1. हार्ट अटैक की वजह से हार्ट में इंजरी, एंडोकार्डाइटिस (Endocarditis) या एक मेडिकल प्रोसीजर ( medical procedure)
2. हार्ट मसल में सूजन (Inflammation of Heart Muscle)
3. लो थायरॉइड फंक्शन (Low Thyroid Function)
4. खून में इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस (Electrolyte Imbalance in Blood)
5. स्लीप एप्निया (Sleep Apnea)
6. जन्मजात हृदय दोष (Congenital Heart Defect)
7. वाल्वुलर हार्ट डिजीज (Valvular Heart Disease)
8. लायम डिजीज (Lyme Disease)
कुछ दवाइयां जिनमें बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers )और हार्ट रिदम मेडिकेशन्स (Heart Rhythm Medications) शामिल हैं।
अब जानिए किस तरह से हो सकता है इसका निदान?
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ब्रैडीकार्डिया का निदान कैसे हो सकता है? (Diagnosis of Bradycardia)
ब्रैडीकार्डिया (Bradycardia) के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपसे लक्षणों से पूछेंगे। इसके साथ ही रोगी की शारीरिक जांच की जा सकती है। इसके लिए डॉक्टर रोगी की हार्ट रेट को जानने के लिए उसकी पल्स को महसूस करेंगे और डॉक्टर आपको हार्ट रेट और रिदम के बारे में अधिक जानकारी के लिए आपको कुछ टेस्ट कराने के लिए कह सकते हैं। जैसे एक सिंपल इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी (Electrocardiography)। यह टेस्ट उस रिदम को दिखा सकता है, जो धीमी हृदय गति का कारण बन रही है, लेकिन इसके लिए आपको एक एम्बुलेटरी मॉनिटर (Ambulatory Monitor) पहनने की आवश्यकता हो सकती है।
यह देखने के लिए कि क्या हार्ट रिदम इस समस्या का कारण है और क्या रोगी की हार्ट रेट उसके लक्षणों से संबंधित है। इस मॉनिटर को हार्ट रेट और रिदम को लम्बे समय तक ट्रैक करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यदि आपको मॉनिटर पहनने की आवश्यकता है, डॉक्टर आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे कि इसे आपको कैसे पहनना है और इसका उपयोग कैसे करना है। अब जानिए ब्रैडीकार्डिया (Bradycardia) के उपचार के बारे में।