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एक्यूट मायलोइड ल्यूकेमिया का उपचार कैसे होता है? (Treatment of Acute myeloid leukemia)
एक्यूट मायलोइड ल्यूकेमिया (Acute Myeloid Leukemia) बहुत तेजी से विकसित होता है। तो ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि इसका उपचार जल्दी शुरू हो जाए। यह उपचार कई चीजों पर निर्भर करता है इसमें एक्यूट मायलोइड ल्यूकेमिया (Acute Myeloid Leukemia) का प्रकार, यह कितना फैल चुका है या संपूर्ण स्वास्थ्य शामिल है। इसका उपचार दो भागों में किया जाता है:
रेमिशन इंडक्शन थेरेपी (Remission Induction Therapy) : इस थेरेपी का मकसद खून और बोन मैरो में ल्यूकेमिया सेल्स (Leukemia Cells) को नष्ट करना है।
कंसोलिडेशन थेरेपी (Consolidation Therapy) : इसे पोस्ट रेमिशन (Post-Remission) या रेमिशन कॉन्टिनुएशन थेरेपी (Remission Continuation Therapy) भी कहा जाता है। इसका उद्देश्य बचे हुए ल्यूकेमिया सेल्स को नष्ट करना है ताकि रोगी फिर से इस समस्या का शिकार न हो पाए।
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इस कैंसर का कई अन्य तरह से भी उपचार संभव है, जैसे :
कीमोथेरेपी (Chemotherapy) : कुछ ड्रग्स कैंसर सेल्स को नष्ट करने या उन्हें विभाजित होने से रोक सकती हैं। यह दवाईयां ओरल या IV के माध्यम से या शारीरिक के अन्य भाग में शॉट्स के माध्यम से दी जा सकती है।
रेडिएशन (Radiation) : हाय-एनर्जी एक्स-रेज कैंसर सेल्स को रोक सकती है। इसमें डॉक्टर एक लार्ज मशीन का प्रयोग कर के रेडिएशन को कैंसर सेल्स की तरफ भेजते हैं या वे रोगी के शरीर में, कैंसर पर या उसके पास एक रेडियोएक्टिव नीडल (Radioactive Needle) , सीड या वायर इंसर्ट कर सकते हैं।
स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (Stem Cell Transplant) : क्योंकि एक्यूट मायलोइड ल्यूकेमिया (Acute Myeloid Leukemia) हेल्दी सेल्स को नष्ट कर सकते हैं। ऐसे में कुछ स्टेम सेल्स को आपकी रक्त कोशिकाओं में ग्रो हो सकती हैं। यह रोगी के शरीर या अन्य लोगों से आपको मिल सकते हैं।
टार्गेटेड थेरेपी (Targeted therapy) : इस थेरेपी में ड्रग्स का प्रयोग किया जाता है ताकि उन खास जीन या प्रोटीन्स को नष्ट किया जा सके जो कैंसर सेल्स की ग्रोथ या उनके फैलने में शामिल होते हैं।
अन्य दवाइयां (Other Medications) : आर्सेनिक ट्रायऑक्साइड (Arsenic Trioxide) और सभी ट्रांस रेटिनोइक एसिड (All-Trans Retinoic Acid) जैसी दवाइयां कैंसर सेल्स को टारगेट करती हैं।
अन्य चीजें जो उपचार को प्रभावित करती हैं, इस प्रकार हैं :
अगर किसी की उम्र सत्तर साल से अधिक है या किसी को अन्य गंभीर हेल्थ इश्यूज है जैसे दिल, लंग्स या किडनी की समस्या तो इस केटेगरी के कुछ लोग टोक्सिन कीमोथेरेपी दवाओं को सहन करने में सक्षम नहीं हो पाते। ऐसे में एजेसिटिडीन (Azacitidine) या हायड्रोक्सीयूरिया (Hydroxyurea) जैसी दवाएं बुजुर्गों बेहतर रूप से सहन कर सकते हैं । अगर बच्चे में एक्यूट मायलोइड ल्यूकेमिया (Acute Myeloid Leukemia) उपचार किया जाए, तो उनके लिए वयस्कों के मुकाबले थेरेपीज अलग हो सकती हैं।
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एक्यूट मायलोइड ल्यूकेमिया के बचाव (Prevention of Acute myeloid leukemia)