टाइप 2 डायबिटीज (Diabetes) की समस्या किसी भी व्यक्ति के लिए परेशानी का सबब साबित हो सकती है। टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज (Calisthenics for Type 2 diabetes) से क्या फायदा होता है? टाइप 2 डायबिटीज के चलते व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही व्यक्ति को सामना करना पड़ता है टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के कॉम्प्लिकेशंस का भी। यह कॉम्प्लिकेशन व्यक्ति की सेहत को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए व्यक्ति को अपने खान-पान से लेकर लाइफस्टाइल और एक्सरसाइज का खास ख्याल रखना पड़ता है। जैसा कि सभी जानते हैं एक्सरसाइज से व्यक्ति किसी भी समस्या में बेहतर महसूस कर सकता है। इसलिए आज हम बात करने जा रहे हैं टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज (Calisthenics for Type 2 diabetes) के बारे में।
टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज आपके लिए अच्छी मानी जाती है। केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज ऐसा वर्कआउट है, जो बिगनर्स भी कर सकते हैं। केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज (Calisthenics) के अंतर्गत आपको बॉडी पॉश्चर पर खास ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। साथ ही इसमें स्ट्रेंथ, पावर और स्टेमिना की जरूरत भी पड़ती है। यदि आपका वजन ज्यादा है, तो आपको ट्रेनर की मदद से टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज करनी चाहिए।
केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज के अंतर्गत आपकी बॉडी को आपको तैयार करने की जरूरत पड़ती है, साथ ही इसमें आम तौर पर हथेलियों का सहारा लेना पड़ता है। हथेलियों की ग्रिप के सहारे ही केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज के अंतर्गत आनेवाले पैटर्न को फॉलो करना पड़ता है। लेकिन टाइप टू डायबिटीज और केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज का क्या संबंध है और टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज (Calisthenics for Type 2 diabetes) किस तरह फायदेमंद है, आइए जानते हैं इससे जुड़ी जानकारी।
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टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज : क्या है दोनों के बीच संबंध? (Calisthenics for Type 2 diabetes)
टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज (Calisthenics for Type 2 diabetes) बेहतर मानी जाती है। यह आपके शरीर को बेहतर शेप देती है और टाइप 2 डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद करती है। आइए जानते हैं टाइप 2 डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज से जुड़ी जरूरी जानकारी। टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज बेहद फायदेमंद मानी जाती हैं। केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज के अंतर्गत आने वाली अलग-अलग तरह की एक्सरसाइज से व्यक्ति अपने ग्लाइसेमिक कंट्रोल को बेहतर बना सकता है। साथ ही फिजिकल फिटनेस हासिल कर सकता है।
टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज (Calisthenics) के अंतर्गत आने वाली पैसिव स्ट्रैचिंग व्यक्ति को न सिर्फ़ टाइप 2 डायबिटीज (Diabetes) की समस्या में, बल्कि इससे जुड़े रिस्क फैक्टर से बचने का भी मौका देती है। टाइप टू डायबिटीज (Type 2 diabetes) से जुड़े रिस्क फैक्टर जैसे कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की समस्या में भी केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज बेहद कारगर मानी जाती है। इसलिए फिजिकल हेल्थ को इंप्रूव करने के लिए और टाइप टू डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। आइए जानते हैं टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज के अंतर्गत आप कौन-कौन सी एक्सरसाइज कर सकते हैं।
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टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज : ये वर्कआउट है बड़े काम की चीज (Calisthenics for Type 2 diabetes)
टाइप 2 डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज (Calisthenics) के अंतर्गत आपको कई बॉडी वेट एक्सरसाइज करनी होती है, जिसमें आपका पूरा संतुलन आपकी मांसपेशियों पर होता है। खासतौर पर इन एक्सरसाइज में बाइसेप्स, शोल्डर, ट्राइसेप इत्यादि की मसल्स इस्तेमाल की जाती है। यही वजह है कि यह आपके पूरे शरीर को बेहतर बनाती है। टाइप टू डायबिटीज (Type 2 diabetes) की समस्या में जब पूरे शरीर की एक्सरसाइज अच्छी तरह से होती है, तो इसका सीधा प्रभाव आपके ब्लड शुगर लेवल पर पड़ता है और आपका ब्लड शुगर लेवल सामान्य बनता है। आइए जानते हैं टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज (Calisthenics for Type 2 diabetes) के अंतर्गत आप कौन-कौन सी एक्सरसाइज कर सकते हैं।
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मसल्स अप्स (Muscle ups)
मसल्स अप्स में आप दो सेट्स से शुरुआत कर सकते हैं। शुरुआती समय में यह आपके लिए कठिन साबित हो सकता है। इसमें पुश अप्स और पुल अप्स दोनों का कॉन्बिनेशन होता है। इसे करने के दौरान आपको अपनी बाइसेप्स, बैक इत्यादि मसल्स का इस्तेमाल करना होता है। आप इस एक्सरसाइज में बार्बल के जरिए दोनों हथेलियों का इस्तेमाल करके नीचे की ओर लटककर एक्सरसाइज कर सकते हैं। वहीं पुल अप्स के अंतर्गत आप हथेलियों के जरिए बॉडी को ऊपर उठा कर इस एक्सरसाइज को कर सकते हैं। इस एक्सरसाइज में आपको कंधे और कोर को टाइट रखने की जरूरत पड़ती है, जिससे शरीर का बैलेंस बन सके।
हैंगिंग लेग रेजेज (Hanging leg raises)
टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज (Calisthenics for Type 2 diabetes) के अंतर्गत आप हैंगिंग लेग रेजेज का इस्तेमाल आसानी से कर सकते हैं। इसके 10-10 के रिपीटेशन के दो सेट किए जा सकते हैं। इसमें आपकी कोर और पेट की मसल्स का इस्तेमाल होता है। इससे आपके लोअर एब्डोमेन की मसल्स मजबूत बनती है। इसे करने के लिए आपको बार्बल पर नीचे की ओर लटकने की जरूरत पड़ती है। इसके बाद अपने कोर का इस्तेमाल करते हुए पैरों को ऊपर उठाने की जरूरत पड़ती है। इस दौरान कोशिश करनी होती है कि आपकी बॉडी का बैलेंस ना बिगड़े। एक्सरसाइज के अंतर्गत आपको स्पाइन को 90 डिग्री की सीध पर रखने की जरूरत पड़ती है। इससे आपकी लोअर एब्डोमेन मसल्स कॉन्ट्रैक्ट होती है और आपके शरीर को बेहतर शेप मिलता है।
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डिक्लाइन डायमंड पुश अप (Decline Diamond Push Up)
टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज (Calisthenics for Type 2 diabetes) के अंतर्गत डिक्लाइन डायमंड पुश अप एक बेहतरीन एक्साइज मानी जाती है। इस एक्सरसाइज को बॉडी वेट के जरिए किया जाता है। इसमें होने वाले पुशअप्स में पैर आपके कंधों के मुकाबले ऊंचाई पर होते हैं। जिससे आपकी बॉडी में हल्का डिक्लाइन दिखाई देता है। शुरुआती समय में आप इसके दो सेट कर सकते हैं, जिसमें आप 12 रिपीटेशन ले सकते हैं। इसमें चेस्ट और ट्राइसेप्स की मसल्स का इस्तेमाल होता है। इसे करने के लिए आपके पैरों को ऊंचाई पर रखकर पुश अप की स्थिति में आना होता है। इसके बाद अपने बाजू और कोहनी को बाहर की तरफ निकालकर डायमंड का आकार बनाना होता है। इसके बाद अपनी हथेलियों और हाथ की मसल्स का इस्तेमाल करते हुए शरीर को ऊपर उठाना होता है। इस तरह आपके चेस्ट एरिया की मसल्स मजबूत होती हैं।
बर्पी एक्सरसाइज (Burpee Exercise)
टाइप टू डायबिटीज (Type 2 diabetes) में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज (Calisthenics) के अंतर्गत बर्पी एक्सरसाइज एक जरूरी और महत्वपूर्ण एक्सरसाइज मानी जाती है। यह आपके शरीर की क्षमता को बढ़ाती हैं। इस एक्सरसाइज को स्क्वॉट थ्रस्ट्स (squat thrusts) के नाम से भी जाना जाता है। इसे करने के लिए किसी तरह के उपकरण की जरूरत नहीं पड़ती। बर्पी एक्सरसाइज इकलौती ऐसी एक्सरसाइज है, जिसमें पूरे शरीर की मसल्स का इस्तेमाल होता है। इससे शरीर में मजबूती आती है। इस तरह टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज आपके बेहद काम आ सकती है। लेकिन टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज (Calisthenics for Type 2 diabetes) के दौरान आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। वो बातें क्या हैं, आइए जाते हैं।
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टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज : इन बातों का रखें ख्याल (Calisthenics for Type 2 diabetes)
जैसा कि हम पहले बता चुके हैं टाइप टू डायबिटीज (Type 2 diabetes) में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज के दौरान आपको अपने शरीर को तैयार करने की जरूरत होती है। इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज (Calisthenics) के दौरान आपको एक अच्छे स्पोर्ट्स शूज की जरूरत पड़ती है। जैसा कि आप जानते हैं डायबिटीज (Diabetes) के चलते नर्व की समस्या आम मानी जाती है। ऐसी स्थिति में जब आप इंटेंस वर्कआउट करते हैं, तो आपको सही परफॉर्मेंस की जरूरत पड़ती है और आपके शरीर का बैलेंस बनाए रखने के लिए स्पोर्ट्स शूज आपकी मदद करते हैं। इसलिए टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज (Calisthenics for Type 2 diabetes) के दौरान आपको बेहतर मूवमेंट के लिए अच्छे स्पोर्ट्स शूज का इस्तेमाल करना चाहिए।
जैसा कि आप जानते हैं टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज (Calisthenics) इंटेंस एक्सरसाइज मानी जाती है। इसमें मौजूद एक्सरसाइज पैटर्न काफी मुश्किल होते हैं, जिसे परफॉर्म करने के लिए आपके शरीर को काफी एनर्जी की जरूरत पड़ती है। यही वजह है कि आपको टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज (Calisthenics for Type 2 diabetes) के पहले प्री वर्कआउट की ज्यादा जरूरत पड़ती है। प्री वर्कआउट के जरिए बॉडी में एनर्जी लेवल बेहतर बनता है और ब्लड फ्लो बेहतर होता है। जिससे आपकी आपका शरीर केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज के लिए तैयार होता है। इसलिए टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज के अंतर्गत आपको इन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी माना जाता है।
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टाइप टू डायबिटीज (Type 2 diabetes) की स्थिति आपके लिए कई तरह की समस्याएं लाती है, लेकिन इन समस्याओं से लड़ने के लिए आपको आपके शरीर का खास ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। आपके शरीर को मजबूती देने और ब्लड सरक्यूलेशन बेहतर करने के लिए एक्सरसाइज एक बेहतरीन तरीका हो सकता है। साथ ही केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज (Calisthenics) की मदद से आप अपने ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल में ला सकते हैं। यही वजह है कि टाइप टू डायबिटीज में केलेस्थेनिक्स एक्सरसाइज (Calisthenics for Type 2 diabetes) करने की सलाह दी जाती है।
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