठो को फुलर बनाया जाता है।
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डर्मल फिलर का उपयोग क्या है?
डर्मल फिलर्स का उपयोग त्वचा को भरने यानी कि फिल करने के लिए किया जाता है। जब आपकी उम्र ढलने के साथ त्वचा के अंदर से कोलेजन कम होने लगता है तो आपको डर्मल फिलर्स का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। डर्मल फिलर्स का यूज सिर्फ झुर्रियों और चेहरे के फोल्ड्स को ठीक करने के लिए ही नहीं किया जाता है, बल्कि निम्न कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट में भी किया जाता है :
- लिप्स का वॉल्यूम बढ़ाने के लिए भी डर्मल फिलर्स का इस्तेमाल होता है
- सिकुड़े हुए या झुर्रीदार गालों में वॉल्यूम बढ़ाने के लिए
- पिंपल के दागों को ठीक करने के लिए
- पुरानी झुर्रियों को ठीक करने के लिए
डर्मल फिलर कैसे काम करता है?
जुएडर्म एक सक्रिय संघटक है, जिसे हायल्यूरॉनिक एसिड भी कहा जाता है। इसके जरिए चेहरे के टिश्यू में वॉल्यूम जोड़कर काम करता है। हायल्यूरॉनिक एसिड हमारे शरीर में पाए जाने वाला एक प्राकृतिक पदार्थ है। यह कनेक्टिव टिश्यू के प्रोडक्शन को उत्तेजित करता है जो त्वचा (कोलेजन) को प्रभावित करता है। जैसे-जैसे आपकी इम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे हायल्यूरॉनिक एसिड और कोलेजन का उत्पादन कम होता जाता है। यह चेहरे की त्वचा की पर झुर्रियों बढ़ाता है।
डर्मल फिलर्स प्रक्रिया के दौरान आपके डॉक्टर चेहरे पर उन जगहों पर पेन से निशान लगाते हैं। इसके बाद डॉक्टर उस स्थान पर हायल्यूरॉनिक एसिड को इंजेक्ट करते हैं। इस दौरान वह चेहरे पर सूजन की संभावना को कम करने के लिए इंजेक्शन दिए गए स्थान पर हल्की मालिश करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को करने में आमतौर पर 15 से 60 मिनट का वक्त लगता है।
जुएडर्म इंजेक्शन में दर्द कम करने वाले लिडोकेन की थोड़ी मात्रा भी होती है। इस ट्रीटमेंट के दौरान अगर आपको दर्द महसूस होता है तो लिडोकेन उसे दूर करता है।
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डर्मल फिलर के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?
डर्मल फिलर्स कराने पर निम्न साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, हालांकि कुछ दिनों में ये खुद बखुद ठीक हो जाते हैं :
- इंजेक्शन लगे हुए स्थान पर दर्द होना
- इंजेक्शन लगे हुए स्थान पर खून जमा होना
- खुजली
- त्वचा का रंग का गाढ़ा या हल्का होना
- स्किन डैमेज हो जाना
डर्मल फिलर कितने दिनों तक टिकता है?
डर्मल फिलर्स बोटोक्स की तुलना में अधिक टिकाऊ होती है। डर्मेटोलॉजिस्ट के द्वारा प्रयोग किए गए ब्रांड और इंजेक्शन के आधार पर डर्मल फिलर्स का इफेक्ट और टिकने की अवधि अलग-अलग हो सकती है। उदाहरण के लिए, होठों में इंजेक्ट होने पर केवल छह महीने ही डर्मल फिलर्स चल सकते हैं। वहीं, गालों पर किए गए डर्मल फिलर दो साल तक चल सकते हैं।
डर्मल फिलर्स का एक फायदा यह भी है कि डर्मल फिलर्स के कुछ प्रकार रिवरसिबल होते हैं। हायल्यूरॉनिक डर्मल फिलर्स को हायल्यूरॉनिडेस इंजेक्शन के साथ मिलाकर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। यह उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जिन्हें डर्मल फिलर्स का रिजल्ट तुरंत मिले।
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डर्मल फिलर ट्रीटमेंट की लागत कितनी आती है?
भारत में डर्मल फिलर्स की कीमत प्रति मिलीलीटर के अनुसार होती है। एक मिलीलीटर डर्मल फिलर्स की कीमत लगभग 13000-15000 रुपए के बीच होती है। डर्मल फिलर्स कराने के लिए किसी व्यक्ति को दो से पांच मिलीलीटर हायल्यूरॉनिक एसिड की जरूरत होती है।
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि डर्मल फिलर ट्रीटमेंट से स्किन की कई सारी परेशानियों का इलाज किया जा सकता है, लेकिन किसी प्रकार का स्किन ट्रीटमेंट लेने से पहले संबंधित एक्सपर्ट से जरूर संपर्क करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई मेडिकल जानकारी नहीं दे रहा है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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