कोलेस्ट्रॉल एक वैक्स के समान सब्सटांस को कहा जाता है, जो खून में पाया जाता है। हमारे शरीर को हेल्दी सेल्स बनाने के लिए कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है। लेकिन, कोलेस्ट्रॉल के हाय लेवल से हार्ट डिजीज का जोखिम भी बढ़ सकता है। कोलेस्ट्रॉल कम करने की टेबलेट के बारे में जानकारी जरूरी है। हाय कोलेस्ट्रॉल से हमारे ब्लड वेसल्स में फैटी डिपॉजिट्स डेवेलप हो सकते हैं। समय के साथ जब यह डिपॉजिट्स बढ़ते रहते हैं। जिससे आर्टरीज में पर्याप्त ब्लड फ्लो होना मुश्किल हो जाता है। कई बार यह डिपॉजिट्स अचानक ब्रेक हो जाते हैं और क्लॉट्स का कारण बन सकते हैं। इससे हार्ट अटैक (Heart attack) और स्ट्रोक (Stroke) का जोखिम बढ़ सकता है। जानें, कोलेस्ट्रॉल कम करने की टेबलेट (Cholesterol reducing medicine) के बारे में विस्तार से।
कोलेस्ट्रॉल कम करने की टेबलेट : पाएं इनके बारे में जानकारी (Cholesterol reducing medicine)
कोलेस्ट्रॉल को हमारे शरीर में लिवर प्रोड्यूस करता है, लेकिन इसे फूड से भी प्राप्त किया जा सकता है यानी जानवरों के मीट और डेयरी प्रोडक्ट्स से। आपको कुछ जेनेटिक इशू हो सकते हैं, जो हाय ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल (Cholesterol level) का कारण बनते है या आपके आहार और फिजिकल एक्टिविटी में कमी के कारण भी कोलेस्ट्रॉल लेवल (Cholesterol level) बढ़ सकता है। आप इसे हेल्दी डायट और व्यायाम से सुधार सकते हैं, लेकिन डॉक्टर कुछ मेडिकेशन्स की सलाह भी दे सकते हैं। कोलेस्ट्रॉल लेवल (Cholesterol level) में कमी के लिए ड्रग्स की कई क्लासेज होती हैं। आइए जानें कोलेस्ट्रॉल कम करने की टेबलेट (Cholesterol reducing medicine) कौन सी हैं:
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कोलेस्ट्रॉल कम करने की टेबलेट: स्टेटिंस (Statins)
स्टेटिंस को सबसे बेहतरीन कोलेस्ट्रॉल कम करने की टेबलेट (Cholesterol reducing medicine) है। स्टेटिंस उन एंजाइम्स को ब्लॉक करती हैं, जिसका उपयोग हमारा लिवर कोलेस्ट्रॉल बनाने के लिए करता है। इन्हें HMG CoA रिडक्टेस इन्हिबिटर्स (HMG CoA reductase inhibitors) कहा जाता है। यह दवाइयां और भी कई समस्याओं के लिए फायदेमंद है, जैसे:
- यह ब्लड वेसल की लायनिंग के फंक्शन को सुधारती हैं।
- इंफ्लेमेशन और डैमेज को कम कर सकती हैं।
- ब्लड क्लॉट्स के जोखिम को कम करती है।
- प्लाक के बनने को कम करती है।
स्टेटिंस कोरोनरी वैस्कुलर डिजीज (coronary vascular disease) से बचाव में भी मददगार है। इन दवाइयों के उदाहरण इस प्रकार हैं:
- एटोरवास्टेटिन (Atorvastatin)
- फ्लूवास्टैटिन (Fluvastatin)
- लोवास्टेटिन (Lovastatin)
- पिटावास्टैटिन (Pitavastatin)
- प्रेवेस्टैटिन (Pravastatin)
कोलेस्ट्रॉल कम करने की टेबलेट (Cholesterol reducing medicine) में स्टेटिंस के कुछ साइड-इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जैसे कब्ज, जी मिचलाना, सिरदर्द, कोल्ड जैसे लक्षण, मसल्स में अकड़न, ब्लड ग्लूकोज का बढ़ना, मेमोरी इशूज आदि। इसलिए, इन दवाईयों का सेवन केवल डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
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कोलेस्ट्रॉल कम करने की टेबलेट: PCSK9 इन्हिबिटर्स (PCSK9 Inhibitors)
कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाई (Cholesterol reducing medicine) में अगली मेडिकेशन्स हैं PCSK9 इन्हिबिटर्स। इन दवाइयों को खास लिवर प्रोटीन (Liver protein) के साथ अटैच करने के लिए डिजाइन किया जाता है, जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol) को लो रहने में मदद मिलती है। इन दवाइयों को स्टेटिंस के साथ दिया जा सकता है या ऐसे लोगों को भी इन्हें दिया जा सकता है, जिन्हें हार्ट डिजीज (Heart Disease) का जोखिम अधिक होता है और वो कोलेस्ट्रॉल लेवल (Cholesterol level) को लो करने में सक्षम नहीं होते। इस दवाइयों का उदाहरण इस प्रकार है:
- एलिरोक्यूमेब (Alirocumab)
- एवोलोक्यूमेब (Evolocumab)
कोलेस्ट्रॉल कम करने की टेबलेट (Cholesterol reducing medicine) में से इस दवा के कारण भी आप कुछ साइड इफेक्ट्स का अनुभव कर सकते हैं जैसे दर्द, मसल पैन, बैक पैन और इंजेक्शन साइट में समस्या या कोल्ड की तरह लक्षण आदि। ऐसे में इन्हें लेने से पहले इनके बारे में पूरी जानकारी लेना आवश्यक है।
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फाइब्रिक एसिड डेरिवेटिव्स (Fibric acid derivatives) यानी फायब्रिटेस (Fibrates)
फाइब्रिक एसिड डेरिवेटिव (Fibric acid derivatives), दवाओं का एक और वर्ग बनाते हैं, जो ब्लड लिपिड (वसा) के स्तर को कम करते हैं, विशेष रूप से ट्राइग्लिसराइड्स का। ट्राइग्लिसराइड्स वो फैट्स हैं जो खाद्य पदार्थों से प्राप्त होते हैं। फाइब्रिक एसिड डेरिवेटिव्स से गुड कोलेस्ट्रॉल (Good Cholesterol) का लेवल बढ़ता है और बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है। कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाई (Cholesterol reducing medicine) का उदहारण इस प्रकार है:
- फेनोफायब्रेट (Fenofibrate)
- जेमफिब्रोजील (Gemfibrozil).
इन दवाईओं का सेवन करने से पहले भी इनके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लें। इन्हें लेने के बाद नजर आने वाले साइड इफेक्ट्स हैं कब्ज या डायरिया, वजन कम होना, उलटी आना, पेट दर्द, सिरदर्द , मसल्स में दर्द या कमजोरी आदि। अगर आपको इन्हें लेने के बाद कोई भी साइड इफ़ेक्ट नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
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निकोटिनिक एसिड (Nicotinic acid) यानी नियासिन (Niacin)
निकोटिनिक एसिड (Nicotinic acid) को नियासिन के नाम से भी जाना जाता है। यह बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन (B-complex vitamin) है। इसके कुछ वर्जन को आप ओवर-द-काउंटर (Over-the-counter) ले सकते हैं, जबकि कुछ को केवल डॉक्टर की सलाह के बाद ही लेना चाहिए। यह कोलेस्ट्रॉल कम करने की टेबलेट (Cholesterol reducing medicine) बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol) को कम करने और गुड कोलेस्ट्रॉल (Good Cholesterol) को बढ़ाने में मददगार है। कुछ स्थतियों में यह दवाई न लेने की सलाह दी जाती है जैसे गंभीर लिवर डिजीज (Severe liver disease) या गठिया (Gout) आदि। इस दवाईयों के उदाहरण इस प्रकार हैं:
- एक्सटेंडेड रिलीज़ नियासिन (Extended release niacin) जिसका ब्रैंड नेम नायस्पेन (Niaspan) है।
- इमीडियेट रिलीज़ नियासिन (Extended release niacin) जिसका बेंड नेम नियाकोर (Niacor) है।
नियासिन के मुख्य साइड इफ़ेक्ट है चेहरे और शरीर के ऊपरी हिस्से की फ्लशिंग। इसके अलावा सिरदर्द, पेट का ख़राब होना, ब्लड शुगर का बढ़ना, खांसी आदि। अब जानिए कोलेस्ट्रॉल कम करने की अगली मेडिकेशन के बारे में।
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कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाई: ओमेगा 3 फैटी एसिड्स (Omega 3 fatty acids)
इस कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवाई का प्रयोग ट्राइग्लिसराइड्स लेवल को लो करने के लिए किया जाता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड्स (Omega 3 fatty acids) और फैटी एसिड एस्टर्स (Fatty acid esters) को आमतौर पर फिश ऑयल के नाम से भी जाना जाता है। इसे लेते हुए दो चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। एक यह की फिश ऑयल अन्य दवाइयों के साथ इंटरफेयर कर सकता है और कुछ लोग फिश और शैलफिश को लेकर एलर्जिक होते हैं। इसके उदाहरण इस प्रकार हैं:
- इकोसापेंट एथिल (Icosapent ethyl) जिसका ब्रैंड नेम वासेपा (Vascepa) है।
- ओमेगा-3-एसिड इथाइल एस्टर्स (Omega-3-acid ethyl esters) जिसका ब्रैंड नेम लोवाज़ा (Lovaza) है।
ओमेगा 3 फैटी एसिड्स (Omega 3 fatty acids) और फैटी एसिड एस्टर्स (Fatty acid esters) के भी कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जैसे स्किन प्रॉब्लम्स (Skin Problems), गैस (Gas), फिशि टेस्ट (Fishy taste), ब्लीडिंग टाइम का बढ़ना आदि। इन दवा का सेवन केवल तभी करें अगर डॉक्टर ने प्रिस्क्राइब किया हो।
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एडेनोसिन ट्रायफॉस्फेट-साइट्रेट लाइसेस इन्हिबिटर्स (Adenosine triphosphate-citrate lyase inhibitors)
एडेनोसिन ट्रायफॉस्फेट-साइट्रेट लाइसेस इन्हिबिटर्स को ACL इन्हिबिटर्स (ACL inhibitors) के नाम से भी जाना जाता है। कोलेस्ट्रॉल कम करने की टेबलेट (Cholesterol reducing medicine) में इनका नाम मुख्य है। कोलेस्ट्रॉल को बनने से रोकने के लिए यह दवाइयां लिवर पर काम करती हैं। इसके उदाहरण इस प्रकार हैं:
- बेम्पेडोइक एसिड (Bempedoic Acid) इसका ब्रैंड नेम नेक्सलेटाॅल (Nexletol) है।
- बेम्पेडोइक एसिड और इजेटिमाइब (Bempedoic Acid And ezetimibe) जिसका ब्रैंड नेम (Nexlizet) है।
ध्यान दें
इस दवा के प्रयोग के बाद आपको जोड़ों में समस्याएं, खून में अधिक यूरिक एसिड, पीठ में दर्द, पेट में दर्द, एनीमिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में अपनी मर्जी से इन्हें लेने से बचना चाहिए। यह तो थी कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाई (Cholesterol reducing medicine) के बारे में जानकारी। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार हाय कोलेस्ट्रॉल लेवल (Cholesterol level) के ट्रीटमेंट का प्लान रोगी में करंट कोलेस्ट्रॉल लेवल और हार्ट डिजीज (Heart disease) व स्ट्रोक (Stroke) के रिस्क फैक्टर आदि पर निर्भर करता है। कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाई (Cholesterol reducing medicine) को लेने से पहले पाएं कुछ बेहतरीन टिप्स।
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कोलेस्ट्रॉल कम करने की टेबलेट को लेने से पहले रखें इन चीजों का रखें ध्यान
जब आप हाय कोलेस्ट्रॉल लेवल (Cholesterol level) को कम करने के लिए दवाइयां लेते हैं तो आपको डॉक्टर की डायरेक्शन को पूरी तरह से पालन करना चाहिए। अगर आप डॉक्टर के बताएं अनुसार इन्हें नहीं लेते हैं, तो इनके प्रभाव में परिवर्तन आ सकता है। इसलिए इन्हें लेने से पहले इन चीजों का रखें ध्यान:
- कोलेस्ट्रॉल कम करने की टेबलेट (Cholesterol reducing medicine) को रोजाना एक ही दिन लें। अपनी मर्जी से लेना बंद न करें न ही इसमें कोई बदलाव करें।
- अगर आप इन दवाईयों को ले रहे हैं, तो डॉक्टर से पूछे बिना कोई भी ओवर-द-काउंटर ड्रग या हर्बल ट्रीटमेंट न लें। इनसे कोलेस्ट्रॉल मेडिसिन (Cholesterol medicine) के काम करने का तरीका बदल सकता है।
- अगर आप अपनी डोज लेना भूल गए हैं, तो जितनी जल्दी आपको याद आ जाए इस डोज को ले लें।
- इस दवाई को लेने से पहले अपने डॉक्टर से इसके बारे में पूरी जानकारी लें।
- अगर आपको इन दवाइयों से एलर्जी ,है तो आप इन दवाइयों का सेवन करने से बचें। इसके साथ ही अगर आपको कोई अन्य मेडिकल प्रॉब्लम (Medical problems) है, तो भी डॉक्टर से बिना सलाह के इन्हें न लें।
- गर्भावस्था या स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी बिना डॉक्टर की सलाह के इन्हें न लें।
- अगर आपको यह दवाईयां लेने के बाद कोई भी समस्या या साइड इफ़ेक्ट नजर आता है तो तुरंत इन्हें लेना बंद कर दें और डॉक्टर की सलाह लें।
Quiz : क्यों बढ़ती जा रही है कोलेस्ट्रॉल की समस्या?
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ध्यान दें
उम्मीद है कि कोलेस्ट्रॉल कम करने की टेबलेट (Cholesterol reducing medicine) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। यह दवाईयां हाय कोलेस्ट्रॉल लेवल (High Cholesterol level) को सुधारने के लिए प्रभावी मानी जाती हैं। लेकिन, इस बात का ध्यान रखें कि यह दवाइयां आपके उपचार का केवल एक हिस्सा हैं। इसके साथ ही आपको हेल्दी आहार और व्यायाम की भी जरूरत होगी। आपके मन में कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाई (Cholesterol reducing medicine) के बारे में कोई भी सवाल है, तो अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करना न भूलें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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