ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट ऑटोइम्यून डिजीज से ग्रसित लोगों की लाइफस्टाइल और सेहत को सुधारने के लिए दिया जाने वाला डायट है। एआईपी डायट लेने से ऑटोइम्यून के कारण होने वाली समस्याओं में कमी आती है। ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट लेने से आपके पेट में होने वाली जलन और समस्याएं भी कम होती है। ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट को पैलियो डायट जैसी होती है, पर इसमें कुछ बातों का ज्यादा ध्यान रखना होता है। इस डायट में मीट, मछली, सब्जियों, नट्स और सीड्स वाले खा खास ध्यान दिया जाता है।
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ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट (AIP Diet) लेने की जरूरत कब होती है?
एआईपी डायट लेने की जरूरत तब होती है, जब आप ऑटोइम्यून डिजीज से ग्रसित होते हैं। ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट को खासकर के तब दिया जाता है जब लीकी गट (Leaky Gut) की स्थिति होती है। लीकी गट डाइजेशन (पाचन तंत्र) से जुड़ी समस्या है। लीकी गट को सामान्य भाषा में समझा जाए तो, डाइजेस्टिव सिस्टम के गट में मौजूद छोटे छेद होते हैं। इन छोटे-छोटे छेदों से अत्यधिक छोटे खाद्य पदार्थों के पार्टिकल ही निकल पाते हैं। लेकिन, जब यहां से बड़े खाद्य पार्टिकल निकलने लगे, तो ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है। इसी को लीकी गट कहा जाता है।
ऐसी स्थिति में ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट जो न्यूट्रीएंट के भरपूर होती है, उसे लेने से आंतों में बने छेद भरने लगते हैं। इसके अलावा एआईपी डायट इन समस्याओं में भी मदद करती है :
- इम्यून सिस्टम को दुरुस्त करता है
- ऑटोइम्यून डिजीज के लक्षणों को कम करती है
- ऑटोइम्यून रिस्पॉन्स से बचाती है
- सेकेंड्री ऑटोइम्यून डिजीज को होने से रोकती है
ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट को फॉलो करने वाले लोगों को एआईपी डायट प्लान को पूरी तरह से फॉलो करना पड़ता है। जिसके चलते कई तरह के फूड्स से परहेज करना पड़ता है। कुछ हफ्तों के लिए पैलियो डायट को लेने के बाद फिर से नॉर्मल डायट पर आप आ सकते हैं। लेकिन, उस समय ये देखना जरूरी होता है कि क्या फिर से नॉर्मल डायट शुरू करने के फिर से लीकी गट की समस्या तो नहीं हो गई। अगर लीकी गट से संबंधित रिएक्शन फिर से दिखता है तो आपको पैलियो डायट पर लंबे समय के लिए रहना होगा।
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एआईपी डायट की मूल बातें
- ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट एक इलिमिनेशन आधारिक डायट है। जिसका मुख्य उद्देश्य आपके शरीर का इम्यून सिस्टम रीसेट करना है। साथ ही, पेट या आंत में सूजन या जलन पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों को नजरअंदाज करना है। जिससे आपके अंदर खाने की अच्छी आदतें विकसित होंगी और आप जल्द ठीक हो सकेंगे।
- ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट बहुत निषेधित यानी कि रिस्ट्रिकिटिव डायट है। जिसमें हो सकता है कि आप अपना पसंदीदा भोजन भी न खा पाएं।
- एआईपी डायट विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर आहार है, जिसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड्स भी शामिल हैं।
आपको ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट का बहुत अच्छे से और कड़ाई से पालन करना होगा। कुछ लोग एआईपी डायट को थोड़े समय के लिए प्लान करते हैं, लेकिन ये आपकी च्वॉइस है कि आप इसे अपने लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं और लंबे समय तक इस डायट को फॉलो करें।
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ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट में कौन से फूड्स न खाएं?
जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट बहुत ही रिस्ट्रिक्टेड है, इसलिए आप जान लें कि एआईपी डायट शुरू करने के बाद क्या-क्या नहीं खाना है।
- रिफाइंड शुगर
- फलियां, जैसे- बींस, सोया, मूंगफली आदि
- प्रॉसेस्ड फूड्स नहीं खाएं
- डेयरी प्रोडक्ट्स न खाएं
एआईपी डायट निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को भी प्रतिबंधित करता है, जो हमेशा पैलियो डायट में रिस्ट्रिक्टेड नहीं होते हैं:
इन सब चीजों के अलावा आपको नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लामेट्री ड्रग्स (NSAIDs) और एल्कोहॉल को भी नहीं लेना होगा। पेनकीलर का भी सेवन नहीं करना होगा। वहींं, अगर आप शैवाल यानी कि एल्गी खाना पसंद करते हैं तो नीली-हरी शैवाल का सेवन न करें। क्योंकि एक अध्ययन में पाया गया है कि ब्लू-ग्रीन एल्गी खाने से ऑटोइम्यून डिजीज को बढ़ावा मिलता है।
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एआईपी डायट में क्या खा सकते हैं?
ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट में आप निम्न चीजें खा सकते हैें :
- ऑलिव ऑयल
- नारियल या नारियल का तेल
- विनेगर
- शहद
- मेपल सिरप
- हर्ब्स
- खमीर या उससे बने फूड्स
- अरारोट स्टार्च
- जिलेटिन
ऊपर बताए गए फूड्स की मात्रा के बारे में आप अपने डॉक्टर से पूछ लें। क्योंकि एआईपी डायट में फूड्स की मात्रा हमेशा विवादों में रही है।
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ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट के फायदे और नुकसान
- जैसा कि आपको पता हो गया है कि एआईपी डायट को फॉलो करना बहुत कठिन है। लेकिन, अगर आपने एक बार इस डायट को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया तो आपको अपने स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव नजर आने लगेंगे।
- एआईपी डायट में आप हाई फैट और कोलेस्ट्रॉल वाले फूड्स नहीं ले सकते हैं। इसलिए आपको इस तरह के खाने को अपने डायट से बाहर निकालना होगा।
- ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट में हेल्दी फूड्स शामिल होते हैं, जिससे आपको अपने शरीर में बदलाव नजर आने लगेगा। इससे आपको एक नया मोटिवेशन मिलेगा और आप खुद को एआईपी डायट के लिए और ज्यादा प्रेरित कर सकेंगे।
- एआईपी डायट तो फॉलो करने के बाद आप इसे एंजॉय करेंगे। साथ ही लीकी गट डिजीज की परेशानी भी छुटकारा पा जाएंगे।
ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट के लिए रेसिपी
ब्रेकफास्ट रेसिपी
स्मूदी
एआईपी डायट में आप सुबह के नाश्ते के लिए स्मूदी बना सकते हैं। जिसे बनाने की विधि निम्न है :
सामग्री
- आधा केला
- ¼ एवोकाडो
- एक कप सब्जी का जूस
- 2-3 कप ताजे पालक की पत्तियां
- 1-2 स्कूप ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट फ्रेंडली प्रोटीन पाउडर
विधि
प्रोटीन पाउडर को छोड़ कर आप सभी सामग्रियों को दो मिनट तक पीस कर मिश्रण बना लें। फिर इसमें प्रोटीन पाउडर को उसमें मिला दें और अच्छे से मिक्स कर के सर्व करें।
लंच रेसिपी
फिश करी विथ बटरनट
सामग्री
- एक चम्मच जैतून का तेल
- एक प्याज
- 2 कली लहसुन
- एक चम्मच अदरक पाउडर
- एक चम्मच हल्दी
- दो चम्मच सूखे मेथी के पत्ते
- एक कप फिश स्टॉक या कोई शोरबा
- एक मीडियम बटर स्क्वैश
- स्वादानुसार नमक
- 2-3 कप पानी
- एक कैन नारियल का दूध
- 2 बड़ी मछलियों का बुरादा
- एक चम्म्च फिश सॉस
विधि
सबसे पहले कढ़ाई में तेल गर्म कर लें। इसके बाद प्याज, लहसुन को तेल में मिला कर सॉटे करें। फिर इसमें अदरक और हल्दी मिलाएं। इसके बाद मेथी के पत्ते और फिश स्टॉक को मिलाएं। बटर स्क्वैश को छील और काट कर मिलाएं। फिर पानी मिला कर उसे ढक कर पकाएं। इस करी को तब तक पकाएं जब तक कि बटरनट पक न जाएं। इसके बाद पोटैटो मैश से बटरनट को मसले। फिर इमें नारियल का दूध मिलाएं, इसके बाद मछली का बुरादा मिला दें। इसके बाद लगभग छह से आठ मिनट तक पकाएं और फिश सॉस मिला कर गर्मागर्म सर्व करें। फिश करी को चावल या रोटी के साथ परोसें।
डिनर रेसिपी
चिकन कोरमा
सामग्री
- 400 ग्राम चिकन
- एक चम्मच नमक
- दो चम्मच नारियल तेल
- आधा प्याज
- दो कली लहसुन
- दो चम्मच हल्दी
- आधा चम्मच दालचीनी
- एक चम्मच अदरक
- ¼ कप पानी
- ½ कप कोकोनट क्रीम
- एक चम्मच शहद या मेपल सिरप
विधि
चिकन को अच्छे तरह से बारीक टुकड़ों में काट लें और उस पर नमक छिड़क दें। इसके बाद कढ़ाई में नारियल के तेल को गर्म करें। फिर इसमें चिकन के टुकड़ों को भूरा होने तक भूनें। इसे अलग रख दें। इसके बाद कढ़ाई में तेल एक बार फिर से डालें और इसमें प्याज और लहसुन का तड़का दें। फिर इनके मुलायम होते ही हल्दी, दालचीनी, अदरक और पानी मिलाएं। इस पूरे मिश्रण को पकने दें। इसके बाद इस मिश्रण में चिकन को मिलाएं और ढक कर लगभग 30 मिनट तक पकाएं। जब चिकन पक जाए तो उसमें कोकोनट क्रीम और शहद या मिपल सिरप मिला दें। चिकन कोरमा को चावल और नान के साथ सर्व करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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